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मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में 32 करोड़ की दो महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण किया

  • 11 Apr 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

7 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम ज़िले में 32 करोड़ रुपए की लागत से तैयार दो महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ नामत: बसई चौक से द्वारका एक्सप्रेसवे तक रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) तथा सिकंदरपुर जल निकाय के कायाकल्प एवं सौंदर्यीकरण का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इन परियोजनाओं का धरातल पर साकार होने से गुरुग्राम ज़िला में ढाँचागत तंत्र को विस्तार मिला है।
  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बसई में नवनिर्मित रेलवे ओवर ब्रिज, आने वाले समय में हीरो-होंडा चौक से द्वारका एक्सप्रेसवे और आसपास के सेक्टर्स में रहने वाले लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा साथ ही गुरूग्राम-झज्जर मार्ग पर पुराने आरओबी पर यातायात के दबाव को कम करेगा।
  • गुरुग्राम में करीब 114 करोड़ रुपए की लागत से उमंग भारद्वाज चौक से नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड (एनपीआर) को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट का हिस्सा इस फोर लेन आरओबी की लंबाई 910 मीटर है और इसके निर्माण पर 23 करोड़ रुपए की लागत आई है।
  • इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने इसी प्रोजेक्ट के तहत बीते वर्ष नवंबर माह में बसई चौक पर 820 मीटर लंबाई और छ: लेन वाले फ्लाईओवर और फुट-ओवर-ब्रिज का भी उद्घाटन किया था।
  • मुख्यमंत्री ने सिकंदरपुर के समीप 90 एकड़ क्षेत्र में विकसित जल निकाय के कायाकल्प व सौंदर्यीकरण से जुड़ी परियोजना का भी शुभारंभ किया। इस जल निकाय क्षेत्र को बहाल करने के लिये, अप्रैल 2019 में जीएमडीए और गैर सरकारी संस्था आईएमगुडगाँव के बीच एक एमओयू हुआ था।
  • इस जल निकाय के कायाकल्प पर 9.1 करोड़ रुपए की लागत आई, जिससे शहरों में व्यापक हरित रणनीति के तहत वन क्षेत्र को बढ़ावा मिला और पुराने जल निकाय को पुनर्जीवित किया गया।
  • इस परियोजना को धरातल पर साकार करने में अनेक निजी संगठनों ने सीएसआर फंड से वित्तीय मदद प्रदान की।
  • करीब 90 एकड़ में फैले सिकंदरपुर जलाशय और वाटरशेड क्षेत्र के पर्यावरण-पुनर्स्थापना का मुख्य उद्देश्य गुडगाँव के निवासियों को स्वच्छ और हरित वातावरण उपलब्ध कराना तथा क्षेत्र में देसी प्रजातियों के वृक्षारोपण के माध्यम से शहर के शहरी हरित आवरण को बढ़ाना है।
  • उल्लेखनीय है कि सिकंदरपुर जल निकाय को पुनर्जीवित कर इसके प्राकृतिक सौंदर्य को बहाल किया गया है। इस कार्य में आसपास के अतिक्रमणों को साफ करके, अन्य पहलों के बीच, जल निकाय में जमा हुए कचरे और मलबे को हटाया गया और जल निकाय में सीवेज के प्रवाह को बंद कर दिया गया।
  • गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) की मदद से इस जल निकाय में पहले से मौजूद प्लास्टिक कचरे को अलग किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि कचरे को पास के लैंडफिल में जिम्मेदारी से निपटाया जाए। इसके अलावा, आस-पास के आवासीय क्षेत्रों में वर्षा जल को यहाँ तक लाने के लिये पाइप लाइन डाली गई।
  • इस जल निकाय के पुनर्जीवित होने से मानसून के मौसम में क्षेत्र में जलभराव का जोखिम भी कम किया हुआ है। इसके साथ ही क्षेत्र में बाड़ लगाना, मलबे को हटाना, प्राकृतिक पगडंडियों और पैदल रास्तों का निर्माण, वनस्पतियों की स्थानीय प्रजातियों के साथ व्यापक वृक्षारोपण भी सिकंदरपुर इको-रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट के तहत किया गया है।   
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