लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



प्रिलिम्स फैक्ट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 जनवरी, 2022

  • 04 Jan 2022
  • 7 min read

सूडान

सूडान के प्रधानमंत्री ‘अब्दुल्ला हमदोक’ ने देश भर में हो रहे लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों के बाद त्‍यागपत्र दे दिया है। प्रदर्शनकारियों ने सूड़ान में पूर्ण नागरिक शासन की वापसी का आह्वान किया है। सूडान में हज़ारों लोग सेना के साथ सत्ता साझा करने हेतु प्रधानमंत्री ‘अब्दुल्ला हमदोक’ द्वारा किये गए एक हालिया सौदे का विरोध कर रहे हैं, गौरतलब है कि इसी वर्ष अक्तूबर माह में सेना ने सूडान में तख्तापलट किया था। सूडान पूर्वी मध्य अफ्रीका में स्थित है। यह उत्तर में मिस्र, उत्तर-पूर्व में लाल सागर , पूर्व में ‘इरिट्रिया’ एवं ‘इथियोपिया’, दक्षिण में ‘दक्षिण सूडान गणराज्य’, दक्षिण-पश्चिम में ‘मध्य अफ्रीकी गणराज्य’, पश्चिम में ‘चाड’ और उत्तर-पश्चिम में ‘लीबिया’ से घिरा हुआ है। ‘इथोपियन हाइलैंड’ से निकलने वाली ‘ब्लू नील’ और मध्य अफ्रीकी झीलों से निकलने वाली ‘व्हाइट नील’ नदियाँ मिलकर सूडान की राजधानी- ‘खार्तूम’ में ‘नील नदी’ का निर्माण करती हैं, जो उत्तर की ओर मिस्र से होते हुए भूमध्य सागर तक प्रवाहित होती है। पेट्रोलियम सूडान का प्रमुख प्राकृतिक संसाधन है। यहाँ क्रोमियम अयस्क, तांबा, लौह अयस्क, अभ्रक, चाँदी, सोना, टंगस्टन और जस्ता के महत्त्वपूर्ण भंडार हैं। भारत-सूडान के संबंध लगभग 5000 वर्ष पुराने सिंधु घाटी सभ्यता के समय के हैं। बताया जाता है कि सिंधुवासी अरब सागर और लाल सागर के रास्ते सूडान से व्यापार करते थे।  

रानी वेलु नचियार

03 जनवरी, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रानी ‘वेलु नचियार’ की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। रानी वेलु नचियार तमिलनाडु के शिवगंगई ज़िले की 18वीं सदी की रानी हैं, जिन्होंने अपने राज्य को वापस प्राप्त करने हेतु ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। रानी वेलु नचियार को औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ लड़ने वाली पहली रानी के रूप में जाना जाता है। वेलू नचियार का जन्म 3 जनवरी 1730 को हुआ था। उन्हें तीरंदाज़ी, घुड़सवारी, मार्शल आर्ट और विभिन्न हथियारों के प्रयोग का प्रशिक्षण दिया गया था। साथ ही वे फ्रेंच, उर्दू और अंग्रेज़ी जैसी कई भाषाओं की जानकार भी थीं। 16 वर्ष की उम्र में वेलु नचियार का विवाह शिवगंगई के राजा मुथु वदुगनाथपेरिया से हुआ। वर्ष 1772 में ब्रिटिश सेना और आर्कोट के नवाब ने एक साथ शिवगंगई पर आक्रमण किया। इस युद्ध के दौरान राजा मुथु वदुगनाथपेरिया अपने राज्य के लिये लड़ते हुए मारे गए। वहीं युद्ध के दौरान रानी ‘वेलु नचियार’ किसी तरह स्वयं को बचाने में सफल हो गईं। इसके पश्चात् उन्होंने आसपास के क्षेत्रों के विभिन्न राजाओं के साथ गठबंधन किया और अपना राज्य वापस लेने हेतु ब्रिटिश शासन के खिलाफ युद्ध शुरू कर दिया। युद्ध के पश्चात् रानी ‘वेलु नचियार’ ने अपने राज्य को पुनः प्राप्त कर लिया और अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने ‘उदइयाल’ नामक एक महिला टुकड़ी का गठन भी किया। 

विश्व ब्रेल दिवस

दुनिया भर में ब्रेल (Braille) लिपि के महत्त्व को रेखांकित करने के लिये प्रतिवर्ष 04 जनवरी को ‘विश्व ब्रेल दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ब्रेल (Braille) नेत्रहीन और दृष्टिबाधित लोगों के लिये प्रयोग की जाने वाली एक पद्धति है। यह दिवस ब्रेल लिपि के जनक ‘लुई ब्रेल’ (फ्रांँस) की जयंती को चिह्नित करता है, जिन्होंने वर्ष 1824 में ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। लुई ब्रेल का जन्म 4 जनवरी, 1809 को फ्रांँस के एक गाँव में हुआ था और बहुत कम आयु में ही एक दुर्घटना के बाद उनकी आँखों की रोशनी चली गई, जिसके बाद उन्होंने 15 वर्ष की आयु में ब्रेल लिपि का आविष्कार किया। वर्ष 1824 में बनी इस लिपि को वर्तमान में दुनिया के लगभग सभी देशों में मान्यता मिल चुकी है। विश्व ब्रेल दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा नवंबर 2018 में की गई थी और इसका उद्देश्य आम लोगों के बीच ब्रेल लिपि के बारे में जागरूकता पैदा करना है। विश्व ब्रेल दिवस शिक्षकों, सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों को नेत्रहीन एवं दृष्टिबाधित लोगों के समक्ष मौजूद चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। 

संत कुरियाकोस एलियास चावरा

03 जनवरी, 2022 को केरल के कोट्टायम में संत कुरियाकोस एलियास चावरा की 150वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में समारोह का आयोजन किया गया। संत कुरियाकोस एलियास चावरा का जन्म 10 फरवरी, 1805 को त्रावणकोर राज्य के अल्लेप्पी ज़िले के एक छोटे से गाँव में हुआ था। उन्‍होंने 19वीं शताब्दी में केरल में आध्यात्मिक, शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सुधार हेतु अपना जीवन समर्पित कर दिया। साथ ही उन्‍होंने सभी समुदाय के बच्चों के लिये स्कूल खोलने और उन्हें मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने की महत्त्वपूर्ण पहल भी की। 23 नवंबर, 2014 को कुरियाकोस एलियास चावरा को पोप फ्राँँसिस द्वारा रोम में आधिकारिक तौर पर ‘संत’ घोषित किया गया था।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2