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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 नवंबर, 2020

  • 21 Nov 2020
  • 7 min read

विश्व मत्स्य दिवस

संपूर्ण विश्व में सभी मछुआरों, किसानों और संबंधित हितधारकों के साथ एकजुटता को प्रदर्शित करने के लिये प्रत्येक वर्ष 21 नवंबर को विश्व मत्स्य दिवस (World Fisheries Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 1997 में हुई थी, जब 18 देशों के प्रतिनिधियों ने नई दिल्ली में ‘वर्ल्ड फोरम ऑफ फिश हार्वेस्टर्स एंड फिश वर्कर्स’ (World Forum of Fish Harvesters and Fish Workers) की बैठक में हिस्सा लिया और ‘विश्व मत्स्य मंच’ (World Fisheries Forum-WFF) का गठन किया गया था। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य समुद्री और अंतर्देशीय संसाधनों की स्थिरता से संबंधित गंभीर खतरों की ओर ध्यान आकर्षित करना है। यह दिवस विश्व को स्वस्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के लिये मत्स्य पालन के तरीके को बदलने पर ध्यान केंद्रित करता है। भारत, विश्व में जलीय कृषि के माध्यम से मछली उत्पादन करने वाला दूसरा प्रमुख उत्पादक देश है। भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र लगभग 28 मिलियन मछुआरों और मछली पालकों को प्रत्यक्ष रोज़गार प्रदान करता है। भारत वैश्विक मछली उत्पादन में लगभग 7.7% योगदान देता है और मछली उत्पादों के वैश्विक निर्यात में चौथे स्थान पर है। सितंबर, 2020 में भारत सरकार ने पाँच वर्ष की अवधि के लिये ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ (PMMSY) का शुभारंभ किया था। इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2024-25 तक 22 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) तक मछली उत्पादन के स्तर तक पहुँचना है और साथ ही लगभग 55 लाख लोगों के लिये अतिरिक्त रोज़गार के अवसर उत्पन्न करने हैं।

डाक अदालत 

30 दिसंबर, 2020 को गोवा में 46वीं क्षेत्रीय डाक अदालत (Dak Adalat) का आयोजन किया जाएगा। ध्यातव्य है कि डाक सेवाएँ भारत के सामाजिक-आर्थिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं, और देश के लगभग सभी नागरिकों के जीवन को प्रभावित करती हैं। यद्यपि भारतीय डाक विभाग अपने ग्राहकों की पूरी संतुष्टि के लिये सर्वोत्तम प्रयास करता है किंतु संचार के अभाव और सेवाओं में दोष के कारण कभी-कभी ग्राहकों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। ऐसी शिकायतों और असुविधाओं का प्रभावी तरीके से निवारण करने के लिये भारतीय डाक विभाग समय-समय पर क्षेत्रीय डाक अदालतों का आयोजन करता है जहाँ विभाग के पदाधिकारी पीड़ित ग्राहकों से मिलते हैं और उनकी शिकायतों का जल्द-से-जल्द निवारण करने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार की क्षेत्रीय अदालतों में मेल, पार्सल, पंजीकृत पत्र, इलेक्ट्रॉनिक मनी ऑर्डर, स्पीड पोस्ट, बचत बैंक खाते, डाक जीवन बीमा और डाक विभाग से संबंधित अन्य सेवाओं से जुड़ी शिकायतों और विवादों को निपटाने का प्रयास किया जाता है। 

डगलस स्टुअर्ट 

स्‍कॉटलैंड के लेखक डगलस स्‍टुअर्ट (Douglas Stuart) ने अपने पहले उपन्यास ‘शुग्‍गी बैन’ (Shuggie Bain) के लिये वर्ष 2020 का बुकर पुरस्कार (Booker Prize) जीता है। डगलस स्टुअर्ट का यह उपन्यास एक ऐसे लड़के के जीवन पर आधारित है, जो कि 1980 के दशक में ग्‍लासगो (Glasgow) में पला-बढ़ा और जिसकी माँ नशे की समस्या से जूझ रही है। वर्ष 2020 के बुकर पुरस्कार के प्रतियोगियों में चुने गए लेखकों में भारतीय मूल की लेखिका अवनी दोशी भी शामिल थीं, जिन्हें उनके उपन्यास ‘बर्नट शुगर’ (Burnt Sugar) के लिये इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के प्रतियोगियों की सूची में शामिल किया गया था। बुकर पुरस्कार अंग्रेज़ी साहित्य का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जो कि सर्वोत्तम अंग्रेज़ी उपन्यास को दिया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1969 में अंग्रेज़ी में प्रकाशित उपन्यासों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया था। बीते वर्ष 2019 के लिये कनाडा की मार्गरेट एटवुड (Margaret Atwood) और ब्रिटेन की बर्नाडिन एवरिस्टो (Bernardine Evaristo) को संयुक्त रूप से इस पुरस्कार के लिये चुना गया था। 

मेघालय एकीकृत परिवहन परियोजना

भारत सरकार, मेघालय सरकार और विश्व बैंक ने हाल ही में मेघालय राज्य के परिवहन क्षेत्र में सुधार और आधुनिकीकरण से संबंधित 120 मिलियन डॉलर की परियोजना के लिये एक समझौता किया। इससे मेघालय को अपनी बहुमूल्य कृषि तथा पर्यटन क्षेत्र में मौजूद विकास की संभावनाओं के दोहन में सहायता मिलेगी। मेघालय एकीकृत परिवहन परियोजना (MITP) से नवाचार, जलवायु के प्रति लचीले और प्रकृति-आधारित समाधानों के इस्तेमाल के द्वारा 300 किलोमीटर लंबी सड़कों और पुलों में सुधार किया जाएगा, जो कि राज्य और वहाँ के लोगों के आर्थिक विकास के लिये काफी अहम है, क्योंकि किसी भी क्षेत्र का आर्थिक विकास उसके आधारभूत ढाँचे से नजदीक से जुड़ा होता है। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों और मुश्किल जलवायु परिस्थितियों के कारण मेघालय में परिवहन काफी चुनौतीपूर्ण है। वर्तमान में, राज्य की कुल 5,362 बस्तियों में से आधी परिवहन संपर्क की कमी से जूझ रही हैं।

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