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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 मार्च, 2022

  • 08 Mar 2022
  • 7 min read

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

संपूर्ण मानव जाति के विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करने हेतु प्रत्येक वर्ष 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस लोगों को यह जानने का अवसर प्रदान करता है कि मानव जाति के विकास के लिये अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है और महिलाओं की समान भागीदारी के बिना इसे प्राप्त नहीं किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की इस वर्ष की थीम है- जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो यानी मज़बूत भविष्य के लिये लैंगिक समानता ज़रूरी है। विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के उद्देश्य से इस दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। दरअसल वर्ष 1908 के आसपास महिलाओं के बीच उनके उत्पीड़न एवं असमानता के विषय को लेकर गंभीर बहस शुरू हुई तथा बदलाव की मुहिम तब और मुखर होने लगी जब 15000 से अधिक महिलाओं ने काम की कम अवधि, बेहतर भुगतान व मतदान के अधिकार को लेकर न्यूयॉर्क शहर से मार्च किया। 28 फरवरी, 1909 को संयुक्त राज्य अमेरिका में पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। वर्ष 1911 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया और इसी सम्मेलन के दौरान जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की महिला नेत्री क्लारा ज़ेटकिन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन का सुझाव प्रस्तुत किया गया था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन वर्ष 1975 में किया गया था।

स्लीनेक्स' (SLINEX)

7 से 10 मार्च तक भारतीय और श्रीलंकाई नौसेनाओं के द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास SLINEX (Sri Lanka–India Naval Exercise) का नौवाँ संस्करण विशाखापत्तनम में आयोजित किया जा रहा है। दो चरणों में यह अभ्यास 7 और 8 मार्च को विशाखापत्तनम में होने वाले हार्बर चरण तथा 9 एवं 10 मार्च को बंगाल की खाड़ी में होने वाले समुद्री चरण के साथ आयोजित किया जाएगा। पिछले वर्ष अक्तूबर, 2020 में भारतीय नौसेना और श्रीलंकाई नौसेना के बीच संयुक्त वार्षिक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास 'स्लीनेक्स-20' (SLINEX-20) का आठवाँ संस्करण त्रिंकोमाली (Trincomalee), श्रीलंका में आयोजित किया गया था। नौवें संस्करण के तहत SLNS सयूराला एक उन्नत अपतटीय गश्ती पोत श्रीलंकाई नौसेना का प्रतिनिधित्व कर रहा है जबकि भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएनएस किर्च, एक निर्देशित मिसाइल कार्वेट द्वारा किया जा रहा है। भारतीय नौसेना की ओर से इस अभ्यास में भाग लेने अन्य में शामिल हैं- एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH), सीकिंग, आईएनएस ज्योति, फ्लीट सपोर्ट टैंकर, डोर्नियर मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट और चेतक हेलीकॉप्टर। स्लीनेक्स' अभ्यास की यह शृंखला भारत और श्रीलंका के बीच गहरे जुड़ाव को व्यक्त करती है जिसने समुद्री क्षेत्र में आपसी सहयोग को मज़बूत किया है। यह भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ की नीति और दोनों देशों के बीच तालमेल को दर्शाता है जो भारतीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण 'सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास- Security and Growth for all in the Region) के अनुरूप है।

स्वच्छाग्रह अभियान

संस्कृति मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने सुलभ इंटरनेशनल के सहयोग से आज़ादी का अमृत महोत्सव के तत्त्वावधान में 5 मार्च को नई दिल्ली में "स्वच्छता, स्वाधीनता और सुलभ" के मूल विचार के साथ जागरूकता के व्यापक प्रसार हेतु एक कार्यक्रम "स्वच्छाग्रह" का आयोजन किया। स्वच्छाग्रह अभियान दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्रभावी जन आंदोलन ‘सत्याग्रह’ से प्रेरित है। स्वच्छता की एक स्थायी संस्कृति विकसित करना इस अभियान का उद्देश्य है। यह अभियान युवा नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और युवा नेतृत्व के विकास को प्रोत्साहित कर स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देता है। इस अवसर पर अमृत महोत्सव पर फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग की गई। इस कार्यक्रम में एक गीत एवं फिल्म शोकेस के साथ स्वच्छता, स्वाधीनता और सुलभ के विचार को बढ़ावा देने के लिये नए उपायों पर एक पैनल चर्चा हुई।

बोल्ट्ज़मैन पदक

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER), पुणे के भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर दीपक धर का चयन प्रतिष्ठित बोल्ट्ज़मैन पदक-2022 के लिये किया गया है। यह पुरस्कार इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड फिज़िक्स (International Union of Pure and Applied Physics-IUPAP) की ओर से सांख्यिकीय भौतिकी में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिये तीन साल में एक बार दिया जाता है। इस साल अगस्त 2022 में यह अवार्ड प्रो. दीपक धर को जापान में होने वाले स्टैटफिस 28 में दिया जाएगा। वह प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के जॉन जे होफील्ड (John J Hoefield) के साथ पदक को साझा करेंगे। भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर दीपक धर (Deepak Dhar) बोल्ट्ज़मैन पदक से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। प्रोफेसर धर वर्तमान में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (Indian Institute of Science Education and Research-IISER), पुणे में फैकल्टी हैं।

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