प्रारंभिक परीक्षा
प्रारंभिक परीक्षा, 2025: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन (सेट- B)
- 25 May 2025
- 290 min read
UPSC CSE प्रिलिम्स 2025 GS पेपर 1 का विश्लेषण: कठिनाई का स्तर और कटऑफ
UPSC CSE प्रिलिम्स 2025 में GS पेपर 1 का लेवल इस बार मध्यम से लेकर थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहा। इस पेपर के एनालिसिस से ज्ञात होता है कि अब UPSC न केवल पाठ्यक्रम के स्थैतिक विषयों बल्कि राजनीति, इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, विज्ञान-प्रौद्योगिकी और समसामयिकी जैसे विषयों में अभ्यर्थियों की विश्लेषणात्मक क्षमता और अवधारणात्मक समझ को भी परख रहा है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था में अनुप्रयोग-आधारित प्रश्न प्रमुखता से पूछे गए हैं, जिसमें उम्मीदवारों को तकनीकी नवाचारों या आर्थिक नीतियों जैसे वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों में ज्ञान लागू करने की आवश्यकता होती है। ये बदलाव UPSC की सोच को दर्शाते हैं, जो विश्लेषणात्मक और व्यावहारिक प्रश्नों को अधिक महत्त्व दे रहा है।
UPSC CSE प्रिलिम्स 2025 के लिये कट-ऑफ की बात करें तो, तो यह हर श्रेणी के लिये अलग-अलग रहेगा, क्योंकि इसमें पेपर की कठिनाई, कुल उम्मीदवारों की संख्या और रिक्त पदों की संख्या जैसे कई फैक्टर काम करते हैं। पिछले कुछ वर्षों के आँकड़े देखें तो सामान्य श्रेणी का कट-ऑफ वर्ष 2022 में 200 में से 88.22 अंक, वर्ष 2023 में 75.41 अंक और वर्ष 2024 में 87.98 अंक था। ये कट-ऑफ पेपर की जटिलता और प्रतिस्पर्द्धा से प्रेरित थे। वर्ष 2025 का कटऑफ भी इन्हीं रुझानों के अनुरूप रहने की संभावना है जो स्थैतिक विषयों के साथ-साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था में अनुप्रयोग-आधारित प्रश्नों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों के पक्ष में है। परिणामों की प्रतीक्षा के साथ-साथ UPSC CSE मेन्स 2025 की तैयारी और भी महत्त्वपूर्ण हो जाती है। अगले चरण में सफलता के लिये संरचित उत्तर लेखन पर विशेष ध्यान केंद्रित करना ज़रूरी है।
1.निम्नलिखित प्रकार के वाहनों पर विचार कीजिये:
- पूर्ण बैटरी विद्युत् वाहन
- हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन
- ईंधन सेल-विद्युत् हाइब्रिड वाहन
उपर्युक्त में से कितने वैकल्पिक पॉवरट्रेन वाहन माने जाते हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई नहीं
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- वैकल्पिक पॉवरट्रेन उन प्रणालियों को कहा जाता है जो पूरी तरह से आंतरिक दहन इंजन (Internal Combustion Engine) पर आधारित नहीं होती हैं। इनमें हाइब्रिड, पूर्ण बैटरी विद्युत् वाहन, हाइड्रोजन ईंधन सेल, संपीड़ित वायु (Compressed Air) जैसे कई अन्य प्रकार शामिल होते हैं।
- विद्युत् वाहनों (EVs) के प्रकार:
- बैटरी विद्युत् वाहन (BEV): ये वाहन पूरी तरह से विद्युत् द्वारा संचालित होते हैं और ये पारंपरिक हाइब्रिड या प्लग-इन हाइब्रिड वाहनों की तुलना में अधिक कुशल होते हैं।
- हाइब्रिड विद्युत् वाहन (HEV): इस प्रकार के वाहनों में पेट्रोल इंजन के साथ-साथ बैटरी से चलने वाला मोटर भी होता है।
-
ये पूरी तरह विद्युत् वाहनों या प्लग-इन हाइब्रिड्स की तुलना में कम कुशल होते हैं।
-
- प्लग-इन हाइब्रिड विद्युत् वाहन” (PHEV): इसमें आंतरिक दहन इंजन और बाहरी सॉकेट से चार्ज की गई बैटरी (इनमें प्लग होता है) दोनों का उपयोग होता है।
- PHEVs, HEVs की तुलना में अधिक कुशल होते हैं, लेकिन BEVs से कम कुशल होते हैं।
- ईंधन सेल-विद्युत् वाहन (FCEV): इन वाहनों में रासायनिक ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न की जाती है, जैसे कि हाइड्रोजन ईंधन सेल विद्युत् वाहन।
- FCEVs हाइड्रोजन ईंधन सेल से चलते हैं और इसके उप-उत्पाद में केवल जल और विद्युत् शामिल हैं, जिससे ये BEVs का एक स्वच्छ और कुशल विकल्प बन जाते हैं।
अतः विकल्प (c) सही है।
- Source: https://e-amrit.niti.gov.in/types-of-electric-vehicles
- Drishti IAS Link: https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/hybrid-vehicles-as-alternative-to-evs
2. मानव-रहित वायव वाहनों (UAV) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- सभी प्रकार के UAV ऊर्ध्वाधर अवतरण (लैंडिंग) कर सकते हैं
- सभी प्रकार के UAV स्वत: मंडरा सकते हैं
- III. सभी प्रकार के UAV शक्ति पूर्ति के स्रोत के रूप में केवल बैटरी का प्रयोग कर सकते हैं
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई नहीं
उत्तर: (d)
व्याख्या:
मानव रहित वायव वाहन (UAVs) ऐसे विमान होते हैं जो स्वायत्त रूप से, रिमोट कंट्रोल द्वारा, या दोनों तरीकों से संचालित होते हैं और जो सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक रिसीवर-ट्रांसमीटर तथा आक्रामक आयुधों का संयुक्त रूप से वहन करते हैं।
UAV के प्रकार:
- रोटरी-विंग प्रकार (Rotary-wing Types)
- रोटरक्राफ्ट प्रकार के यूएवी आमतौर पर अधिक लोकप्रिय होते हैं क्योंकि ये ऊर्ध्वाधर (वर्टिकल) तौर पर उड़ान भर और उतर सकते हैं। इससे इन्हें लॉन्चर या रनवे की आवश्यकता नहीं होती। ये हवा में स्थिर रह सकते हैं और अत्यंत कुशलता से गतिशील होते हैं, जिससे ये उन अनुप्रयोगों के लिये सर्वोत्तम होते हैं जहाँ अधिक सटीक गतिशीलता की आवश्यकता होती है। अतः कथन 1 और 2 सही नहीं हैं।
- फिक्स्ड-विंग प्रकार (Fixed-wing Types):
- फिक्स्ड-विंग ड्रोन को रोटरी प्रकार के ड्रोन्स की तुलना में बहुत सरल संरचना का लाभ होता है। इनकी स्थिर पंख प्रणाली विमान को प्राकृतिक ग्लाइडिंग क्षमता प्रदान करती हैं, जिससे ऊर्जा की खपत कम होती है। साथ ही, यह विमान कम शक्ति में अधिक भार को लंबी दूरी तक ले जा सकता है, जिससे लागत में कमी आती है और दक्षता बढ़ती है।
- इस प्रकार के विमानों की कुछ कमियाँ भी हैं, जैसे उड़ान भरने और उतरने के लिये रनवे या लॉन्चिंग डिवाइस की आवश्यकता, लगातार आगे की दिशा में गति बनाए रखना, जिससे ये रोटरी प्रकार के विमानों की तरह हवा में स्थिर नहीं रह सकते, आमतौर पर ये आकार में बड़े और भारी-भरकम होते हैं।
ऊर्जा स्रोत (Power Sources):
- UAV के लिये कई प्रकार के ऊर्जा स्रोत उपलब्ध हैं, जिनके लाभ-हानि उनके उपयोग पर निर्भर करते हैं। वर्तमान में सबसे प्रचलित ऊर्जा स्रोत हैं — दहन इंजन (Combustion Engines), फ्यूल सेल्स (Fuel Cells) और बैटरियाँ। अतः कथन 3 भी सही नहीं है।
अतः विकल्प (d) सही है।
स्रोत:
- https://www.britannica.com/technology/military-aircraft/Unmanned-aerial-vehicles-UAVs
- https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC7672221/
3. विद्युत् वाहन बैटरियों के संदर्भ में, निम्नलिखित तत्त्वों पर विचार कीजिए :
- कोबाल्ट
- ग्रेफाइट
- लिथियम
- निकेल
उपर्युक्त में से कितने सामान्यतया बैटरी के कैथोड बनाने के लिये उपयुक्त होते हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- एक इलेक्ट्रिक बैटरी में एक या अधिक इलेक्ट्रोकेमिकल सेल होते हैं, जिनमें दो इलेक्ट्रोड होते हैं – एनोड और कैथोड – तथा एक इलेक्ट्रोलाइट होता है।
- जब किसी बैटरी का उपयोग विद्युत शक्ति आपूर्ति के लिए किया जाता है, तो एनोड इलेक्ट्रॉन प्रदान करता है। जब इसे एक परिपथ (सर्किट) के माध्यम से किसी बाह्य उपकरण से जोड़ा जाता है, तो ये इलेक्ट्रॉन प्रवाहित होते हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- बैटरियों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है:
- प्राथमिक बैटरी एकल उपयोग के लिये होती हैं और उपयोग के बाद फेंक दी जाती हैं।
- द्वितीयक बैटरी कई प्रकार की होती हैं, जैसे कि ऑटोमोबाइल में प्रयुक्त लेड-एसिड बैटरी, निकल-कैडमियम (NiCd), निकल-मेटल हाइड्राइड (NiMH) और लिथियम-आयन (Li-ion) बैटरी। निम्न तालिका में दर्शाए अनुसार, निकल लिथियम-आयन (Li-ion) सहित कई द्वितीयक बैटरी डिज़ाइनों में कैथोड का एक आवश्यक घटक है।
बैटरी प्रकार |
|
कैथोड |
एनोड |
इलेक्ट्रोलाइट |
क्षारीय |
एकल उपयोग |
मैंगनीज डाइऑक्साइड (MnO2) |
जिंक |
जलीय क्षारीय |
लेड एसिड (द्वितीयक) |
रिचार्जेबल |
लेड डाइऑक्साइड (PbO2) |
लेड |
सल्फ्यूरिक एसिड |
निकेल कैडमियम (NiCd) (द्वितीयक) |
रिचार्जेबल |
निकेल ऑक्सीहाइड्रॉक्साइड (NiOOH) |
कैडमियम |
पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड |
निकेल मेटल हाइड्राइड (NiMH) (द्वितीयक) |
रिचार्जेबल |
हाइड्रोजन-अवशोषित मिश्र धातु |
||
लिथियम आयन (LCO) (द्वितीयक) |
रिचार्जेबल |
लिथियम कोबाल्ट ऑक्साइड (LiCoO2) |
कार्बन आधारित, आमतौर पर ग्रेफाइट |
|
लिथियम आयन (NMC) (द्वितीयक) |
रिचार्जेबल |
लिथियम निकल मैंगनीज कोबाल्ट ऑक्साइड (LiNiMnCoO2) |
कार्बनिक विलायक में लिथियम लवण |
|
लिथियम आयन (NCA) (द्वितीयक) |
रिचार्जेबल |
लिथियम निकल कोबाल्ट एल्यूमीनियम(LiNiCoAlO2) |
अतः विकल्प (c) सही है।
Source:
- https://nickelinstitute.org/en/nickel-applications/nickel-in-batteries/
- https://afdc.energy.gov/vehicles/electric-batteries
-
https://www.thehindu.com/sci-tech/technology/ev-batteries-under-the-hood/article67772028.ece
4. निम्नलिखित पर विचार कीजिए :
- धूम्रपान के बाद सिगरेट के बचे हुए टुकड़े
- चश्मे के लेंस
- कार के टायर
उपर्युक्त में से कितनों में प्लास्टिक होता है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई नहीं
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- धूम्रपान के बाद सिगरेट के बचे हुए टुकड़े (सिगरेट बट्स): ये सेलूलोज़ एसीटेट नामक एक कृत्रिम प्लास्टिक पदार्थ से बने होते हैं, इनमें सैकड़ों विषैले रसायन मौज़ूद होते हैं। सिगरेट के फिल्टर यानी बट्स के प्लास्टिक भाग को पूर्ण रूप से विघटित होने में लगभग 10 वर्ष तक का समय लग सकता है, लेकिन इससे निकलने वाले रसायन पर्यावरण में धूम्रपान के बाद सिगरेट के बचे हुए टुकड़े (सिगरेट बट्स) के समाप्त होने के काफी समय बाद तक बने रह सकते हैं।
- चश्मे के लेंस: चश्मे के लेंस को पॉलिश करने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक उत्पन्न होता है, जो अपशिष्ट जल में चला जाता है। यह दर्शाता है कि लेंस स्वयं प्लास्टिक पदार्थों से बने होते हैं।
- कार के टायर: टायर का घिसना, जलीय पर्यावरण में प्रवेश करने वाले माइक्रोप्लास्टिक के सबसे बड़े स्रोतों में से एक माना जाता है।
अतः विकल्प (c) सही है।
- स्रोत: https://www.earthday.org/tiny-but-deadly-cigarette-butts-are-the-most-commonly-polluted-plastic/
5. निम्नलिखित पदार्थों पर विचार कीजिए :
- एथेनॉल
- नाइट्रोस्टाइरीन
- यूरिया
उपर्युक्त में से किनमें के उत्पादन में कोयला गैसीकरण प्रौद्योगिकी प्रयोग की जा सकती है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई नहीं
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- कोयला गैसीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कोयले को संश्लेषित गैस (सिंथेटिक गैस या सिनगैस) में परिवर्तित किया जाता है। यह गैस कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), हाइड्रोजन (H₂), कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), मीथेन (CH₄) और जल वाष्प (H₂O) जैसे गैसों का मिश्रण है।
- कोयला गैसीकरण से प्राप्त सिनगैस का उपयोग संश्लेषित प्राकृतिक गैस (SNG), ऊर्जा ईंधन (मेथनॉल और एथनॉल), उर्वरकों हेतु अमोनिया तथा पेट्रो-रसायनों के निर्माण में किया जा सकता है।
अतः विकल्प (b) सही है।
- Source:
Drishti IAS source:
6. कभी-कभी समाचार माध्यमों में चर्चित सामान्यतः CL-20, HMX और LLM-105 के रूप में ज्ञात रासायनिक पदार्थों में सर्वनिष्ठ अभिलक्षण क्या है?
(a) ये हाइड्रोफ़्लुओरोकर्बन प्रशीतकों के विकल्प हैं
(b) ये सैन्य आयुधों के अत्यंत विस्फोटक हैं
(c) ये क्रूज मिसाइलों के लिये उच्च-ऊर्जा ईंधन हैं
(d) ये रॉकेट नोदन हेतु ईंधन हैं
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- CL-20, HMX और LLM-105 उच्च ऊर्जा विस्फोटक यौगिक हैं जिन्हें सैन्य अनुप्रयोगों (विशेष रूप से वारहेड्स, बम और उन्नत गोला-बारूद में) के लिये विकसित किया गया है।
अतः विकल्प (b) सही है।
- Source: file:///C:/Users/PC/Downloads/bhushan,+137_51.pdf
7. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- ऐसी अपेक्षा है कि मेजरोना 1 चिप, क्वांटम कंप्यूटिंग को सुकर बनाएगा।
- मेजरोना 1 चिप, ऐमेजॉन वेब सर्विसेज़ (AWS) द्वारा आरंभ किया गया है।
- डीप लर्निंग, मशीन लर्निंग का एक उप-समुच्चय है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- मेजरोना 1 चिप:
- माइक्रोसॉफ्ट ने मेजरोना 1 नामक विश्व की पहली क्वांटम चिप प्रस्तुत की है, जो टोपोलॉजिकल कोर आर्किटेक्चर पर आधारित है। इसका उद्देश्य क्वांटम कंप्यूटिंग क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। अतः कथन 1 सही है लेकिन कथन 2 सही नहीं है।
- यह चिप इंडियम आर्सेनाइड (Indium Arsenide) और एलुमिनियम जैसे तत्त्वों से बनी एक विशेष सामग्री से निर्मित है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट ने "विश्व की पहली टोपोकंडक्टर" कहा है। यह एक नई प्रकार की सामग्री है जो मेजरोना कणों को नियंत्रित करने और निगरानी करने में सक्षम है।
- मशीन लर्निंग (ML):
- मशीन लर्निंग एक ऐसी कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक है जिससे मशीनों को बिना स्पष्ट रूप से प्रोग्राम किए डेटा से सीखने की क्षमता मिलती है।
- डीप लर्निंग, मशीन लर्निंग की एक उपश्रेणी है जिसके तहत जटिल न्यूरल नेटवर्क्स का उपयोग करके मानव बुद्धिमत्ता की नकल करना शामिल है। अतः कथन 3 सही है।
- अतः विकल्प (c) सही है।
Source:
- https://indianexpress.com/article/technology/tech-news-technology/microsoft-majorana-1-new-quantum-computing-chip-explained-9846515/
-
https://www.ibm.com/think/topics/ai-vs-machine-learning-vs-deep-learning-vs-neural-networks
- Drishti IAS source:
8. प्रायः समाचारों में चर्चित, एकक्लोनी प्रतिरक्षियों (मोनोक्लोनल एंटिबॉडी) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- वे मानव-निर्मित प्रोटीन हैं।
- वे विशिष्ट प्रतिजनों (एंटीजन) से बंधन बनाने की अपनी क्षमता के कारण प्रतिरक्षात्मक प्रकार्य को उद्दीपित करते हैं
- वे निपा विषाणु के संक्रमण जैसे विषाणु संक्रमणों के उपचार में प्रयुक्त होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- मोनोक्लोनल एंटिबॉडी, प्रयोगशाला में तैयार की गई कृत्रिम (मानव-निर्मित) प्रोटीन होती हैं, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की तरह हानिकारक रोगजनकों से लड़ने का कार्य करती हैं। अतः कथन 1 सही है।
- इनकी प्रतिरक्षा क्रियाएँ किसी विशेष एंटीजन से जुड़ने पर आधारित होती हैं और कभी-कभी यह क्रिया अन्य एफेक्टर फंक्शन्स पर भी निर्भर करती है। अतः कथन 2 सही है।
- मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज़ का उपयोग कई तरह की बीमारियों के इलाज में होने के साथ इसमें आधुनिक चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है।
- इन्हें वायरल संक्रमणों के इलाज में भी टेस्ट किया गया है, जैसे कि निपाह वायरस। उदाहरण के तौर पर, m102.4 नामक मोनोक्लोनल एंटिबॉडी ने निपाह वायरस को निष्क्रिय करने में आशाजनक परिणाम दिखाए हैं। अतः कथन 3 सही है।
अतः विकल्प (d) सही है।
- Source:
- Drishti IAS source:
9. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- महासागरीय जल में कोई विषाणु जीवित नहीं बच सकता।
- कोई विषाणु, जीवाणुओं में संक्रमण नहीं कर सकता।
- कोई विषाणु, परपोषी कोशिका में कोशिकीय अनुलेखनात्मक सक्रियता को परिवर्तित नहीं कर सकता।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- विभिन्न अध्ययनों ने महासागरीय प्रणालियों में विषाणु के जीवित रहने की क्षमता और उनके स्रोतों से समुद्री तटों या शेलफिश जल में परिवहित होने की संभावना का अन्वेषण किया है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
- विषाणु जीवाणुओं (बैक्टीरियोफेज), पौधों और जानवरों सहित विभिन्न प्रकार के जीवों को संक्रमित कर सकते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है।
- विषाणु कोशिकीय अनुलेखनात्मक सक्रियता (ट्रांसक्रिप्शनल एक्टिविटी) और प्रोटीन-प्रोटीन अंतःक्रियाओं को भी परिवर्तित कर सकते हैं, जिससे संतति वायरस (प्रोजेनी वायरस) का कुशल उत्पादन बढ़ता है। अतः कथन 3 सही नहीं है।
- कुछ विषाणुओं के मामले में, विषाणु अनुलेखन (रेप्लिकेशन) को बढ़ाने के लिये विशिष्ट कोशिकीय जैव-रासायनिक क्रियाओं को प्रेरित किया जा सकता है।
अतः विकल्प (d) सही है।
स्रोत:
10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
कथन I:
सक्रियित कार्बन बहि:स्रावी धाराओं में से प्रदूषकों को हटाने और विभिन्न उद्योगों से आने वाले संदूषकों के उपचारण हेतु एक अच्छा और आकर्षक साधन है।
कथन II:
सक्रियित कार्बन का एक वृहत पृष्ठ क्षेत्रफल होता है और उसमें भारी धातुओं को अधिशोषित करने की दमदार शक्यता है।
कथन III:
सक्रियित कार्बन, उच्च कार्बन अंश वाले वातावरणीय अपशिष्टों से भी आसानी से संश्लेषित किया जा सकता है।
उपर्युक्त कथनों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन II और कथन III दोनों सही हैं तथा वे दोनों कथन I की व्याख्या करते हैं
(b) कथन II और कथन III दोनों सही हैं किंतु उनमें से केवल एक, कथन I की व्याख्या करता है
(c) कथन II और कथन III में से केवल एक सही है तथा वह कथन I की व्याख्या करता है
(d) न तो कथन II और न ही कथन III सही है
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- सक्रियित कार्बन (Activated Carbon) विभिन्न प्रकार की कार्बनयुक्त सामग्रियों से बना होता है, जिसे इसकी उच्च पारगम्यता (porosity) और विशाल सतही क्षेत्रफल के आधार पर पहचाना जाता है।
- इसकी असाधारण विशेषताओं के कारण सक्रियित कार्बन का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे पेयजल का शुद्धिकरण, अपशिष्ट जल उपचार और गैसों तथा प्रदूषकों की पृथक्करण प्रक्रिया आदि। अतः कथन I सही है।
- सक्रियित कार्बन में भारी धातुओं को अवशोषित (adsorb) करने की उच्च क्षमता होती है, जो इसके विशाल सतही क्षेत्रफल, सूक्ष्म छिद्रों की उपस्थिति और इसके बाह्य क्षेत्र की रासायनिक जटिलता के कारण संभव होती है। अतः कथन II भी सही है।
- सक्रियित कार्बन का उत्पादन ऐसे पर्यावरणीय अपशिष्टों से किया जाता है, जिनमें कार्बन की मात्रा अधिक होती है। अतः कथन III भी सही है।
- कथन I के अनुसार, सक्रियित कार्बन औद्योगिक अपशिष्ट जल से प्रदूषकों को हटाने के लिये एक प्रभावी और आकर्षक माध्यम है।
- कथन II इसकी प्रभावशीलता को स्पष्ट करता है: सक्रियित कार्बन में एक विशाल सतह क्षेत्र होता है और यह भारी धातुओं को प्रभावी ढंग से अधिशोषित (adsorb) करता है, जिससे यह प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक आदर्श सामग्री बन जाता है।
- कथन III इसकी आकर्षकता को स्पष्ट करता है: सक्रिय कार्बन को अपशिष्ट सामग्रियों से आसानी से बनाया जा सकता है, जिससे यह उद्योगों के लिये किफायती और सतत्् विकल्प बन जाता है।
- दोनों कथन मिलकर कथन I को उचित ठहराते हैं — एक प्रदर्शन (Performance) को उजागर करता है, जबकि दूसरा सुलभता और किफायतीपन (Accessibility and Affordability) को रेखांकित करता है।
- अतः विकल्प (a) सही है।
- Source:
- Drishti IAS source:
11. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
कथन-I:
अध्ययनों से सूचित होता है कि सीमेंट उद्योग से उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड का वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में उसके 5% से अधिक का योगदान है।
कथन II:
सीमेंट का निर्माण करते समय चूना-पत्थर में सिलिका-युक्त मृत्तिका मिलाई जाती है।
कथन III:
सीमेंट निर्माण हेतु क्लिंकर उत्पादन के दौरान चूना-पत्थर, चूना में बदल जाता है।
उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन II और कथन III दोनों सही हैं तथा वे दोनों कथन I की व्याख्या करते हैं
(b) कथन II और कथन III दोनों सही हैं किंतु उनमें से केवल एक, कथन I की व्याख्या करता है
(c) कथन II और कथन III में से केवल एक सही है तथा वह कथन I की व्याख्या करता है
(d) न तो कथन II और न ही कथन III सही है
उत्तर: a
व्याख्या:
- विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, सीमेंट उद्योग वैश्विक CO₂ उत्सर्जन के लगभग 8% के लिये ज़िम्मेदार है। इन उत्सर्जनों के दो प्रमुख स्रोत चूना पत्थर का कैल्सीनेशन और सीमेंट उत्पादन के दौरान जीवाश्म ईंधन का दहन हैं। अतः कथन I सही है।
- सीमेंट के उत्पादन में चूना पत्थर (कैल्शियम कार्बोनेट का एक स्रोत) और मिट्टी या शेल (सिलिका, एल्यूमिना और लोहे से भरपूर) जैसे कच्चे माल को पीसकर मिलाया जाता है।
- इन सामग्रियों को भट्टियों में गर्म करके क्लिंकर बनाया जाता है, जो सीमेंट का प्रमुख मध्यवर्ती उत्पाद है। अतः कथन II सही है।
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) क्लिंकर के उत्पादन में उपयोग की जाने वाली रासायनिक रूपांतरण प्रक्रिया का एक उपोत्पाद है, जो सीमेंट का एक घटक है, जिसमें चूना पत्थर (CaCO3) को चूने (CaO) में परिवर्तित किया जाता है। CaCO3→CaO+CO2। अतः कथन III सही है।
- यह रासायनिक प्रतिक्रिया सीमेंट क्षेत्र से प्रत्यक्ष CO₂ उत्सर्जन में प्रमुख योगदानकर्त्ता है और वर्तमान उत्पादन प्रक्रिया में अपरिहार्य है।
- सीमेंट उद्योग में CO₂ उत्सर्जन मुख्यतः क्लिंकर के उत्पादन प्रक्रिया के दौरान होता है, जो सीमेंट का एक मध्यवर्ती उत्पाद है। इस प्रक्रिया में CO₂ दो स्रोतों से उत्सर्जित होती है — एक, भट्ठी को गर्म करने के लिये ईंधनों के दहन से, और दूसरा, चूना पत्थर (लाइमस्टोन) के रासायनिक विघटन (विघटन प्रक्रिया) से। यह उत्सर्जन न केवल ऊर्जा की खपत से जुड़ा है, बल्कि यह सीमेंट निर्माण की मूलभूत रासायनिक प्रक्रिया का भी परिणाम होता है, जिससे इसे नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण बन जाता है।
इसलिये, तीनों कथन सही हैं,II और कथन III यह समझाने में सहायता प्रदान करता है कि सीमेंट उद्योग CO₂ उत्सर्जन का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत क्यों है।
अतः विकल्प (a) सही है।
Sources
- https://www.weforum.org/stories/2024/09/cement-production-sustainable-concrete-co2-emissions/
- https://www.sciencedirect.com/topics/materials-science/portland-cement
-
https://www.ipcc-nggip.iges.or.jp/public/gp/bgp/3_1_Cement_Production.pdf
12. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
कथन I :
28वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP28) में, भारत ने 'जलवायु और स्वास्थ्य विषयक घोषणा' पर हस्ताक्षर नहीं किया।
कथन II :
COP28 जलवायु और स्वास्थ्य विषयक घोषणा एक बाध्यकर घोषणा है; और इस पर हस्ताक्षर कर देने पर
स्वास्थ्य सेक्टर का विकार्बनन करना अधिदेशात्मक हो जाता है।
कथन III :
यदि भारत के स्वास्थ्य सेक्टर का विकार्बनन किया जाए, तो इसकी स्वास्थ्य-देखभाल प्रणाली के लचीलेपन पर संकट आ सकता है।
उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन II और कथन III दोनों सही हैं तथा वे दोनों कथन I की व्याख्या करते हैं
(b) कथन II और कथन III दोनों सही हैं किन्तु उनमें से केवल एक, कथन I की व्याख्या करता है
(c) कथन II और कथन III में से केवल एक सही है तथा वह कथन I की व्याख्या करता है
(d) न तो कथन II और न ही कथन III सही है
उत्तर: c
व्याख्या:
- वर्ष 2023 में दुबई में आयोजित, 28वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP28) में भारत ने जलवायु और स्वास्थ्य पर COP28 UAE घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
- इस घोषणापत्र को 140 से अधिक देशों ने समर्थन दिया और इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और सार्वजनिक स्वास्थ्य के बीच संबंध को उजागर करना था, तथा राष्ट्रों से जलवायु-लचीला और कम कार्बन स्वास्थ्य प्रणाली बनाने का आग्रह करना था। अतः कथन I सही है।
- COP28 में जलवायु और स्वास्थ्य पर घोषणा एक गैर-बाध्यकारी घोषणा है। यह हस्ताक्षर करने वाले देशों के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को डीकार्बोनाइज़( विकार्बनन) करना कानूनी बाध्यता नहीं लगाता है या अनिवार्य नहीं बनाता है। अतः कथन II सही नहीं है।
- बल्कि, यह सरकारों को जलवायु परिवर्तन के अनुसार अपनी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की स्थिरता और लचीलेपन में सुधार करने के लिए स्वैच्छिक कार्रवाई को प्रोत्साहित करता है।
- भारत ने COP28 जलवायु और स्वास्थ्य घोषणापत्र पर हस्ताक्षर न करने का मुख्य कारण यह बताया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में शीतलन (कूलिंग) अनुप्रयोगों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना अल्पकालिक रूप से व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। भारत का मानना है कि इस दिशा में कुछ व्यावहारिक सीमाएँ हैं, जिसके कारण वह इस घोषणापत्र का हिस्सा नहीं बना।
- भारत ने चिंता जताई है कि तत्काल डीकार्बोनाइजेशन (कार्बन उत्सर्जन में कमी) का दबाव, विशेष रूप से अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं में कूलिंग जैसी आवश्यक सेवाओं में, देश की स्वास्थ्य प्रणाली की लचीलापन और कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है। यह चिंता विशेष रूप से दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में प्रासंगिक है, जहाँ विश्वसनीय कूलिंग सेवाएँ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। अतः कथन III सही है।
अतः विकल्प (c) सही है।
Source:
Other Authentic Sources Link:
- https://www.livemint.com/news/india/india-refuses-to-sign-cop28-declaration-on-climate-and-health-heres-why-11701618953067.html
- https://cdn.who.int/media/docs/default-source/climate-change/cop28/cop28-uae-climate-and-health-declaration.pdf
13. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
कथन I :
वैज्ञानिक अध्ययन यह सुझाते हैं कि पृथ्वी के घूर्णन और अक्ष में परिवर्तन हो रहा है।
कथन II :
सौर संस्फुरों (फ्लेयर्स) और उससे संबद्ध किरीटी द्रव्यमान निष्कासनों ने पृथ्वी के सबसे बाहरी वायुमंडल पर विशाल ऊर्जा-राशि की बौछार कर दी है।
कथन III :
जैसे-जैसे पृथ्वी का ध्रुवीय हिम पिघलता है, जल की प्रवृत्ति विषुवत्-वृत्त की और जाने की होती है।
उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन II और कथन III दोनों सही हैं तथा वे दोनों कथन I की व्याख्या करते हैं
(b) कथन II और कथन III दोनों सही हैं किन्तु उनमें से केवल एक, कथन I की व्याख्या करता है
(c) कथन II और कथन III में से केवल एक सही है तथा वह कथन I की व्याख्या करता है
(d) न तो कथन II और न ही कथन III सही है
उत्तर: b
व्याख्या:
- NASA की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी द्वारा किये गए वैज्ञानिक अध्ययनों से पुष्टि हुई है कि पृथ्वी के घूर्णन अक्ष (रोटेशन एक्सिस) में एक बदलाव हो रहा है। इस घटना को "ध्रुवीय भटकाव" (Polar Wander) या "वास्तविक ध्रुवीय विचलन" (True Polar Drift) कहा जाता है।
- पिछली शताब्दी में, पृथ्वी के घूर्णन ध्रुव (रोटेशनल पोल) की स्थिति कई मीटर तक बदल गई है, और हाल के दशकों में यह गति और अधिक तीव्र हुई है। अतः कथन I सही है।
- इस बदलाव का मुख्य कारण पृथ्वी की सतह पर द्रव्यमान का पुनर्वितरण है, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन के कारण बर्फ पिघलने और भूजल की कमी के कारण।
- सौर संस्फुरों/ज्वालाएँ एवं कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में भारी मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं, जिससे मैग्नेटोस्फीयर में गड़बड़ी होती है। इसका संचार प्रणालियों, GPS की सटीकता और पावर ग्रिड पर प्रभाव पड़ता है। अतः कथन II सही है।
- हालाँकि, ये विद्युत चुम्बकीय गड़बड़ी पृथ्वी के भौतिक घूर्णन या अक्षीय स्थिति को प्रभावित नहीं करती है, इसलिये कथन I में उल्लिखित अक्षीय बदलाव की व्याख्या नहीं करती है।
- जब ध्रुवीय बर्फ पिघलती है, विशेष रूप से ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में, तो परिणामस्वरूप उत्पन्न जल संपूर्ण ग्रह में पुनः वितरित हो जाता है, तथा गुरुत्वाकर्षण संतुलन और पृथ्वी के घूर्णन के कारण बड़े पैमाने पर भूमध्य रेखा की ओर बढ़ता है।
- द्रव्यमान का यह पुनर्वितरण ग्रह के जड़त्व आघूर्ण को बदल देता है, जिससे पृथ्वी के घूर्णन अक्ष में कंपन या बहाव होता है। अतः कथन III सही है।
इसलिये, जबकि कथन II और III दोनों तथ्यात्मक रूप से सटीक हैं, केवल कथन III का कथन I के साथ स्पष्ट संबंध है।
अतः विकल्प (b) सही है।
Source:
Other Authentic Sources Link:
- https://ntrs.nasa.gov/api/citations/19770014827/downloads/19770014827.pdf
- https://www.researchgate.net/publication/336586727_A_true_polar_wander_trigger_for_the_Great_Jurassic_East_Asian_Aridification
- https://www.climate.gov/news-features/climate-qa/do-solar-storms-cause-heat-waves-earth.
- https://science.nasa.gov/earth/climate-change/scientists-id-three-causes-of-earths-spin-axis-drift/
14. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
कथन I :
जलवायु परिवर्तन विषयक पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 की चर्चा, सतत् विकास और जलवायु परिवर्तन विषयक वैश्विक चर्चाओं में बारम्बार आती है।
कथन II :
जलवायु परिवर्तन विषयक पेरिस समझौते का अनुच्छेद 6, कार्बन बाज़ारों के सिद्धांतों को निर्दिष्ट करता है।
कथन III :
जलवायु परिवर्तन विषयक पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 का आशय देशों को अपने जलवायु लक्ष्य प्राप्त करने हेतु उनके बीच गैर-बाज़ारी रणनीतियों का संवर्धन करना है।
उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन II और कथन III दोनों सही हैं तथा वे दोनों कथन I की व्याख्या करते हैं
(b) कथन II और कथन III दोनों सही हैं किन्तु उनमें से केवल एक, कथन I की व्याख्या करता है
(c) कथन II और कथन III में से केवल एक सही है तथा वह कथन I की व्याख्या करता है
(d) न तो कथन II और न ही कथन III सही है
उत्तर: a
व्याख्या:
- पेरिस समझौते का अनुच्छेद 6 अंतर्राष्ट्रीय जलवायु वार्ताओं में सबसे जटिल और अक्सर चर्चा में रहने वाले तत्त्वों में से एक है।
- यह सतत् विकास और जलवायु परिवर्तन शमन पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से संबंधित चर्चा के केंद्र में है।
- अनुच्छेद 6 के विश्व स्तर पर ध्यान आकर्षित करने का कारण यह है कि यह बाज़ार और गैर-बाज़ार-आधारित दोनों तंत्रों के लिये रूपरेखा तैयार करता है, जो देशों को उनके राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) हासिल करने में मदद करने हेतु महत्त्वपूर्ण हैं। अतः कथन I सही है।
- यह विशेष रूप से अनुच्छेद 6.2 और 6.4 का संदर्भ देता है, जो कार्बन बाज़ारों के सिद्धांतों को निर्धारित करते हैं।
- अनुच्छेद 6.2 कार्बन क्रेडिट के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय रूप से हस्तांतरित शमन परिणाम (ITMOs) के रूप में जाना जाता है, जबकि अनुच्छेद 6.4 क्योटो प्रोटोकॉल के तहत स्वच्छ विकास तंत्र के समान एक केंद्रीकृत संयुक्त राष्ट्र-पर्यवेक्षित कार्बन बाजार तंत्र स्थापित करने का प्रावधान निर्दिष्ट करता है। अतः कथन II सही है।
- ये फ्रेमवर्क देशों को उत्सर्जन में कटौती के लिये व्यापार करने की अनुमति देते हैं, जिससे शमन की समग्र लागत कम हो जाती है और दक्षता को बढ़ावा मिलता है।
- अनुच्छेद 6.8, जो गैर-बाज़ार दृष्टिकोण को प्रोत्साहित देता है।
- इन दृष्टिकोणों में क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, नीति समन्वय और वित्तीय सहायता जैसी पहल शामिल हैं , जो देशों को सहयोग के माध्यम से जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाती हैं जिसमें कार्बन क्रेडिट का व्यापार शामिल नहीं है। अतः कथन III सही है।
- यह विकासशील देशों के लिये विशेष रूप से उपयोगी है, जहाँ जलवायु कार्रवाई को सतत् विकास प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करने की आवश्यकता है।
- चूँकि कथन II तथा कथन III दोनों ही अनुच्छेद 6 के विभिन्न घटकों का सटीक वर्णन करते हैं और दोनों ही कारण हैं कि अनुच्छेद 6 वैश्विक जलवायु मंचों पर अत्यधिक चर्चा में है, ये दोनों ही कथन I की व्याख्या करते हैं।
अतः विकल्प (a) सही है।
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- Other Authentic Sources Link:
15. निम्नलिखित में से किस एक ने 'एशिया और प्रशांत क्षेत्रों के लिये प्रकृति समाधान (नेचर सॉल्यूशन्स) वित्त हब' प्रारंभ किया?
(a) एशियाई विकास बैंक (ADB)
(b) एशियाई अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) निवेश बैंक (AIIB)
(c) न्यू डेवलपरमेंट बैंक (NDB)
(d) अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD)
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- वर्ष 2023 में, एशियाई विकास बैंक (ADB) ने एशिया और प्रशांत क्षेत्रों के लिये प्रकृति समाधान (नेचर सॉल्यूशन्स) वित्त हब की शुरुआत की।
- इस पहल का उद्देश्य क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन, जैवविविधता ह्रास और आपदा जोखिमों से निपटने के लिये प्रकृति-आधारित समाधानों (NBS) के लिये वित्तपोषण में वृद्धि करना है।
अतः विकल्प (a) सही है।
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16. 'प्रत्यक्ष वात प्रग्रहण (डाइरेक्ट एयर कैप्चर)', जो नई उभरती प्रौद्योगिकी है, के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
- इसे कार्बन प्रच्छादन की एक विधि के रूप में प्रयोग में ला सकते हैं।
- यह प्लास्टिक उत्पादन हेतु और खाद्य प्रसंस्करण में एक बहुमूल्य उपागम हो सकता है।
- विमानन में, यह संश्लिष्ट न्यून-कार्बन ईंधन जनन हेतु हाइड्रोजन में मिलाने के लिये कार्बन का स्रोत हो सकता है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल I और II
(b) केवल III
(c) I, II और III
(d) उपर्युक्त कथनों में से कोई भी सही नहीं है
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- डाइरेक्ट एयर कैप्चर (DAC) प्रौद्योगिकी परिवेशी वायु से सीधे कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को हटाती है। कैप्चर की गई CO₂ को स्थायी रूप से भूवैज्ञानिक संरचनाओं में जमीन के नीचे संग्रहित किया जा सकता है, जिससे वायुमंडल से इसे प्रभावी ढंग से हटाया जा सकता है और कार्बन पृथक्करण प्राप्त किया जा सकता है। अतः कथन I सही है।
- इस प्रक्रिया को नकारात्मक उत्सर्जन प्रौद्योगिकी के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसे वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिये महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
- डाइरेक्ट एयर कैप्चर (DAC) प्लास्टिक उत्पादन और खाद्य प्रसंस्करण में एक मूल्यवान तकनीक हो सकती है। कैप्चर किये गए CO₂ को एथिलीन या मेथनॉल में परिवर्तित किया जा सकता है, जो पॉलीथिलीन और अन्य प्लास्टिक्स के निर्माण के लिये मूलभूत घटक हैं।
- डाइरेक्ट एयर कैप्चर (DAC) के माध्यम से कैप्चर गए CO₂ का उपयोग ड्राई आइस बनाने के लिये किया जा सकता है, जिसका खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण में महत्त्वपूर्ण उपयोग होता है। अतः कथन II सही है।
- डाइरेक्ट एयर कैप्चर (DAC) का सबसे आशाजनक उपयोग एविएशन सेक्टर में है, जहाँ कैप्चर किये गए वायुमंडलीय CO₂ को ग्रीन हाइड्रोजन के साथ मिलाकर सिंथेटिक ईंधन बनाया जा सकता है, जिसे प्राय: ई-फ्यूल या पावर-टू-लिक्विड (PtL) ईंधन कहा जाता है। अतः कथन III सही है।
- ये कम-कार्बन वाले ईंधन हवाई यात्रा के कार्बन पदचिह्न को महत्त्वपूर्णरूप से कम कर सकते हैं, एक ऐसे क्षेत्र में जहाँ डीकार्बोनाइजेशन (कार्बन उत्सर्जन में कमी) कठिन होता है। कई पायलट परियोजनाएँ पहले से ही वैश्विक स्तर पर चल रही हैं, जिनमें अमेरिका और यूरोप शामिल हैं, जो इस क्षमता को प्रदर्शित कर रही हैं।
अतः कथन I, II और III सही हैं।
Other sources Link:
- Statement1: https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S2452223623000019
- https://climeworks.com/direct-air-capture
-
- Statemert 2:
- https://renewable-carbon.eu/news/co%e2%82%82-as-a-feedstock-for-the-chemical-and-fuel-industry/#:~:text=and%20Fuel%20Industry%3F-,Innovative%20Carbon%20Capture%20and%20Utilisation%20(CCU)%20technologies%20can%20convert%20captured%20CO%E2%82%82%20from%20industrial%20point%20sources%20and%20direct%20air%20capture%20into%20chemical%20base%20materials%20such%20as%20methanol%2C%20ethanol%2C%20ethylene%20or%20even%20polyols%20and%20other%20polymer%20building,-blocks
- https://www.iea.org/energy-system/carbon-capture-utilisation-and-storage/direct-air-capture#:~:text=Where%20do%20we,in%20the%20sector
- Statement 3:https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S1364032124002752
17. पीकॉक टैरेंटुला (गूटी टैरेंटुला) के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह एक सर्वभक्षी परुष-कवची (क्रस्टेशियाई) है।
- इसका प्राकृतिक आवास भारत में केवल कुछ वनों तक ही सीमित है।
- अपने प्राकृतिक आवास में यह एक वृक्षीय जाति है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) I और III
(c) केवल II
(d) II और III
- उत्तर: d
- व्याख्या:
- पीकॉक टरेंटुला (Peacock Tarantula) एक अरैक्निड (मकड़ी) है, न कि कोई परुष-कवची (क्रस्टेशियाई)। यह सर्वाहारी (omnivorous) भी नहीं है; बल्कि यह एक शिकारी (predator) है, जो मुख्यतः कीटों और अन्य छोटे अकशेरुकी जीवों का शिकार करता है। अतः कथन I सही नहीं है।
- यह मकड़ी की एक गंभीर रूप से संकटग्रस्त (critically endangered) प्रजाति है, जो भारत में पाई जाती है।
- यह केवल आंध्र प्रदेश के एक छोटे वन क्षेत्र, विशेषकर पूर्वी घाट में गूटी नामक नगर के पास, में पाई जाती है। अतः कथन II सही है।
- यह प्रजाति वृक्षवासी (arboreal) है, अर्थात यह पेड़ों पर निवास करती है। अपने प्राकृतिक आवास में, यह पेड़ों के छिद्रों और दरारों में रहती है, रेशमी आश्रय बुनती है और जब तक बाधित न किया जाए, जमीन पर उतरने से बचती रहती है।
- यह वृक्षवासी प्रवृत्ति पोइसीलोथेरिया (Poecilotheria) वंश की कई टरेंटुला प्रजातियों में सामान्य है। अतः कथन III सही है।
अतः विकल्प (d) सही है।
- Drishti IAS Link; https://www.drishtiias.com/daily-news-analysis/rare-tarantula-sighted-in-tamil-nadu
- Other Sources Link:
18. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- भारत में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन 0.5 t CO2 प्रति व्यक्ति से कम है।
- ईंधन दहन से CO2 उत्सर्जन के आधार पर, भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है।
- III. भारत में विद्युत् और ताप उत्पादक, CO2 उत्सर्जन के सबसे बड़े स्रोत है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल I और III
(b) केवल II
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, वर्ष 2023 में भारत का प्रति व्यक्ति CO₂ उत्सर्जन लगभग 2 टन था, जो 0.5 टन से काफी अधिक है, हालाँकि यह वैश्विक औसत (लगभग 4.6 टन प्रति व्यक्ति) से अभी भी काफी नीचे है। अतः कथन I सही नहीं है।
- भारत, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ईंधन दहन से होने वाला CO₂ उत्सर्जन में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक देश है। देश की तीव्र आर्थिक वृद्धि, बढ़ती ऊर्जा मांग और जीवाश्म ईंधन (विशेषकर कोयला) पर निरंतर निर्भरता ने इस स्थिति में योगदान दिया है। यह IEA और ग्लोबल कार्बन एटलस के डेटा से पुष्ट होता है। अतः कथन II सही है।
- भारत में CO₂ उत्सर्जन में सर्वाधिक योगदान विद्युत् और ताप उत्पादन क्षेत्र का है। IEA के उत्सर्जन डेटा के अनुसार, हाल के वर्षों में भारत के ऊर्जा-संबंधी CO₂ उत्सर्जन का 50% से अधिक कोयला-आधारित विद्युत् उत्पादन से हुआ है, जो देश में विद्युत् का प्रमुख स्रोत बना हुआ है। अतः कथन III सही है।
अतः विकल्प (c) सही है।
Other Sources Link:
19. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
पादप वर्णन
कसावा : काष्ठीय झाड़ी
अदरक : आभासी-तनायुक्त शाक
III. मालाबार पालक : शाकीय आरोही लता
पुदीना : वार्षिक झाड़ी
पपीता : काष्ठीय झाड़ी
उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं?
(a) केवल दो
(b) केवल तीन
(c) केवल चार
(d) सभी पाँच
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- कसावा (Manihot esculenta) एक काष्ठीय झाड़ी है। जिसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में इसकी खाद्य और स्टार्च से भरपूर कंद जड़ों के लिए व्यापक पैमाने पर उगाया जाता है। यह यूफोरबियासी (Euphorbiaceae) कुल से संबंधित है और आमतौर पर एक शाखायुक्त लकड़ी के तने के साथ 2-3 मीटर की ऊँचाई तक बढ़ती है। अतः युग्म I सही सुमेलित है।
- अदरक (Zingiber officinale) एक शाकीय (हर्बेशियस) बारहमासी पौधा है। इसका जो तना दिखाई देता है, वह वास्तव में एक छद्मतना (pseudostem) होता है, जो इसकी पत्तियों के घने आवरण वाले आधारों से बना होता है। अदरक की खेती इसके भूमिगत तने, अर्थात् प्रकंद/राइज़ोम (rhizome), के लिये की जाती है, जिसका उपयोग मसाले व औषधीय उत्पाद के रूप में किया जाता है। अतः युग्म II सही सुमेलित है।
- मालाबार पालक (Basella alba) एक रसीला, तीव्र गति से बढ़ने वाला, शाकीय आरोही लता है, जिसे उष्णकटिबंधीय एशिया और अफ्रीका में सामान्यतः पत्तेदार सब्जी के रूप में उगाया जाता है। यह अपने कोमल तनों की सहायता से ऊपर चढ़ती है। यद्यपि यह वास्तविक पालक नहीं है, फिर भी इसके पाक उपयोग समान होते हैं। अतः युग्म III सही है।
- पुदीना (Mentha species) एक झाड़ी नहीं है। यह एक बारहमासी शाकीय पौधा (जड़ी-बूटी) है, जो आमतौर पर स्टोलन या भूमिगत रनर के माध्यम से फैलती है। इसमें कोमल, गैर-काष्ठीय तने होते हैं और यह भूमि के पास फैलता है और वृद्धि करता है। वार्षिक झाड़ी के रूप में इसका वर्णन वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से सही नहीं है। अतः युग्म IV सही सुमेलित है।
- पपीता (Carica papaya) को अक्सर इसके मुलायम तने के कारण पेड़ जैसी जड़ी-बूटी में वर्णित किया जाता है, लेकिन वनस्पति विज्ञान में इसे तेज़ी से बढ़ने वाली काष्ठीय झाड़ी या छोटे वृक्ष के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। यद्यपि इसमें पेड़ों जैसी वास्तविक द्वितीयक लकड़ी की वृद्धि नहीं होती, फिर भी इसकी अर्द्ध-काष्ठीय संरचना और आकृति इसे इस वर्गीकरण के योग्य बनाती है। अतः युग्म V सही सुमेलित नहीं है।
Other Authentic Sources Link:
20. पृथ्वी ग्रह के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- वर्षा वन, महासागरों द्वारा उत्पादित ऑक्सीजन की तुलना में अधिक ऑक्सीजन उत्पादित करते हैं।
- समुद्री पादप-प्लवक और प्रकाश-संश्लेषी जीवाणु विश्व में ऑक्सीजन का लगभग 50% उत्पादित करते हैं।
- वायुमंडलीय हवा में विद्यमान ऑक्सीजन की तुलना में, सुचारू रूप से ऑक्सीकृत पृष्ठ-जल में अनेक गुना अधिक ऑक्सीजन होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
- (a) I और II
- (b) केवल II
- (c) I और III
- (d) उपर्युक्त कथनों में से कोई भी सही नहीं है
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पृथ्वी पर ऑक्सीजन का लगभग आधा हिस्सा महासागरों से उत्पादित होता है। इस उत्पादन में अधिकांश योगदान समुद्री प्लवक - प्लावी पादप, शैवाल तथा कुछ ऐसे बैक्टीरिया जो प्रकाश संश्लेषण कर सकते हैं, का है।
- एक विशेष प्रजाति, प्रोक्लोरोकोकस (Prochlorococcus), पृथ्वी पर सबसे छोटा प्रकाश संश्लेषक जीव है। लेकिन यह सूक्ष्म बैक्टीरिया हमारे पूरे जीवमंडल में 20% तक ऑक्सीजन उत्पादित करता है। यह भूमि पर सभी उष्णकटिबंधीय वर्षावनों द्वारा उत्पादित कुल ऑक्सीजन के संयुक्त प्रतिशत से भी अधिक है।
- उल्लेखनीय है कि यद्यपि महासागर पृथ्वी पर कम-से-कम 50% ऑक्सीजन उत्पादित करते हैं, लेकिन समुद्री जीव लगभग उतनी ही मात्रा में ऑक्सीजन की खपत भी करते हैं। अतः कथन I सही नहीं है।
- वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हमारे वायुमंडल में कम-से-कम 50% ऑक्सीजन फाइटोप्लांकटन द्वारा उत्पादित है । साथ ही, ये वायु से कार्बन डाइऑक्साइड की व्यापक मात्रा को अवशोषित करने हेतु भी उत्तरदायी हैं। अतः कथन II सही है।
- सतही जल में ऑक्सीजन की मात्रा दो मुख्य कारणों से सर्वाधिक होती है; 1. क्योंकि यहीं पर वायुमंडलीय ऑक्सीजन समुद्री जल में घुलती है तथा 2. सतही जल ही वह स्थान है जहाँ प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से फाइटोप्लांकटन द्वारा ऑक्सीजन का उत्पादन होता है।
- सतही जल में श्वसन की प्रक्रिया भी होती है, लेकिन प्रकाश-संश्लेषण के माध्यम से ऑक्सीजन के उत्पादन की दर, श्वसन के माध्यम से उसकी खपत की दर से अधिक होती है।
- यह उल्लेखनीय है कि हालाँकि घुलित ऑक्सीजन की मात्रा सतही जल में सबसे अधिक होती है, फिर भी जल में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में कहीं कम होती है। अधिक ऑक्सीजन युक्त सतही जल में लगभग 8 मिलीग्राम ऑक्सीजन प्रति लीटर हो सकती है, जबकि वायु में लगभग 210 मिलीग्राम ऑक्सीजन प्रति लीटर पाई जाती है। अतः कथन III सही नहीं है।
Sources:
Statement 1 - https://oceanservice.noaa.gov/facts/ocean-oxygen.html
Statement 2 - https://earthobservatory.nasa.gov/images/87465/oxygen-factories-in-the-southern-ocean
Statement 3 - https://rwu.pressbooks.pub/webboceanography/chapter/5-4-dissolved-gases-oxygen/
Drishti sources: https://www.drishtiias.com/daily-news-analysis/phytoplankton-biomass-in-bay-of-bengal
21. राजा राममोहन राय के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- उनमें प्राच्य विश्व के पारम्परिक दार्शनिक सिद्धांतों के प्रति अत्यंत अनुराग और समादर था।
- उनकी कामना थी कि उनके देशवासी तर्कसंगत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा सभी पुरुषों और महिलाओं की मानवीय गरिमा और सामाजिक समता के सिद्धांत को मानें।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- आधुनिक पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव ने भारत में एक नई जागृति को जन्म दिया। पश्चिमी विजय ने भारतीय समाज की कमज़ोरी और पतन को उजागर कर दिया। विचारशील भारतीयों ने अपने समाज के दोषों और उन्हें दूर करने के तरीकों व साधनों की तलाश शुरू कर दी। जहाँ एक बड़ी संख्या में भारतीयों ने पश्चिम के साथ समझौता करने से इनकार कर दिया और पारंपरिक भारतीय विचारों व संस्थाओं में विश्वास रखा, वहीं कुछ ने धीरे-धीरे यह मानना शुरू कर दिया कि आधुनिक पश्चिमी विचार ही उनके समाज के पुनरुत्थान की कुंजी प्रदान करते हैं।
- इस जागरण के केंद्र में राजा राममोहन राय थे, जिन्हें आधुनिक भारत का प्रथम महान नेता माना जाता है। राममोहन राय अपने लोगों और देश के प्रति गहरे प्रेम में विश्वास रखते थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन समाजिक, धार्मिक, बौद्धिक और राजनीतिक पुनरुत्थान के लिये समर्पित कर दिया। उस समय भारतीय समाज जाति और रूढ़ियों के बंधन में जकड़ा हुआ था और इस ठहराव तथा भ्रष्टाचार से वे बहुत दुखी थे।
- राममोहन राय को पूर्व की पारंपरिक दार्शनिक प्रणालियों के प्रति गहरा प्रेम और सम्मान था; लेकिन, साथ ही, उनका मानना था कि पश्चिमी संस्कृति ही भारतीय समाज के पुनर्जनन में सहायता प्रदान करेगी। अतः कथन 1 सही है।
- विशेष रूप से, वह चाहते थे कि उनके देशवासी तर्कसंगत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा सभी पुरुषों और महिलाओं की मानवीय गरिमा और सामाजिक समानता के सिद्धांत को स्वीकार करें। वह देश में आधुनिक पूंजीवाद और उद्योग की शुरूआत भी चाहते थे। अतः कथन 2 सही है।
Source:
- Both statements quoted word-to-word in Bipin Chandra - History of Modern India (Chapter - Social and Cultural Awakening in the First Half of the 19th Century)
- https://www.nios.ac.in/media/documents/SecSocSciCour/English/Lesson-06.pdf
- https://egyankosh.ac.in/bitstream/123456789/20631/1/Unit-4.pdf
- Drishti source: https://www.drishtiias.com/to-the-points/paper4/raja-ram-mohan-roy
22. असहयोग कार्यक्रम के बारे में, निम्नलिखित विषयों पर विचार कीजिए :
- न्यायालयों और विदेशी वस्त्र का बहिष्कार
- अहिंसा का कठोर अनुपालन
- उपाधियों और सम्मानों का, उनका सार्वजनिक उपयोग न करते हुए, प्रतिधारण
- विवादों के निपटारे के लिये पंचायतों की स्थापना
उपर्युक्त में से कितने असहयोग कार्यक्रम के अवयव हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार
उत्तर : (c)
व्याख्या:
- सितंबर 1920 में कलकत्ता में काॅन्ग्रेस का एक विशेष अधिवेशन आयोजित किया गया, जिसमें असहयोग के मुद्दे पर अंतिम रूप से विचार-विमर्श कर निर्णय लिया गया। परिषद में प्रवेश के इच्छुक लोगों द्वारा कुछ विरोध के बावजूद, इसने असहयोग को अपनी सहमति दे दी। दिसंबर 1920 में नागपुर में आयोजित काॅन्ग्रेस के नियमित अधिवेशन के समय तक, असहयोग आंदोलन के कार्यक्रम को बिना किसी विरोध के स्वीकार कर लिया गया था।
- इसमें सरकारी उपाधियों, सम्मान और मानद पदों का त्याग तथा सरकारी स्कूलों व कॉलेजों, विधिक न्यायालयों एवं विदेशी वस्त्र का बहिष्कार शामिल था। अतः विकल्प 1 सही है किंतु विकल्प 3 सही नहीं है।
- इसमें सरकारी सेवा से इस्तीफा देने और सरकारी करों का भुगतान न करने को भी शामिल किया गया।
- इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय विद्यालय और कॉलेज स्थापित करने, विवादों के निपटारे के लिये पंचायतों की स्थापना और उन्हें सुदृढ़ करने, हथकरघा और बुनाई को बढ़ावा देने, अस्पृश्यता की निंदा एवं त्याग, सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने तथा अहिंसा का कठोर अनुपालन करने का निर्णय लिया गया। अतः विकल्प 2 और विकल्प 4 सही हैं।
- इस प्रकार, पहली बार काॅन्ग्रेस द्वारा खुले तौर पर जन-आंदोलन का संविधान-विरुद्ध कार्यक्रम शुरू किया गया।
- अतः दिये गए विकल्पों में से केवल तीन ही सही हैं।
Source:
- https://egyankosh.ac.in/bitstream/123456789/44306/1/Unit-12.pdf
- Drishti source: https://www.drishtiias.com/to-the-points/paper1/khilafat-and-non-cooperation-movement
23. सिंचाई में काम आने वाला 'अरघट्टा' नामक उपकरण क्या था?
(a) एक घिरनी (पुली) से खींचा जाने वाला चमड़े का बना पानी का थैला
(b) एक बड़ा चक्का, जिसकी अराओं (स्पोक्स) के बाहरी छोरों पर मिट्टी के पात्र बँधे हों
(c) बैलों के द्वारा खींचा जाने वाला मिट्टी का एक अधिक बड़ा पात्र
(d) सीधे हाथों से ही रस्सी द्वारा खींचा जाने वाला बड़ा जल-डोल (वॉटर बकेट)
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- शुष्क क्षेत्रों में जल उपकरणों का निर्माण एक पुण्य कार्य माना जाता था। कूप से जल-निष्कर्षित करने के लिये प्रयोग किये जाने वाले तकनीकी उपकरणों के संबंध में बहुत सारे साक्ष्य उपलब्ध हैं।
- देसिनमाला में अगाती, अनकड्डी और ढेंका जैसे शब्दों का उल्लेख है, जिसका अर्थ है जल-निष्कर्षित करने का एक ऐसा उपकरण जिसमें एक क्षैतिज बीम जिसके एक सिरे पर एक बाल्टी लटकी होती है, एक ऊर्ध्वाधर खंभे पर झूले की भाँति कार्य करती है; यह पारंपरिक ढंग से जल खींचने की एक युक्ति होती थी।
- दक्षिणी राजस्थान, विशेषकर जोधपुर, उदयपुर, बाँसवाड़ा, सांचोर और सिरोही क्षेत्रों से प्राप्त अभिलेखों में सिंचाई के संदर्भ में बार-बार 'अरघट्ट' (अरहट्ट/अरघट्टा) और 'धिमड़ा' या 'धिकु' जैसे उपकरणों का उल्लेख मिलता है।
- सिंचाई उपकरण के रूप में 'घटियंत्र' को प्रायः 'घड़ों की माला' (पॉट-गारलैंड) के रूप में माना जाता है।
- चौदहवीं शताब्दी में जो विशेषता पाई गई, वह 'साकिया' अथवा पारसी पहिये के रूप में जानी जाती है। 'अरघट्ट' नामक जल-यंत्र का प्रचलन सर्वाधिक स्पष्ट रूप से ग्यारहवीं शताब्दी के एक शिलापट्ट से प्रतिपादित होता है, जो राजस्थान के पाली ज़िले के मंदसौर (सतपथी, तिथि अनुपलब्ध)से प्राप्त हुआ है।
- अरघट्ट, जिसे सामान्यतः 'फारसी पहिया' कहा जाता है, उसकी तकनीकी प्रकृति विवाद का विषय रही है। अरघट्ट का मुख्य घटक 'घटियंत्र' अर्थात् मटकों वाला यंत्र था, जिसे सामान्यतः एक पहिये पर स्थापित किया जाता था, किंतु वह पहिये की परिधि से जुड़ा नहीं होता था।
- सिद्धर्षि द्वारा रचित उपमितिभवप्रपञ्चकथा (ईस्वी सन् 906) में इस यंत्र (अरघट्ट) का सबसे विस्तृत विवरण प्राप्त होता है। इस ग्रंथ के अनुसार, अरघट्ट एक ऐसे यंत्र के रूप में वर्णित है जिसका प्रयोग जलाशय से जल खींचने के लिये किया जाता था। ग्रंथ में उस चक्र के 'अरकों' (साँकल के काँटे या स्पोक्स) का उल्लेख मिलता है, जो एक घूर्णनशील उपकरण (रिवॉल्विंग अप्परेटस) का हिस्सा था। हालाँकि, इस विवरण में किसी ऐसे गियरिंग तंत्र का उल्लेख नहीं मिलता जो क्षैतिज घूर्णन गति को ऊर्ध्वाधर घूर्णन गति में परिवर्तित करता हो।
अतः विकल्प (b) सही है।
Sources:
24. प्राचीन भारत में इनमें से किस शासक ने 'मत्तविलास', 'विचित्रचित्त' और 'गुणभरा' उपाधियाँ धारण की थीं?
(a) महेन्द्रवर्मन प्रथम
(b) सिंहविष्णु
(c) नरसिंहवर्मन प्रथम
(d) सिंहवर्मन
उत्तर: (a)
- महेन्द्रवर्मन प्रथम (590-630 ईस्वी) अपने पिता सिंहविष्णु की मृत्यु के बाद शासक बने। उनके अधीन पल्लवों ने एक प्रमुख राजनीतिक शक्ति के रूप में स्थापित किया। वह एक बहुप्रतिभाशाली शासक थे।
- वह अपने साहित्यिक कार्यों और मंदिर निर्माण गतिविधियों के लिये जाने जाते हैं और वह एक कुशल वीणा वादक भी थे। उन्होंने नाटक, चित्रकला, संगीत जैसी कई कलात्मक गतिविधियों को बढ़ावा दिया।
- उन्होंने निम्नलिखित उपाधियाँ ग्रहण कीं:
- मत्तविलास (सुख-विलास में लिप्त),
- चित्रकारपुली (चित्रकारों में बाघ),
- ललितांकुरा (आकर्षक संतान),
- गुणभरा (पुण्यवान),
- चट्टकारी (मंदिर निर्माता),
- विचित्रचित्त (जिज्ञासु)।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source:
25. चीनी तीर्थयात्री फाह्यान ने इनमें से किसके शासनकाल में भारत की यात्रा की थी?
(a) समुद्रगुप्त
(b) चन्द्रगुप्त द्वितीय
(c) कुमारगुप्त प्रथम
(d) स्कंदगुप्त
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- चन्द्रगुप्त द्वितीय (375-414 ई.) जिन्हें चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के नाम से भी जाना जाता है, को कला और साहित्य के संरक्षण के लिये याद किया जाता है।
- उनके दरबार में नौ रत्न (नवरत्न) शामिल थे । महान संस्कृत कवि और नाटककार कालिदास उनमें सर्वाधिक प्रसिद्ध थे।
- चीनी बौद्ध यात्री फाह्यान (404–411 ईस्वी) ने चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में भारत की यात्रा की थी। उन्होंने पाँचवीं शताब्दी ईस्वी में भारत के लोगों के जीवन का विवरण प्रस्तुत किया है।
अतः विकल्प (b) सही है।
Source:
Drishti source:
26. इनमें से किसने शक्तिशाली समुद्रवर्ती राज्य श्रीविजय के विरुद्ध, जिसका शासन मलय प्रायद्वीप, सुमात्रा, जावा और निकटवर्ती द्वीपों पर था, एक सफल सैन्य अभियान का नेतृत्व किया था?
(a) अमोघवर्ष (राष्ट्रकूट)
(b) प्रतापरुद्र (काकतीय)
(c) राजेन्द्र प्रथम (चोल)
(d) विष्णुवर्धन (होयसल)
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- राजराजा चोल प्रथम के पुत्र राजेंद्र चोल प्रथम ने 1025 ई. में श्रीविजय साम्राज्य के विरुद्ध एक सफल और ऐतिहासिक नौसैनिक अभियान का नेतृत्व किया।
- यह अभियान भारतीय इतिहास में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विदेशी सैन्य अभियानों में से एक था।
- चोल नौसेना ने मलय प्रायद्वीप, सुमात्रा और आसपास के क्षेत्रों में कई महत्त्वपूर्ण श्रीविजय बंदरगाहों और शहरों पर आक्रमण किया तथा उन पर अधिकार कर लिया।
- भारतीय महासागर व्यापार में इसका बहुत बड़ा रणनीतिक महत्त्व था। सैन्य संघर्ष जारी रहे और चोलों ने कोलुत्तुंगा (1070 ई.-1122 ई.) के शासन काल तक अपना प्रभुत्व बनाए रखा।
अतः विकल्प (c) सही है।
- Source: 1. Telangana Land and People Vol-I, 2. The Military Campaigns of Rajendra Chola and the Chola-Srivijaya-China Triangle
27. प्राचीन भारत (600-322 ईसा पूर्व) के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
प्रादेशिक क्षेत्र इस क्षेत्र में बहने वाली नदी
- अश्मक : गोदावरी
- कम्बोज : विपास
- III. अवन्ती : महानदी
- कोसल : सरयू
उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- अश्मक, दक्षिण भारत के दक्कन क्षेत्र में स्थित एक महाजनपद था और इस क्षेत्र से होकर गोदावरी नदी बहती थी। अतः युग्म 1 सही सुमेलित है।
- कम्बोज, उत्तर-पश्चिम भारत में स्थित महाजनपद था, जो आज के अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान के आसपास के क्षेत्र में माना जाता है। विपास (ब्यास) नदी पंजाब क्षेत्र में बहती है, न कि कम्बोज क्षेत्र में। अतः युग्म 2 सही सुमेलित नहीं है।
- अवन्ती, पश्चिमी मध्य प्रदेश में स्थित महाजनपद था, जिसकी राजधानी उज्जैन थी। इससे संबंधित प्रमुख नदी चंबल है, जबकि महानदी ओडिशा और छत्तीसगढ़ से होकर बहती है। अतः युग्म 3 सही सुमेलित नहीं है।
- कोसल, वर्तमान के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में स्थित महाजनपद था और इसकी राजधानी श्रावस्ती थी।
इस क्षेत्र से होकर सरयू नदी बहती थी। अतः युग्म 4 सही सुमेलित है।
अतः विकल्प (b) सही है।
Source:
- https://www.drishtiias.com/images/pdf/sr.%20secondary%20history.pdf
- https://www.jstor.org/stable/44148186
28. प्रथम गन्धर्व महाविद्यालय, जो एक संगीत प्रशिक्षण विद्यालय था, विष्णु दिगंबर पलुस्कर द्वारा 1901 में कहाँ स्थापित किया गया था?
(a) दिल्ली
(b) ग्वालियर
(c) उज्जैन
(d) लाहौर
- उत्तर: (d)
- व्याख्या:
- पहला गंधर्व महाविद्यालय पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर द्वारा 5 मई 1901 को लाहौर (जो उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा था और अब पाकिस्तान में है) में स्थापित किया गया था।
- अतः विकल्प (d) सही है।
- Source: 1, 2
29. जैसा कि अशोक के अभिलेखों से ज्ञात होता है, 'प्रादेशिक', 'राजुक' और 'युक्त' किस स्तर पर महत्त्वपूर्ण
अधिकारी थे?
(a) ग्राम-स्तरीय प्रशासन
(b) जिला-स्तरीय प्रशासन
(c) प्रांतीय प्रशासन
(d) केन्द्रीय प्रशासन स्तर
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- अशोककालीन अभिलेखों से संकेत मिलता है कि प्रादेशिक, राजुका और युक्ता ज़िला स्तर पर महत्त्वपूर्ण अधिकारी थे।
- अभिलेख संख्या 3 में उल्लेख है कि ये अधिकारी प्रत्येक पाँच वर्ष में यात्राएँ करते थे, ताकि लोगों को धम्म की शिक्षा दी जा सके और अन्य उद्देश्यों की पूर्ति की जा सके।
- 'युक्ता' शब्द का उल्लेख अर्थशास्त्र में सामान्य अधिकारी के रूप में हुआ है।
- बोंगा र्ड-लेविन का सुझाव है कि अभिलेखों में वर्णित 'राजुकों' की पहचान मेगस्थनीज़ के 'एग्रोनोमोई' से की जा सकती है, जो सम्भवतः भूमि माप और राजस्व निर्धारण से संबंधित थे।
- 'राजुक' शब्द संभवतः 'राज्जु' से आया है, जिसका अर्थ है रस्सी, और यह संकेत भूमि को रस्सियों से नापने की पद्धति की ओर हो सकता है।
- हालाँकि भूमि मापन उनकी मुख्य या प्रारंभिक ज़िम्मेदारी रही होगी, लेकिन अशोक के समय में राजुक उच्च-स्तरीय अधिकारी प्रतीत होते हैं, जो जनकल्याणकारी कार्यों से भी जुड़े हुए थे।
अतः विकल्प (b) सही है।
- Upinder Singh 2nd Edition (ebook page 951)
30. असहयोग आंदोलन के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- काँग्रेस ने घोषणा की कि सभी वैध और शांतिपूर्ण तरीकों से 'स्वराज' प्राप्त करना उसका उद्देश्य है।
- इसे चरणों में कार्यान्वित किया जाना था, जिसमें सविनय अवज्ञा और करों का भुगतान न करना अगले चरण के लिये थे, केवल तब, जब 'स्वराज' एक वर्ष में प्राप्त न होता और सरकार दमन पर उतर आती।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: C
व्याख्या:
- काॅन्ग्रेस की नीति और तरीकों में मूलभूत परिवर्तन वर्ष 1921 में अंगीकृत संविधान के अनुच्छेद 1 में परिलक्षित हुआ: “भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस का उद्देश्य भारत के लोगों द्वारा सभी वैध एवं शांतिपूर्ण तरीकों से स्वराज्य की प्राप्ति है।” दूसरे शब्दों में, ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर स्वशासन अब केवल 'संवैधानिक' साधनों के माध्यम से प्राप्त नहीं किया जा सकता था; असंवैधानिक साधन, बशर्ते वे 'वैध और शांतिपूर्ण' हों, भी प्रयोग किये जा सकते थे। काॅन्ग्रेस के स्वरूप में यह बड़ा बदलाव उस वर्ष हुआ जब मोंटफोर्ड सुधार लागू किये गये (1921) और यह काॅन्ग्रेस की प्रभावी रूप से कार्य करने की क्षमता के लिये एक बुरा संकेत था। अतः कथन 1 सही है।
- गांधीजी ने प्रस्ताव दिया कि आंदोलन को चरणों में आगे बढ़ाया जाना चाहिये। इसकी शुरुआत सरकार द्वारा दी गई उपाधियों के त्याग तथा सिविल सेवाओं, सेना, पुलिस, न्यायालयों एवं विधान परिषदों, स्कूलों और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार से होनी चाहिये। फिर, अगर सरकार दमन का इस्तेमाल करती है, तो एक पूर्ण सविनय अवज्ञा अभियान शुरू किया जाएगा। वर्ष 1920 की गर्मियों में महात्मा गांधी और शौकत अली ने व्यापक रूप से दौरा किया तथा आंदोलन के लिये लोकप्रिय समर्थन जुटाया। अतः कथन 2 सही है।
- Source: BL Grover (P.400) , NCERT
31. निवेश के संदर्भ में, निम्नलिखित पर विचार कीजिए :
- बॉन्ड
- प्रतिरक्षा निधियाँ (हेज फंड्स)
- III. स्टॉक
- जोखिम पूँजी
उपर्युक्त में से कितनों को वैकल्पिक निवेश निधि माना जाता है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- वैकल्पिक निवेश निधि (Alternative Investment Funds - AIFs) ऐसे वित्तीय साधन होते हैं जो पारंपरिक निवेश श्रेणियों (जैसे कि शेयर, बॉन्ड या नकद) में नहीं आते हैं।
- इसके उदाहरण में हेज फंड्स, वेंचर कैपिटल, प्राइवेट इक्विटी, रियल एस्टेट और कमोडिटीज़ आदि शामिल हैं।
- भारत में, वेंचर कैपिटल फंड्स और हेज फंड्स दोनों को वैकल्पिक निवेश निधि (AIFs) के रूप में वर्गीकृत (जैसा कि SEBI के आनुकल्पिक विनिधान (निवेश) निधि विनियम, 2012 के तहत परिभाषित है) किया गया है।
- अतः विकल्प (b) सही है।
- बॉन्ड्स पारंपरिक निवेश साधन होते हैं और इन्हें स्थिर आय प्रतिभूति (Fixed-Income Securities) की श्रेणी में रखा जाता है, जो अलग-अलग नियामकीय ढाँचे के अंतर्गत आते हैं।
-
स्टॉक, पारंपरिक इक्विटी निवेश के उदाहरण हैं।
Source:
- Drishti IAS Link: Ubharte Sitaare Alternative Investment Fund
- Other Authentic and Standard Sources:
- What Are Alternative Investments? Definition and Examples
32. निम्नलिखित में कौन-कौन से, भारतीय रिज़र्व बैंक की आय के स्रोत हैं?
- सरकारी बॉन्डों का क्रय और विक्रय
- विदेशी मुद्रा का क्रय और विक्रय
- पेंशन निधि प्रबंधन
- निजी कंपनियों को ऋण देना
- करेंसी नोटों का मुद्रण और वितरण
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल I और II
(b) II, III और IV
(c) I, III, IV और V
(d) I, II और V
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) भारत का केंद्रीय बैंक है, जिसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अंतर्गत की गई थी। यह देश की सर्वोच्च मौद्रिक (monetary) प्राधिकरण, बैंकिंग प्रणाली का नियामक और मुद्रा जारी करने वाला निकाय है। RBI का कार्य एक व्यावसायिक बैंक की तरह नहीं होता; इसकी आय मुख्यतः इसके नियामक एवं मौद्रिक कार्यों से होती है। इसके प्रमुख स्रोतों में शामिल हैं:
- सरकारी बॉन्डों की क्रय और विक्रय : RBI ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) की खरीद और बिक्री करता है।
- यह अपने पोर्टफोलियो में रखे गये सरकारी बॉन्डों से ब्याज से प्राप्त आय (interest income) अर्जित करता है, जो इसके आय के मुख्य स्रोतों में से एक है।
- विदेशी मुद्रा की क्रय और बिक्री: RBI विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव से लाभ कमाता है और विदेशी परिसंपत्तियों पर ब्याज से प्राप्त आय भी अर्जित करता है।
- करेंसी नोटों के मुद्रण और वितरण से होने वाली आय: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को मुद्रा छापने और वितरित करने से जो आय होती है, वह मुख्यतः "सीनियोरेज" (Seigniorage) नामक प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त होती है।
- सीनियोरेज वह लाभ है जो किसी केंद्रीय बैंक को इसलिये प्राप्त होता है क्योंकि वह जिन मुद्रा नोटों को जारी करता है, उनकी फेस वैल्यू (Face Value) उनके उत्पादन और वितरण लागत की तुलना में कहीं अधिक होती है।
- उदाहरण के लिये, यदि RBI को ₹100 के नोट को छापने में ₹3 का खर्च आता है, तो प्रत्येक नोट पर उसे ₹97 का सीनियोरेज लाभ होता है।
RBI इन नोटों को वाणिज्यिक बैंकों को फेस वैल्यू पर बेचता है और इस मूल्य तथा उत्पादन लागत के बीच का अंतर केंद्रीय बैंक के लिये एक महत्त्वपूर्ण राजस्व स्रोत होता है।
- सरकारी बॉन्डों की क्रय और विक्रय : RBI ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) की खरीद और बिक्री करता है।
- पेंशन निधि का प्रबंधन (कथन III) और निज़ी कंपनियों को ऋण देना (कथन IV) – ये दोनों RBI की आय के स्रोत नहीं हैं। अतः केवल I, II और V सही हैं।
अतः विकल्प (d) सही है।
Source:
- Drishti IAS Link: RBI Surplus Transfer to Government
- Other Authentic and Standard Sources:
- Reserve Bank of India - Annual Report
- https://timesofindia.indiatimes.com/business/india-business/how-rbi-earns-profit-decides-dividend-explained/articleshow/121371477.cms
- Where does the RBI’s surplus come from? | Explained - The Hindu
33. भारत सरकार के संदर्भ में, निम्नलिखित सूचना पर विचार कीजिए :
संगठन |
इस संगठन के कुछ कार्य |
यह संगठन किसके अधीन कार्य करता है |
|
I. |
प्रवर्तन निदेशालय |
भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 का प्रवर्तन |
आंतरिक सुरक्षा प्रभाग-I, गृह मंत्रालय |
II. |
राजस्व आसूचना निदेशालय |
सीमा-शुल्क अधिनियम, 1962 के उपबंधों को प्रवर्तित करना |
राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय |
III. |
प्रणाली एवं आँकड़ा (सिस्टम्स ऐंड डेटा) प्रबंधन महानिदेशालय |
बेहतर नीति और कर-वंचकों को पकड़ने में कर अधिकारियों की सहायता के लिये वृहत् आँकड़ा (डेटा) विश्लेषण का उपयोग करना |
राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय |
उपर्युक्त में से कितनी पंक्तियों में सूचना सही सुमेलित है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) किसी में नहीं
उत्तर: (b)
व्याख्या:
I.प्रवर्तन निदेशालय
- कार्य: भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (Fugitive Economic Offenders Act, 2018) का प्रवर्तन – सही है।
- कार्यात्मक नियंत्रण: आंतरिक सुरक्षा प्रभाग-I, गृह मंत्रालय – सही नहीं है।
- प्रवर्तन निदेशालय (ED), गृह मंत्रालय के अंतर्गत नहीं, बल्कि राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (FEOA): हाल के वर्षों में ऐसे आर्थिक अपराधियों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो विदेशों में जाकर शरण ले लेते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिये भारत सरकार ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 लागू किया और इसके प्रवर्तन की ज़िम्मेदारी ED को सौंपी गयी।
- अतः युग्म I सही सुमेलित नहीं है।
II. राजस्व आसूचना निदेशालय
- कार्य: सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 (Customs Act, 1962) के प्रावधानों का प्रवर्तन करता है – सही है।
- कार्यात्मक नियंत्रण: राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय – सही है।
- II. DRI, सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के साथ-साथ आयुध अधिनियम (Arms Act), स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (NDPS Act), विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी - निवारण अधिनियम (COFEPOSA), वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Act), पुरावशेष अधिनियम (Antiquities Act) सहित पचास से अधिक संबंधित अधिनियमों का भी प्रवर्तन करता है।
- अतः युग्म II सही सुमेलित है।
III. प्रणाली एवं आँकड़ा (सिस्टम्स ऐंड डेटा) प्रबंधन महानिदेशालय
- कार्य: कर अधिकारियों को बेहतर नीति निर्धारण में सहायता देने और कर की चोरी करने वालों को पकड़ने के लिये बिग डेटा एनालिसिस (Big Data Analytics) करना – सही है।
- कार्यात्मक नियंत्रण: राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय
- अतः युग्म III सही सुमेलित है।
Source:
- Drishti IAS Link: Directorate of Enforcement (ED)
- Other Authentic and Standard Sources:
34. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- भारतीय रिज़र्व बैंक भारत में सभी सूचीबद्ध कंपनियों को व्यावसायिक उत्तरदायित्व और स्थिरता रिपोर्ट [बिजनेस रिस्पॉन्सिबिलिटी ऐंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट (BRSR)] प्रस्तुत करने का अधिदेश करता है।
- भारत में, व्यावसायिक उत्तरदायित्व और स्थिरता रिपोर्ट (BRSR) प्रस्तुत करने वाली कोई कंपनी, इस रिपोर्ट में उनका प्रकटन करती है जो मुख्यतः गैर-वित्तीय स्वरूप के हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- व्यावसायिक उत्तरदायित्व और स्थिरता रिपोर्ट (BRSR) की प्रस्तुति को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा अनिवार्य नहीं किया गया है। इसके विपरीत, इसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा नियत किया गया है और वह भी केवल शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों के लिये जो बाज़ार पूंजीकरण के आधार पर निर्धारित की जाती हैं, न कि सभी सूचीबद्ध कंपनियों के लिये। अतः कथन (1) तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है।
- BRSR के तहत कंपनियों को पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) कारकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए गैर-वित्तीय प्रकृति के खुलासे करने की आवश्यकता होती है।
अतः विकल्प (b) सही है।
Source:
- Drishti IAS Link:
- Other Authentic and Standard Sources:
35. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
कथन I :
भारत में, ग्रामीण क्षेत्रों में कुक्कुट-पालन और ऊन उत्पादन जैसे संवर्गी कृषि कार्यकलाप से प्राप्त आय को किसी भी कर से छूट प्राप्त है।
कथन II :
भारत में, आयकर अधिनियम, 1961 के उपबंधों के अधीन, ग्रामीण कृषि भूमि को पूँजीगत परिसंपत्ति नहीं माना जाता है।
उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन II, कथन I की व्याख्या करता है
(b) कथन I और कथन II दोनों सही हैं किन्तु कथन II, कथन I की व्याख्या नहीं करता है
(c) कथन I सही है किन्तु कथन II सही नहीं है
(d) कथन I सही नहीं है किन्तु कथन II सही है
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- आयकर अधिनियम के अनुसार, केवल वही आय कर-मुक्त मानी जाती है जो प्रत्यक्ष तौर पर कृषि गतिविधियों (जैसे कि फसल कृषि) से प्राप्त होती है।
- जो आय पोल्ट्री फार्मिंग, डेयरी, ऊन पालन जैसे संवर्गी कृषि कार्यकलाप से होती है, उसे कृषि आय नहीं माना जाता है और इस पर कर (Tax) लगाया जाता है। अतः कथन I सही नहीं है।
- आयकर अधिनियम की धारा 2(14) के अनुसार, ग्रामीण कृषि भूमि (Rural Agricultural Land) को पूँजीगत परिसंपत्ति (Capital Asset) नहीं माना जाता है। इसलिये यदि ऐसी भूमि को बेचा जाता है, तो उस पर होने वाला लाभ, पूँजीगत लाभ कर के दायरे में नहीं आता है। अतः कथन II सही है।
- अतः विकल्प (d) सही है।
Source:
Drishti IAS Link:
- Other Authentic and Standard Sources:
- What is agriculture income, different types of Agriculture Income? - The Economic Times
-
https://cleartax.in/s/capital-gains-tax-savings-on-sale-of-agricultural-land
36. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- भारत, खनिज सुरक्षा भागीदारी में एक सदस्य के रूप में सम्मिलित हो गया है।
- भारत अपने द्वारा चिह्नित सभी 30 अति आवश्यक खनिजों में साधन-संपन्न है।
- संसद ने 2023 में खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन कर कतिपय अति आवश्यक खनिजों के लिये खनन पट्टा और संयुक्त (कम्पोजिट) लाइसेंस नीलामी से देने हेतु केन्द्रीय सरकार को अनन्य रूप से सशक्त किया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- भारत जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका के नेतृत्व वाली खनिज सुरक्षा साझेदारी (MSP) में शामिल हुआ।
- MSP में 14 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं, जो वैश्विक अति आवश्यक खनिज आपूर्ति शृंखलाओं को सुरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। अतः कथन 1 सही है।
- यद्यपि भारत ने 30 क्रिटिकल मिनरल्स (जैसे: लिथियम, कोबाल्ट, निकल, ग्रेफाइट) को चिह्नित किया है, फिर भी यह उन सभी में आत्मनिर्भर नहीं है।
- उदाहरण के लिये भारत लिथियम, कोबाल्ट, निकेल और स्वच्छ ऊर्जा एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के लिये महत्त्वपूर्ण अन्य खनिजों के लिये पूरी तरह से आयात पर निर्भर है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
- MMDR संशोधन अधिनियम, 2023 केंद्र सरकार को 24 क्रिटिकल मिनरल्स के लिये खनन पट्टे और संयुक्त लाइसेंस के लिये विशेष रूप से नीलामी आयोजित करने का अधिकार देता है।
- इस संशोधन का उद्देश्य गहन और क्रिटिकल मिनरल्स में निजी एवं विदेशी निवेश को शामिल करके अन्वेषण में तीव्रता लाना तथा आयात निर्भरता को कम करना है।
अतः विकल्प (c) सही है।
Source:
- Drishti IAS Link:
- Other Authentic and Standard Sources:
37. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
कथन I :
जहाँ तक किसी कम्पनी में निवेश से प्राप्त प्रतिफलों का संबंध है, आमतौर पर यह माना जाता है कि स्टॉक-धारकों की तुलना में बॉन्ड-धारकों को अपेक्षाकृत कम जोखिम रहता है।
कथन II :
बॉन्ड-धारक किसी कम्पनी के ऋणदाता होते हैं, जबकि स्टॉक-धारक उसके स्वामी होते हैं।
कथन III :
पुनर्भुगतान के प्रयोजन के लिये, किसी कम्पनी द्वारा बॉन्ड-धारकों को स्टॉक-धारकों की अपेक्षा प्राथमिकता दी जाती है।
उपर्युक्त कथनों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन II और कथन III दोनों सही हैं तथा वे दोनों कथन I की व्याख्या करते हैं
(b) कथन I और कथन II दोनों सही हैं और कथन I, कथन II की व्याख्या करता है
(c) कथन II और कथन III में से केवल एक सही है तथा वह कथन I की व्याख्या करता है
(d) न तो कथन II और न ही कथन III सही है
उत्तर: (a)
व्याख्या
- बॉन्ड-धारकों (Bondholders) को स्टॉक-धारकों (Stockholders) की तुलना में कम जोखिम होता है, क्योंकि उन्हें एक निश्चित ब्याज प्राप्त होता है और उन्हें पुनर्भुगतान में प्राथमिकता दी जाती है। स्टॉक-धारकों की आय कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर होने के साथ परिवर्ती होती है।
- अतः कथन 1 सही है।
- बॉन्ड-धारक कंपनी को उधार देते हैं, इसलिये वे कंपनी के ऋणदाता (Creditors) होते हैं वहीं शेयरधारक कंपनी के हिस्सेदार होते हैं क्योंकि वे कंपनी के शेयर खरीदते हैं।
- अतः कथन 2 सही है।
- अगर कंपनी को बंद करना पड़े या वह दिवालिया हो जाए, तो सबसे पहले बॉन्ड-धारकों को पुनर्भुगतान किया जाता है, उसके बाद ही शेयरधारकों को कोई राशि मिलती है। पुनर्भुगतान में इस प्राथमिकता से बॉन्ड-धारकों के लिये जोखिम और भी कम हो जाता है।
- अतः कथन 3 सही है।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source:
- Drishti IAS Link:
- Other Authentic and Standard Sources:
38. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- वैश्विक स्तर पर किये गए सभी इक्किटी विकल्प संविदाओं के कारोबार में भारत का अत्यधिक वृहद् अंश होता है, इस प्रकार भारत सहसा अतिवृद्धि को दर्शाता है।
- हाल के विगत समय में भारत का स्टॉक बाज़ार तेजी से बढ़ा है, यहाँ तक कि उसने एक समय इसमें हांगकांग को भी पीछे छोड़ दिया।
- छोटे निवेशकों को या तो विकल्प व्यापार जोखिमों की चेतावनी देने या इस विषय में अपंजीकृत वित्तीय सलाहकारों पर कार्रवाई करने के लिये कोई नियामक निकाय नहीं है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- भारत विश्व का सबसे बड़ा इक्विटी ऑप्शन मार्केट बन गया है, जहाँ 2023 और 2024 की पहली तिमाही में वैश्विक स्तर पर ट्रेड किये गए सभी इक्विटी ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स में 84% से अधिक हिस्सा भारत का रहा।
- यह एक तीव्र वृद्धि को दर्शाता है, इसे आमतौर पर ऑप्शन ट्रेडिंग में “बूम" के रूप में वर्णित किया जा रहा है।
- अतः कथन 1 सही है।
- जनवरी 2024 में, भारत का स्टॉक मार्केट कैपिटलाइजेशन (market capitalization) हांगकांग से आगे निकल गया, जिससे भारत विश्व का चौथा सबसे बड़ा इक्विटी मार्केट बन गया।
- अतः कथन 2 भी सही है।
- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) – भारत की एक सक्रिय विनियामक संस्था है। SEBI नियमित रूप से निवेशकों को ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों के प्रति चेतावनी देता है, हाल ही में इसने गैर-पंजीकृत वित्तीय सलाहकारों पर अंकुश लगाने और रिटेल निवेशकों की सुरक्षा हेतु नए नियम लागू किये हैं।
- SEBI के नियामकीय उपायों में शामिल हैं: ऑप्शन ट्रेडिंग के लिये कड़े नियम, निवेशक शिक्षा पहल, गैर-पंजीकृत सलाहकारों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई।
- अतः कथन III सही नहीं है।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source:
Drishti IAS Link:
- Other Authentic and Standard Sources:
- Equity options boom: Retail frenzy a growing concern as “sachetisation” of option plans draws in younger investors from small towns
-
Sebi plans to introduce some changes to address option trading risks: Report - The Times of India
-
India overtakes Hong Kong as world’s fourth-largest stock market - Times of India
39. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
कथन I :
चक्रीय अर्थव्यवस्था ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करती है।
कथन II :
चक्रीय अर्थव्यवस्था आगत के रूप में कच्चे माल के प्रयोग को कम करती है।
कथन III :
चक्रीय अर्थव्यवस्था उत्पादन प्रक्रिया में अपव्यय को कम करती है।
उपर्युक्त कथनों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन II और कथन III दोनों सही हैं तथा वे दोनों कथन I की व्याख्या करते हैं
(b) कथन II और कथन III दोनों सही हैं किन्तु उनमें से केवल एक, कथन I की व्याख्या करता है
(c) कथन II और कथन III में से केवल एक सही है तथा वह कथन I की व्याख्या करता है
(d) न तो कथन II और न ही कथन III सही है
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- चक्रीय अर्थव्यवस्था ऊर्जा-गहन निष्कर्षण और परिशुद्ध सामग्री के उत्पादन पर निर्भरता को कम करके ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG) को कम करती है।
- उदाहरणस्वरूप, पुनः उपयोग किये गए संसाधनों के माध्यम से विनिर्माण करने पर, मूल (प्राकृतिक) संसाधनों की अपेक्षा 20 से 90 प्रतिशत तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आ सकती है।
- अतः कथन 1 सही है।
- चक्रीय अर्थव्यवस्था का एक मुख्य सिद्धांत पुनः उपयोग, मरम्मत और पुनर्चक्रण के माध्यम से संसाधनों को उपयोग में लाकर अपशिष्ट एवं प्रदूषण का शमन करना है। इससे खनिजों, धातुओं और जीवाश्म ईंधन जैसे परिशुद्ध कच्चे माल की मांग कम हो जाती है।
- अतः कथन 2 सही है।
- चक्रीय अर्थव्यवस्था स्थायित्व, मरम्मत और पुनर्चक्रण को प्राथमिकता देकर अपशिष्ट का विवेकपूर्ण पुनः उपयोग करती है।
- उदाहरणस्वरूप, उत्पादों का परित्याग करने के स्थान पर उनका पुनर्निर्माण (refurbishment) करने से सामग्री की हानि को रोका जा सकता है।
- सामग्री चक्रों को बंद करके उत्पादन की प्रत्येक अवस्था में अपशिष्ट सृजन को न्यूनतम किया जा सकता है।
- अतः कथन 3 सही है।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source:
Drishti IAS Link:
- Other Authentic and Standard Sources:
40. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- पूँजीगत प्राप्तियाँ देयता का सृजन करती हैं या सरकार की परिसंपत्तियों में कमी लाती हैं।
- उधार-ग्रहण और विनिवेश पूँजीगत प्राप्तियाँ हैं।
- ऋणों पर प्राप्त ब्याज सरकार की देयता का सृजन करता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (a)
व्याख्या
- पूँजीगत प्राप्तियाँ ऐसी प्राप्तियाँ होती हैं जिनसे या तो सरकार की देयता बढ़ती है (जैसे — ऋण लेना) या फिर सरकार की संपत्ति में कमी आती है (जैसे — विनिवेश)।
- उदाहरण: ऋण लेने से सरकार की देयताओं में वृद्धि होती है, जबकि सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) में से शेयरों की बिक्री से संपत्ति में कमी आती है।
- अतः कथन 1 सही है।
- उधार (जैसे- ऋण, बॉण्ड) से देयता का सृजन होता है, जिससे इन्हें पूँजीगत प्राप्तियों की श्रेणी में रखा जाता है।
- विनिवेश (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में शेयरों की बिक्री) से परिसंपत्तियों में कमी आती है तथा इसे भी पूँजीगत प्राप्तियों की श्रेणी में रखा जाता है।
- अतः कथन 2 सही है।
- सरकार द्वारा दिये गए ऋण पर प्राप्त ब्याज, राजस्व प्राप्ति है, पूँजीगत प्राप्ति नहीं। इससे किसी देयता का सृजन नहीं होता है, बल्कि यह सरकार के लिये आय है।
- उदाहरण: राज्यों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को दिये गए ऋणों पर प्राप्त ब्याज आवर्ती आय है और इसे गैर-कर राजस्व के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है।
- अतः कथन 3 सही नहीं है।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source:
Drishti IAS Link: Government Budgeting
- Other Authentic and Standard Sources: CAG Report
41. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिए:
- ऑस्ट्रिया
- बुल्गारिया
- क्रोएशिया
- सर्बिया
- स्वीडेन
- उत्तरी मेसिडोनिया
उपर्युक्त में से कितने उत्तरी अटलांटिक संधि-संगठन के सदस्य देश हैं?
(a) केवल तीन
(b) केवल चार
(c) केवल पाँच
(d) सभी छः
उत्तर: B
व्याख्या:
- उत्तरी अटलांटिक संधि-संगठन (NATO):
- यह एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है जिसकी स्थापना वर्ष 1949 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य था — किसी भी संभावित आक्रमण (विशेषकर शीत युद्ध के दौर में सोवियत संघ से उत्पन्न खतरे) के खिलाफ सामूहिक रक्षा सुनिश्चित करना।
- समय के साथ, NATO द्वारा अपने मूल दायरे से आगे बढ़ते हुए विभिन्न वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के क्रम में स्वयं को विकसित और विस्तृत किया है।
- NATO के सदस्य देश:
- NATO के मूल 12 संस्थापक सदस्य थे- बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका।
- स्थापना के बाद से NATO का कई चरणों में विस्तार हुआ है और वर्तमान में इसमें कुल 32 सदस्य देश हैं।
- बुल्गारिया, क्रोएशिया, स्वीडन और नॉर्थ मैसेडोनिया — ये सभी NATO के सदस्य देश हैं।
- ऑस्ट्रिया और सर्बिया — NATO के सदस्य नहीं हैं लेकिन ये दोनों देश सैन्य तटस्थता बनाए रखते हैं।
- स्वीडन ने वर्ष 2024 में NATO की सदस्यता प्राप्त की।
- इस प्रकार, दिए गए देशों में से चार देश NATO के सदस्य हैं।
- अतः विकल्प (B) सही उत्तर है।
Drishti source:
Other Sources Link:
- https://www.nato.int/cps/en/natohq/topics_52044.htm
- https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-editorials/nato-75th-anniversary
42. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिए :
- बोलीविया
- ब्राज़ील
- कोलंबिया
- इक्वाडोर
- पराग्वे
- वेनेजुएला
एन्डीज़ पर्वत-शृंखला उपर्युक्त देशों में कितनों में से होकर गुजरती है?
(a) केवल दो
(b) केवल तीन
(c) केवल चार
(d) केवल पाँच
उत्तर: C
व्याख्या:
- एन्डीज़:
- एन्डीज़ पर्वत-शृंखला विश्व की सबसे लंबी पर्वत-शृंखला है, जो दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी किनारे के समानांतर लगभग 7,000 किलोमीटर (4,350 मील) तक विस्तारित है।
- इसकी औसत ऊँचाई 8,900 किलोमीटर है।
- एन्डीज़ पर्वत-शृंखला दक्षिण अमेरिका के सात देशों से होकर गुजरती है- अर्जेंटीना, बोलिविया, चिली, कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू और वेनेजुएला।
- यह क्षेत्र न केवल विश्व की सबसे ऊँची चोटियों में से कुछ का स्थल है, बल्कि यह सक्रिय ज्वालामुखी, प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष और अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र से भी संबंधित है।
अतः विकल्प (C) सही है।
Drishti Source:
Other Sources Link:
43. निम्नलिखित जलाशयों पर विचार कीजिए :
- तांगान्यीका झील
- टोनले सैप झील
- पाटोस लैगून
भूमध्यरेखा इनमें कितनों में से होकर गुजरती है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: D
व्याख्या:
- तांगान्यीका झील: यह झील अफ्रीका में स्थित है। इसका उत्तरी भाग भूमध्य रेखा के बहुत नज़दीक है, लेकिन यह रेखा झील को पार नहीं करती।
- टोनले सैप झील: यह कंबोडिया में स्थित है और भूमध्य रेखा से काफी उत्तर में है।
- तेरह देश — इक्वाडोर, कोलंबिया, ब्राज़ील, साओ टोमे और प्रिंसिपे, गैबॉन, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, युगांडा, केन्या, सोमालिया, मालदीव, इंडोनेशिया और किरिबाती — ऐसे हैं जिनसे भूमध्य रेखा गुज़रती है।
- चूँकि भूमध्य रेखा कंबोडिया से नहीं गुज़रती, अतः टोनले सैप झील से भी नहीं गुज़रती।
- पाटोस लैगून: यह झील दक्षिण ब्राज़ील में स्थित है और भूमध्य रेखा से काफी दक्षिण, यहाँ तक कि मकर रेखा से भी नीचे है।
- इस प्रकार इनमें से किसी भी झील से भूमध्य रेखा नहीं गुज़रती, हालाँकि तांगान्यीका झील इसके बहुत निकट स्थित है।
अतः विकल्प (d) सही है।
Other Authentic Sources Link:
- https://www.britannica.com/place/Lake-Tanganyika
- https://www.britannica.com/place/Tonle-Sap
- https://www.britannica.com/place/Patos-Lagoon
44. वर्ष 2022-23 के दौरान हल्दी के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है।
- भारत में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं।
- भारत में महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु प्रमुख हल्दी-उत्पादक राज्य हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- हल्दी:
- यह करकुमा लोंगा (Curcuma longa) नामक पादप का भूमिगत तना है, जो जिंजर कुल (Zingiberaceae) का हिस्सा है।
- इसमें पाए जाने वाले सक्रिय यौगिक कर्क्यूमिन के कारण इसका रंग पीला होता है और यह अपने सूजनरोधी, एंटीऑक्सीडेंट तथा रोगाणुरोधी गुणों के लिये जाना जाता है।
- खेती: भारत में 20 से अधिक राज्यों में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं, जिनमें से अधिकांश उत्पादन महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में होता है। अतः कथन 2 और कथन 3 सही हैं।
- जीआई टैग: लाकाडोंग हल्दी (मेघालय), कंधमाल हल्दी (ओडिशा), इरोड हल्दी (तमिलनाडु), आर्मूर हल्दी (निज़ामाबाद, तेलंगाना) को जीआई टैग मिला है।
- जीआई टैग एक लेबल है जो किसी विशिष्ट क्षेत्र से जुड़े उत्पाद को दिया जाता है, जिसमें उस क्षेत्र के विशिष्ट गुण या विशेषताएँ होती हैं।
- वैश्विक स्थिति: भारत विश्व स्तर पर हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है।
- वर्ष 2022-23 में, भारत ने विश्व की 75% से अधिक हल्दी का उत्पादन किया और वैश्विक निर्यात बाज़ार का 62% हिस्सा अपने पास रखा। अतः कथन 1 सही है।
- निर्यात प्रदर्शन: वर्ष 2022-23 में, भारत ने 207.45 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य की 1,53,400 टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का निर्यात किया।
- प्रमुख निर्यात बाज़ारों में बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और मलेशिया शामिल हैं।
अतः विकल्प (d) सही है।
Drishti source:
https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/national-turmeric-board
Other Sources Link:
- https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1964083
- https://icrier.org/pdf/Making-India-the-Global-Hub-for-Turmeric.pdf
45. निम्नलिखित में से कौन-से महाद्वीपीय विस्थापन की घटना के साक्ष्य हैं?
- ब्राज़ील तट की प्राचीन शैलों की मेखला, पश्चिमी अफ्रीका तट की प्राचीन शैलों की मेखला से मिलती है।
- घाना के स्वर्ण-निक्षेप ब्राज़ील पठार से व्युत्पन्न होते हैं, जब ये दोनों महाद्वीप अगल-बगल अवस्थित होते हैं।
- यह ज्ञात है कि भारत के गोंडवाना अवसाद तंत्र के प्रतिरूप दक्षिणी गोलार्ध के छः विभिन्न भूखंडों में मिलते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल I और III
(b) केवल I और II
(c) I, II और III
(d) केवल II और III
उत्तर: C
व्याख्या:
- महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत:
- यह सिद्धांत महासागरों और महाद्वीपों के वितरण से संबंधित है। इसे सर्वप्रथम जर्मन मौसम विज्ञानी अल्फ्रेड वेगनर ने 1912 में प्रस्तावित किया था।
- इस सिद्धांत के अनुसार, सभी महाद्वीप कभी एक ही विशाल भूखंड 'पैंजिया (Pangea)' का हिस्सा थे, जिसे 'पैंथालासा (Panthalassa)' नामक एक विशाल महासागर चारों ओर से घेरे हुए था।
- लगभग 200 मिलियन वर्ष पूर्व, पैंजिया (Pangaea) विभाजित होना प्रारंभ हुआ और दो बड़े महाद्वीपीय भूखंडों - लॉरेशिया (Laurasia) एवं गोंडवानालैंड (Gondwanaland) में टूट गया, जो क्रमशः उत्तरी और दक्षिणी भाग के रूप में निर्मित हुए।
- इसके बाद, लॉरेशिया और गोंडवानालैंड भी क्रमशः विघटित होते गये और वर्तमान महाद्वीपों का निर्माण हुआ।
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत के प्रमाण:
- महाद्वीपों की आकृति में समानता (जिग-सॉ-फिट): अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के आमने-सामने वाले तटों की रूपरेखा आश्चर्यजनक रूप से मेल खाती है, जिससे यह प्रतीत होता है कि ये महाद्वीप कभी जुड़े हुए थे। अतः कथन 1 सही है।
- सागरों के पार समान आयु की चट्टानें: रेडियोमेट्रिक डेटिंग विधियों के माध्यम से विभिन्न महाद्वीपों में चट्टान निर्माण की आयु का मिलान किया गया है। ब्राज़ील के तट पर पाए जाने वाले प्राचीन चट्टानी बेल्ट पश्चिमी अफ्रीका में पाए जाने वाले चट्टानों से मेल खाते हैं। अतः कथन 2 सही है।
- टिलाइट (Tillite): गोंडवाना स्तर की तलछटी चट्टानों में पाए जाने वाले हिमानी टिलाइट की समानता दक्षिणी गोलार्द्ध के छह विभिन्न भू-भागों में पाई जाती है। इसके समान ही अफ्रीका, फॉकलैंड द्वीप, मेडागास्कर, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत में भी पाए गए हैं। अतः कथन 3 भी सही है।
- प्लेसर निक्षेप (Placer Deposits): घाना के तट पर पाए जाने वाले सोने के प्लेसर निक्षेपों के पास कोई स्रोत चट्टान नहीं है। माना जाता है कि ये निक्षेप ब्राज़ील पठार से आए थे, जब दोनों महाद्वीप एक-दूसरे के निकट स्थित थे। इससे कथन 2 और पुष्ट होता है।
- जीवाश्मों का वितरण: समान प्रकार के स्थल या मीठे जल में रहने वाले पौधे और जानवरों के जीवाश्म समुद्री बाधाओं के दोनों ओर पाए गए हैं। उदाहरण के लिये, मेसोसॉरस (Mesosaurus) नामक एक मीठे जल में रहने वाला सरीसृप, केवल दक्षिणी अफ्रीका और पूर्वी दक्षिण अमेरिका में पाया गया है।
निष्कर्षतः तीनों कथन सही हैं।
अतः विकल्प (c) सही है।
Sources:
- NCERT Class 11 - Geography Part 1
- Drishti source: https://www.drishtiias.com/mains-practice-question/question-53
46. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
कथन I :
वायुमंडल में विद्यमान धूल कणों की मात्रा, विषुवतीय और ध्रुवीय क्षेत्रों की अपेक्षा, उपोष्ण और शीतोष्ण क्षेत्रों में अधिक है।
कथन II :
उपोष्ण और शीतोष्ण क्षेत्रों में कम शुष्क पवन चलती है।
उपर्युक्त कथनों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन II, कथन I की व्याख्या करता है
(b) कथन I और कथन II दोनों सही हैं किन्तु कथन II, कथन I की व्याख्या नहीं करता है
(c) कथन I सही है किन्तु कथन II सही नहीं है
(d) कथन I सही नहीं है किन्तु कथन II सही है
उत्तर: C
व्याख्या:
- वायुमंडल में इतनी क्षमता होती है कि वह छोटे ठोस कणों को वहन कर सके। ये कण विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न होते हैं, जैसे: समुद्री लवण, महीन धुल, धुआँ-कालिख (smoke-soot), राख, परागकण, धूल और गिरते उल्कापिंडों के टूटे हुए कण।
- धूलकण सामान्यतः वायुमंडल की निचली परतों में अधिक पाए जाते हैं, लेकिन संवहनीय वायु धाराएँ इन्हें काफी ऊँचाई तक भी ले जा सकती हैं।
- उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों में शुष्क पवनों के कारण धूलकणों की मात्रा अधिक होती है,
जबकि भूमध्यरेखीय और ध्रुवीय क्षेत्रों में यह मात्रा कम पाई जाती है। अतः कथन I सही है लेकिन कथन II सही नहीं है। - धूल और लवण वायुमंडल में हाइग्रोस्कोपिक न्यूक्लियस के रूप में कार्य करते हैं, जिनके चारों ओर जलवाष्प संघनित होने से बादलों का निर्माण होता है।
अतः विकल्प (C) सही है।
Sources:
https://ncert.nic.in/textbook/pdf/kegy207.pdf
47. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
कथन I :
जनवरी में, उत्तरी गोलार्ध में, समताप रेखाएँ भूखण्डों से गुजरती हुई विषुवत् वृत्त की ओर मुड़ती हैं, जबकि महासागरों से गुजरती हुई ध्रुवों की ओर मुड़ती हैं।
कथन II :
जनवरी में, महासागरों के ऊपर की हवा, उत्तरी गोलार्ध के भूखण्डों के ऊपर की हवा से अधिक गर्म होती है।
उपर्युक्त कथनों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) क्रथन I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन II, कथन I की व्याख्या करता है
(b) कथन I और कथन II दोनों सही हैं किन्तु कथन II, कथन I की व्याख्या नहीं करता है
(c) कथन I सही है किन्तु कथन II सही नहीं है
(d) कथन I सही नहीं है किन्तु कथन II सही है
उत्तर: A
व्याख्या:
- समताप रेखाएँ:
- मानचित्र पर तापमान वितरण को दर्शाने के लिये समताप रेखाओं का उपयोग किया जाता है। ये रेखाएँ उन स्थलों को जोड़ती हैं जहाँ का तापमान समान होता है।
- तापमान का वितरण:
- सामान्यतः, तापमान पर अक्षांश का प्रभाव मानचित्र पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है क्योंकि समताप रेखाएँ अधिकतर अक्षांश रेखाओं के समानांतर होती हैं। लेकिन इस सामान्य प्रवृत्ति से विचलन जनवरी माह में जुलाई की तुलना में अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई (विशेष रूप से उत्तरी उत्तरी गोलार्ध में) देता है।
- चूंकि उत्तरी गोलार्ध में स्थल क्षेत्र दक्षिणी गोलार्ध की तुलना में कहीं अधिक है, इसलिये वहाँ स्थल और महासागरीय धाराओं का प्रभाव अधिक स्पष्ट होता है।
- जनवरी में, उत्तरी गोलार्ध में, समताप रेखाएँ भूखण्डों से गुजरती हुई विषुवत् वृत्त की ओर मुड़ती हैं, जबकि महासागरों से गुजरती हुई ध्रुवों की ओर मुड़ती हैं। यह परिघटना उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। यहाँ पर गर्म महासागरीय धाराओं — जैसे गल्फ स्ट्रीम और नॉर्थ अटलांटिक ड्रिफ्ट की उपस्थिति के कारण उत्तरी अटलांटिक महासागर अपेक्षाकृत अधिक गर्म रहता है, जिससे समताप रेखाएँ उत्तर की ओर मुड़ जाती हैं। स्थलीय क्षेत्र में तापमान तेजी से घटता है तथा यूरोप में समताप रेखाएँ दक्षिण की ओर मुड़ जाती हैं। अतः कथन I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन II कथन I की सही व्याख्या है।
अतः विकल्प (a) सही है।
Sources:
- NCERT - Class 11 - Geography Part 1
48. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
कथन I :
शैलों पर जल के प्रभाव के संदर्भ में, चॉक एक अत्यंत पारगम्य शैल के रूप में ज्ञात है, जबकि मृत्तिका एक नितांत अपारगम्य या न्यूनतम पारगम्य शैल के रूप में ज्ञात है।
कथन II :
चॉक सरंध्र होता है, अतः जल अवशोषित कर सकता है।
कथन III :
मृत्तिका बिल्कुल ही सरंध्र नहीं है।
उपर्युक्त कथनों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन II और कथन III दोनों सही हैं तथा वे दोनों कथन I की व्याख्या करते हैं
(b) कथन II और कथन III दोनों सही हैं किन्तु उनमें से केवल एक, कथन I की व्याख्या करता है
(c) कथन II और कथन III में से केवल एक सही है तथा वह कथन I की व्याख्या करता है
(d) न तो कथन II और न ही कथन III सही है
उत्तर: C
व्याख्या:
- चॉक: अत्यधिक छिद्रयुक्त और पारगम्य, जिससे जल अवशोषण संभव होता है।
- मृत्तिका: इसमें बहुत महीन छिद्र होते हैं, जिससे यह लगभग अभेद्य होती है, लेकिन पूरी तरह से गैर-छिद्रपूर्ण नहीं होती।
- इसलिये केवल कथन II सही है और यह कथन I की व्याख्या करता है।
अतः विकल्प C सही है।
Sources:
- https://www.geolsoc.org.uk/~/media/shared/documents/education%20and%20careers/Resources/Presentations%20and%20activity%20sheets/Rock%20Cycle/Rock%20properties%20activity%20sheet%
- https://www.deq.louisiana.gov/assets/docs/Water/DWPP_forkidsandeducators/PorosityandPermeability.pdf
- https://kentdowns.org.uk/wp-content/uploads/2023/05/What-is-Chalk.pdf
49. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- वायुमंडल के बिना भूपृष्ठ पर सर्वत्र तापमान हिमांक के बहुत नीचे होता है।
- वायुमंडल के द्वारा अवशोषित और पाशित (ट्रैप्ड) ऊष्मा हमारे ग्रह के औसत तापमान को बनाए रखती है।
- वायुमंडल की कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें विकिरण को अवशोषित और पाशित करने के लिये विशेष रूप से उत्तम हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
(a) केवल I और III
(b) केवल I और II
(c) I, II और III
(d) केवल II और III
उत्तर: C
व्याख्या:
- वायुमंडल पृथ्वी को घेरने वाली गैसों का मिश्रण है। यह हमें सांस लेने के लिये वायु प्रदान करके, सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी (UV) विकिरण से हमारी रक्षा करके, ग्रह को गर्म करने के लिये ऊष्मा के साथ-साथ दिन व रात के बीच तापमान के अत्यधिक अंतर को रोककर जीवन को संभव बनाने में सहायता प्रदान करता है।
- वायुमंडल के बिना, पृथ्वी की सतह पर प्रत्येक स्थान पर तापमान हिमांक से काफी नीचे होगा। अतः कथन 1 सही है।
- इसके स्थान पर, हमारे वायुमंडल द्वारा अवशोषित और संचित ऊष्मा हमारे ग्रह के औसत सतही तापमान को लगभग 15°C (59°F) पर बनाए रखती है। अतः कथन 2 सही है।
- वायुमंडल की कुछ गैसें, जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड, विकिरण को अवशोषित करने और संचित करने में विशेष रूप से सक्षम होती हैं। इन गैसों की मात्रा में परिवर्तन प्रत्यक्ष रूप से जलवायु को प्रभावित करती हैं। अतः कथन 3 सही है।
अतः विकल्प C सही है।
Sources:
- https://scied.ucar.edu/learning-zone/atmosphere/what-is-atmosphere
- Drishti sources:
- https://www.drishtiias.com/to-the-points/paper1/composition-and-layers-of-earth-s-atmosphere
- https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/atmosphere-and-its-layers
50. राष्ट्रीय गोकुल मिशन के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
I. यह ग्रामीण निर्धनों के उत्थान के लिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि अधिकांश न्यून उत्पादकता वाले देशज पशु छोटे और सीमान्त कृषकों तथा भूमिहीन श्रमिकों के पास होते हैं।
II. इसे वैज्ञानिक रूप में और साकल्यवादी रूप में देशज गोपशु और भैंस के पालन और संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिये आरंभ किया गया था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: C
व्याख्या:
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission - RGM) का क्रियान्वयन देशी गोवंशीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिये किया जा रहा है। यह योजना ग्रामीण गरीबों के उत्थान के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि 80% से अधिक न्यून उत्पादकता वाले देशज पशु छोटे और सीमान्त कृषकों तथा भूमिहीन श्रमिकों के पास हैं। अतः कथन 1 सही है।
- यह योजना दुग्ध उत्पादन तथा गोवंशियों की उत्पादकता को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण है, जिससे दुग्ध की बढ़ती माँग को पूरा किया जा सके तथा ग्रामीण कृषकों के लिये डेयरी को अधिक लाभदायक बनाया जा सके।
- इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है — उन्नत तकनीकों का उपयोग करते हुए गोवंश की उत्पादकता और दुग्ध उत्पादन को सतत् तरीके से बढ़ाना। अतः कथन 2 भी सही है।
अतः विकल्प C सही है।
स्रोत:
- https://agri.gujarat.gov.in/Home/gldb/RashtriyaGokulMission
- Drishti source: https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/rashtriya-gokul-mission-3
51. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
I. मध्यवर्ती स्तर पर पंचायतें सभी राज्यों में विद्यमान हैं।
II. मध्यवर्ती स्तर पर किसी पंचायत में सदस्य होने हेतु पात्र होने के लिये किसी व्यक्ति को तीस वर्ष की आयु प्राप्त होनी चाहिए।
II. किसी राज्य का मुख्यमंत्री मध्यवर्ती स्तरों पर पंचायतों की वित्तीय दशा के पुनरीक्षण के लिये और राज्य द्वारा उद्ग्रहीत करों और शुल्कों के निवल आगम को मध्यवर्ती स्तर पर राज्य और पंचायतों के बीच वितरित करने हेतु सिफारिशें करने के लिये एक आयोग का गठन करता है।
उपर्युक्त में कौन-कौन से कथन सही नहीं है?
- केवल I और II
- केवल II और III
- केवल I और III
- I, II और III
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- पंचायतें:
- 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया। इस संशोधन के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं को संविधान के न्यायालय द्वारा लागू किये जा सकने वाले भाग (justiciable part) के अंतर्गत लाया गया।
- मुख्य विशेषताएँ:
- अधिनियम प्रत्येक राज्य में पंचायती राज की त्रिस्तरीय व्यवस्था का प्रावधान करता है, अर्थात् ग्राम, मध्यवर्ती और ज़िला स्तर पर पंचायतें। हालाँकि, 20 लाख से अधिक जनसंख्या वाले राज्य मध्यवर्ती स्तर पर पंचायतों का गठन नहीं कर सकते हैं। अतः कथन I सही नहीं है।
- कोई भी व्यक्ति मध्यवर्ती स्तर पर किसी पंचायत में सदस्य होने से इस आधार पर अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा कि उसकी आयु 25 वर्ष से कम है, यदि उसने 21 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है। इसका अर्थ है कि मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत का सदस्य बनने के लिये न्यूनतम आयु 21 वर्ष है। अतः कथन II सही नहीं है।
- राज्य का राज्यपाल (मुख्यमंत्री नहीं) प्रत्येक पाँच वर्ष के पश्चात पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने तथा राज्य द्वारा लगाए जाने वाले करों और शुल्कों की शुद्ध आय के वितरण के संबंध में सिफारिशें करने के लिये एक वित्त आयोग का गठन करता, जिसमें मध्यवर्ती स्तर पर राज्य और पंचायतों के बीच वितरण भी शामिल है। अतः कथन III सही नहीं है।
अतः विकल्प (d) सही है।
- Source:
- Chapter: 38, Panchayati Raj of Indian Polity by M. Laxmikanth.
- Drishti source: Panchayati Raj Institution (PRI)
52. BIMSTEC के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
I. यह जनवरी 2025 तक सात सदस्य देशों से मिलकर बना एक क्षेत्रीय संगठन है।
II. यह ढाका घोषणा, 1999 पर हस्ताक्षर होने के साथ अस्तित्व में आया।
III. बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, थाइलैंड और नेपाल BIMSTEC के संस्थापक सदस्य देश हैं।
IV. BIMSTEC में, 'पर्यटन' उप-क्षेत्र का नेतृत्व भारत कर रहा है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) I और II
(b) II और III
(c) I और IV
(d) केवल I
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल (BIMSTEC):
- BIMSTEC एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसका उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के देशों के बीच बहुआयामी तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
- BIMSTEC से संबंधित प्रमुख तथ्य:
- इसमें 7 सदस्य देश शामिल हैं — बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्याँमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड (जनवरी 2025 तक)। अतः कथन I सही है।
- यह संगठन बैंकॉक घोषणा, 1997 को अपनाने के बाद अस्तित्व में आया। अतः कथन II सही नहीं है।
- बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड BIMSTEC के संस्थापक सदस्य देश थे, उस समय इस समूह को BIST-EC (इकोनॉमिक कोऑपरेशन) के नाम से जाना जाता था।
- वर्ष 1997 में म्याँमार के शामिल होने पर इसका नाम BIMST-EC किया गया,
- वर्ष 2004 में नेपाल और भूटान के शामिल होने के बाद इसका नाम BIMSTEC रखा गया। अतः कथन III सही नहीं है।
- BIMSTEC में 'पर्यटन' उपक्षेत्र का नेतृत्व नेपाल द्वारा नहीं, बल्कि थाईलैंड द्वारा किया जाता है। अतः कथन IV भी सही नहीं है।
अतः विकल्प (d) सही है।
स्रोत:
- https://bimstec.org/history
- https://bimstec.org/tourism
- Drishti source: 6th BIMSTEC Summitअतः विकल्प (सी) सही है।
53. निम्नलिखित में से किनसे मिलकर 'गाँधी शांति पुरस्कार' के प्राप्तकर्ता का चयन करने के लिये जूरी बनती है?
I. भारत का राष्ट्रपति
II. भारत का प्रधानमंत्री
III. भारत का मुख्य न्यायमूर्ति
IV.लोक सभा में प्रतिपक्ष का नेता
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल II और IV
(b) I, II और III
(cl II, III और IV
(d) केवल I और III
उत्तर: C
व्याख्या:
- गांधी शांति पुरस्कार:
- गांधी शांति पुरस्कार की स्थापना 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर उनके आदर्शों और मानवता के प्रति योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिये की गई थी।
- यह पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में प्रदान किया जाता है।
- जूरी सदस्य:
- भारत के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष के नेता इसके स्थायी सदस्य हैं।
- दो अन्य जूरी सदस्यों को तीन वर्ष की अवधि के लिये नामित किया जाता है।
- गांधी शांति पुरस्कार निर्णायक मंडल में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में पाँच सदस्य होते हैं।
- अन्य सदस्यों में शामिल हैं:
अतः विकल्प (c) सही है।
Drishti source: Gandhi Peace Prize
54. GPS-एइडेड जिओ ऑगमेंटेड नेविगेशन (GAGAN) आवश्यक आवर्धन प्रदान करने हेतु भू-स्थित स्टेशनों की
- प्रणाली का उपयोग करता है। निम्नलिखित में से कौन-सा/कौन-से कथन GAGAN के बारे में सही है/हैं?
- इसे अतिरिक्त सटीकता और विश्वसनीयता प्रदान करने के लिये अभिकल्पित किया गया है।
- इससे और अधिक एकरूप और उच्च गुणवत्ता का वायु यातायात प्रबंधन प्राप्त होगा।
- इसके लाभ केवल विमानन में ही मिलेंगे, किन्तु परिवहन के अन्य प्रकारों में नहीं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) I, II और III
(b) केवल II और III
(c) केवल I
(a) केवल I और II
उत्तर: d
व्याख्या:
- GPS-एइडेड जिओ ऑगमेंटेड नेविगेशन (GAGAN):
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने भारतीय वायुस्पेस के लिये उपग्रह आधारित संवर्धन प्रणाली के रूप में GAGAN परियोजना को लागू किया है।
- मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- उड़ान के सभी चरणों के लिए सटीकता, उपलब्धता और अखंडता प्रदान करना – GAGAN को GPS की सटीकता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि उड़ान के सभी चरणों (एन रूट से लेकर लैंडिंग तक) में इसका उपयोग किया जा सके। अतः कथन I सही है।
- वायु यातायात प्रबंधन (ATM) में सुधार – GAGAN अधिक सटीक स्थिति रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करता है, जिससे वायु यातायात प्रबंधन (ATM) अधिक एकसमान और उच्च गुणवत्ता वाला होता है। अतः कथन II सही है।
- विमानन के अलावा अन्य क्षेत्रों में लाभ – GAGAN का लाभ केवल विमानन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समुद्री परिवहन, सड़क मार्ग, रेलवे, रक्षा सेवाओं, सुरक्षा एजेंसियों, दूरसंचार उद्योग और स्थान-आधारित अनुप्रयोगों के व्यक्तिगत उपयोगकर्त्ताओं को भी प्राप्त होता है। अतः कथन III सही नहीं है।
अतः विकल्प (d) सही है।
- Source:
- GAGAN: GPS Aided GEO Augmented Navigation
- Drishti source: GPS Aided GEO Augmented Navigation
55. ग्रैंड पैले (Grand Palais), पेरिस में फरवरी 2025 में आयोजित AI ऐक्शन समिट (शिखर सम्मेलन) के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- भारत की सह-अध्यक्षता में इस शिखर सम्मेलन में 2023 में संपन्न ब्लेचली पार्क शिखर सम्मेलन और 2024 में संपन्न सियोल शिखर सम्मेलन में की गई पहलों को आगे विकसित किया गया।
- अन्य देशों के साथ-साथ US और UK ने भी समावेशी और सतत् AI विषयक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- AI एक्शन समिट एक वैश्विक मंच है जो विश्व नेताओं, नीति-निर्माताओं, तकनीकी विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों को एक साथ लाता है, ताकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के संचालन, नैतिकता और समाज में इसकी भूमिका पर विचार-विमर्श किया जा सके।
- भारत और फ्राँस की सह-अध्यक्षता में पेरिस में आयोजित AI एक्शन समिट, ब्लेचली पार्क शिखर सम्मेलन (यू.के. 2023) और सियोल शिखर सम्मेलन (दक्षिण कोरिया 2024) के बाद तीसरा शिखर सम्मेलन है। अतः युग्म I सही सुमेलित है।
- ब्लेचली पार्क घोषणा (28 देश): सुरक्षित, मानव-केंद्रित और रेस्पोंसिबल AI की वकालत की गई।
- सियोल शिखर सम्मेलन (27 राष्ट्र): अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की पुष्टि की गई और AI सेफ्टी संस्थानों के एक नेटवर्क का प्रस्ताव रखा गया।
- "लोगों और ग्रह के लिये समावेशी और सतत् आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर संयुक्त वक्तव्य" पर भारत, चीन, यूरोपीय संघ सहित 58 देशों ने हस्ताक्षर किये, अमेरिका और यू.के. को छोड़कर (AI पर अति विनियमन से संबंधित चिंताओं को व्यक्त करते हुए)। अतः कथन II सही नहीं है।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source:
- https://www.thehindu.com/sci-tech/technology/india-57-others-sign-paris-joint-statement-on-inclusive-sustainable-ai/article69207937.ece
- Drishti IAS Link: Paris AI Summit 2025
56. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए :
- अंतर्राष्ट्रीय महिला कृषक वर्ष : 2026
- अंतर्राष्ट्रीय सतत् और समुत्थानशील (रेजिलियेंट) पर्यटन वर्ष : 2027
- अंतर्राष्ट्रीय शांति और विश्वास वर्ष : 2025
- अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह जागरूकता और ग्रहीय रक्षा (प्लैनेटरी डिफेन्स) वर्ष : 2029
उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2026 को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला कृषक वर्ष’ घोषित किया है ताकि खाद्य सुरक्षा, पोषण और गरीबी उन्मूलन में महिला किसानों की प्रमुख भूमिका पर महत्त्व डाला जा सके। अतः युग्म I सही सुमेलित है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2027 को ‘अंतर्राष्ट्रीय सतत् और समुत्थानशील (रेजिलियेंट) पर्यटन वर्ष’ घोषित किया है। जिसका उद्देश्य सतत् विकास को प्रोत्साहित करना है। अतः युग्म II सही सुमेलित है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2025 को ‘अंतर्राष्ट्रीय शांति और विश्वास वर्ष’ घोषित किया है, जो वैश्विक समुदाय से समावेशी संवाद एवं वार्ता के माध्यम से संघर्षों को सुलझाने का आह्वान करने पर केंद्रित है। अतः युग्म III सही सुमेलित है।
- संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2029 को ‘अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह जागरूकता और ग्रहीय रक्षा (प्लैनेटरी डिफेन्स) वर्ष’ घोषित किया है,जिसका उद्देश्य इन खगोलीय पिंडों के बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा पृथ्वी को किसी भी संभावित आपदा से सुरक्षित रखने के क्रम में उपाय खोजना है। अतः युग्म IV सही सुमेलित है।
अतः विकल्प (d) सही है।
Source:
- Family Farming Knowledge Platform
- UN General Assembly declares 2027 the International Year of Sustainable and Resilient Tourism
- 2025: International Year of Glaciers, Peace, Quantum science and Cooperatives
- The International Year of Asteroid Awareness and Planetary Defence
57. BRICS के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- 16वाँ BRICS शिखर सम्मेलन रूस की अध्यक्षता में कजान में संपन्न हुआ था।
- इंडोनेशिया BRICS का पूर्ण सदस्य बन गया है।
- 16वाँ BRICS शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय न्यायपूर्ण वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिये बहुसंस्कृतिवाद को सशक्त करना था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) I और II
(b) II और III
(c) I और III
(d) केवल I
उत्तर : (a)
व्याख्या:
- 16वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन:
- 16वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन अक्तूबर 2024 में रूस की अध्यक्षता में कज़ान में आयोजित हुआ। कज़ान घोषणा 2024 में गज़ा में मानवीय संकट पर चिंता व्यक्त की गयी, पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए एकतरफा प्रतिबंधों की आलोचना की गई, ब्रिक्स अनाज विनिमय (Grain Exchange) का प्रस्ताव रखा गया तथा सदस्य देशों के बीच वित्तीय एकीकरण को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया गया। अतः कथन I सही है।
- 6 जनवरी 2025 को ब्राज़ील के विदेश मंत्रालय (जो वर्ष 2025 के लिये ब्रिक्स अध्यक्ष देश है) ने घोषणा की कि इंडोनेशिया ब्रिक्स समूह में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हो गया है। अतः कथन II भी सही है।
- 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का विषय, "'न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को सुदृढ़ करना", जो वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये इस समूह की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अतः कथन III भी सही नही है।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source:
Drishti IAS Link:
- https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/16th-brics-summit-india-china-border-agreement
- https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/indonesia-joined-brics
- लोकपाल के विषय में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- लोकपाल की शक्ति भारत के लोक सेवकों पर प्रयुक्त होती है किन्तु भारत से बाहर पदस्थापित भारतीय लोक सेवकों पर प्रयुक्त नहीं होती।
- संसद का कोई सदस्य या किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के विधान-मंडल का कोई सदस्य इसका अध्यक्ष या सदस्य नहीं होगा और केवल भारत का मुख्य न्यायमूर्ति, चाहे वो पदधारी हो या सेवानिवृत्त, इसका अध्यक्ष होगा।
- इसका अध्यक्ष या सदस्य, अध्यक्ष या सदस्य के रूप में पद धारण करने की तारीख को पैंतालीस वर्ष से कम वय का व्यक्ति नहीं होगा।
- लोकपाल भारत के पदासीन प्रधानमंत्री के विरुद्ध भ्रष्टाचार के अभिकथनों की जाँच नहीं कर सकता।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल III
(b) II और III
(c) I और IV
(c) उपर्युक्त कथनों में से कोई भी सही नहीं है
उत्तर: (a)
व्याख्या:
लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
- अधिकार क्षेत्र: लोकपाल का अधिकार क्षेत्र सभी श्रेणियों के लोक सेवकों को शामिल करेगा, जिनमें समूह 'A', समूह 'B', समूह 'C' और समूह 'D' के सरकारी अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।
- यह अधिनियम संपूर्ण भारत पर लागू होता है और देश के भीतर और बाहर दोनों स्थानों पर कार्यरत लोक सेवकों पर भी लागू होता है। अतः कथन I सही नहीं है।
- संरचना: लोकपाल की संरचना इस प्रकार होती है:
- एक अध्यक्ष, जो भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय का पूर्व न्यायाधीश या ऐसा प्रतिष्ठित व्यक्ति होता है जो विशिष्ट पात्रता मानदंडों को पूरा करता हो। अतः कथन II सही नहीं है।
- अधिकतम 8 सदस्य होते हैं, जिनमें से 50% सदस्य न्यायिक सदस्य (न्यायाधीश) होते हैं और कम-से-कम 50% सदस्य अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अल्पसंख्यक एवं महिलाएँ होनी चाहिये।
- न्यायिक सदस्य: पूर्व में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश या किसी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश रहा हो।
- गैर-न्यायिक सदस्य: गैर-न्यायिक सदस्यों को सत्यनिष्ठ होना चाहिये तथा भ्रष्टाचार-निरोध, लोक प्रशासन, सतर्कता, वित्त, कानून या प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में कम-से-कम 25 वर्षों का अनुभव होना चाहिये।
- अध्यक्ष या सदस्य संसद के सदस्य या किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के सदस्य नहीं हो सकते।
- अयोग्यताएँ: अध्यक्ष या सदस्य, जैसा भी मामला हो, पदभार ग्रहण करने की तिथि पर, पैंतालीस वर्ष से कम आयु का व्यक्ति नहीं होना चाहिये। अतः कथन III सही है।
- प्रधानमंत्री का समावेश: लोकपाल प्रधानमंत्री के विरुद्ध शिकायत में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच कर सकता है। अतः कथन IV सही नहीं है। हालाँकि, कुछ अपवाद हो सकते हैं।
- लोकपाल प्रधानमंत्री के विरुद्ध आरोपों की जाँच नहीं कर सकता यदि:
- मामला अंतर्राष्ट्रीय संबंध, सुरक्षा (बाह्य या आंतरिक), सार्वजनिक व्यवस्था, परमाणु ऊर्जा या अंतरिक्ष से संबंधित है।
- जब तक लोकपाल की पूर्ण पीठ (अध्यक्ष और सभी सदस्य) मामले को हाथ में लेने का निर्णय नहीं ले लेती और कम-से-कम दो-तिहाई सदस्य जाँच को मंज़ूरी नहीं दे देते।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source:
- THE LOKPAL AND LOKAYUKTAS ACT, 2013
- Drishti IAS Link: Lokpal Foundation Day
59. प्रथम खो-खो विश्व कप के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- इस विश्व कप का आयोजन दिल्ली, भारत में हुआ।
- भारतीय पुरुष फाइनल में नेपाल को 78-40 के स्कोर से हराकर पुरुष वर्ग में विश्व विजेता बने।
- भारतीय महिलाएँ फाइनल में नेपाल को 54-36 के स्कोर से हराकर महिला वर्ग में विश्व विजेता बनीं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- प्रथम खो-खो विश्व कप आयोजन इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम, नई दिल्ली में हुआ था, जहाँ भारत ने पुरुष और महिला दोनों वर्गों में खो-खो विश्व कप 2025 का खिताब जीता। अतः कथन I सही है।
- भारतीय पुरुष खो-खो टीम ने नेपाल को 54–36 से पराजित किया, जबकि भारतीय महिला टीम ने नेपाल को 78–40 से पराजित किया। अतः कथन II और III सही नहीं हैं।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source:
- Kho Kho World Cup 2025
- https://ddnews.gov.in/en/first-ever-kho-kho-world-cup-2025-draws-historic-global-participation-with-24-countries/
- Drishti IAS Link: India Wins Inaugural Kho Kho World Cup 2025
60. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- 2024 में आयोजित 45वें चेस ओलंपियाड के फाइनल में गुकेश दोम्माराजू, रूस के इयान नेपोमनीयाच्ची को हराकर विश्व के सबसे कम आयु के विजेता बने।
- अमरीकी शतरंज खिलाड़ी अभिमन्यु मिश्रा के पास विश्व का अभी तक का सबसे कम आयु का ग्रैंडमास्टर बनने का रिकार्ड है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- गुकेश दोम्माराजू दिसंबर 2024 में सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप मैच में चीन के डिंग लिरेन को हराकर अब तक के सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने। अतः कथन I सही नहीं है।
- भारतीय मूल के अमेरिकी अभिमन्यु मिश्रा विश्व के सबसे कम उम्र के शतरंज ग्रैंडमास्टर हैं। उन्होंने यह उपलब्धि वर्ष 2021 में 12 साल, 4 महीने और 25 दिन की उम्र में हासिल की थी। अतः कथन II सही है।
अतः विकल्प (b) सही है।
Source:
- https://www.chess.com/news/view/erdogmus-becomes-worlds-youngest-grandmaster-at-12#:~:text=Twelve-year-old%20Turkish%20chess%20sensation%20IM%20Yagiz%20Kaan%20Erdogmus,and%20his%20title%20is%20pending%20approval%20from%20FIDE.
- World Chess Championship: D Gukesh scripts historic win vs China's Ding Liren, becomes youngest-ever champ
- Drishti IAS Link: Gukesh Won 2024 FIDE World Chess Championship
61. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
कथन I :
कुछ दुर्लभ मृदा तत्त्व, सपाट टेलीविजन स्क्रीन और कम्प्यूटर मॉनीटर के निर्माण में प्रयुक्त होते हैं।
कथन II :
कुछ दुर्लभ मृदा तत्त्वों में स्फुरदीप्त गुणधर्म होते हैं।
उपर्युक्त कथनों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन II, कथन I की व्याख्या करता है
(b) कथन I और कथन II दोनों सही हैं किन्तु कथन II, कथन I की व्याख्या नहीं करता है
(c) कथन I सही है किन्तु कथन II सही नहीं है
(d) कथन I सही नहीं है किन्तु कथन II सही है
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- ये सत्रह धात्विक तत्वों का एक समूह हैं। इनमें आवर्त सारणी के पंद्रह लैन्थेनाइड्स के साथ-साथ स्कैन्डियम और इट्रियम भी शामिल हैं, जिनके भौतिक एवं रासायनिक गुण लैन्थेनाइड्स के समान होते हैं। ये तत्व 200 से अधिक उत्पादों में महत्त्वपूर्ण घटक के रूप में प्रयुक्त होते हैं, जिनमें उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल तथा रक्षा प्रणालियाँ शामिल हैं। अतः कथन I सही है।
- दुर्लभ मृदा तत्त्व जैसे यूरोपियम और टरबियम, टीवी और मॉनिटर के रंगीन डिस्प्ले में व्यापक रूप से उपयोग किये जाते हैं, क्योंकि इनमें फॉस्फोरेसेंस गुण होते हैं (ये विकिरण के संपर्क में आने पर चमकते हैं)। अतः कथन II भी सही है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
Source:
- Drishti IAS Link:
- Rare Earth Elements
- Rare Earth Metals
-
Other Authentic and Standard Sources:
62. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- भारतीय रेलवे ने 2028 तक 'भविष्य के लिये तैयार' रेलवे प्रणाली सृजित करने हेतु एक राष्ट्रीय रेल प्लान (NRP) तैयार किया है
- कवच (Kavach)' जर्मनी के सहयोग से विकसित एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है।
- 'कवच (Kavach)' प्रणाली में स्टेशन सेक्शन के ट्रैक पर लगे हुए RFID टैग होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-कौन से सही नहीं हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- राष्ट्रीय रेल योजना (NRP) 2020 में वर्ष 2028 तक नहीं बल्कि वर्ष 2030 तक 'Future-ready (भविष्य के लिये तैयार)' रेलवे प्रणाली बनाने की परिकल्पना की गई है। इस योजना का उद्देश्य परिचालन क्षमताओं और वाणिज्यिक नीति पहलों के आधार पर रणनीति विकसित करना है ताकि माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी 45% तक बढ़ाई जा सके। यह मालगाड़ियों की औसत गति को 50 किमी. प्रति घंटे तक बढ़ाकर माल ढुलाई के पारगमन समय को बहुत हद तक कम करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
- कवच एक कैब सिग्नलिंग रेल नियंत्रण प्रणाली है जिसमें टक्कर रोधी विशेषताएँ हैं, जिसे अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (RDSO) ने तीन भारतीय विक्रेताओं के साथ मिलकर विकसित किया है।
- जर्मन और जापानी कंपनियों को भारतीय रेलवे पर कवच को तैनात करने की अनुमति दी गई है, इस प्रणाली का विकास विदेशी सहयोग के बिना घरेलू स्तर पर किया गया था। इसे राष्ट्रीय स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली के रूप में अपनाया गया है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
- स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली एक रेल सुरक्षा प्रणाली है जिसे यह सुनिश्चित करने के लिये अभिकल्पित किया गया है कि ट्रेन की गति सिग्नलिंग सिस्टम द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर रहे। यह लगातार ट्रेन की गति की निगरानी करता है और स्वचालित रूप से अनुमत गति प्रतिबंधों के अनुपालन को लागू करता है। यदि ट्रेन अनुमत गति से अधिक हो जाती है या विशिष्ट सिग्नल पहलुओं पर प्रतिक्रिया करने में विफल रहती है, तो ATP ट्रेन को रोकने के लिये आपातकालीन ब्रेक को तुरंत सक्रिय कर देता है।
- कवच को जुलाई 2020 में राष्ट्रीय ATP प्रणाली के रूप में अपनाया गया था, जिसके कार्यान्वयन में निम्नलिखित प्रमुख गतिविधियाँ शामिल हैं:
- प्रत्येक स्टेशन, ब्लॉक सेक्शन में स्टेशन कवच की स्थापना।
- पूरे ट्रैक पर(केवल स्टेशन सेक्शन में ट्रैक पर नहीं) में RFID टैग की इनस्टॉलेशन। अतः कथन 3 सही है।
- पूरे सेक्शन में दूरसंचार टावरों की स्थापना।
- ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना।
अतः विकल्प (d) सही है।
Source:
- Drishti IAS Link:
- Kavach System
- Other Authentic and Standard Sources:
64. निम्नलिखित अंतरिक्ष मिशनों पर विचार कीजिए:
- एक्सिओम-4
- स्पाडेक्स
- गगनयान
उपर्युक्त अंतरिक्ष मिशनों में से कितने सूक्ष्मगुरुत्व (माइक्रोग्रैविटी) विषयक अनुसंधान को प्रोत्साहित और समर्थित करते हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर:(c)
व्याख्या:
- एक्ज़िओम मिशन 4 (Ax-4): यह SpaceX क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान का उपयोग करके एक्ज़िओम स्पेस (US-आधारित अंतरिक्ष-बुनियादी अवसंरचना विकास कंपनी) द्वारा संचालित ISS के लिये एक निजी अंतरिक्ष वाहन है। यह मिशन स्पष्ट रूप से सूक्ष्मगुरुत्व (माइक्रोग्रैविटी) अनुसंधान का समर्थन करता है, जो खाद्य सूक्ष्म-शैवाल पर सूक्ष्मगुरुत्व प्रभाव और अंतरिक्ष में सलाद के बीजों की वृद्धि जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है।
- सूक्ष्मगुरुत्व (माइक्रोग्रैविटी) अनुसंधान, जो प्रायः अंतरिक्ष में या पृथ्वी पर अनुकरणीय रूप से किया जाता है, विभिन्न घटनाओं पर कम या शून्य गुरुत्वाकर्षण के प्रभावों का अध्ययन करता है। यह वैज्ञानिकों को मौलिक प्रक्रियाओं का अन्वेषण करने, नई सामग्री विकसित करने और यह पता लगाने की अनुमति देता है कि मानव शरीर अंतरिक्ष उड़ान के लिये किस प्रकार अनुकूल होता है।
- SpaDeX: SpaDeX मिशन PSLV द्वारा प्रक्षेपित दो लघु अंतरिक्ष यान का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग के प्रदर्शन के लिये एक लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है।
- ISRO का SpaDeX (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट) मिशन सक्रिय रूप से सूक्ष्मगुरुत्व (माइक्रोग्रैविटी) अनुसंधान को प्रोत्साहित और समर्थन करता है। जबकि इसका प्राथमिक उद्देश्य अंतरिक्ष में मिलन और डॉकिंग प्रौद्योगिकियों को विकसित और प्रदर्शित करना है, इसमें कई सूक्ष्मगुरुत्व (माइक्रोग्रैविटी) प्रयोग भी शामिल हैं।
- गगनयान: गगनयान मिशन भारत द्वारा संचालित परियोजना है, जिसके तहत 3 सदस्यों के चालक दल के साथ 400 किलोमीटर की लोअर अर्थ ऑर्बिट (LEO) में 3 दिवसीय मानव मिशन भेजा जाएगा और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।
- गगनयान मिशन को अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ सहयोग के माध्यम से सूक्ष्मगुरुत्व (माइक्रोग्रैविटी) प्रयोगों के संचालन में भारतीय वैज्ञानिकों का समर्थन करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। यह मिशन अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ सहयोग के माध्यम से अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा तथा Axiom-4 जैसी पूर्ववर्ती अभियानों से प्राप्त ज्ञान के आधार पर आगे बढ़ेगा।
- अतः विकल्प (c) सही है।
- Source:
- Drishti IAS Link:
- ISRO’s SpaDeX
- Other Authentic and Standard Sources:
- NASA on Axiom and SpaceX: NASA Missions Database
64. भारत की रक्षा के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए :
- वायुयान प्रकार विवरण
- डोर्नियर-228 : समुद्री गश्ती वायुयान
- IL-76 : पराध्वनिक युद्धक वायुयान
- C-17 ग्लोबमास्टर III : सैन्य परिवहन वायुयान
उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- डोर्नियर-228 - डोर्नियर 228 एक ट्विन इंजन टर्बोप्रॉप, अत्यधिक बहुमुखी बहु-मिशन समुद्री गश्ती विमान/वायुयान है जिसे भारतीय तटरक्षक बल के लिये मेसर्स HAL द्वारा निर्मित किया गया है। यह विमान हल्का है, इसकी संचालन गति की विस्तृत शृंखला है और ईंधन कुशल विशिष्टता है। यह उच्च पंख वाला विमान ICG द्वारा 228 - 100 और 228 - 200 शृंखला में दो प्रकारों में संचालित किया जाता है।
- डोर्नियर 228 में समुद्री गश्त और निगरानी, समुद्री प्रदूषण आकस्मिकता, खोज और बचाव और चिकित्सा निकासी जैसी त्वरित भूमिका बदलने की क्षमता है। अतः युग्म I सही सुमेलित है।
- IL-76: यह एक परिवहन विमान है, सुपरसोनिक(पराध्वनिक) युद्धक विमान नही। यह एक सबसोनिक, चार इंजन वाला, भारी-भरकम सैन्य परिवहन विमान है, जिसे लड़ाकू जेट की तरह युद्ध या गति प्रदर्शन के लिये नहीं बनाया गया है। इसका उपयोग भारतीय वायुसेना द्वारा सामरिक सामग्री के परिवहन, हवाई ईंधन भरने आदि के लिये किया जाता है। अतः युग्म II सही सुमेलित नहीं है।
- C-17: C-17 ग्लोबमास्टर III सैन्य, मानवीय और शांति मिशनों के लिये एक प्रमुख परिवाहक है। इसे एक रणनीतिक एयरलिफ्ट विमान के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसे लंबी अंतरमहाद्वीपीय दूरी पर भारी और बड़े आकार के सैन्य सामग्री को ले जाने के लिये डिज़ाइन किया गया है। यह छोटे या कठोर रनवे सहित सामरिक वातावरण में भी कार्य कर सकता है - जो इसे रणनीतिक और सामरिक दोनों भूमिकाओं के लिये बहुमुखी बनाता है। अतः युग्म III सही सुमेलित है।
अतः विकल्प (b) सही है।
Source:
- Drishti IAS Link:
- Hindustan-228 Civil Aircraft.
- Other Authentic and Standard Sources:
65. वायु प्रदूषण कम करने हेतु कृत्रिम वर्षा कराने के तरीके में किनका प्रयोग होता है?
(a) सिल्वर आयोडाइड और पोटैशियम आयोडाइड
(b) सिल्वर नाइट्रेट और पोटैशियम आयोडाइड
(c) सिल्वर आयोडाइड और पोटैशियम नाइट्रेट
(d) सिल्वर नाइट्रेट और पोटैशियम क्लोराइड
उत्तर: (a)
व्याख्या:
कृत्रिम वर्षा का आशय उस प्रक्रिया से है जिसमें क्लाउड सीडिंग के माध्यम से वर्षा कराई जाती है। यह एक प्रकार की मौसम संशोधन तकनीक है।
क्लाउड सीडिंग के माध्यमों से बादलों में विशेष रसायन जैसे सिल्वर आयोडाइड, पोटैशियम आयोडाइड और ड्राई आइस (ठोस CO₂) को विमानों या हेलीकॉप्टरों से उत्सर्जित किया जाता है।
ये रसायन कंडेन्सेशन नाभिक का कार्य करते हैं, जिनके चारों ओर जलवाष्प संघनित होकर बड़ी-बड़ी बूँदों का रूप ले लेती है, जिससे अंततः वर्षा होती है।
हालाँकि, इस प्रक्रिया की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वातावरण में पर्याप्त नमी और अनुकूल मौसमीय परिस्थितियाँ मौजूद हों।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source:
Drishti IAS Link:
- Cloud Seeding to Reduce Air Pollution
- Other Authentic and Standard Sources:
66. भारत निम्नलिखित के राष्ट्रपति की क्षमा प्रदान करने की शक्ति के बारे में, कथनों पर विचार कीजिए :
- राष्ट्रपति द्वारा इस शक्ति का प्रयोग सीमित न्यायिक पुनर्विलोकन के अधीन लाया जा सकता है।
- राष्ट्रपति इस शक्ति का प्रयोग केन्द्र सरकार की सलाह के बगैर कर सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/ कौन-से सही है /हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- भारत के राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख होते हैं। भारतीय संविधान, 1950 (COI) राष्ट्रपति को विधायी, कार्यकारी और न्यायिक शक्तियों से सशक्त करता है। अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति की न्यायिक शक्ति से संबंधित है, जिसे राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति भी कहा जाता है।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 के अंतर्गत राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति पूर्णतः निरंकुश नहीं है, बल्कि यह विशिष्ट मामलों में न्यायिक पुनरावलोकन (judicial review) के अधीन हो सकती है। ईपुरु सुधाकर बनाम आंध्र प्रदेश मामले के अनुसार, यदि राष्ट्रपति यह शक्ति मनमाने ढंग से प्रयोग करें तो यह न्यायिक समीक्षा के अंतर्गत आ सकती है। अतः कथन I सही है।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुसार, राष्ट्रपति सरकार से स्वतंत्र रूप से क्षमादान की शक्ति का प्रयोग नहीं कर सकते। इस अनुच्छेद के अनुसार, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिपरिषद होगी, जो राष्ट्रपति की सहायता और सलाह के लिये कार्य करेगी, राष्ट्रपति को अपने कार्यों के निष्पादन में इस सलाह के अनुसार ही कार्य करना होगा। अतः कथन II सही नहीं है।
- अतः विकल्प (a) सही है।
- स्रोत:
Drishti IAS Link:
- Other Authentic and Standard Sources:
- M Laxmikanth Indian Polity Book.(Pg. No 198, 7th edition)
67. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- लोक सभा का विघटन होने पर विघटन के पश्चात् होने वाले लोक सभा के पहले अधिवेशन के ठीक पहले तक अध्यक्ष अपने पद को रिक्त नहीं करेगा।
- भारत के संविधान के उपबंधों के अनुसार, लोक सभा का कोई सदस्य अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होने पर अपने राजनीतिक दल से तुरंत त्यागपत्र दे देगा।
- लोक सभा के अध्यक्ष को लोक सभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा, किन्तु कोई संकल्प तब तक प्रस्तावित नहीं किया जाएगा जब तक कि उस संकल्प को प्रस्तावित करने के आशय की कम-से-कम चौदह दिन की सूचना न दे दी गई हो।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: C
व्याख्या:
- संविधान का अनुच्छेद 94 यह स्पष्ट करता है कि लोकसभा के विघटन के पश्चात भी स्पीकर का पद रिक्त नहीं होता और वे तब तक अपने पद पर बने रहते हैं जब तक कि नया स्पीकर निर्वाचित नहीं हो जाता। अतः कथन I सही है।
- संविधान में अध्यक्ष चुने जाने पर किसी राजनीतिक दल से इस्तीफा देने का प्रावधान नहीं है। हालाँकि परंपरा के अनुसार अध्यक्ष से निष्पक्षता से कार्य करने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन औपचारिक इस्तीफा देने की आवश्यकता नहीं होती। अतः कथन II सही नहीं है।
- लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के अनुच्छेद 94 (c) में लोकसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत (अर्थात् प्रभावी बहुमत) द्वारा अध्यक्ष को हटाने की अनुमति दी गई है। ऐसा प्रस्ताव 14 दिन की अग्रिम सूचना देने के बाद ही पेश किया जा सकता है। अतः कथन III सही है।
अतः विकल्प (c) सही है।
Source:
Drishti IAS Link:
https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/role-of-the-speaker
Other Authentic and Standard Sources:
Laxmikant 7 edition ( Pg. 229)
Constitution of India – Article 94
Lok Sabha Rules of Procedure
68. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
यदि कोई प्रश्न उठता है कि लोक सभा का कोई सदस्य 10वीं अनुसूची के अधीन निरर्हता से ग्रस्त हो गया है या नहीं, तब संघ की मंत्रिपरिषद् की राय के अनुसार राष्ट्रपति का निर्णय अंतिम होगा।
भारत के संविधान में शब्द 'राजनीतिक दल' का कोई उल्लेख नहीं है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा /कौन-से सही है/ है?
(a) केवल 1
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: D
व्याख्या:
- दल-बदल विरोधी कानून का उद्देश्य उन सांसदों/विधायकों को दंडित करना है जो किसी एक राजनीतिक दल को छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो जाते हैं। इस कानून को वर्ष 1985 में संविधान में 'दसवीं अनुसूची' के रूप में जोड़ा गया था। इसका मुख्य उद्देश्य विधायिकाओं में राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करना था, ताकि निर्वाचित प्रतिनिधि बार-बार दल न बदलें और जनादेश का अनादर न हो।
- दसवीं अनुसूची, जिसे लोकप्रिय रूप से दलबदल विरोधी अधिनियम के रूप में जाना जाता है, को 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 के माध्यम से संविधान में शामिल किया गया था और यह किसी अन्य राजनीतिक दल में दलबदल के आधार पर निर्वाचित सदस्यों की अयोग्यता के प्रावधान निर्धारित करता है।
- दलबदल के आधार पर अयोग्यता के प्रश्नों पर निर्णय ऐसे सदन के अध्यक्ष या अध्यक्ष को भेजा जाता है, जो 'न्यायिक समीक्षा' के अधीन होता है। अतः कथन I सही नहीं है।
- 'राजनीतिक दल' शब्द का स्पष्ट रूप से दसवीं अनुसूची में उल्लेख किया गया है, जो दलबदल विरोध से संबंधित है। अतः कथन II सही नहीं है।
- अतः विकल्प (d) सही है।
- Source:https://cdnbbsr.s3waas.gov.in/s380537a945c7aaa788ccfcdf1b99b5d8f/uploads/2024/07/20240716890312078.pdf
- Constitution of India – Tenth Schedule
- PRS Legislative Research on Anti-Defection Law
- https://www.mea.gov.in/Images/pdf1/S10.pdf
69. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
कथन I :
भारत में राज्य सरकारों के पास गौण खनिजों के निष्कर्षण के बारे में रियायत देने के लिये नियम बनाने की कीई शक्ति नहीं है, भले ही ऐसे खनिज उनके अपने भूभाग में अवस्थित हों।
कथन II :
भारत में केन्द्र सरकार के पास प्रासंगिक विधि के अधीन गौण खनिजों को अधिसूचित करने की शक्ति है।
उपर्युक्त कथनों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन II, कथन I की व्याख्या करता है
(b) कथन I और कथन II दोनों सही हैं किन्तु कथन II, कथन I की व्याख्या नहीं करता है
(c) कथन I सही है किन्तु कथन II सही नहीं है
(d) कथन I सही नहीं है किन्तु कथन II सही है
उत्तर: D
व्याख्या:
खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 15 के तहत राज्यों को लघु खनिजों के लिये नियम बनाने का अधिकार है। इस धारा के अनुसार राज्य सरकार आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा लघु खनिजों के संबंध में 3 [खदान पट्टे, खनन पट्टे या अन्य खनिज रियायतें] के अनुदान को विनियमित करने और उससे जुड़े उद्देश्यों के लिये नियम बना सकती है। अतः कथन I सही नहीं है।
केंद्र सरकार के पास यह अधिसूचित करने का अधिकार है कि उसी अधिनियम की धारा 3(e) के तहत किन खनिजों को लघु खनिजों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। अतः कथन सही है।
अतः विकल्प (d) सही है।
Source:
- https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1421/3/A1957-67.pdf
- MMDR Act, 1957 – Section 3(e) and Section 15
- Geological Survey of India – Minor Minerals Policy
- https://ibm.gov.in/writereaddata/files/10252016173841Mineral%20digest%20PartI.pdf
70. किस संस्था ने जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता की हानि के नियंत्रण हेतु प्रकृति पुनःस्थापन विधि [नेचर रेस्टोरेशन लॉ (NRL)] अधिनियमित की ?
(a) यूरोपीय संघ
(b) विश्व बैंक
(c) आर्थिक सहयोग और विकास संगठन
(d) खाद्य और कृषि संगठन
उत्तर: A
व्याख्या:
प्रकृति पुनःस्थापन विधि [नेचर रेस्टोरेशन लॉ (NRL)] यूरोपीय संघ (EU) द्वारा अधिनियमित किया गया था। यह विधि यूरोपीय संघ की जैव-विविधता रणनीति का एक प्रमुख तत्त्व है और इसका उद्देश्य यूरोप के पारिस्थितिकी तंत्र को पुनःस्थापित करना है। यूरोपीय संघ की पर्यावरण परिषद ने 17 जून, 2024 को कानून को अंगीकृत किया।
प्रकृति पुनःस्थापन विनियमन अपनी तरह का पहला महाद्वीप-व्यापी, व्यापक कानून है। यह यूरोपीय संघ की 'जैव विविधता रणनीति' का एक प्रमुख घटक है, जो क्षतिग्रस्त पारिस्थितिकी तंत्रों को पुनर्स्थापित करने के लिये बाध्यकारी लक्ष्य निर्धारित करता है — विशेष रूप से उन तंत्रों के लिये जिनमें कार्बन को अवशोषित करने और संग्रहीत करने की सर्वाधिक क्षमता है तथा जो प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को रोकने एवं कम करने में सहायक हो सकते हैं।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source: https://iucn.org/news/202406/eu-adopts-its-new-nature-restoration-law
“https://ibm.gov.in/writereaddata/files/10252016173841Mineral%20digest%20PartI.pdf”
71. मान लीजिए सरकार का राजस्व व्यय ₹ 80,000 करोड़ है और राजस्व प्राप्ति ₹ 60,000 करोड़ है। सरकारी बजट ₹10,000 करोड़ के उधार-ग्रहण और ₹ 6,000 करोड़ के ब्याज भुगतान को भी प्रदर्शित करता है। निम्नलिखित कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
- राजस्व घाटा ₹ 20,000 करोड़ है।
- राजकोषीय घाटा ₹ 10,000 करोड़ है।
- प्राथमिक घाटा ₹ 4,000 करोड़ है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- राजस्व घाटा (Revenue Deficit):
राजस्व घाटा = राजस्व व्यय − राजस्व प्राप्तियाँ
=80, 000 करोड़ −60, 000 करोड़ = 20, 000 करोड़
अतः कथन I सही है।
- राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit):
राजकोषीय घाटा = उधार-ग्रहण = 10,000 करोड़
अतः कथन II सही है।
- प्राथमिक घाटा (Primary Deficit):
प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा − ब्याज भुगतान - = 10,000 करोड़ − 6,000 करोड़ = 4,000 करोड़
- अतः कथन III भी सही है।
अतः विकल्प (d) सही है।
Source: https://ncert.nic.in/textbook/pdf/leec1dd.zip
72. भारत, अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC), जो एक बहु-मोडल परिवहन कॉरिडोर है, के संस्थापक सदस्यों में से एक है। यह कॉरिडोर किन्हें जोड़ेगा?
(a) भारत से मध्य एशिया से यूरोप को, ईरान होते हुए
(b) भारत से मध्य एशिया को,चीन होते हुए
(c) भारत से दक्षिण पूर्व एशिया को, बांग्लादेश और म्यांमार होते हुए
(d) भारत से यूरोप को, अज़रबैजान होते हुए
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC) एक 7,200 किलोमीटर लंबा बहु-माध्यमीय परिवहन नेटवर्क है, जो भारत को ईरान, मध्य एशिया, रूस तथा यूरोप से जोड़ता है। यह कॉरिडोर/गलियारा समुद्र, रेल तथा सड़क मार्गों के माध्यम से भारत से इन क्षेत्रों में वस्तु-परिवहन को सुगम बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
- इस गलियारे का विस्तार भारत के मुंबई बंदरगाह से आरंभ होकर समुद्री मार्ग द्वारा ईरान के चाबहार या बंदर अब्बास बंदरगाह तक है। वहाँ से, वस्तुओं का परिवहन थल मार्ग द्वारा ईरान से होते हुए कैस्पियन सागर पार करके रूस तथा आगे यूरोप तक पहुँचता है। इसके अतिरिक्त, यह गलियारा कज़ाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान एवं अज़रबैजान जैसे मध्य एशियाई देशों तक पहुँच की सुविधा भी प्रदान करता है।
- इस संपूर्ण नेटवर्क में ईरान का चाबहार बंदरगाह एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कड़ी है, क्योंकि इसके माध्यम से भारत को पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए अफगानिस्तान तथा मध्य एशिया तक प्रत्यक्ष पहुँच प्राप्त होती है।
- अतः विकल्प (a) सही है।
- Source:
73. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
कथन I :
विश्व के दो प्रमुख एथेनॉल उत्पादकों, ब्राज़ील और संयुक्त राज्य अमेरिका, में से संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में ब्राज़ील अधिक एथेनॉल उत्पादित करता है।
कथन II :
जहाँ संयुक्त राज्य अमेरिका में एथेनॉल उत्पादन के लिये प्रधान भरण-सामग्री (फीडस्टॉक) मक्का है, इसके विपरीत ब्राज़ील में एथेनॉल उत्पादन के लिये प्रधान भरण-सामग्री गन्ना है।
उपर्युक्त कथनों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन II, कथन I की व्याख्या करता है
(b) कथन I और कथन II दोनों सही हैं किन्तु कथन II, कथन I की व्याख्या नहीं करता है
(c) कथन I सही है किन्तु कथन II सही नहीं है
(d) कथन I सही नहीं है किन्तु कथन II सही है
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा इथेनॉल उत्पादक है, जिसने वर्ष 2021 और 2022 में 15 बिलियन गैलन से अधिक इथेनॉल का उत्पादन किया। संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राज़ील संयुक्त रूप से विश्व के 80% इथेनॉल का उत्पादन करते हैं। अतः कथन I सही नहीं है।
- अमेरिका में इथेनॉल का अधिकांश हिस्सा मक्के से बनाया जाता है, जबकि ब्राज़ील इथेनॉल उत्पादन के लिये मुख्य रूप से गन्ने का उपयोग करता है। अतः कथन II सही है।
अतः विकल्प (d) सही है।
Sources:https://indianexpress.com/article/world/india-brazil-wto-sugar-related-dispute-9008032/
74. विश्व बैंक ने यह चेतावनी दी है कि भारत ऐसे प्रथम स्थानों में से एक बन सकता है, जहाँ आर्द्र-बल्ब तापमान (वेट-बल्ब टेम्परेचर) नेमी तौर पर 35 °C से अधिक होगा। निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कौन-से उपर्युक्त रिपोर्ट के निहितार्थ को सर्वोत्तम रूप में प्रतिबिम्बित करता है /करते हैं?
I. सर्वाधिक संभावना है कि प्रायद्वीपीय भारत बाढ़, उष्णकटिबंधीय चक्रवात और सूखे से ग्रस्त होता रहेगा।
II. मानव समेत सभी प्राणियों की उत्तरजीविता प्रभावित होगी क्योंकि उनके लिये पसीने के माध्यम से अपने शरीर के ताप को निकालना मुश्किल होता जाएगा।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल I
(b) केवल II और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: (c)
व्याख्या:
विश्व बैंक की चेतावनी विशेष रूप से 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक आर्द्र-बल्ब तापमान (वेट-बल्ब टेम्परेचर) को इंगित करती है, जो उच्च तापमान और आर्द्रता के संयोजन के कारण होने वाले घातक हीट स्ट्रेस से संबंधित है।
35 डिग्री सेल्सियस के आर्द्र-बल्ब तापमान (वेट-बल्ब टेम्परेचर) पर, मानव समेत सभी प्राणी पसीने के माध्यम से अपने शरीर के ताप को शीतलन नहीं कर सकते हैं, जिससे हीटस्ट्रोक, अंगों की विफलता और कुछ ही घंटों में मृत्यु भी हो सकती है। यह विश्व बैंक की चेतावनी का मुख्य निहितार्थ है। अतः कथन II सही है।
अतः विकल्प (c) सही है।
75. किसी देश का राजकोषीय घाटा ₹ 50,000 करोड़ है। इसे गैर-ऋण सर्जक पूँजीगत प्राप्तियों के माध्यम से ₹ 10,000 करोड़ प्राप्त हो रहे हैं। उस देश की ब्याज देयताएँ ₹ 1,500 करोड़ हैं। उसका सकल प्राथमिक घाटा कितना है?
(a) ₹ 48,500 करोड़
(b) ₹ 51,500 करोड़
(c) ₹ 58,500 करोड़
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (a)
व्याख्या:
प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा − ब्याज भुगतान
राजकोषीय घाटा = ₹ 50,000 करोड़
ब्याज भुगतान = ₹ 1,500 करोड़
प्राथमिक घाटा = ₹ 50, 000 करोड़ − ₹ 1, 500 करोड़ = ₹ 48, 500 करोड़
अतः विकल्प (a) सही है।
Source: https://ncert.nic.in/textbook/pdf/leec1dd.zip
भारत के 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के संदर्भ में, निम्नलिखित में कौन-कौन से कथन सही हैं?
- इसने राज्यों द्वारा शिक्षा परिणामों में उन्नयन लाने हेतु प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के लिये वर्ष 2022-23 से वर्ष 2025-26 तक ₹ 4,800 करोड़ के अनुदान की अनुशंसा की है।
- संघ के करों के निवल आगम का 45%, राज्यों के साथ बाँटा जाना चाहिए।
- सभी राज्यों के लिये कृषि सुधारों के क्रियान्वयन हेतु निष्पादन आधारित प्रोत्साहन के रूप में ₹ 45,000 करोड़ रखे जाएँ।
- इसने राजकोषीय निष्पादन को पुरस्कृत करने हेतु कर प्रयास निकष (टैक्स एफर्ट क्राइटेरिया) को फिर से आरम्भ किया।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) I, II और III
(b) I, II और IV
(c) I, III और IV
(d) II, III और IV
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- 15वें वित्त आयोग (XVFC) ने राज्यों को शैक्षणिक उपलब्धियों, विशेषकर स्कूली शिक्षा में सुधार के लिये प्रोत्साहित करने हेतु सत्र 2022–23 से 2025–26 की अवधि के लिये कुल ₹4,800 करोड़ की अनुदान राशि की अनुशंसा की है। यह अनुदान उन राज्यों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान किया जाएगा, जो शैक्षणिक परिणामों और शिक्षा-क्षेत्र की सुशासन व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार दर्शाएंगे। अतः कथन I सही है।
- 15वें वित्त आयोग (XVFC) ने सत्र 2021–2026 की अवधि के लिये संघ करों की शुद्ध प्राप्तियों में से 41% राज्यों को स्थानांतरित करने की अनुशंसा की, जो 14वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित स्तर के अनुरूप है। हालाँकि, यह प्रतिशत प्रारंभ में सुझाए गए 42% से घटाया गया, ताकि नवगठित केंद्रशासित प्रदेशों — 'जम्मू और कश्मीर' तथा 'लद्दाख' की वित्तीय आवश्यकताओं को समायोजित किया जा सके। अतः कथन II सही नहीं है।
- 15वें वित्त आयोग (XVFC) ने राज्यों को कुछ विशिष्ट कृषि सुधारों को लागू करने के लिये 45,000 करोड़ रुपए की प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन राशि देने की अनुशंसा की थी। अतः कथन III सही है।
- इसके अतिरिक्त, आयोग ने 'कर प्रयास' (tax effort) मानदंड को अपने क्षैतिज कर वितरण (horizontal devolution) के सूत्र में पुनः शामिल किया, जिसे पहले हटा दिया गया था। इसका उद्देश्य राज्यों की बेहतर वित्तीय प्रदर्शन को प्रोत्साहित करना और उसे पुरस्कृत करना था। इस मानदंड को 2.5% का भार (weight) दिया गया। यह उस राज्य के कर-राजस्व और सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के अनुपात के रूप में आँका जाता है तथा उन राज्यों को लाभ देता है जो अधिक राजस्व सृजन करते हैं। अतः कथन IV भी सही है।
अतः विकल्प (c) सही है।
- Sources:
77. अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- यह मध्यम आय वाले देशों को ऋण और गारंटी प्रदान करता है।
- यह गरीबी कम करने में विकासशील देशों की सहायता के लिये अकेले ही कार्य करता है।
- इसकी स्थापना द्वितीय विश्व-युद्ध के उपरांत यूरोप के पुनर्निर्माण में सहायता हेतु की गई थी।
उपर्युक्त कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (जिसे विश्व बैंक का मुख्य ऋणदाता अंग माना जाता है) प्रमुख रूप से मध्यम आय वाले देशों और निम्न-आय वाले देशों को ऋण और गारंटी प्रदान करता है। अतः कथन I सही है।
- IBRD, विश्व बैंक समूह (World Bank Group) का एक भाग है, जिसमें निम्नलिखित संस्थाएँ शामिल हैं:
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD)
- अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC)
- बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA)
- अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवाद निपटान केंद्र (ICSID)। ये सभी संस्थाएँ मिलकर कार्य करती हैं। अतः कथन II सही नहीं है।
- IBRD की स्थापना वर्ष 1944 में हुई थी। इसका प्रारंभिक उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध से क्षतिग्रस्त हुए यूरोपीय देशों के पुनर्निर्माण हेतु वित्तपोषण करना था। अतः कथन III सही है।
अतः विकल्प (c) सही है।
Source:
78. RTGS और NEFT के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- RTGS में भुगतान उसी क्षण हो जाता है, जबकि NEFT के मामले में भुगतान करने में कुछ समय लगता है।
- RTGS में ग्राहक से आवक लेनदेन के लिये प्रभार लिया जाता है जबकि NEFT में ऐसा नहीं होता।
III. RTGS के लिये कतिपय दिनों में प्रचालन के घंटे सीमित हैं जबकि NEFT में ऐसा नहीं है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/’कौन-से सही है/ हैं?
- केवल I
- I और II
- I और III
- केवल III
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) लेन-देन/हस्तांतरण को व्यक्तिगत रूप से और वास्तविक समय में संसाधित करता है, जिसका अर्थ है कि हस्तांतरण जैसे ही शुरू होता है उसका निपटान तत्काल कर दिया जाता है।
- NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) आधे घंटे के बैचों (आस्थगित शुद्ध निपटान) में लेनदेन की प्रक्रिया करता है, इसलिये लाभार्थी के खाते में धनराशि जमा होने में देरी होती है। अतः कथन I सही है।
- RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, RTGS और NEFT दोनों में आवक लेन-देन (धन प्राप्त करना) के लिये कोई शुल्क नहीं लगाया जाता है। अतः कथन II सही नहीं है।
- RBI के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार RTGS और NEFT दोनों अब ऑनलाइन लेन-देन के लिये वर्ष के 365 दिन, 24x7 उपलब्ध हैं। अतः कथन III सही नहीं है।
- इससे पहले RTGS का कार्यसमय सीमित हुआ करता था, लेकिन दिसंबर 2020 से यह चौबीसों घंटे काम करता है। NEFT को भी 24x7 कर दिया गया है।
अतः विकल्प (a) सही है।
- Source:
- https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1576777
- https://indianexpress.com/article/business/round-the-clock-rtgs-facility-from-mid-night-tonight-7103390/
79. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिए :
- संयुक्त अरब अमीरात
- फ्रांस
- जर्मनी
- सिंगापुर
- बांग्लादेश
उपर्युक्त में भारत के अलावा ऐसे कितने देश हैं, जहाँ UPI के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वणिक भुगतान (इंटरनैशनल मर्चेंट पेमेंट) स्वीकार किये जाते हैं?
(a) केवल दो
(b) केवल तीन
(c) केवल चार
(d) सभी पाँच
उत्तर: (b)
व्याख्या:
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), भारत की रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम, अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी विस्तार कर चुकी है, जिससे भारतीय यात्रियों को विदेशों में व्यापारिक भुगतान की सुविधा प्राप्त हो गयी है। प्रत्येक देश में UPI की स्थिति निम्नलिखित है:
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE): UAE की NeoPay और Mashreq Bank के साथ साझेदारी के माध्यम से UPI स्वीकार किया जाता है।
- फ्राँस: फरवरी 2024 में लॉन्च के बाद से, UPI भुगतान आइफिल टॉवर जैसे प्रमुख स्थलों पर स्वीकार किये जाते हैं।
- जर्मनी: ये वर्तमान में UPI के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा नहीं है। मई 2025 तक कोई आधिकारिक समझौता या साझेदारी नहीं हुई है।
- सिंगापुर: सिंगापुर के PayNow सिस्टम से UPI जुड़ा हुआ है। Google Pay और PhonePe जैसे ऐप्स के माध्यम से 30,000 से अधिक व्यापारियों द्वारा स्वीकार किया जाता है।
- बांग्लादेश: इनके साथ UPI एकीकरण नहीं है। भारत-बांग्लादेश के बीच सीमा पार लेनदेन पारंपरिक तरीकों से होते हैं, न कि UPI के माध्यम से।
अतः विकल्प (b) सही है।
- Source:
- https://pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=2057013
- Drishti IAS Source: UPI Services in Sri Lanka and Mauritius - Drishti IAS
80. 'पी० एम० सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- इसका लक्ष्य आवासीय सेक्टर में एक करोड़ घरों की छतों पर सौर पैनल लगाना है।
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का लक्ष्य छतों पर सौर पैनल लगाने, उनके प्रचालन, अनुरक्षण और मरम्मत करने के विषय में आधार-स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान करना है।
- इसका लक्ष्य, क्षमता निर्माण के स्कीम घटक के अंतर्गत, नए कौशल सिखाकर और कौशल का उन्नयन कर तीन लाख से अधिक कुशल जनशक्ति सृजित करना है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल I और III
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों में सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित करना है। अतः कथन I सही है।
- योजना के दिशानिर्देशों एवं आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) सोलर रूफटॉप सिस्टम की स्थापना, संचालन, अनुरक्षण और मरम्मत के लिये स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा। अतः कथन II भी सही है।
- योजना के तहत 3 लाख से अधिक प्रशिक्षित जनशक्ति तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें कम-से-कम 1 लाख व्यक्तियों को सोलर पीवी टेक्नीशियन के रूप में प्रशिक्षित किया जायेगा। यह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कुशल कार्यबल के विकास में योगदान देगा। अतः कथन III भी सही है।
अतः विकल्प (d) सही है।
Source:
- https://indianexpress.com/article/india/pm-modi-announced-surya-ghar-muft-bijli-yojana-to-boost-solar-power-9159708/
- https://static.pib.gov.in/WriteReadData/specificdocs/documents/2025/feb/doc2025212499601.pdf
Drishti IAS source: https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/pm-surya-ghar-muft-bijli-yojana
81. भारतीय राज्य-व्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- अध्यादेश किसी केन्द्रीय अधिनियम को संशोधित कर सकता है।
- अध्यादेश किसी मूल अधिकार को न्यून कर सकता है।
- अध्यादेश किसी पिछली तारीख से प्रभावी हो सकता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- अनुच्छेद 123 के तहत राष्ट्रपति को संसद के सत्र में न होने के दौरान अध्यादेश जारी करने का अधिकार प्राप्त है। राष्ट्रपति केवल तभी अध्यादेश जारी कर सकते हैं जब संसद का कोई एक सदन या दोनों सदन सत्र में न हों, क्योंकि विधायी प्रक्रिया के लिये दोनों सदनों की स्वीकृति आवश्यक होती है।
- अध्यादेश का बल और प्रभाव संसद द्वारा पारित अधिनियम के समान होता है। अतः राष्ट्रपति किसी मौजूदा केंद्रीय या राज्य अधिनियम में संशोधन या उसे रद्द करने के लिये भी अध्यादेश जारी कर सकते हैं। अतः कथन I सही है।
- अध्यादेश, अन्य किसी अधिनियम की तरह, पिछली तारीख से प्रभावी हो सकता है। उदाहरण: शत्रु संपत्ति (संशोधन और विधिमान्यकरण)) अध्यादेश, 2016 को 7 जनवरी 2016 को जारी किया गया था, ताकि शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 में संशोधन किया जा सके। यह अध्यादेश बाद में शत्रु संपत्ति (संशोधन और विधिमान्यकरण) अधिनियम, 2017 द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया, जिसमें अध्यादेश को पिछली तारीख से प्रभावी बनाया गया। अतः कथन III सही है।
- हालाँकि, संसद के किसी भी सामान्य अधिनियम की तरह ही अध्यादेश भी संवैधानिक सीमाओं से बंधा होता है। अध्यादेश द्वारा संविधान में प्रदत्त मूल अधिकारों को न्यून नहीं किया जा सकता है और न ही उन्हें छीना जा सकता है। अतः कथन II सही नहीं है।
- संविधान के अनुच्छेद 13 के अनुसार अध्यादेश को "विधि" की परिभाषा में शामिल किया गया है।
अतः विकल्प (c) सही है।
- Source: M Laxmikanth 7th edition page 225
- Drishti source: https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/promulgation-and-re-promulgation-of-ordinances
82. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
राज्य वर्णन
- अरुणाचल प्रदेश : एक किले से राजधानी का नाम पड़ा और राज्य में दो राष्ट्रीय उद्यान (नैशनल पार्क) हैं
- नागालैंड : यह राज्य एक संविधान संशोधन अधिनियम के आधार पर अस्तित्व में आया
III. त्रिपुरा : प्रारंभ में यह भाग 'ग' (पार्ट 'सी') राज्य था, यह 1956 में राज्यों का पुनर्गठन होने पर केन्द्र-शासित राज्यक्षेत्र बना और बाद में इसने एक पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त किया
उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर है, जिसका नाम ईटा किले के नाम पर रखा गया है, जिसका अर्थ है ईंटों का किला। इस किले का निर्माण 14वीं शताब्दी में किया गया था।
- इसके अलावा, राज्य में दो राष्ट्रीय उद्यान हैं: नामदफा नेशनल पार्क और मौलिंग नेशनल पार्क। अतः युग्म I सही सुमेलित है।
- नगालैंड, संविधान (तेरहवाँ संशोधन) अधिनियम, 1962 के माध्यम से अस्तित्व में आया। नगालैंड के लिये विशेष संवैधानिक प्रावधान करने हेतु अनुच्छेद 371A जोड़ा गया। अतः युग्म II सही सुमेलित है।
- अधिनियम ने इसकी विशिष्ट सामाजिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक विशेषताओं को मान्यता दी, जिसमें राज्य विधानमंडल द्वारा अनुमोदित किये बिना कुछ मामलों पर संसदीय कानूनों की अप्रयोज्यता भी शामिल थी।
- वर्ष 1949 में भारतीय संघ में विलय के बाद त्रिपुरा एक भाग 'ग' (पार्ट 'सी') राज्य था। वर्ष 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के बाद, यह एक केंद्र-शासित राज्यक्षेत्र बन गया। बाद में, वर्ष 1972 में, त्रिपुरा एक पूर्ण राज्य बना। अतः युग्म III सही सुमेलित है।
अतः विकल्प (c) सही है।
- Source: https://www.india.gov.in/my-government/constitution-india/amendments/constitution-india-thirteenth-amendment-act-1962
- https://schooleducation.tripura.gov.in/index.php/state
- profile#:~:text=Initially%2C%20a%20part%20%27C%27%20state%2C%20it%20became%20a,between%20the%20river%20valleys%20of%20Myanmar%20and%20Bangladesh.
- https://thenationalparksofindia.in/parks/?q=&sta=6&ani=
83. भारत के संदर्भ में, निम्नलिखित पर विचार कीजिए:
- अंतर-राज्य परिषद्
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद्
- क्षेत्रीय परिषदें
उपर्युक्त में से कितनी भारत के संविधान के उपबंधों के अनुसार स्थापित हुई?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- अनुच्छेद 263 राष्ट्रपति को अंतर-राज्य परिषद स्थापित करने का अधिकार प्रदान करता है, यदि उसे लगता है कि यह सार्वजनिक हित में है और वह केंद्र-राज्य तथा अंतर-राज्यीय समन्वय को बढ़ावा देने के लिये इसके कर्तव्यों, संगठनात्मक संरचना एवं प्रक्रियाओं को निर्दिष्ट कर सकता है।
- इस प्रकार, सरकारिया आयोग की सिफारिशों के अनुसरण में, वी.पी. सिंह के नेतृत्व वाली जनता दल सरकार ने वर्ष 1990 में अंतर-राज्य परिषद की स्थापना की।
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) संवैधानिक निकाय नहीं है। इसकी स्थापना वर्ष 1999 में भारत सरकार द्वारा एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रणनीतिक हितों पर प्रधानमंत्री को सलाह देने हेतु की गई थी।
- क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना संविधान के किसी प्रावधान के तहत नहीं बल्कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के तहत की गई थी। ये संवैधानिक निकाय नहीं, बल्कि वैधानिक निकाय हैं।
- इस अधिनियम ने देश को पाँच क्षेत्रों (उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी) में विभाजित किया तथा प्रत्येक क्षेत्र के लिये एक क्षेत्रीय परिषद की व्यवस्था की।
- एक और क्षेत्रीय परिषद अर्थात् उत्तर-पूर्वी परिषद का गठन संसद के एक अलग अधिनियम -पूर्वोत्तर परिषद अधिनियम 1971 द्वारा किया गया।
अतः विकल्प (a) सही है।
Source: Laxmikanth 6th edition page 368, 363
- Drishti IAS website: https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/national-security-council-1
- https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/inter-state-council-1
- https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/zonal-councils
84. निम्नलिखित कथन पर विचार कीजिए:
I. भारत के संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है कि कतिपय बातों में किसी राज्य का राज्यपाल अपने विवेकानुसार कार्य करता है।
II. भारत का राष्ट्रपति, अपने आप, किसी राज्य विधान-मंडल द्वारा पारित विधेयक को भले ही वह संबंधित राज्य के राज्यपाल द्वारा न भेजा गया हो,अपने विचार के लिये आरक्षित कर सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा /कौन-से सही है /हैं?
- (a) केवल I
- (b) केवल II
- (c) I और II दोनों
- (d) न तो I और न ही II
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- संविधान कुछ विशेष परिस्थितियों में राज्यपाल को स्पष्ट रूप से विवेकाधीन शक्तियाँ प्रदान करता है। अतः कथन I सही है।
- उदाहरणस्वरूप अनुच्छेद 371A(1)(b) (नगालैंड), अनुच्छेद 371H(a) (अरुणाचल प्रदेश) तथा अनुच्छेद 200 के अंतर्गत राष्ट्रपति के विचारार्थ किसी विधेयक को सुरक्षित रखने जैसे मामलों में, राज्यपाल व्यक्तिगत विवेक से कार्य कर सकते हैं। अतः कथन I सही है।
- राष्ट्रपति स्वयं किसी राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयक को आरक्षित नहीं कर सकते। अनुच्छेद 200 के तहत केवल राज्यपाल ही कुछ विशेष प्रकार के विधेयकों को राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित कर सकता है। राष्ट्रपति केवल तभी कार्यवाही करते हैं जब राज्यपाल द्वारा ऐसा आरक्षण किया जाता है। अतः कथन II सही नहीं है।
अतः विकल्प (a) सही है।
- स्रोत: https://indiankanoon.org/doc/181196/
- https://www.constitutionofindia.net/articles/article-371a-special-provision-with-respect-to-the-state-of nagaland/#:~:text=%28b%29%20where%20any%20money%20is%20provided%20by%20the,Tuensang%20district%20and%20the%20rest%20of%20the%20State%3B
- M Laxmikanth page 417 6th edition
- Drishti website: https://www.drishtiias.com/to-the-points/Paper2/governor https://www.bing.com/search?q=drishti%20ias%20veto%20power%20of%20governor&qs=n&form=QBRE&sp=-1&ghc=1&lq=0&pq=drishti%20ias%20veto%20power%20of%20governo&sc=1233&sk=&cvid=1DBB9FBE55754BFF8F38A6FBA20A62D6
85. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
भारत के संविधान में उपबंध किसके अधीन कथित
I. राज्य की लोक सेवा में न्याय- पालिका का कार्यपालिका से पृथक्करण : राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व
II. हमारी सामासिक संस्कृति की समृद्ध विरासत का महत्त्व समझना : मूल कर्तव्य और उसका परिरक्षण करना
III. कारखानों में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के नियोजन का निषेध : मूल अधिकार
उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
व्याख्या:
भाग IV के तहत अनुच्छेद 50, राज्य की नीति के निर्देशक तत्त्व राज्य को राज्य की सार्वजनिक सेवाओं में न्यायपालिका को कार्यपालिका से पृथक करने का निर्देश देता है। अतः युग्म I सही सुमेलित है।
भाग IVA के अंतर्गत अनुच्छेद 51A(f), मौलिक कर्तव्य प्रत्येक नागरिक को हमारी समग्र संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्त्व देने और संरक्षित करने के लिये बाध्य करता है। अतः युग्म II सही सुमेलित है।
भाग III के अंतर्गत अनुच्छेद 24, मूल अधिकार कारखानों, खानों या अन्य खतरनाक रोज़गार में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के रोज़गार पर प्रतिबंध लगाता है। अतः युग्म III सही सुमेलित है।
अतः विकल्प (c) सही है।
Source: Laxmikanth 6th edition page 244, 210, 266
- https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/fundamental-duties
- https://www.drishtiias.com/to-the-points/Paper2/fundamental-rights-part-2
86. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- भारत के संविधान के संदर्भ में, यदि पाँचवीं अनुसूची के अधीन किसी राज्य में कोई क्षेत्र अनुसूचित क्षेत्र घोषित कर दिया जाता है, तो
- ऐसे क्षेत्रों में राज्य सरकार अपनी कार्यपालिका शक्ति खो देती है और एक स्थानीय निकाय पूर्ण प्रशासन ग्रहण कर लेता है
- संघ की सरकार कतिपय परिस्थितियों में राज्यपाल की सिफारिश पर ऐसे क्षेत्रों के पूर्ण प्रशासन को अपने हाथ में ले सकती है
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा /कौन-से सही है /हैं?
(a) केवल l
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- संविधान की पाँचवी अनुसूची (Fifth Schedule) असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम को छोड़कर किसी भी राज्य में अनुसूचित क्षेत्रों (Scheduled Areas) और अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes) के प्रशासन एवं नियंत्रण से संबंधित है।
- राष्ट्रपति के पास किसी क्षेत्र को अनुसूचित क्षेत्र घोषित करने का अधिकार है।
- पाँचवीं अनुसूची के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्रों के संदर्भ में, राज्य सरकार अपनी कार्यपालिका शक्ति नहीं खोती है। हालाँकि, उस पर कुछ प्रतिबंध लागू होते हैं। अतः कथन I सही नहीं है।
- राज्य के राज्यपाल के विशेष उत्तरदायित्व होते हैं और वे यह निर्देश दे सकते हैं कि कुछ कानून अनुसूचित क्षेत्रों पर लागू न हों या कुछ संशोधनों के साथ लागू हों।
- केंद्र सरकार भी ऐसे क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में राज्यों को निर्देश दे सकती है।
- केंद्र सरकार राज्यपाल की सिफारिश पर अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन को अधिग्रहीत नहीं करती। इन क्षेत्रों में प्रशासन एवं कानूनों के अनुप्रयोग से संबंधित विवेकाधीन शक्तियाँ राज्यपाल के पास होती हैं, वे राष्ट्रपति को रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकते हैं। अतः कथन II सही सुमेलित नहीं है।
- हालाँकि, संविधान केंद्र सरकार को अनुसूचित क्षेत्रों का संपूर्ण प्रशासन सीधे अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं देता।
अतः विकल्प (d) सही है।
- स्रोत: Laxmikanth 6th edition page 882
- Drishti IAS: https://www.drishtiias.com/daily-updates/daily-news-analysis/scheduled-areas-in-india
87. भारत के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए :
संगठन संघ का मंत्रालय
राष्ट्रीय ऑटोमोटिव बोर्ड : वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
कॉयर बोर्ड : भारी उद्योग मंत्रालय
राष्ट्रीय व्यापार सूचना केन्द्र : सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय
उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- राष्ट्रीय ऑटोमोटिव बोर्ड (NAB) की स्थापना 2013 में भारी उद्योग मंत्रालय के तहत की गई थी। यह ऑटोमोटिव क्षेत्र विशेष रूप से FAME इंडिया स्कीम जैसी पहलों के परीक्षण, प्रमाणन और कार्यान्वयन से संबंधित कार्य करता है। अतः युग्म I सही सुमेलित नहीं है।
- कॉयर बोर्ड की स्थापना वर्ष 1954 में कयर उद्योग अधिनियम, 1953 के तहत की गई थी। यह कॉयर उद्योग के प्रोत्साहन और विकास के लिये कार्य करता है। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय (MSME) के अधीन कार्य करता है, क्योंकि यह पारंपरिक और लघु उद्योगों को सहायता प्रदान करता है। अतः युग्म II सही सुमेलित नहीं है।
- राष्ट्रीय व्यापार सूचना केंद्र (NCTI) की स्थापना वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा व्यापार संबंधी आँकड़ों के संग्रहण, विश्लेषण और प्रसार तथा व्यापार संबंधी सूचना सेवाओं में सुधार हेतु की गई है। अतः युग्म III सही सुमेलित नहीं है।
अतः विकल्प (d) सही है।
- स्रोत: https://www.india.gov.in/information-national-centre-trade-information
- https://msme.gov.in/coir-board
- http://coirboard.gov.in/
- https://heavyindustries.gov.in/national-automotive-board
- दृष्टि IAS: https://www.drishtiias.com/daily-news-analysis/indian-coir-industry#:~:text=Coir%20Board%20was%20set%20up,coir%20industry%20in%20the%20Country.
88. भारत के संविधान के अधीन निम्नलिखित विषयों पर विचार कीजिए :
- सातवीं अनुसूची में सूची I-संघ सूची
- किसी राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
- राज्यपाल के पद के लिये शर्ते
उपर्युक्त में से किसके संबंध में संविधान संशोधन के लिये भारत के राष्ट्रपति को अनुमति के लिये विधेयक प्रस्तुत किये जाने से पूर्व, कम-से-कम आधे राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा अनुसमर्थन अपेक्षित है?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) 1, II और III
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368(2) के अनुसार, यदि कोई विधेयक भारतीय राजनीति के संघीय ढाँचे से संबंधित कुछ विशिष्ट प्रावधानों में परिवर्तन से संबंधित है, तो उसे राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करने से पहले संसद के विशेष बहुमत से पारित होना तथा कम से कम आधे राज्य विधानसभाओं द्वारा अनुमोदित होना आवश्यक है।
- इनमें शामिल हैं:
- अनुच्छेद 54, अनुच्छेद 55, अनुच्छेद 73, अनुच्छेद 162 या अनुच्छेद 241
- अनुच्छेद 162 में राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार शामिल है।
- भाग V का अध्याय IV, भाग VI का अध्याय V, या भाग XI का अध्याय I
- सातवीं अनुसूची की कोई भी सूची
- संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व
- अनुच्छेद 368 के प्रावधान।
- राज्यपाल के पद की शर्तों का उल्लेख संविधान के भाग VI के अध्याय II के अनुच्छेद 158 में किया गया है, जो स्पष्ट रूप से उपरोक्त सूची में शामिल नहीं है।
अतः विकल्प (a) सही है।
- Source: Laxmikanth 6th edition page 278
- https://www.constitutionofindia.net/articles/article-162-extent-of-executive-power-of-state/
- https://indiankanoon.org/doc/1389240/
- https://www.mea.gov.in/Images/pdf1/Part6.pdf
- Drishti IAS website:
89. भारतीय राज्य-व्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित कथन पर विचार कीजिए :
- किसी राज्य का राज्यपाल अपने पद की शक्तियों और दायित्वों के प्रयोग और निष्पादन के लिये किसी न्यायालय के प्रति उत्तरदायी नहीं है।
- राज्यपाल के विरुद्ध उसकी पदावधि के दौरान कोई दांडिक कार्यवाही संस्थित नहीं की जाएगी या जारी नहीं रखी जाएगी।
- किसी राज्य विधान-मंडल के सदस्य सदन के अंदर कही गई किसी भी बात के लिये किसी भी न्यायालय में कार्यवाही के लिये दायी नहीं हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल II और III
(c) केवल I और III
(d) I, II और III
उत्तर: (d)
व्याख्या:
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361(1) के अनुसार, राज्यपाल अपने पद के अधिकारों और कर्तव्यों के प्रयोग और निष्पादन के लिये अथवा उन अधिकारों और कर्तव्यों के प्रयोग में किये गए किसी भी कार्य के लिये किसी न्यायालय के प्रति उत्तरदायी नहीं होता है। अतः कथन I सही है।
- अनुच्छेद 361(2) में कहा गया है कि राज्यपाल के पदावधि के दौरान उनके विरुद्ध कोई दांडिक/आपराधिक कार्यवाही संस्थित या जारी नहीं की जा सकती है। साथ ही, किसी भी राज्यपाल को उसके कार्यकाल के दौरान गिरफ्तार नहीं किया जा सकता या कारावास नहीं दिया जा सकता। अतः कथन II सही है।
- अनुच्छेद 194(2) के अनुसार, राज्य विधानमंडल के किसी भी सदस्य पर विधानसभा या उसकी समितियों में कुछ कहने या मतदान करने के लिये किसी भी न्यायालय में कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती। यह विशेषाधिकार (संसदीय विशेषाधिकार) राज्य विधायकों को भी प्राप्त है। अतः कथन III सही है।
अतः विकल्प (d) सही है।
- Source: Laxmikanth 6th edition page 191
- https://ecostatistics.arunachal.gov.in/State%20Publications/683927ARUNACHAL%20PRADESH%20AT%20A%20GLANCE%202021%20(FINAL).pdf
90. निम्नलिखित क्रियाकलापों पर विचार कीजिए :
- कच्चे तेल का उत्पादन
- पेट्रोलियम का परिष्करण, संग्रहण और वितरण
- Iपेट्रोलियम उत्पादों का विपणन और विक्रय
- प्राकृतिक गैस का उत्पादन
उपर्युक्त क्रियाकलापों में से कितने हमारे देश में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड द्वारा विनियमित हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- कच्चे तेल का उत्पादन – पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) द्वारा विनियमित नहीं है।
- कच्चे तेल के उत्पादन को PNGRB के विनियामक दायरे से स्पष्ट रूप से बाहर रखा गया है। यह कार्य पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन है तथा इसका पर्यवेक्षण हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (DGH) जैसे निकायों द्वारा किया जाता है।
- पेट्रोलियम का परिष्करण, संग्रहण और वितरण- PNGRB द्वारा विनियमित।
- PNGRB को पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों के परिशोधन, परिष्करण, संग्रहण, परिवहन, वितरण, विपणन और विक्रय को विनियमित करने का अधिकार प्राप्त है।
- पेट्रोलियम उत्पादों का विपणन और विक्रय – PNGRB द्वारा विनियमित
- पेट्रोलियम उत्पादों के विपणन और विक्रय PNGRB के विनियामक दायरे में आते हैं, जिससे उचित व्यापार प्रथाएँ सुनिश्चित होती हैं तथा उपभोक्ता संरक्षण को प्रोत्साहन मिलता है।
- प्राकृतिक गैस का उत्पादन – PNGRB द्वारा विनियमित नहीं है।
- कच्चे तेल की तरह ही, प्राकृतिक गैस का उत्पादन भी PNGRB के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (DGH) द्वारा विनियमित किया जाता है।
अतः विकल्प (b) सही है।
91. गाँधीजी ने विख्यात वक्तव्य "राजद्रोह मेरा धर्म हो गया है" कब दिया था?
(a) चंपारण सत्याग्रह के समय
(b) दांडी में नमक कानून का सार्वजनिक रूप से उल्लंघन करने के समय
(c) लंदन में द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (सेकंड राउंड टेबल कांफ्रेंस) में शामिल होने के समय
(d) भारत छोड़ो आंदोलन के प्रारंभ के समय
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- महात्मा गांधी ने यह कथन "राजद्रोह मेरा धर्म बन गया है" वर्ष 1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान दिया था, विशेष रूप से 6 अप्रैल, 1930 को दांडी में नमक कानून तोड़ने के बाद।
- 6 अप्रैल को, एक मुट्ठी नमक उठाकर ब्रिटिश-थोपे नमक कानून को तोड़ने के बाद, गांधी द्वारा घोषणा की गई:
- "ब्रिटिश शासन ने इस महान देश का नैतिक, भौतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से विनाश कर दिया है। मैं इस शासन को एक अभिशाप मानता हूँ। मैं इस सरकारी व्यवस्था को नष्ट करने के लिये प्रयत्नशील हूँ... राजद्रोह मेरा धर्म बन गया है। हमारा संघर्ष अहिंसक है। हमें किसी की हत्या नहीं करनी, लेकिन यह हमारा धर्म है कि इस सरकार के अभिशाप को मिटा दिया जाए।"
- गांधी ने 78 सहयोगियों के साथ 12 मार्च, 1930 को साबरमती आश्रम से ऐतिहासिक दांडी मार्च प्रारंभ किया था, जो लगभग 375 किलोमीटर की दूरी तय करके गुजरात तट पर दांडी पहुँचा।
- इस मार्च ने व्यापक प्रसिद्धी हासिल की, जिससे गाँवों में कार्यरत अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर त्यागपत्र दिये और जनता ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
अतः सही विकल्प (b) है।
- Source: https://www.mkgandhi.org/civil_dis/speech14.php
- https://tws.edu.in/blog/the-civil-disobedience-movement-of-1930/
92. मोहनजोदड़ो से प्राप्त 'नाचती हुई लड़की (डांसिंग गर्ल)' नामक प्रख्यात नारी लघुमूर्ति किस पदार्थ की बनी है? (a) इन्द्रगोप मणि (कार्नीलियन)
(b) मृत्तिका (क्ले)
(c) कांस्य
(d) स्वर्ण
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- 'नाचती हुई लड़की (डांसिंग गर्ल)' सिंधु घाटी सभ्यता की सर्वाधिक प्रतिष्ठित कलाकृतियों में से एक है, जो मोहनजोदड़ो से खोजी गई थी।
- यह कांस्य मूर्तिका लगभग 10.8 सेमी (चार इंच) ऊँची है और इसका समय 2500 ईसा पूर्व का है, जो इसे भारतीय उपमहाद्वीप की संभवतः प्राचीनतम कांस्य मूर्ति बनाती है। अतः विकल्प (c) सही है।
- यह मूर्ति अपनी सरल नलिकाकार अंगों और धड़ के लिये उल्लेखनीय है, जो कला में मानवीय रूप की प्रारंभिक समझ को दर्शाती है। इसमें एक लड़की को लंबे बालों के साथ दिखाया गया है, जो एक बुन में बंधे हुए हैं। उसकी बाईं बाजू पर कई चूड़ियाँ, दाईं बाजू पर एक ब्रेसलेट और एक ताबीज या चूड़ी पहनी हुई है, तथा गले में कौड़ी के खोल की माला है। उसका दायाँ हाथ कमर पर टिका हुआ है, जबकि बायाँ हाथ भारतीय नृत्य की एक पारंपरिक मुद्रा में है, जो गति और सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाता है।
93. चौरी-चौरा घटना के परिणामस्वरूप बंदी बनाए गए लोगों को किसने विधिक प्रतिरक्षा (लीगल डिफेन्स) प्रदान की?
(a) सी० आर० दास
(b) मदन मोहन मालवीय और कृष्णकांत
(c) डॉ० सैफुद्दीन किचलू और ख्वाज़ा हसन निज़ामी
(d) एम० ए० जिन्ना
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- चौरी-चौरा, जो संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश) के गोरखपुर ज़िले में स्थित है, वर्ष 1922 में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हुई घटना के कारण प्रसिद्ध हुआ।
- वर्ष 1923 में, प्रमुख वकील और स्वतंत्रता सेनानी महामना मदन मोहन मालवीय ने इस घटना के बाद गिरफ्तार किए गए और मृत्युदंड पाने वाले लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए आगे आए।
- उन्होंने न्यायालय में लगातार चार दिन तक जिरह की, और पूरे जोश से आरोपितों का पक्ष रखा। उनकी कोशिशों के कारण न्यायाधीश ने मृत्युदंड की सज़ा की समीक्षा की और कई निर्दोष व्यक्तियों को राहत मिली।
अतः विकल्प (b) सही है।
- Source: https://www.lawandbusinessnews.com/famous-trials-from-british-era-chauri-chaura-case/?utm_source=chatgpt.com
- https://upculture.up.nic.in/sites/default/files/documents/chauri-chaura%20gorakhpur.pdf
94. निम्नलिखित में से किस एक घटना के उपरांत, गाँधीजी ने, जो अस्पृश्यता का सतत् विरोध करते रहे और सभी क्षेत्रों में से उसके उन्मूलन के लिये अपील करते रहे, अपने राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रम में 'हरिजनों' के उत्थान को शामिल करने का निश्चय किया?
(a) पूना समझौता
(b) गाँधी-इरविन समझौता (दिल्ली समझौता)
(c) भारत छोड़ो आंदोलन के समय काँग्रेस के नेताओं की गिरफ्तारी
(d) भारत सरकार अधिनियम, 1935 की प्रख्यापना (प्रॉमल्गेशन)
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- सितंबर 1932 में मदन मोहन मालवीय और डॉ. बी.आर. अंबेडकर के बीच हुए पूना समझौते के बाद गांधीजी ने हरिजनों (अनुसूचित जातियों) के उत्थान के लिए अपना अभियान तेज़ कर दिया। इस समझौते के तहत दलित वर्गों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़ दिया गया, लेकिन संयुक्त निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षण की शुरुआत की गई, जिसे गांधीजी ने आमरण अनशन शुरू करने के बाद ही स्वीकार किया।
- अछूतों की दुर्दशा से बेहद प्रभावित होकर गांधीजी ने उनकी सामाजिक मुक्ति को अपने राष्ट्रीय आंदोलन का मुख्य हिस्सा बना लिया। समझौते के कुछ समय बाद:
- उन्होंने अखिल भारतीय अस्पृश्यता विरोधी लीग (सितंबर 1932) की स्थापना की, जिसे बाद में हरिजन सेवक संघ के नाम से जाना गया।
- उन्होंने साप्ताहिक पत्रिका 'हरिजन' (जनवरी 1933) का प्रकाशन शुरू किया।
- वर्ष 1933 से 1934 तक, उन्होंने जागरूकता फैलाने, धन जुटाने और सुधारों को बढ़ावा देने के लिए 20,000 किमी से अधिक की पूरे भारत की हरिजन यात्रा की।
- उनके अभियान ने मंदिर प्रवेश, सामाजिक एकीकरण और जातिगत भेदभाव के उन्मूलन पर ज़ोर दिया।
- इस प्रकार, पूना पैक्ट (1932) एक महत्त्वपूर्ण मोड़ था जब गांधीजी ने हरिजन उत्थान को अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे में औपचारिक रूप से शामिल किया।
अतः विकल्प (a) सही है।
Spectrum: https://upscaspirants.co.in/wp-content/uploads/2022/10/A-Brief-History-of-Modern-India-2019-2020-Edition-by-Spectrum-Books-Rajiv-Ahir-Kalpana-Rajaram-z-lib.org_.pdf Page 392
95. निम्नलिखित फलों पर विचार कीजिए :
- पपीता
- अनन्नास
- अमरूद
उपर्युक्त में से कितने सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दियों में पुर्तगालियों द्वारा भारत में लाए गए?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- पुर्तगाली, भारत में आने वाले सबसे पहले यूरोपीय थे और उन्होंने 16वीं और 17वीं शताब्दी के दौरान कई अमेरिकी फसलों और फलों को भारत में लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इनमें अनन्नास, पपीता और अमरूद शामिल हैं। ये सभी अमेरिकी मूल के हैं तथा जिन्हें पुर्तगालियों ने भारत में लाया था।
- अनन्नास ब्राज़ील से लाया गया था और इसका उल्लेख आइन-ए-अकबरी (1590 के दशक) में मिलता है, जिससे स्पष्ट होता है कि तब तक यह भारत में उगाया जाने लगा था। यह फल तेज़ी से विस्तृत हुआ और मुगल शाही बाग़ों तथा पुर्तग़ाली बस्तियों में उगाया जाने लगा।
- पपीता, फिलिपीन्स और मलक्का के माध्यम से भारत पहुँचा और 1600 के दशक की शुरुआत तक दमन जैसी पुर्तगाली क्षेत्रों में सामान्य हो गया। यह फल लोगों को बहुत पसंद आया और इसे ‘जेसुइट खरबूज़ा’(Jesuit melon) कहा जाने लगा।
- अमरूद, अनानास और पपीते से थोड़ा बाद में आया। हालाँकि अबुल फ़ज़ल ने अपने लेखों में अमरूद का उल्लेख किया है, लेकिन संभवतः इसका संदर्भ नाशपाती से था। भारत में अमरूद का पहला स्पष्ट उल्लेख अंग्रेज़ चिकित्सक जॉन फ्रायर ने 1673 में मद्रास के पास किया था, जो पुर्तगालियों द्वारा इसके आगमन का संकेत देता है।
अतः विकल्प (c) सही है।
- https://www.downtoearth.org.in/food/why-guava-is-attractive-for-farmers-consumers-alike-88900
- https://nhb.gov.in/report_files/pineapple/PINEAPPLE.htm
96. निम्न्रलिखित देशों पर विचार कीजिए :
- युनाइटेड किंगडम
- डेनमार्क
- न्यूज़ीलैंड
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्राज़ील
उपर्युक्त देशों में से कितनों में चार से अधिक काल-क्षेत्र (टाइम ज़ोन) हैं?
(a) सभी पाँच
(b) केवल चार
(c) केवल तीन
(d) केवल दो
उत्तर: (b)
व्याख्या:
- यूनाइटेड किंगडम अपने कई बाह्य क्षेत्रों जैसे पिटकेर्न द्वीप, बरमूडा और ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र के कारण 9 टाइम ज़ोन में फैला हुआ है।
- डेनमार्क 5 टाइम ज़ोन को नियंत्रित करता है, मुख्य रूप से ग्रीनलैंड के कारण, जो स्वयं फरो आइलैंड्स के साथ कई क्षेत्रों में फैला हुआ है।
- न्यूज़ीलैंड में 5 टाइम ज़ोन हैं, जो इसके मुख्य द्वीपों, चैथम द्वीप, नियू, टोकेलाऊ और कुक द्वीपों को कवर करते हैं।
- ऑस्ट्रेलिया अपने बाह्य क्षेत्रों जैसे क्रिसमस द्वीप, नॉरफॉक द्वीप और राज्यों में डेलाइट सेविंग टाइम विविधताओं को शामिल करते हुए 9 टाइम ज़ोन में फैला हुआ है।
- हालाँकि, ब्राज़ील में केवल 4 टाइम ज़ोन हैं, जो UTC-2 से UTC-5 तक हैं, जिसमें मुख्य भूमि और आस-पास के द्वीप समूह शामिल हैं।
- इसलिये केवल चार देशों— यूनाइटेड किंगडम, डेनमार्क, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में 4 से अधिक टाइम ज़ोन हैं, जबकि ब्राज़ील में नहीं है।
अतः विकल्प (b) सही है।
- https://www.worldatlas.com/time-zones/10-countries-with-the-most-time-zones.html
- Drishti source: https://www.drishtiias.com/to-the-points/paper1/2-time-zones-in-india
97. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- साइबेरिया में अनादिर और अलास्का में नोम एक-दूसरे से कुछ ही किलोमीटर दूर हैं, किन्तु जब इन शहरों में लोग जागते हैं और नाश्ते के लिये तैयार होते हैं, तब अलग-अलग दिन होते हैं।
- जब अनादिर में सोमवार होता है, तब नोम में मंगलवार होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) न तो I और न ही II
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- यह प्रश्न अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line - IDL) और उसके कारण भौगोलिक रूप से नज़दीक स्थित स्थानों के बीच समय एवं तिथि के अंतर पर आधारित है।
- अनादिर (साइबेरिया) और नोम (अलास्का, अमेरिका) बेरिंग जलसंधि के पार एक-दूसरे के काफी पास स्थित हैं। हालाँकि, उनके बीच से अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (IDL) गुजरती है।
- IDL एक काल्पनिक रेखा है, जो लगभग 180° देशांतर पर स्थित होती है, जहाँ इसे पार करने पर तिथि एक दिन आगे या पीछे हो जाती है।
- अनादिर, IDL के पश्चिम में स्थित है जबकि नोम, IDL के पूर्व में। इस कारण, भले ही दोनों स्थान एक-दूसरे के निकट हों, वे अलग-अलग कैलेंडर दिनों में स्थित माने जाते हैं। अतः कथन I सही है।
- अनादिर, नोम से लगभग 20 घंटे आगे है। इसलिये जब अनादिर में सोमवार होता है, तब नोम में अभी भी रविवार होता है, न कि मंगलवार। अतः कथन II सही नहीं है।
अतः विकल्प (a) सही है।
- https://drive.google.com/file/d/1-zVNzaPYCRj6IbXgJ1jdOS_j6V5PILqo/view ; Page-Page-10
- https://aa.usno.navy.mil/faq/international_date
- https://www.timeanddate.com/worldclock/russia/anadyr
- https://www.timeanddate.com/worldclock/usa/nome
98. इनमें से कौन 'आत्म-सम्मान आंदोलन (सेल्फ-रेस्पेक्ट मूवमेंट)' का संस्थापक था?
(a) 'पेरियार' ई० वी० रामास्वामी नायकर
(b) डॉ० बी० आर० अम्बेडकर
(c) भास्करराव जाधव
(d) दिनकरराव जवलकर
उत्तर: (a)
व्याख्या:
- आत्म-सम्मान आंदोलन की स्थापना वर्ष 1925 में तमिलनाडु में ‘पेरियार’ ई.वी. रामास्वामी नायकर द्वारा की गई थी, जिन्हें पेरियार के नाम से भी जाना जाता है। वह बलीजा नायडू जाति से संबंधित थे, इस आंदोलन की शुरुआत ब्राह्मणवादी वर्चस्व, धार्मिक रूढ़िवादिता और जातिगत उत्पीड़न को चुनौती देने हेतु की गई थी। अतः विकल्प (a) सही है।
- यह आंदोलन ब्राह्मणवादी धर्म और संस्कृति को अस्वीकार करता था, जिसे पेरियार ने निम्न जाति के शोषण का साधन माना था।
- इसने तर्कवाद, लैंगिक समानता और आत्म-सम्मान को गैर-ब्राह्मण एवं शोषित समुदायों के बीच बढ़ावा दिया।
- पेरियार ने ब्राह्मण पुरोहितों के बिना विवाहों को औपचारिक रूप देकर ब्राह्मण प्रभुत्व को प्रतीकात्मक रूप से चुनौती दी।
- उनके विचार दक्षिण भारत में व्यापक रूप से मौज़ूद जातिविरोधी भावना के अनुरूप थे, जो केरल के श्री नारायण गुरु के विचारों से समानता रखते थे।
- इस आंदोलन ने दक्षिण भारत में सामाजिक सुधार में एक निर्णायक भूमिका निभाई और तमिलनाडु में द्रविड़ राजनीति की नींव रखी।
Spectrum: https://upscaspirants.co.in/wp-content/uploads/2022/10/A-Brief-History-of-Modern-India-2019-2020-Edition-by-Spectrum-Books-Rajiv-Ahir-Kalpana-Rajaram-z-lib.org_.pdf ; Page-226
99. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए :
देश किस संसाधन में समृद्ध है
I.बोत्सवाना : हीरा
II. चिली : लिथियम
III. इंडोनेशिया : निकेल
उपर्युक्त में से कितनी पंक्तियों में दी गई जानकारी सही सुमेलित है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) किसी में भी नहीं
उत्तर: (c)
व्याख्या:
देश |
किस संसाधन में समृद्ध है |
I. बोत्सवाना |
हीरा |
II. चिली |
लिथियम |
III. इंडोनेशिया |
निकेल |
- बोत्सवाना विश्व में हीरों के मूल्य की दृष्टि से अग्रणी उत्पादकों में से एक है। ज्वानेंग और ओरापा यहाँ की प्रमुख खदानें हैं। हीरा उद्योग बोत्सवाना के सकल घरेलू उत्पाद में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है जिसके परिणामस्वरूप यह अफ्रीका की सबसे स्थिर अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। अतः युग्म I सही सुमेलित है।
- चिली लिथियम के शीर्ष तीन वैश्विक उत्पादकों में से एक है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रयुक्त होने वाली बैटरियों के लिये आवश्यक है। विश्व के लिथियम भंडार का एक बड़ा हिस्सा यहाँ अटाकामा मरुस्थल में पाया जाता है, जहाँ नमक के मैदानों (Salt Flats) (सालार) से लिथियम का निष्कर्षण किया जाता है। चिली बोलीविया और अर्जेंटीना के साथ ‘लिथियम ट्रायंगल’ का हिस्सा है। अतः युग्म II सही सुमेलित है।
- इंडोनेशिया विश्व में निकेल का सबसे बड़ा उत्पादक है। इंडोनेशिया के पास निकेल के व्यापक भंडार हैं और इसने इस संसाधन का उपयोग घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरी आपूर्ति शृंखला के विकास की रणनीति के रूप में किया है। सरकार ने स्थानीय प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने और निकल स्मेल्टर एवं बैटरी उत्पादन में विदेशी निवेश को आकर्षित करने हेतु कच्चे निकेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। अतः युग्म III सही सुमेलित है।
Source:
- https://www.trade.gov/country-commercial-guides/botswana-mining-minerals
- https://indianexpress.com/article/india/lithium-find-in-jk-chile-with-most-reserves-ready-to-share-know-how-8534345/
- https://globalcenters.columbia.edu/news/journey-through-chiles-lithium-landscape
- https://www.drishtiias.com/current-affairs-news-analysis-editorials/news-editorials/23-01-2025
- https://insg.org/wp-content/uploads/2024/09/publist_The-World-Nickel-Factbook-2024.pdf
- https://www.naturaldiamonds.com/in/diamond-facts-info/diamond-facts-and-statistics-that-matter
100. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
क्षेत्र देश
- मैलोर्का : इटली
- नॉर्मंडी : स्पेन
- सार्डिनिया : फ्रांस
उपर्युक्त में से कितनी पंक्तियों में दी गई जानकारी सही सुमेलित है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) किसी में भी नहीं
उत्तर: (d)
क्षेत्र |
देश |
हालिया घटनाक्रम |
I. मैलोर्का |
स्पेन |
पर्यटन विरोधी प्रदर्शन |
II. नॉर्मंडी |
फ्राँस |
डी-डे लैंडिंग (6 जून 1944) की 80वीं वर्षगाँठ का स्मरणोत्सव |
III. सार्डिनिया |
इटली |
इटली के सार्डिनिया द्वीप में वनाग्नि |
अतः विकल्प (d) सही है।