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उत्तर प्रदेश

कर्नाटक की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में होगा खेती का सर्वे

  • 02 Jan 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

1 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में अब कर्नाटक की तर्ज पर खेती का सर्वे किया जाएगा। अभी तक प्रदेश में अनुमान के आधार पर रबी, खरीफ व जायद की खेती के क्षेत्रफल, उत्पादन, प्राकृतिक आपदा पर हुए नुकसान संबंधी आँकड़े जुटाए जाते थे।

प्रमुख बिंदु 

  • कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक चला तो एक साल बाद यह साफ-साफ पता चल सकेगा कि किस ज़िले के किस किसान के पास कितनी खेती है। रबी, खरीफ और जायद में उसने कितने रकबे में क्या बोया और कितना बोया। कितना उत्पादन हुआ। इन सबके अब सटीक आँकड़े मिलेंगे। इनका डिजिटलीकरण भी होगा।
  • विदित है कि अभी तक कृषि और राजस्व विभाग द्वारा ज़िला स्तर पर अनुमान पर आधारित प्रदेश की खेतीबारी के आँकड़े जुटाए जाते हैं।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में सेटेलाइट मैपिंग की तैयारी की जा रही है। सेटेलाइट से ज़िलेवार, ब्लाकवार हर गाँव में किसानों के खेतों के आकार प्रकार, फसलों की बोवाई, उत्पादन आदि की सटीक जानकारी मिल सकेगी। उसी के अनुरूप किसानों को आवश्यक खाद, रसायन आदि उपलब्ध करवाया जाएगा और फसलों के चयन के बारे में एडवाइजरी दी जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि अभी तक तो प्रदेश में खेतीबारी का सारा ब्यौरा अनुमान के आकलन पर संकलित होता है। इसमें पूरी तरह साफ-साफ यह पता नहीं चल पाता कि किस किसान ने कितने क्षेत्रफल में कौन सी फसल बोयी। अतिवृष्टि, बाढ़, पाला, अग्निकांड जैसी आपदा के समय भी सही-सही जानकारी जुटाने में काफी दिक्कत पेश आती है।
  • गौरतलब है कि पिछले दिनों कर्नाटक के कृषि व राजस्व विभाग के अफसरों ने अपने राज्य में लागू सेटेलाइट सर्वे के मॉडल का प्रस्तुतीकरण उत्तर प्रदेश में आकर किया। कृषि मंत्री सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी यह मॉडल पसंद आया। इसे स्वीकृत किया गया और अब इसे उत्तर प्रदेश में संचालित करने की तैयारी की जा रही है। 
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