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प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 5 फरवरी, 2021

  • 05 Feb 2021
  • 4 min read

फिशिंग कैट कंज़र्वेशन अलायंस   

(Fishing Cat Conservation Alliance)

हाल ही में फिशिंग कैट कंज़र्वेशन अलायंस (Fishing Cat Conservation Alliance) ने फिशिंग कैट के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु एक विश्वव्यापी अभियान शुरू किया है।

Fishing-Cat

प्रमुख बिंदु:  

  • फिशिंग कैट कंज़र्वेशन अलायंस कुछ संरक्षणवादियों, शोधकर्त्ताओं और उत्साही लोगों का एक दल है जो सक्रिय बाढ़कृत और तटीय पारिस्थितिक तंत्रों के संरक्षण के लिये कार्य करता है क्योंकि ये प्राकृतिक तंत्र फिशिंग कैट के अस्तित्व को बनाए रखने के लिये बहुत ही आवश्यक हैं।
  • वैज्ञानिक नाम:  प्रियनैलुरस विवरिनस (Prionailurus viverrinus)
  • परिचय: 
    • इसका आकार घरेलू बिल्ली का दोगुना होता है।
    • फिशिंग कैट निशाचर (रात में सक्रिय) जीव है और मछली के अलावा मेंढक, क्रस्टेशियन, साँप, पक्षी और बड़े जानवरों के शवों का मांस खाना पसंद करती है।
    • यह प्रजाति वर्ष भर प्रजनन करती है।
    • वे अपना अधिकांश जीवन घनी वनस्पतियों वाले क्षेत्रों में जल निकायों के करीब बिताती हैं और उत्कृष्ट तैराक होती हैं।
  • आवास: 
    • फिशिंग कैट का प्रवास क्षेत्र पूर्वी घाट में विस्तृत है। वे एस्टुरीन बाढ़कृत मैदानों,  मैंग्रोव वन और अंतर्देशीय ताज़े पानी के आवासों में रहते हैं।
    • पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में सुंदरवन के अलावा फिशिंग कैट ओडिशा की चिल्का झील तथा आसपास की आर्द्रभूमि एवं आंध्र प्रदेश के कोरिंगा व कृष्णा मैंग्रोव में निवास करती हैं।
  • खतरे:
    • आर्द्रभूमि क्षरण और जलीय कृषि तथा अन्य वाणिज्यिक परियोजनाओं के लिये प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र  का रूपांतरण, नदी के किनारे रेत खनन, कृषि गहनता आदि के परिणामस्वरूप इनके प्राकृतिक आवास की क्षति होती है। इसके अतिरिक्त कुछ क्षेत्रों में वन्यजीव-मानव संघर्ष के परिणामस्वरूप इनका शिकार और प्रतिशोधी हत्या के मामले भी देखने को मिले हैं। 
  • संरक्षण स्थिति: 
    • IUCN रेड लिस्ट: सुभेद्य। कई खतरों के बावजूद हाल ही में फिशिंग कैट को IUCN रेड लिस्ट में "लुप्तप्राय" से "सुभेद्य" श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया।
    • CITES: परिशिष्ट-II
    • भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I के तहत फिशिंग कैट का शिकार किया जाना प्रतिबंधित है।
  • संरक्षण के प्रयास: 
    • हाल ही में फिशिंग कैट कंज़र्वेशन अलायंस द्वारा आंध्र प्रदेश के पूर्वोत्तर घाटों के असुरक्षित और मानव-प्रधान परिदृश्यों में फिशिंग कैट के जैव भौगोलिक वितरण पर एक अध्ययन शुरू किया है।   
    • 2012 में पश्चिम बंगाल सरकार ने आधिकारिक रूप से फिशिंग कैट को राज्य पशु घोषित किया और कलकत्ता चिड़ियाघर में उनके लिये समर्पित दो बड़े बाड़े हैं। 
    • ओडिशा में कई एनजीओ और वन्यजीव संरक्षण संस्थाएँ फिशिंग कैट पर शोध और उनके संरक्षण कार्य संलग्न हैं।
    • वर्ष 2010 में पश्चिम बंगाल में शुरू किया गया फिशिंग कैट प्रोजेक्ट ने फिशिंग कैट (Fishing Cat) के बारे में जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया है।
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