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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 अप्रैल, 2022

  • 20 Apr 2022
  • 7 min read

एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र

स्मार्ट सिटीज मिशन (Smart Cities Mission – SCM) के तहत देश के 100 शहरों का विकास किया जा रहा है, उनमें से 80 में एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (Integrated Command and Control Centres – ICCC) को पहले ही स्थापित किया जा चुका है। 15 अगस्त 2022 तक बाकी बचे हुए शहरों में भी एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र किये जाएगे। इस परियोजना का उद्देश्य 100 आत्मनिर्भर, नागरिक अनुकूल शहरी बस्तियों को विकसित करना है। गृह मंत्रालय का उद्देश्य ICCC मॉडल को अंतिम रूप देने के साथ ही इस योजना को महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और राजस्थान राज्यों में एक पायलट परियोजनाके रूप में लागू करना है। एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्रों को वास्तविक समय की निगरानी हेतु डिज़ाइन किया गया है और पहले इसका उद्देश्य बिजली तथा पानी, यातायात, स्वच्छता, शहर की कनेक्टिविटी, एकीकृत भवन प्रबंधन तथा इंटरनेट बुनियादी ढांँचे की निगरानी और नियंत्रण करना था। हालाँकि, ICCCs को अब गृह मंत्रालय के अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) से भी जोड़ा जाएगा। COVID-19 महामारी के दौरान, ये कमांड सेंटर वॉर रूम के रूप में भी कार्य करते थे।

उत्सव पोर्टल 

केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) मंत्री द्वारा 12 से 13 अप्रैल तक आयोजित होने वाले समागम सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान उत्सव पोर्टल का शुभारंभ किया। जिसका उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों को विश्वभर में लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के रूप में बढ़ावा देने हेतु वैश्विक मंच पर भारत के कार्यक्रमों एवं त्योहारों के विभिन्न पहलुओं, तिथियों और विवरण को को प्रदर्शित करना है साथ ही श्रद्धालुओं और यात्रियों को लाइव दर्शन के रूप में भारत के कुछ प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थलों का दर्शन और अनुभव प्रदान करना है। उत्सव पोर्टल बेबसाइट पर कला और संस्कृति, अध्यात्म, संगीत, पाक कला, नृत्य, साहसिक खेल, फसल और एक्सपो व प्रदर्शनी जैसे विभिन्न श्रेणियों के तहत थ्री-डाइमेंशनल वाले अनुभव पर आधारित सामग्री का प्रदर्शन किया गया है।

पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया में बदलाव

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा विकास परियोजनाओं के लिये पर्यावरण मंज़ूरी प्रक्रिया में कई बदलाव किये गए हैं। 39 प्रकार की विकास परियोजनाओं के लिये पर्यावरण मंज़ूरी (Environmental Clearance) की आवश्यकता है। विकासात्मक परियोजनाओं में जल विद्युत, खनन और ताप विद्युत आदि शामिल हैं। वर्ष 2006 में जारी पर्यावरण प्रभाव आकलन (Environmental Impact Assessment – EIA) अधिसूचना द्वारा मंज़ूरी प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार की गई। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) को निर्णय लेने से पूर्व किसी परियोजना के पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक प्रभावों की पहचान करने हेतु उपयोग किये जाने वाले उपकरण के रूप में परिभाषित किया जाता है। पर्यावरण प्रभाव आकलन का लक्ष्य परियोजना नियोजन और डिज़ाइन के प्रारंभिक चरण में पर्यावरणीय प्रभावों की भविष्यवाणी करना, प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के तरीके और साधन खोजना, परियोजनाओं को स्थानीय पर्यावरण के अनुरूप आकार देना तथा निर्णय निर्माताओं के लिये बेहतर विकल्प प्रस्तुत करना है।

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाने हेतु जम्मू-कश्मीर को चुना गया

जम्मू ज़िले की पल्ली पंचायत को इस वर्ष पंचायती राज दिवस समारोह के लिये चुना गया है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू ज़िले के पल्ली गाँव से देश भर की पंचायतों को वर्चुअल रूप से संबोधित करेंगे। इस अवसर पर देश-विदेश के प्रसिद्ध उद्योगपतियों की मौजूदगी में 38 हज़ार 82 करोड़ रुपए के औद्योगिक विकास योजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी। इससे विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार के चार लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर सृजित होंगे। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (DSIR) के अंतर्गत कार्यरत भारत सरकार के उद्यम सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) द्वारा 20 दिनों के रिकॉर्ड समय में पल्ली में ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर (GMSP) संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इससे पल्ली पंचायत के घरों को स्वच्छ बिजली मिल सकेगी, जिससे यह भारत सरकार के ‘ग्राम ऊर्जा स्वराज’ कार्यक्रम के तहत पहली कॉर्बन न्यूट्रल पंचायत बन जाएगा। पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस वर्ष 2010 में मनाया गया था। तब से भारत में प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 40 में पंचायतों का उल्लेख किया गया है और अनुच्छेद 246 में राज्य विधानमंडल को स्थानीय स्वशासन से संबंधित किसी भी विषय के संबंध में कानून बनाने का अधिकार दिया गया है। स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र की स्थापना करने के लिये 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के माध्यम से पंचायती राज संस्थान (Panchayati Raj Institution) को संवैधानिक स्थिति प्रदान की गई और उन्हें देश में ग्रामीण विकास का कार्य सौंपा गया।

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