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प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 15 सितंबर, 2021

  • 15 Sep 2021
  • 7 min read

राजा महेंद्र प्रताप सिंह

Raja Mahendra Pratap Singh

हाल ही में प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राजकीय विश्वविद्यालय (Raja Mahendra Pratap Singh State University) की आधारशिला रखी।

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प्रमुख बिंदु

  • संक्षिप्त परिचय: उनका जन्म 1886 में हाथरस (उत्तर प्रदेश) में हुआ था, वह एक स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी, लेखक, समाज सुधारक और अंतर्राष्ट्रवादी थे। 
    • वह आठ अलग-अलग भाषाओं में पारंगत थे और विभिन्न धर्मों का पालन करते थे।
  • शिक्षा को बढ़ावा: वर्ष 1909 में उन्होंने अपना निवास छोड़ दिया ताकि उसे तकनीकी विद्यालय में परिवर्तित किया जा सके। इस तकनीकी विद्यालय का नाम प्रेम महाविद्यालय था।
    • कहा जाता है कि यह देश का पहला पॉलिटेक्निक कॉलेज था।
  • स्वतंत्रता संघर्ष में योगदान 
    • वर्ष 1913 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में गांधी के अभियान में भाग लिया।
    • उन्होंने वर्ष 1915 में प्रथम विश्व युद्ध के मध्य काबुल में "भारत की अंतरिम सरकार (बाग-ए-बाबर)" की स्थापना की।
      • उन्होंने खुद को राष्ट्रपति घोषित किया और भोपाल के उनके साथी क्रांतिकारी मौलाना बरकतुल्लाह इस अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री बने।
    • कहा जाता है कि बोल्शेविक क्रांति (रूस में) के दो वर्ष बाद 1919 में उनकी मुलाकात व्लादिमीर लेनिन से हुई थी।
    • वर्ष 1925 में वे एक मिशन पर तिब्बत गए और दलाई लामा से मिले। वह मुख्य रूप से अफगानिस्तान की ओर से एक अनौपचारिक आर्थिक मिशन पर थे लेकिन वह भारत में ब्रिटिश क्रूरता को भी उजागर करना चाहते थे।
    • स्वतंत्रता से एक वर्ष पहले राजा महेंद्र प्रताप सिंह आखिरकार भारत लौट आए और उन्होंने तुरंत ही महात्मा गांधी के साथ कार्य करना आरंभ कर दिया।
  • अन्य जानकारी:
    • वर्ष 1929 में उन्होंने बर्लिन में वर्ल्ड फेडरेशन (जो बाद में संयुक्त राष्ट्र के निर्माण की पृष्ठभूमि बना) का शुभारंभ किया। उन्हें 1932 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिये नामांकित किया गया था।
    •  स्वतंत्र भारत में उन्होंने पंचायती राज के अपने आदर्श का परिश्रमपूर्वक पालन किया।
    •  उन्होंने वर्ष 1957 में मथुरा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल कर लोकसभा में प्रवेश किया

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक

Index of Industrial Production

हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office- NSO) के त्वरित अनुमानों (Quick Estimate) के अनुसार, जुलाई में भारत का औद्योगिक उत्पादन एक वर्ष पहले के 10.5 प्रतिशत संकुचन की तुलना में 11.5% बढ़ा है।

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प्रमुख बिंदु

  • त्वरित अनुमानों के विषय में:
    • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का त्वरित अनुमान आधार वर्ष 2011-12 के अनुसार, वर्ष 2021 के जुलाई माह में 131.4 रहा।
    • खनन, विनिर्माण और बिजली में क्रमश: 19.5%, 10.5% और 11.1% की वृद्धि दर्ज की गई।
    • देश के आठ प्रमुख क्षेत्रों का उत्पादन जिसे बुनियादी ढाँचा उत्पादन के रूप में भी जाना जाता है, जुलाई 2021 में 9.4% बढ़ा।
    • इस सूचकांक ने महामारी पूर्व के स्तर के अंतर को काफी हद तक कम कर दिया जो राज्यों में प्रतिबंधों (लॉकडाउन) में ढील के साथ औद्योगिक गतिविधियों में क्रमिक बढ़ोतरी का संकेत देता है।
    • यह रिकवरी वर्ष 2020 में आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करने वाले कोविड-19 लॉकडाउन के कारण बेस इफेक्ट (Base Effect) के परिणाम का कारण है।
      • ‘बेस इफेक्ट’ का आशय किसी दो डेटा बिंदुओं के बीच तुलना के परिणाम पर तुलना के आधार या संदर्भ के प्रभाव से है।
  • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक:
    • IIP एक संकेतक है जो एक निश्चित अवधि के दौरान औद्योगिक उत्पादों के उत्पादन की मात्रा में बदलाव को मापता है।
    • यह सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा मासिक रूप से संकलित और प्रकाशित किया जाता है।
    • यह एक समग्र संकेतक है, जो निम्न रूप से वर्गीकृत उद्योग समूहों की वृद्धि दर को मापता है:
      • व्यापक क्षेत्र, अर्थात्-खनन, विनिर्माण और बिजली।
      • बेसिक गुड्स, कैपिटल गुड्स और इंटरमीडिएट गुड्स जैसे उपयोग आधारित क्षेत्र।
    • IIP के लिये आधार वर्ष 2011-2012 है।
    • IIP का महत्त्व:
      • इसका उपयोग नीति निर्माण के लिये वित्त मंत्रालय, भारतीय रिज़र्व बैंक आदि सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जाता है।
      • IIP त्रैमासिक और अग्रिम जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) अनुमानों की गणना के लिये बेहद प्रासंगिक है।
  • आठ कोर क्षेत्रों के विषय में:
    • इनमें औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में शामिल वस्तुओं के कुल वेटेज का 40.27% शामिल है।
    • अपने वेटेज के घटते क्रम में आठ प्रमुख उद्योग क्षेत्र: रिफाइनरी उत्पाद> बिजली> स्टील> कोयला> कच्चा तेल> प्राकृतिक गैस> सीमेंट> उर्वरक।
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