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प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

अत्यधिक ठंड के मौसम में वस्त्र प्रणाली

  • 29 Dec 2021
  • 4 min read

हाल ही में DRDO (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइज़ेशन) ने पाँच भारतीय कंपनियों को स्वदेशी ‘एक्सट्रीम कोल्ड वेदर क्लोदिंग सिस्टम’ (ECWCS) के लिये एक तकनीक सौंपी है।

  • इससे पहले हाल ही में DRDO ने स्वदेशी रूप से विकसित सतह-से-सतह पर मार करने वाली मिसाइल 'प्रलय' का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया था।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • यह शारीरिक गतिविधि के विभिन्न स्तरों के दौरान हिमालयी क्षेत्रों में विभिन्न परिवेशी जलवायु परिस्थितियों में आवश्यक इन्सुलेशन के आधार पर बेहतर थर्मल इन्सुलेशन और शारीरिक आराम के साथ एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन किये गए मॉड्यूलर तकनीकी कपड़े हैं।
    • एक्सट्रीम कोल्ड वेदर क्लोथिंग सिस्टम (ECWCS) प्रणाली तमाम सुविधाओं से लेस होती है, जो पसीने को तेज़ी से सोखने की क्षमता, साँस की गर्मी और शारीरिक गति को फुर्तीला बनाए रखती है। साथ ही इसके भीतर साँस लेने की क्षमता और अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में संचालन के लिये वाटर प्रूफ तथा गर्मी से बचाव वाली विशेषताएँ सम्मिलित हैं।
    • इसे परतों के विभिन्न संयोजनों और शारीरिक कार्य की तीव्रता के साथ +15 से -50 डिग्री सेल्सियस की तापमान सीमा पर थर्मल इन्सुलेशन प्रदान करने के लिये उपयुक्त रूप से डिज़ाइन किया गया है।
  • महत्त्व:
    • भारतीय सेना को ग्लेशियर और हिमालय की चोटियों में अपने निरंतर संचालन के लिये  इसकी आवश्यकता होती है। सेना हाल तक अत्यधिक ठंडे मौसम के कपड़े और कई विशेष वस्त्र व पर्वतारोहण उपकरण (SCME) जैसे वस्तुओं का आयात करती रही है जो ऊँचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिये आवश्यक हैं।
    • यह मौजूदा जलवायु परिस्थितियों के लिये आवश्यक अवरोधक का कार्य करती है ताकि भारतीय सेना के लिये एक व्यवहार्य आयात विकल्प उपलब्ध हो सके।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन

  • डीआरडीओ की स्थापना 1958 में रक्षा विज्ञान संगठन (Defence Science Organisation- DSO) के साथ भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान (Technical Development Establishment- TDEs) तथा तकनीकी विकास और उत्पादन निदेशालय (Directorate of Technical Development & Production- DTDP) के संयोजन के बाद किया गया।
  • यह भारत के लिये  एक विश्व स्तरीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधार स्थापित करने के उद्देश्य से रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है और हमारी रक्षा सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय  स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा प्रणालियों एवं समाधानों से लैस करके निर्णायक बढ़त प्रदान करता है।

स्रोत:हिंदुस्तान टाइम्स

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