लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



प्रिलिम्स फैक्ट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 अक्तूबर, 2020

  • 24 Oct 2020
  • 7 min read

संयुक्त राष्ट्र दिवस

वर्ष 1948 के बाद से प्रत्येक वर्ष 24 अक्तूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस (United Nations Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अस्तित्त्व में आने को चिह्नित करता है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर, वैश्विक शांति और समानता की दिशा में कार्य कर रहे संयुक्त राष्ट्र (UN) का संस्थापक दस्तावेज़ है। दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के तुरंत बाद वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र के घोषणा पत्र के प्रारूप को तैयार करने के लिये 50 देशों के प्रतिनिधि अमेरिका के सैन फ्रांसिस्‍को में एकत्रित हुए और 26 जून, 1945 को सभी देशों के हस्‍ताक्षर के बाद इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर (U.N. Charter) के रूप में स्‍वीकार किया गया था। ध्यातव्य है कि पोलैंड, बाद में इस पर हस्ताक्षर करके संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक सदस्य बना था। इसके पश्चात् संयुक्त राष्ट्र (UN) आधिकारिक रूप से 24 अक्तूबर, 1945 को अस्तित्त्व में आया, जब चीन, फ्रांँस, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका समेत अधिकांश हस्ताक्षरकर्त्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर की पुष्टि कर दी। इसलिये प्रत्येक वर्ष 24 अक्तूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया जाता है। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र कुल 193 सदस्यों वाले एक महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संगठन के तौर पर कार्य कर रहा है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को सुविधाजनक बनाने हेतु सहयोग प्रदान करना, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक विकास तथा मानवाधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ विश्व शांति की दिशा में कार्य करना है। संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 अंग हैं- 1) महासभा, 2) सुरक्षा परिषद, 3) आर्थिक एवं सामाजिक परिषद 4) न्यास परिषद, 5) सचिवालय और 6) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय।

प्याज की भंडारण सीमा निर्धारित

प्याज की जमाखोरी को रोकने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने इस वर्ष के अंत तक थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के लिये प्याज भंडारण की सीमा निर्धारित कर दी है। ध्यातव्य है कि देश के कई राज्यों में प्याज की कीमत 100 रुपए प्रति किलो से भी ऊपर जा चुकी है। पिछले माह आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के बाद यह पहली बार है जब किसी वस्तु अथवा उत्पाद की स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है। इस संबंध में जारी अधिसूचना के मुताबिक, प्रतिबंधों के तहत 31 दिसंबर, 2020 तक थोक व्यापारियों को 25 टन और खुदरा विक्रेताओं को दो टन से अधिक प्याज स्टोर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार के इस कदम का उद्देश्य मूल्य अस्थिरता की मौजूदा स्थिति में प्याज की जमाखोरी और किसी भी प्रकार के संभावित भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है। ज्ञात हो कि सितंबर माह की शुरुआत से ही प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और केंद्र ने पहले ही इसके निर्यात पर प्रतिबंध अधिरोपित कर दिया है, साथ ही सरकार द्वारा अन्य देशों से आयात को बढ़ाने के लिये भी कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

डॉ. विजयलक्ष्मी रमानन

भारतीय वायु सेना की पहली महिला अधिकारी विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) डॉ. विजयलक्ष्मी रमानन का 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। फरवरी 1924 को चेन्नई में जन्मी विजयलक्ष्मी रमानन अपनी एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई पूरी करने के बाद 22 अगस्त, 1955 को आर्मी मेडिकल कोर में कमीशन हुईं और वायु सेना में शामिल हो गईं। डॉ. विजयलक्ष्मी रमानन ने भारतीय वायु सेना के विभिन्न अस्पतालों में कार्य करने के अलावा युद्धों के दौरान घायल सैनिकों की देखभाल का कार्य भी किया और समय आने पर प्रशासनिक कर्त्तव्यों का भी निर्वहन किया। अगस्त 1972 में विजयलक्ष्मी रमानन को विंग कमांडर के पद पर पदोन्नत किया गया और उसके पाँच वर्ष बाद विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया गया था। वे फरवरी, 1979 में सेवानिवृत्त हुई थीं।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन 

तकरीबन 35 वर्ष बाद भारत को एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के संचालक मंडल (Governing Body) की अध्यक्षता प्राप्त हुई है। भारत के श्रम एवं रोज़गार सचिव अपूर्व चंद्रा (Apurva Chandra) को अक्तूबर 2020 से जून 2021 तक की अवधि के लिये अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के संचालक मंडल के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। संचालक मंडल (GB), अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन का शीर्ष कार्यकारी निकाय है, जो संगठन से संबंधित नीतियों, कार्यक्रमों, एजेंडा, बजट आदि का निर्धारण करने के साथ-साथ संगठन के महानिदेशक का भी चुनाव करता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध एक विशिष्ट एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1919 में की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की स्थापना मुख्य तौर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानवाधिकारों एवं श्रमिक अधिकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। अपूर्व चंद्रा, 1988 बैच के महाराष्ट्र कैडर के IAS अधिकारी हैं और केंद्र सरकार के कई महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2