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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 जनवरी, 2022

  • 29 Jan 2022
  • 6 min read

डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन

हाल ही में केंद्र सरकार ने ‘डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन’ को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है। इससे पहले डॉक्टर नागेश्वरन एक लेखक, शिक्षक और सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने भारत तथा सिंगापुर में कई बिज़नेस स्कूलों एवं प्रबंधन संस्थानों में अध्यापक के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी हैं। डॉक्टर नागेश्वरन ‘आईएफएमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिज़नेस’ के डीन भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वे ‘क्रिआ विश्वविद्यालय’ में अर्थशास्त्र के विजिटिंग प्रोफेसर भी हैं। डॉक्टर नागेश्वरन वर्ष 2019 से वर्ष 2021 तक प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है। ज्ञात हो कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) भारत सरकार में एक पद है, जो कि भारत सरकार के सचिव के पद के बराबर होता है। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन का प्राथमिक कार्य वित्त मंत्रालय के तहत ‘आर्थिक मामलों के विभाग’ का नेतृत्त्व करना होगा।

नॉर्डिक 'क्लिंकर बोट्स’

संयुक्त राष्ट्र के सांस्कृतिक संगठन- यूनेस्को ने हाल ही में नॉर्डिक 'क्लिंकर बोट्स’ को अपनी विरासत सूची में शामिल कर लिया है। हज़ारों वर्षों तक लकड़ी की इन नावों ने उत्तरी यूरोप के लोगों को अपना व्यापार बढ़ाने और कभी-कभी समुद्र और महाद्वीपों में युद्ध करने में काफी मदद की। इसके ऐतिहासिक महत्त्व को देखते हुए दिसंबर माह में डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन ने संयुक्त रूप से 'क्लिंकर बोट्स’ को यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल करने की मांग की थी। ‘क्लिंकर’ शब्द का प्रयोग नाव की लकड़ी के बोर्डों को एक साथ बाँधे जाने के तरीके को संदर्भित करने हेतु किया जाता है। इतिहासकारों द्वारा एकत्रित साक्ष्यों के मुताबिक, ‘क्लिंकर’ तकनीक का विकास तकरीबन हज़ार वर्ष पूर्व कांस्य युग के दौरान हुआ था। यूनेस्को का यह निर्णय नाव-निर्माण तकनीकों की रक्षा और संरक्षण में मददगार होगा। अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने का यह निर्णय नॉर्डिक देशों को इस लुप्त होती परंपरा के अवशेषों को संरक्षित करने का प्रयास करने हेतु बाध्य करता है।

डिजिटल संसद एप

संसदीय कार्यवाही को न केवल सदस्यों के लिये बल्कि बड़े पैमाने पर जनता के लिये भी सुलभ बनाने के उद्देश्य से हाल ही में लोकसभा सचिवालय द्वारा 'डिजिटल संसद एप' लॉन्च किया गया है। 'डिजिटल संसद' एप के माध्यम से लोकसभा के कामकाज से संबंधित सभी जानकारी देखने की सुविधा प्राप्त होगी। इसे लोकसभा के दैनिक कार्य से संबंधित सभी जानकारी देखने के लिये वन-स्टॉप डेस्टिनेशन प्रदान करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है। यह एप्लीकेशन आम लोगों को सभी संसद सदस्यों, सत्रों में उनकी भागीदारी और वर्ष 1947 के बाद से सभी बजट भाषणों के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा 12वीं लोकसभा से 17वीं लोकसभा तक सदन की समग्र कार्यवाही का संग्रह उपलब्ध रहेगा।

अंतर्राष्ट्रीय कस्टम दिवस

26 जनवरी, 2022 को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय कस्टम दिवस का आयोजन किया गया। इस वर्ष यह दिवस ‘डेटा संस्कृति को अपनाकर और डेटा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करके सीमा शुल्क डिजिटल परिवर्तन को बढ़ाना’ थीम के साथ आयोजित किया गया। यह दिवस विश्व भर की सीमाओं पर वस्तु एवं माल के प्रवाह की देखभाल के कार्य के लिये कस्टम अधिकारियों और एजेंसियों को सम्मानित करता है। विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO) द्वारा गठित यह दिवस वर्ष 1953 में बेल्जियम के ब्रुसेल्स में आयोजित सीमा शुल्क सहयोग परिषद (CCC) के उद्घाटन सत्र की शुरुआत को चिह्नित करता है। वर्ष 1994 में सीमा शुल्क सहयोग परिषद का नाम बदलकर विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO) कर दिया गया। यह एक स्वतंत्र अंतर-सरकारी निकाय है और वर्तमान में इसके कुल 183 सदस्य हैं।

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