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हरियाणा

35वाँ सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला

  • 21 Mar 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

19 मार्च, 2022 को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दो साल के लंबे अंतराल के बाद विश्वप्रसिद्ध सूरजकुंड शिल्प मेले का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • 19 मार्च से 4 अप्रैल, 2022 तक आयोजित होने वाले सूरजकुंड मेले का यह 35वाँ संस्करण है। वैश्विक कोविड-19 महामारी के कारण 2 साल से इस मेले का आयोजन नहीं किया गया था।
  • वर्ष 1987 से सूरजकुंड शिल्प मेला लगातार भारत की हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि एवं विविधता को प्रदर्शित करता रहा है।
  • केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से सूरजकुंड मेला प्राधिकरण तथा हरियाणा पर्यटन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस हस्तशिल्प उत्सव ने अपने शिल्प, संस्कृति और भारत के व्यंजनों के प्रदर्शन के लिये अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन कैलेंडर पर प्रमुखता से अपनी पहचान कायम की है।
  • जम्मू-कश्मीर 35वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 2022 का ‘थीम स्टेट’ है, इसलिये वैष्णो देवी मंदिर, अमरनाथ गुफा, कश्मीर से वास्तुकला का प्रतिनिधित्व करने वाले अपना घर, हाउस बोट का लाइव प्रदर्शन और स्मारक द्वार ‘मुबारक मंडी-जम्मू’ की प्रतिकृतियाँ मुख्य आकर्षण हैं।
  • साथ ही, जम्मू-कश्मीर के सैकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे। पारंपरिक नृत्य कला रूपों से लेकर उत्कृष्ट शिल्प तक, जम्मू-कश्मीर की विरासत और संस्कृति का एक गुलदस्ता विभिन्न कला रूपों एवं हस्तशिल्प के माध्यम से अनूठी संस्कृति तथा समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाले इस मेले का मुख्य आकर्षण रहेगा।
  • इस मेले के माध्यम से देश के हज़ारों शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पादों को व्यापक रूप से प्रदर्शित करने के लिये एक सुनहरा मंच मिलता है। साथ ही यह मेला भारत के विरासत शिल्प को पुनर्जीवित करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • इस मेले में पारंपरिक और सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा कच्ची घोड़ी, स्टिक वॉकर, कालबेलिया, राजस्थान के बेहरुपिया, हिमाचल के कांगड़ी नाटी, असम के बिहू, पंजाब के भांगड़ा, जिंदुआ, झूमेर, उत्तराखंड के चौपल, उत्तर प्रदेश के बरसाना की होली, मेघालय के वांगिया, संभलपुरी ओडिशा, मध्य प्रदेश के बधाई, महाराष्ट्र के लावणी का प्रदर्शन किया जाएगा।
  • सूरजकुंड शिल्प मेले को वर्ष 2013 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया था। वर्ष 2020 में इस मेले में यूरोप, अफ्रीका और एशिया के 30 से अधिक देशों ने भाग लिया था, जबकि इस वर्ष भी 30 से अधिक देश इस मेले का हिस्सा बनेंगे।
  • इनमें साझेदार देश उज्बेकिस्तान सहित लैटिन अमेरिकी देशों, अफगानिस्तान, इथियोपिया, मोजांबिक, तंजानिया, जिम्बाब्वे, युगांडा, नामीबिया, सूडान, नाइजीरिया, इक्वेटोरियल गिनी, सेनेगल, अंगोला, घाना, थाईलैंड, नेपाल, श्रीलंका, ईरान, मालदीव और अन्य देशों की भी भागीदारी होगी।
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