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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 सितंबर, 2021

  • 20 Sep 2021
  • 8 min read

मनोरमा महापात्रा

प्रधानमंत्री ने हाल ही में प्रतिष्ठित ओड़िया साहित्‍यकार ‘मनोरमा महापात्रा’ के निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया है। 10 जून, 1934 को जन्मीं मनोरमा महापात्रा को वर्ष 1998 में अपने पिता डॉ. राधानाथ रथ से ‘ओड़िया दैनिक’ का संपादकीय दायित्व प्राप्त हुआ था। इससे पूर्व उन्होंने 'झिटिपति कहे सतक्षी' नामक कॉलम के तहत समकालीन मुद्दों के आलोचनात्मक विश्लेषण के साथ ‘ओड़िया दैनिक’ में एक स्तंभकार के रूप में योगदान दिया था। उनके पिता पद्मभूषण पुरस्कार विजेता डॉ. राधानाथ रथ एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और लोक सेवक मंडल के अध्यक्ष थे। मनोरमा महापात्रा ने 40 से अधिक पुस्तकों और उपन्यासों की रचना की। उनकी पहली पुस्तक 'जुआर जिउंथी उठे' वर्ष 1960 में प्रकाशित हुई, जो कि महिला सशक्तीकरण पर क्रांतिकारी कविताओं का एक संग्रह है। उनकी साहित्यिक कृतियों में 'अर्द्धनारीश्वर', 'बैदेही विसर्जिता', 'रूपम रूपम प्रतिरूपम', 'स्मृति चंदन', 'समय पुरुष' और 'उत्तर निरुत्तर' आदि शामिल हैं। उन्हें वर्ष 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1988 में सोवियत नेहरू पुरस्कार, वर्ष 1990 में क्रिटिक सर्कल ऑफ इंडिया अवार्ड, वर्ष 1991 में ईश्वर चंद्र विद्यासागर सम्मान, वर्ष 1994 में रूपंबर पुरस्कार, उत्कल साहित्य समाज पुरस्कार, गंगाधर मेहर सम्मान और साहित्य प्रवीण पुरस्कार आदि से सम्मानित किया गया था। साहित्य के क्षेत्र में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 1982 से वर्ष 1990 तक उत्कल साहित्य समाज की सचिव और वर्ष 1991 में ओडिशा साहित्य अकादमी की अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, जो इस पद को संभालने वाली पहली महिला थीं।

‘हाईबोडॉन्ट शार्क’ के अवशेष

‘भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण’ और ‘भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-रुड़की’ के शोधकर्त्ताओं द्वारा की गई खोज में राजस्थान के जैसलमेर बेसिन से ‘हाईबोडॉन्ट शार्क’ की एक नई विलुप्त प्रजाति के अवशेष मिले हैं। ट्राइसिक काल और प्रारंभिक जुरासिक काल के दौरान ‘हाईबोडॉन्ट शार्क’ समुद्री एवं मीठे पानी के वातावरण दोनों स्थानों पर पाई जाती थी। जैसलमेर बेसिन क्षेत्र से एकत्र किये गए 30 से अधिक दाँतों के नमूनों से पता चला है कि ये प्रजातियाँ लगभग 160 से 168 मिलियन वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में मौजूद थीं। यह खोज इस लिहाज से भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय उपमहाद्वीप से ‘स्ट्रोफोडस जीनस’ का पहला रिकॉर्ड है। शोधकर्त्ताओं का अनुमान है कि ‘हाईबोडॉन्ट शार्क’ लगभग 2-3 मीटर लंबी थी और वे लगभग 65 मिलियन वर्ष पूर्व विलुप्त हो गईं। गौरतलब है कि डायनासोर भी लगभग 65 मिलियन वर्ष पूर्व ही विलुप्त हुए थे। हालाँकि इन दोनों प्रजातियों की विलुप्ति के बीच संबंध स्पष्ट नहीं है। ज्ञात हो कि जैसलमेर समुद्री जीवाश्मों, विशेष रूप से अकशेरुकी जीवों के अवशेषों की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। इन जीवाश्मों की उपस्थिति वनस्पति-समृद्ध तटीय वातावरण की मौजूदगी का संकेत देती है।  

‘एक पहल’ अभियान

हाल ही में विधि एवं न्‍याय मंत्रालय ने टेली-लॉ के तहत बड़े पैमाने पर पंजीकरण को प्रोत्साहित करने के लिये देश भर में ‘एक पहल’ नामक अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत टेली-लॉ के माध्यम से पैनल वकीलों द्वारा लाभार्थियों को 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 633 ज़िलों में 50,000 ग्राम पंचायतों के 51,434 सामान्य सेवा केंद्रों में पूर्व-मुकदमे संबंधी सलाह/परामर्श प्रदान किया जाएगा। ज्ञात हो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39(A) में सभी के लिये न्याय सुनिश्चित किया गया है और गरीबों तथा समाज के कमज़ोर वर्गों के लिये राज्य द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था करने की बात कही गई है। वहीं अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22(1), विधि के समक्ष समानता सुनिश्चित करने के लिये राज्य को बाध्य करते हैं। एक सफल एवं जीवंत लोकतंत्र की पहचान यह है कि प्रत्येक नागरिक को न केवल न्याय की गारंटी दी जाए बल्कि वह न्यायसंगत भी हो। यह सरकार को एक ऐसा वातावरण बनाने के लिये बाध्य करता है, जहाँ न्याय-वितरण को एक संप्रभु कार्य के रूप में नहीं बल्कि नागरिक-केंद्रित सेवा के रूप में देखा जाता हो। 

अर्थशॉट पुरस्कार

तमिलनाडु की एक 14 वर्षीय स्कूली छात्रा की सौर ऊर्जा से चलने वाली ‘आयरन कार्ट’ परियोजना और दिल्ली के उद्यमी की कृषि अपशिष्ट रीसाइक्लिंग अवधारणा को ब्रिटेन के प्रिंस विलियम द्वारा शुरू किये गए ‘अर्थशॉट पुरस्कार’ के लिये 15 फाइनलिस्टों में नामित किया गया है। ये दोनों परियोजनाएँ ‘अर्थशॉट प्राइज़ ग्लोबल अलायंस मेंबर्स’ (दुनिया भर के निजी क्षेत्र के व्यवसायों का एक नेटवर्क) से परियोजना विस्तार के लिये आवश्यक संसाधन और वित्तीय सहायता प्राप्त करेंगे। प्रिंस विलियम द्वारा इन 15 फाइनलिस्टों में से पाँच को अलग-अलग श्रेणियों में ‘अर्थशॉट पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा। ये पाँच श्रेणियाँ हैं- ‘प्रकृति की रक्षा एवं पुनर्स्थापना’, ‘स्वच्छ वायु’, ‘महासागरों का पुनर्जीवन’. ‘अपशिष्ट मुक्त विश्व का निर्माण’ और ‘जलवायु को ठीक करना’।

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