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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10 जनवरी, 2022

  • 10 Jan 2022
  • 6 min read

फातिमा शेख की जन्म वर्षगाँठ

गूगल ने 9 जनवरी, 2022 को शिक्षक और समाज सुधारक फातिमा शेख को उनकी 191वीं जयंती पर होमपेज पर डूडल बनाकर सम्मानित किया। फातिमा शेख का जन्म 9 जनवरी को वर्ष 1831 में पुणे में हुआ था। वह शिक्षक और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले व उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले की सहयोगी थी, जिन्होंने जाति, सती प्रथा, महिला सशक्तीकरण, विधवा पुनर्विवाह, अंतर्जातीय विवाह और शिक्षा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिये फातिमा शेख के साथ लगातार काम किया। तत्कालीन समाज में फातिमा शेख को एक नारीवादी प्रतीक माना जाता था और स्वतंत्र भारत में उन्हें देश में बदलाव लाने के लिये सामाजिक बहिष्कार और भेदभाव से लड़ना पड़ा। उन्होंने वर्ष 1848 में फुले के साथ स्वदेशी पुस्तकालय की सह-स्थापना की जो लड़कियों के लिये भारत के पहले स्कूलों में से एक था। उन्होंने निम्न जाति में पैदा हुए लोगों को अवसर प्रदान करने के लिये फुले के साथ काम करते हुए जो प्रयास किये, उन्हें सत्यशोधक समाज आंदोलन के रूप में मान्यता मिली। वर्ष 2014 में शेख की उपलब्धियों को सरकार द्वारा उर्दू पाठ्यपुस्तकों में एक प्रोफ़ाइल के रूप में उनके समय के ऐसे अन्य अनुकरणीय और दृढ़ शिक्षकों के साथ चित्रित किया गया था।

निर्भया कढ़ी अभियान

ओडिशा के गंजम ज़िले ने खुद को बाल विवाह मुक्त ज़िला घोषित किया है। ज़िला प्रशासन ने दो वर्ष 2020 और 2021 में 450 बाल विवाह और वीडियो-रिकॉर्ड 48,383 विवाहों को रोकने में सक्षमता दिखाई। इसके लिये गंजम ज़िले में में निर्भया कढ़ी कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। किशोरियों को स्कूल छोड़ने से रोकने और उनकी काउंसलिंग करने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत की गई थी। इस कार्यक्रम के तहत सभी शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया कि अगर 12 से 18 वर्ष की लड़की पाँच दिनों तक स्कूल से अनुपस्थित रहती है तो प्रशासन को इसकी सूचना दें। पिछले दो वर्षों में इस कार्यक्रम के तहत लगभग एक लाख किशोरियों ने परामर्श लिया है। प्रशासन ने किसी भी बाल विवाह की सूचना देने वालों के लिये 5,000 रुपए की घोषणा भी की थी। यह राशि अब बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दी गई है। 

वीर गाथा प्रोजेक्ट

भारत सरकार ने आज़ादी का अमृत महोत्सव शुरू किया जिसके तहत भारत की आजादी के 75वें वर्ष पर पहली बार कई कार्यक्रम पेश किये गए। वीर गाथा परियोजना एक ऐसी परियोजना है जिसे देश के स्कूली बच्चों को युद्ध नायकों और बहादुर दिलों की कहानियों से प्रेरित करने के लिये शुरू किया गया था। परियोजना के विजेताओं के रूप में कुल 25 छात्रों का चयन किया गया है। वीर गाथा परियोजना के तहत छात्रों को वीरता पुरस्कार विजेताओं के आधार पर गतिविधियों को करने के लिये प्रेरित किया गया। ऐसा करने के लिये शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग तथा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पूरे देश में 21 अक्तूबर से 21 नवंबर, 2021 तक वीर गाथा परियोजना का आयोजन किया। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई वीर गाथा परियोजना में देश भर के 4,788 स्कूलों के 8,03,900 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इन छात्रों ने बहादुरों के सम्मान में अपने निबंध, कविताएँ, चित्र और मल्टीमीडिया प्रस्तुति साझा कीं। एक राष्ट्रीय समिति द्वारा कई दौर के मूल्यांकन के बाद सुपर-25 कहे जाने वाले कुल 25 छात्रों का चयन कर और उन्हें विजेता घोषित किया गया। वीर गाथा परियोजना में जीतने वाले छात्रों को 25 जनवरी, 2022 को नई दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा और वे रक्षा मंत्रालय के विशेष अतिथि के रूप में गणतंत्र दिवस परेड के साक्षी बनेंगे।

पहला स्‍टार्टअप इंडिया नवाचार सप्‍ताह

उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्‍यापार विभाग 10 जनवरी से 16 जनवरी तक पहले स्टार्ट अप इंडिया नवाचार सप्ताह का आयोजन कर रहा है। केंद्रीय वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस वर्चुअल कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। स्‍वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में अमृत महोत्‍सव के तहत इसका आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान देश में उद्यमिता विकास और विस्तार के विभिन्‍न पहलुओं को दर्शाया जाएगा। स्‍टार्टअप क्षेत्र में वर्ष 2021 को यूनिकॉर्न वर्ष के रूप में चिह्नित किया गया था। इस दौरान 40 नए स्‍टार्टअप जुड़े हैं। भारत, विश्व के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप अनुकूल तंत्र के साथ वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में भी उभर रहा है।

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