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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 जुलाई, 2021

  • 15 Jul 2021
  • 8 min read

लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना

हाल ही में नेपाल ने पूर्वी नेपाल में 679 मेगावाट की ‘लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना’ विकसित करने के लिये भारत की प्रमुख जलविद्युत ‘सतलुज जलविद्युत निगम’ (SJVN) के साथ 1.3 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं, जो कि पड़ोसी हिमालयी राष्ट्र में भारत द्वारा शुरू की गई दूसरी मेगा परियोजना है। इस संबंध में ‘नेपाल इन्वेस्टमेंट बोर्ड’ और ‘सतलुज जलविद्युत निगम’ के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं। वर्ष 2017 के लागत अनुमानों के आधार पर यह नेपाल की सबसे बड़ी विदेशी निवेश परियोजना है, जिसे पूर्वी नेपाल में संखुवासभा और भोजपुर ज़िलों के बीच विकसित किया जाएगा। इस परियोजना को ‘बिल्ड ओन ऑपरेट एंड ट्रांसफर’ (BOOT) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। 679 मेगावाट की ‘लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना’ 1.04 बिलियन डॉलर की  900 MW की ‘अरुण-3 जलविद्युत परियोजना’ के बाद भारत द्वारा शुरू की गई दूसरी मेगा परियोजना है। अरुण-3 जलविद्युत परियोजना पूर्वी नेपाल के संखुवासभा ज़िले में अरुण नदी पर है। नेपाल सरकार और ‘सतलुज जलविद्युत निगम’ लिमिटेड ने परियोजना के लिये मार्च 2008 में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किये थे। इस परियोजना का निर्माण भी 30 वर्ष की अवधि के लिये ‘बिल्‍ड ओन ऑपरेट तथा ट्रांसफर’ मॉडल के आधार पर किया गया था। 

महाराष्ट्र की नई ‘इलेक्ट्रिक वाहन’ नीति

महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में नई ‘इलेक्ट्रिक वाहन’ नीति और उद्योगों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करके ‘इलेक्ट्रिक वाहन’ निर्माण कंपनियों एवं संबद्ध व्यवसायों को राज्य में आकर्षित करने की अपनी योजना का अनावरण किया है। महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक वाहन नीति, 2021 का उद्देश्य राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को प्रोत्साहन देना, इनके उत्पादन को बढ़ावा देना और आवश्यक बुनियादी अवसंरचना को मज़बूत करना है। यह नीति ‘इलेक्ट्रिक वाहन’ संबंधी उद्योगों को राज्य में मेगा परियोजनाओं की 'डी+' श्रेणी के तहत सभी लाभ प्रदान करती है, चाहे उनकी विनिर्माण इकाई किसी भी स्थान पर मौजूद हो। गौरतलब है कि प्रायः 'डी+' श्रेणी के लाभ राज्य के सबसे कम विकसित क्षेत्रों में मौजूद उद्योगों को प्रदान किये जाते हैं। राज्य में बेचे जाने वाले सभी इलेक्ट्रिक वाहनों को रोड टैक्स के साथ-साथ पंजीकरण शुल्क से भी छूट प्रदान की जाएगी। साथ ही इस नीति के तहत प्रोत्साहन वितरण प्रणाली को पूर्णतः डिजिटल बनाया जाएगा। इसी नीति के प्राथमिक उद्देश्यों में यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में वर्ष 2025 तक पंजीकृत नए वाहनों में कम-से-कम 10 प्रतिशत ‘इलेक्ट्रिक वाहन’ शामिल हों; अप्रैल 2022 तक सभी नए सरकारी वाहन ‘इलेक्ट्रिक वाहन’ हों; वर्ष 2025 तक छह शहरी केंद्रों (मुंबई, पुणे, नागपुर, औरंगाबाद, अमरावती और नासिक) में सार्वजनिक परिवहन का 25% का विद्युतीकरण और शहरी क्षेत्रों एवं राजमार्गों में 2,500 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना शामिल है। 

विश्व युवा कौशल दिवस

विश्व भर में प्रतिवर्ष 15 जुलाई को ‘विश्व युवा कौशल दिवस’ आयोजित किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य युवाओं को आवश्यक कौशल बढ़ाने के महत्त्व को समझने में मदद करना है, ताकि उन्हें रोज़गार, कार्य और उद्यमिता के बारे में महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद मिल सके। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र नामित एक कार्यक्रम है जो युवाओं, तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों, फर्मों, नियोक्ताओं, श्रमिक संगठनों, नीति निर्माताओं तथा विकास भागीदारों के बीच संवाद का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। 18 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में नामित किया था। यह दिवस ‘इंचियोन घोषणा: एजुकेशन 2030’ की स्थापना को भी चिह्नित करता है, जो सतत् विकास लक्ष्य-4 का एक हिस्सा है। ज्ञात हो कि शिक्षण और प्रशिक्षण ‘एजेंडा-2030’ का महत्त्वपूर्ण भाग है तथा SDG-4 ‘समावेशी एवं समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करने व सभी के लिये सीखने के अवसरों को बढ़ावा देने’ पर ज़ोर देता है। ‘एजुकेशन 2030’ मिशन मुख्यतः तकनीकी एवं व्यावसायिक कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करता है।

विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप 2026

हाल ही में बैडमिंटन के वैश्विक शासी निकाय ‘विश्व बैडमिंटन महासंघ’ (BWF) ने घोषणा की है कि वर्ष 2026 में ‘विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप’ की मेज़बानी भारत द्वारा की जाएगी। यह दूसरी बार होगा जब भारत द्वारा ‘विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप’ की मेज़बानी की जाएगी, इससे पूर्व वर्ष 2009 में हैदराबाद में इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। ज्ञात हो कि इसी महत्त्वपूर्ण टूर्नामेंट का आयोजन भारतीय बैडमिंटन के लिये काफी महत्त्वपूर्ण होगा। विश्व बैडमिंटन महासंघ (BWF) बैडमिंटन खेल का एक अंतर्राष्ट्रीय शासकीय निकाय है, जिसे ‘अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति’ (IOC) और ‘अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति’ (IPC) द्वारा बैडमिंटन के लिये वैश्विक शासी निकाय के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। इसकी स्थापना 5 जुलाई, 1934 को नौ संस्थापक सदस्य संघों के साथ लंदन में की गई थी। वर्तमान में इस महासंघ में 196 सदस्य संघ शामिल हैं। इसका मुख्यालय कुआलालंपुर (मलेशिया) में स्थित है।

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