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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 मई, 2022

  • 06 May 2022
  • 5 min read

महाराष्ट्र जिवहाला योजना

महाराष्ट्र के जेल विभाग द्वारा महाराष्ट्र की विभिन्न जेलों में सज़ा काट रहे कैदियों के लिये जिवहाला नामक एक ऋण योजना शुरू की गई है। यह भारत में कैदियों के लिये शुरू की गई अपनी तरह की पहली योजना है। यह योजना मुख्य रूप से उन सभी सज़ायाफ्ता कैदियों के लिये शुरू की गई है, जो तीन साल से अधिक की सज़ा काट रहे हैं। ऐसे अधिकांश कैदी अपने परिवार के अकेले कमाने वाले हैं और उन्हें कैद में रखने के कारण उनके परिवारों के पास आय का कोई स्रोत नहीं है। इसलिये यह ऋण ऐसे कैदियों के परिवार के सदस्यों को कैदियों के नाम पर जारी किया जाएगा। इस योजना के शुरुआती चरण में 50,000 रुपए का ऋण प्रदान किया जाएगा। इस पर 7% ब्याज दर लागू होगी। बैंक द्वारा अर्जित किये जाने वाले ब्याज में से 1% का योगदान बैंक द्वारा कैदी कल्याण कोष में किया जाएगा। इस ऋण को जारी करने के लिये किसी गारंटर या गिरवी की आवश्यकता नहीं है। कैदी इस ऋण का उपयोग अपने परिवार के सदस्यों के चिकित्सा उपचार, अपने बच्चों की शिक्षा, कानूनी शुल्क आदि के लिये कर सकेंगे। इस योजना को यरवदा सेंट्रल जेल, पुणे में पायलट योजना के रूप में शुरू किया गया है। यह योजना महाराष्ट्र की लगभग 60 जेलों में लागू की जाएगी। 

भारत का पहला ग्रीनफील्ड ग्रेन आधारित इथेनॉल संयंत्र

हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा बिहार में भारत के पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन (अनाज) आधारित इथेनॉल संयंत्र का उद्घाटन किया गया। इस प्लांट की स्थापना ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई है, जो एक शून्य-तरल निर्वहन (ZLD) संयंत्र है। शून्य तरल निर्वहन (ZLD) एक अपशिष्ट जल प्रबंधन रणनीति है जो तरल अपशिष्ट को समाप्त कर जल उपयोग दक्षता मे वृद्धि करती है। यह संयंत्र 15 एकड़ भूमि पर बनाया गया है जो प्रतिदिन 150 टन मक्का और चावल का उपयोग करके प्रतिदिन 65,000 लीटर इथेनॉल का उत्पादन करने में सक्षम है। यह उप-उत्पाद (by-product) के रूप में DDGS (Distiller’s Dried Grains with Solubles) का भी उत्पादन करेगा, जिसे जानवरों के चारे के लिये बेचा जाएगा। यह संयंत्र ईंधन की ज़रूरत को पूरा करने के लिये गन्ना, मक्का और चावल का उपयोग कर इथेनॉल उत्पादन करने में बिहार की मदद करेगा। इथेनॉल एक स्पष्ट, रंगहीन कार्बनिक एक तरह का अल्कोहल है जिसका उपयोग वैकल्पिक ईंधन स्रोत के अलावा रासायनिक विलायक के रूप में और कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण में किया जाता है। भारत का लक्ष्य वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल का मिश्रण करना है।

केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिये परिसीमन आदेश 

परिसीमन आयोग ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिये परिसीमन आदेश को अंतिम रूप दे दिया है। क्षेत्र के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 43 जम्मू के लिये और 47 कश्मीर क्षेत्र के लिये होंगे। एसोसिएट सदस्यों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, नागरिकों, सिविल सोसाइ‍टी समूहों के साथ विचार-विमर्श के बाद नौ विधानसभा क्षेत्रों को अनुसूचित जनजातियों के लिये आरक्षित किया गया है। इनमें से 6 जम्मू क्षेत्र में और 3 कश्मीर घाटी में हैं। वर्ष 1995 में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों का आखिरी बार परिसीमन वर्ष 1981 की जनगणना के आधार पर किया गया था। इस पुनर्गठन से प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में समान संख्या में 18 विधानसभा क्षेत्र होंगे। स्थानीय प्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखते हुए कुछ विधानसभा क्षेत्रों के नाम भी बदले गए हैं। परिसीमन से तात्पर्य किसी राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिये निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं का निर्धारण करना है। अनुच्छेद 82 के तहत संसद प्रत्येक जनगणना के बाद एक परिसीमन अधिनियम लागू करती है। अधिनियम लागू होने के बाद परिसीमन आयोग की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा यह आयोग निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर कार्य करता है।

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