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प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 22 मई, 2021

  • 22 May 2021
  • 4 min read

व्हाइट फंगस

(White Fungus)

केंद्र सरकार ने राज्यों को ‘ब्लैक फंगस’ या ‘म्युकरमाइकोसिस’ को महामारी घोषित करने का आदेश दिया है, हालाँकि इसी बीच ‘व्हाइट फंगस’ या ‘कैंडिडिआसिस’ नामक संक्रमण से संबंधित कुछ मामले भी दर्ज किये गए हैं। 

  • कोविड-19 रोगियों में ‘व्हाइट फंगस’ होने का खतरा अधिक होता है, क्योंकि यह फेफड़ों को प्रभावित करता है और इसी तरह के लक्षण कोरोना वायरस के दौरान भी देखे जाते हैं।
  • ‘ब्लैक फंगस’ एक गंभीर लेकिन दुर्लभ कवक संक्रमण है, जो ‘म्युकरमायसिटिस’ नामक फफूँद (Molds) के कारण होता है, जो पर्यावरण में प्रचुर मात्रा में मौजूद है।

प्रमुख बिंदु

परिचय

  • ‘व्हाइट फंगस’ या ‘कैंडिडिआसिस’ एक कवक संक्रमण है, जो ‘कैंडिडा’ नामक खमीर (एक प्रकार का कवक) के कारण होता है।
  • ‘कैंडिडा’ आमतौर पर त्वचा और शरीर के आंतरिक हिस्सों जैसे- मुँँह, गला, आँँत और योनि जैसी जगहों पर मौजूद रहता है।
  • हालाँकि यदि यह नियंत्रण से बाहर हो जाता है या शरीर में और अधिक आंतरिक हिस्सों में पहुँच जाता है तो कैंडिडा गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।
    • संक्रमण का कारण बनने वाले सबसे सामान्य प्रजाति में शामिल है- कैंडिडा एल्बिकान।

कारण

  • यह संक्रमण कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को प्रभावित कर सकता है या फिर ऐसे लोगों को जो ऐसी चीज़ों के संपर्क में आते हैं जिनमें ये फफूँद मौजूद हैं जैसे पानी आदि।
    • बच्चों और महिलाओं में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है।
  • ‘ब्लैक फंगस’ की तरह ‘व्हाइट फंगस’ भी कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली, पहले से मौजूद चिकित्सा समस्याओं, एड्स, हाल ही में गुर्दा प्रत्यारोपण या मधुमेह आदि से पीड़ित लोगों को अधिक प्रभावित करता है।

लक्षण

  • फेफड़ों में पहुँचने पर लोगों को कोविड-19 के समान लक्षणों का अनुभव होता है, जैसे- छाती का संक्रमण आदि, हालाँकि इस दौरान संक्रमित व्यक्ति का कोविड-19 परीक्षण नकारात्मक हो सकता है।
  • ‘व्हाइट फंगस’ फेफड़ों के साथ-साथ शरीर के अन्य हिस्सों जैसे नाखून, त्वचा, पेट, किडनी, मस्तिष्क और मुँँह को भी प्रभावित करता है।

निदान और उपचार

  • सीटी स्कैन या एक्स-रे से संक्रमण का पता चल सकता है।
  • वर्तमान में ‘व्हाइट फंगस’ से संक्रमित लोगों का इलाज़ ज्ञात एंटी-फंगल दवा से किया जा रहा है।

निवारण

  • पानी में मौजूद फफूँदों से विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, जिसके कारण संक्रमण हो सकता है।
  • यथोचित स्वच्छता काफी महत्त्वपूर्ण है।
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