लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



प्रिलिम्स फैक्ट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 दिसंबर, 2021

  • 06 Dec 2021
  • 7 min read

एक्सोप्लेनेट ‘GJ 367b’

हाल ही में वैज्ञानिकों के एक समूह ने सौरमंडल के बाहर मौजूद एक नए एक्सोप्लेनेट की खोज की है। यह एक्सोप्लेनेट ‘वेला कांस्टेलेशन’ में लगभग 31 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है और पृथ्वी के आकार से लगभग तीन-चौथाई बड़ा है। यह एक्सोप्लेनेट, जिसे ‘GJ 367b’ नाम दिया गया है, सूर्य के आधे आकार के एक ‘रेड ड्वार्फ स्टार’ की परिक्रमा करने में आठ घंटे से भी कम समय लेता है। ‘GJ 367b’ का व्यास लगभग 9,000 किलोमीटर है, जबकि पृथ्वी का व्यास 12,700 किलोमीटर और मंगल का व्यास 6,800 किलोमीटर है। ‘GJ 367b’ का 86 प्रतिशत हिस्सा आयरन से बना है तथा इसकी आंतरिक संरचना ‘बुध ग्रह’ जैसी है, जो कि सूर्य का सबसे निकटवर्ती ग्रह है। हालाँकि वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि इस एक्सोप्लेनेट (GJ 367 b) पर जीवन की संभावना नहीं है, क्योंकि इसकी सतह पर गर्म पिघला हुआ लावा मौजूद है। हालाँकि इस प्रकार के अन्य छोटे एक्सोप्लेनेट्स का अध्ययन कर पृथ्वी से बाहर जीवन की खोज में एक बड़ी मदद मिल सकती है। विदित हो कि सौर मंडल से बाहर पाए जाने वाले ग्रह ‘एक्सोप्लेनेट’ (Exoplanet) कहलाते हैं, ये सौरमंडल में मुख्य ग्रहों के अतिरिक्त उपस्थित ग्रह हैं। मेयर एवं क्युलेज़ द्वारा वर्ष 1995 में प्रथम एक्सोप्लेनेट ‘51 पेगासी बी’ (51 Pegasi b) की खोज की गई थी। 

महापरिनिर्वाण दिवस

‘डॉ. भीमराव अंबेडकर’ की पुण्यतिथि 6 दिसंबर को प्रत्येक वर्ष ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ‘परिनिर्वाण’, जिसे बौद्ध धर्म का एक प्रमुख सिद्धांत माना जाता है, एक संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है मृत्यु के बाद ‘मुक्ति’ अथवा ‘मोक्ष’। बौद्ध ग्रंथ महापरिनिब्बाण सुत्त (Mahaparinibbana Sutta) के अनुसार, 80 वर्ष की आयु में हुई भगवान बुद्ध की मृत्यु को मूल महापरिनिर्वाण माना जाता है। ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर’ का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्यप्रांत (अब मध्य प्रदेश) के ‘महू’ में हुआ था। डॉ. अंबेडकर एक समाज सुधारक, न्यायविद, अर्थशास्त्री, लेखक, बहु-भाषाविद और तुलनात्मक धर्म दर्शन के विद्वान थे। उन्हें ‘भारतीय संविधान के जनक’ के रूप में जाना जाता है। वह स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून/विधि मंत्री थे। वर्ष 1920 में उन्होंने एक पाक्षिक (15 दिन की अवधि में छपने वाला) समाचार पत्र ‘मूकनायक’ की शुरुआत की जिसने एक मुखर और संगठित दलित राजनीति की नींव रखी। इसके अलावा वर्ष 1923 में उन्होंने ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ की स्थापना की। वर्ष 1925 में बॉम्बे प्रेसीडेंसी समिति द्वारा उन्हें साइमन कमीशन में काम करने के लिये नियुक्त किया गया। मार्च 1927 में उन्होंने ‘महाड़ सत्याग्रह’ (Mahad Satyagraha) का नेतृत्त्व किया। उन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया। वर्ष 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया।

विश्व मृदा दिवस

स्वस्थ मृदा के महत्त्व पर ध्यान केंद्रित करने और मृदा संसाधनों के स्थायी प्रबंधन हेतु जागरूकता फैलाने के लिये प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है। वर्ष 2021 के लिये इसकी थीम- ‘मृदा लवलीकरण को रोकें, मृदा उत्पादकता को बढ़ावा दें’ (Stop Soil Erosion, Save Our Future) है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने जून 2013 में विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सम्मेलन में इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार किया गया तथा दिसंबर 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 05 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस घोषित किया तथा 05 दिसंबर, 2014 को पहला आधिकारिक विश्व मृदा दिवस मनाया गया।

राष्ट्रीय ब्लॉकचेन रणनीति 

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल ही में ‘ब्लॉकचैन पर राष्ट्रीय रणनीति’ जारी की, जो प्रौद्योगिकी के उपयोग के 44 संभावित क्षेत्रों की पहचान करती है और विभिन्न क्षेत्रों में इसका लाभ उठाने के तरीके के बारे में बताती है। इस रणनीति के तहत तीन प्रकार के प्रतिभागियों के साथ एक ‘राष्ट्रीय ब्लॉकचेन फ्रेमवर्क’ (NBF) स्थापित करने का सुझाव दिया है- प्रौद्योगिकी के प्रति आश्वस्त उपयोगकर्त्ता (एप्लिकेशन डेवलपर्स), प्रदाता या प्रौद्योगिकी के ऑपरेटर (इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेवाएँ, एक सेवा के रूप में ब्लॉकचेन) और पूर्ण प्रौद्योगिकी स्टैक बिल्डर (आईपी) क्रिएटर। इसके तहत शिक्षा, शासन, वित्त एवं बैंकिंग, स्वास्थ्य देखभाल, रसद, साइबर सुरक्षा, मीडिया, कानूनी, बिजली क्षेत्र आदि में ब्लॉकचेन मॉडल के अनुप्रयोग की पहचान की गई है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2