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प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 24 अप्रैल, 2021

  • 24 Apr 2021
  • 9 min read

‘मधुक्रांति पोर्टल’ व ‘हनी कॉर्नर’

(Madhu Kranti Portal & Honey Corners)

हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने ‘मधुक्रांति पोर्टल’ व ‘हनी कॉर्नर’ लॉन्च किया है। 

प्रमुख बिंदु

मधुक्रांति पोर्टल

  • यह ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं मधु मिशन’ (NBHM) के तहत राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की एक पहल है।
  • यह पोर्टल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शहद व अन्‍य मधुमक्खी उत्पादों के स्रोत का पता लगाने के लिये उनके ऑनलाइन पंजीकरण हेतु विकसित किया गया है।
  • यह प्लेटफॉर्म शहद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और मिलावट के स्रोत का पता लगाने में काफी मददगार साबित होगा।
  • महत्त्व
    • यह पोर्टल किसानों की आय बढ़ाने, शहद के निर्यात को बढ़ावा देने और रोज़गार सृजन में काफी मददगार होगा।
    • यह पोर्टल शहद उत्पादन, विपणन शृंखला, मधुमक्खी पालन और बिक्री आदि प्रक्रियाओं में शामिल सभी हितधारकों के डेटाबेस का निर्माण करेगा।
    • यह अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में शहद की पहुँच बढ़ाएगा।

हनी कॉर्नर

  • शहद के विपणन और बिक्री के लिये ‘हनी कॉर्नर’ एक विशेष स्थान है।
  • इसे ‘भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड' (NAFED) द्वारा संचालित किया जाएगा।

‘भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड' (NAFED)

  • NAFED, ‘बहुराज्यीय सहकारी समिति अधिनियम’ के तहत पंजीकृत कृषि उपज के लिये विपणन सहकारी समितियों का एक शीर्ष संगठन है।
  • इसे वर्ष 1958 में किसानों को लाभ पहुँचाने हेतु कृषि उपज के सहकारी विपणन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।

राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB)

  • लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC) ने वर्ष 2000 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत NBB को एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया था और जून 2006 में इसका पुनर्गठन किया गया था।
  • उद्देश्य
    • पोलिनेशन के माध्यम से फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और मधुमक्खी पालकों/किसानों की आय बढ़ाने हेतु भारत में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन की पद्धति को बढ़ावा देकर मधुमक्खी पालन का समग्र विकास सुनिश्चित करना।
    • वर्तमान में राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, ‘राष्ट्रीय बागवानी मिशन’ (NHM) और ‘उत्तर-पूर्व तथा हिमालयी राज्यों के लिये बागवानी मिशन’ (HMNEM) का क्रियान्वयन कर रहा है।

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं मधु मिशन (NBHM)

  • इस मिशन की घोषणा ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना के हिस्से के रूप में की गई थी। यह एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है।
  • ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड’ (NBB) द्वारा क्रियान्वित राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं मधु मिशन (NBHM) का उद्देश्य ‘मीठी क्रांति’ के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु देश में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना और उसका विकास सुनिश्चित करना है।

मधु मिशन

  • ‘मधु मिशन’ को अगस्त 2017 में 'मीठी क्रांति’ के अनुरूप लॉन्च किया गया था।
    • 'मीठी क्रांति’ को वर्ष 2016 में मधुमक्खी पालन और इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
  • ‘मधु मिशन’ के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) किसानों को मधुमक्खी कॉलोनियों के वितरण साथ-साथ जागरूकता और प्रशिक्षण प्रदान करता है।

एआईएम-प्राइम

AIM-PRIME

हाल ही में अटल नवाचार मिशन (Atal Innovation Mission- AIM), नीति आयोग (NITI Aayog) ने एआईएम-प्राइम (AIM-PRIME- नवाचार, बाज़ार परकता और उद्यमिता पर शोध कार्यक्रम) का शुभारंभ किया। 

अटल नवाचार मिशन

  • अटल नवाचार मिशन के विषय में:
    • यह मिशन देश में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार द्वारा की गई एक प्रमुख पहल है।
  • उद्देश्य:
    • इस मिशन का उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये नए कार्यक्रम और नीतियाँ विकसित करना, विभिन्न हितधारकों हेतु मंच तथा सहयोग के अवसर प्रदान करना, जागरूकता पैदा करना एवं देश के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र की निगरानी हेतु एकीकृत संरचना बनाना है।
  • प्रमुख उपलब्धि:
    • एआईएम की पहल ने भारत की स्थिति को वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index) में 81वें स्थान (वर्ष 2015 में) से 48वें स्थान (वर्ष 2020 में) पर लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्रमुख बिंदु

लक्ष्य:

  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य 12 महीने की अवधि के प्रशिक्षण और मार्गदर्शन से विज्ञान आधारित ठोस प्रौद्योगिकी (Deep Technology) के विचारों को बढ़ावा देना है।
    • ठोस प्रौद्योगिकी मूर्त इंजीनियरिंग नवाचार या वैज्ञानिक प्रगति और खोजों पर आधारित होती है। इसे अक्सर उच्च स्तर की ज्ञान सामग्री के आधार पर अलग किया जाता है, जिससे विभेदन या परिवर्तन उत्प्रेरित  हो सकता है।

केंद्रित क्षेत्र:

  • विज्ञान आधारित, ज्ञानवर्धक, ठोस प्रौद्योगिकी उद्यमिता।

लॉन्च और कार्यान्वयन करने वाली एजेंसी:

  • एआईएम ने इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम को लॉन्च करने के लिये बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Bill & Melinda Gates Foundation) के साथ सहयोग किया है जिसे वेंचर सेंटर (Venture Centre) द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।

लाभार्थी:

  • इस कार्यक्रम का लाभ सबसे पहले विज्ञान आधारित ठोस टेक बिजनेस आइडिया के साथ तकनीक विकसित करने वालों (टेक स्‍टार्टअप/ वैज्ञानिक/इंजीनियर और चिकित्सक) को मिलेगा।
  • मुख्य कार्यकारी अधिकारी और एआईएम वित्तपोषित अटल ऊष्मायन केंद्रों के वरिष्ठ ऊष्मायन प्रबंधक जो गहरी तकनीक उद्यमियों का समर्थन कर रहे हैं।
  • यह कार्यक्रम एआईएम द्वारा अनुदान प्राप्त अटल इनक्यूबेटर सेंटर (AIM Funded Atal Incubation Center) के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और वरिष्ठ प्रबंधकों के लिये भी खुला है, जो टेक उद्यमियों को मदद उपलब्ध करा रहे हैं।

महत्त्व:

  • इसके लिये चयनित अभ्यर्थियों को समग्र व्याख्यान शृंखला, लाइव स्ट्रीम परियोजनाओं और परियोजना विशिष्ट हेतु मार्गदर्शन प्रदान कर प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • इनके पास टेक स्टार्टअप के लिये प्ले बुक, क्यूरेटेड वीडियो लाइब्रेरी और सीखने के अन्य कई अवसर उपलब्ध होंगे।
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