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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 25 जुलाई, 2020

  • 25 Jul 2020
  • 7 min read

आनंदीबेन पटेल

मध्यप्रदेश के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन के निधन के बाद राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आनंदीबेन पटेल को मध्‍य प्रदेश का राज्‍यपाल नियुक्‍त किया है। इस समय वे उत्तर प्रदेश के राज्‍यपाल का पदभार संभल रही हैं, उन्हें मध्‍य प्रदेश के राज्‍यपाल का अतिरिक्‍त प्रभार दिया गया है। गौरतलब है कि बीते दिनों 21 जुलाई, 2020 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन हो गया था, जिसके परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश का यह महत्त्वपूर्ण पद रिक्त हो गया था। आनंदीबेन पटेल का जन्म 21 नवंबर, 1941 को गुजरात के मेहसाणा ज़िले में हुआ था, उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत वर्ष 1987 में की थी, इस दौरान वे भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश महिला मोर्चा अध्‍यक्ष, प्रदेश इकाई की उपाध्‍यक्ष, राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी सदस्‍य जैसे महत्त्वपूर्ण पद पर रहीं। वर्ष 1994 में आनंदीबेन पटेल को गुजरात से राज्यसभा के लिये चुना गया, इस दौरान उन्होंने वर्ष 1994-95 में बीजिंग (चीन) में आयोजित चौथे विश्व महिला सम्मेलन (World Women's Conference) में भाग लिया, जहाँ उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्त्व किया। वर्ष 1998 में वे पहली बार मांडल विधानसभा क्षेत्र (अहमदाबाद) से चुनकर विधायक बनीं। इसके पश्चात् उन्होंने वर्ष 1998 से वर्ष 2002 तक शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री के तौर पर अपनी सेवाएँ दीं। गौरतलब है कि आनंदीबेन पटेल 22 मई, 2014 से 7 अगस्त, 2016 तक गुजरात राज्य की प्रथम महिला मुख्यमंत्री भी रही। इसके पश्चात् उन्हें छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और अंततः उत्तरप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया।

भारतीय एयरलाइनों को अमेरिका से अनुमति की आवश्यकता नहीं

भारत की ओर से अमेरिका के लिये शुरू की गई अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के संबंध में पहले जारी अपने आदेश को अमेरिकी प्रशासन ने वापस ले लिया है। बीते महीने जारी इस आदेश में अमेरिकी प्रशासन ने कहा था कि अमेरिका के लिये कोई भी उड़ान शुरू करने से पूर्व भारतीय एयरलाइनों को उसकी पूर्व अनुमति लेनी होगी। ये उड़ानें भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापस लाने के लिये शुरू की गई थीं। गौरतलब है कि अमेरिकी सरकार ने इस आदेश को प्रभावी होने से पूर्व ही वापस ले लिया है। अमेरिका के परिवहन विभाग ने भारत सरकार की ओर से दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा शुरू करने के निर्णय के बाद यह कदम उठाया है। हाल ही में नागरिक उड्डन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अमेरिका, फ्रांँस, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात से भारत के लिये द्विपक्षीय विमान सेवाएँ शुरू किये जाने की घोषणा की थी। ध्यातव्य है कि विश्व में लगातार फैल रहे कोरोना वायरस (COVID-19) के मामलों को देखते हुए भारत समेत विश्व के लगभग सभी देशों ने सुरक्षा के मद्देनज़र सभी प्रकार के यात्रा प्रतिबंध लगा दिये थे।

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रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान टैग 

भारतीय रेलवे दिसंबर 2022 तक अपने सभी डिब्बों में रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान टैग (Radio-Frequency Identification Tags-RFID Tags) लगाने की योजना बना रही है। भारतीय रेलवे द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, रेल के सभी डिब्बों में RFID टैग लगाने का कार्य दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। इन  टैग्स का उपयोग भारतीय रेलवे द्वारा रेल के डिब्बों को ट्रैक करने के लिये किया जाएगा। इस संबंध में रेल मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, अब तक लगभग 23000 रेल के डिब्बों को इस परियोजना के तहत कवर किया जा चुका है। वर्तमान में रेलवे द्वारा इस प्रकार के आँकड़ों और डेटा का संग्रहण मैन्युअल रूप से किया जाता है, जिसके कारण त्रुटियों की संभावना सबसे अधिक रहती है। इस प्रकार रेल के सभी डिब्बों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (RFID) उपकरणों का उपयोग करने से भारतीय रेलवे के लिये ट्रेन की सही स्थिति जानना काफी आसान हो जाएगा। रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (RFID) उपकरणों की शुरुआत के माध्यम से रेल के डिब्बों, लोकोमोटिव और कोचों की कमी के मुद्दे को और अधिक पारदर्शी माध्यम से संबोधित करने में मदद मिलेगी।

अरुण कुमार

रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के महानिदेशक अरुण कुमार को पेरिस स्थित अंतर्राष्ट्रीय रेलवे संघ (International Union of Railways) के सिक्योरिटी प्लेटफॉर्म (Security Platform) का उपाध्यक्ष नामित किया गया है। इस प्रकार अब वैश्विक रेल नीति निर्माण में अरुण कुमार भारत का प्रतिनिधित्त्व करेंगे। 1985 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी अरुण कुमार को कुल 2 वर्ष के कार्यकाल के लिये इस पद पर नियुक्त किया गया है और वे जून 2022 तक इस पद पर कार्य करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय रेलवे संघ (International Union of Railways) एक वैश्विक पेशेवर संघ है, यह दुनिया भर में रेलवे क्षेत्र का प्रतिनिधित्त्व करता है और रेल परिवहन को बढ़ावा देने का कार्य करता है। इसकी स्थापना 17 अक्तूबर, 1922 को 29 देशों के मात्र 51 सदस्यों के साथ हुई थी और वर्तमान में विश्व के लगभग सभी देश इस वैश्विक पेशेवर संघ के सदस्य हैं। गौरतलब है कि भारत भी इस संघ का एक सक्रिय सदस्य है। एक वैश्विक संघ के रूप में अंतर्राष्ट्रीय रेलवे संघ का लक्ष्य विश्व स्तर पर रेल परिवहन को बढ़ावा देना और गतिशीलता एवं सतत् विकास की वर्तमान तथा भविष्य की चुनौतियों को पूरा करना है।

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