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उत्तराखंड

उत्तराखंड में होगा नेवले की प्रजाति ‘माउंटेन वीजल’का संरक्षण

  • 26 Jul 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2022 को मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान वृत्त संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि वन विभाग की अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) ने उच्च हिमालयी क्षेत्र में पारिस्थितकीय संतुलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेवले की प्रजाति ‘माउंटेन वीजल’का राज्य में संरक्षण के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि विभाग की अनुसंधान शाखा ने इसके लिये पाँचवर्षीय कार्ययोजना तैयार की है। जल्द ही बदरीनाथ, हरकी दून, हर्षिल समेत अन्य स्थानों पर माउंटेन वीजल (Mountain Weasel) का अध्ययन शुरू किया जाएगा।
  • उच्च हिमालयी क्षेत्र में तीन हज़ार मीटर से अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली नेवले की यह प्रजाति भारत में लद्दाख में पाई जाती है। लद्दाख के बाद अब उत्तराखंड में भी इसका संरक्षण होगा।
  • सामान्य तौर पर दिखने वाले नेवलों से कुछ अलग माउंटेन वीजल पतला शरीर और गर्दन, छोटे पैर और छोटे सिर वाला एकांतप्रिय स्तनधारी प्राणी है। मस्टेलिडे परिवार (family Mustelidae) का यह जीव दिखने में खूबसूरत भी है।
  • उत्तराखंड में माउंटेन वीजल की चार प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह उच्च हिमालयी क्षेत्र में चूहे, पीका जैसी प्रजातियों का शिकार कर इनकी संख्या को विनियमित करने में प्राकृतिक रूप से मददगार भी है।
  • गौरतलब है कि माउंटेन वीजल (मुस्टेला अल्ताइका), जिसे पेल वीजल, अल्ताई वीजल या सोलोंगोई के नाम से भी जाना जाता है, मुख्यरूप से उच्च ऊँचाई वाले वातावरण, साथ ही चट्टानी टुंड्रा और घास वाले वुडलैंड्स में रहता है।
  • इस प्रजाति का भौगोलिक वितरण कज़ाखस्तान, तिब्बत और हिमालय से लेकर मंगोलिया, उत्तर-पूर्वी चीन और दक्षिणी साइबेरिया तक एशिया के कुछ हिस्सों में है। हालाँकि, इस प्रजाति के लिये सबसे अहम क्षेत्र लद्दाख, भारत है।
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