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सामाजिक न्याय

स्वास्थ्य डेटा प्रबंधन नीति

  • 05 Jan 2021
  • 9 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (National Digital Health Mission- NDHM) के तहत डिजिटल सेवाओं का उपयोग कर स्वास्थ्य सेवा पाने वाले रोगियों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा एवं प्रबंधन हेतु 'स्वास्थ्य डेटा प्रबंधन नीति' को मंज़ूरी दी है। ज्ञातव्य है कि इस नीति को मंज़ूरी देने से पूर्व विभिन्न हितधारकों और आम जनता की प्रतिक्रिया जानने हेतु एक महीने का समय निर्धारित किया गया था। 

प्रमुख बिंदु 

  • यह नीति राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र (NDHE) में एक मार्गदर्शक दस्तावेज़ के रूप में कार्य करेगी। 
  • राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र (National Digital Health Ecosystem- NDHE) में एकत्र किये जाने हेतु डेटा को केंद्रीय स्तर, राज्य या केंद्रशासित प्रदेश स्तर और स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर संग्रहीत किया जाएगा। 
  • इस नीति को सूचना सुरक्षा नीति, डेटा रिटेंशन और आर्काइवल नीति, किसी भी अन्य नीति या वर्तमान में लागू किसी भी कानून के विरोधाभास के रूप में नहीं बल्कि उनके साथ ही पढ़ा जाएगा जिनके लिये यह जारी की गई है।

नीति की मुख्य विशेषताएँ 

  • दस्तावेज़ीकरण: यह नीति राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन को पूर्ण रूप से विकसित करने हेतु एक सक्षम दस्तावेज़ है।
  • यह नीति डेटा की गोपनीयता एवं सुरक्षा हेतु न्यूनतम मानकों का निर्धारण करती है। 
  • चिकित्सक: इस नीति के तहत डिजी-डॉक्टर प्लेटफॉर्म द्वारा चिकित्सकों की प्रामाणिकता का ध्यान रखा जाएगा, जिसके तहत प्रत्येक डॉक्टर का अनुमोदन वैध परिषद द्वारा ही किया जाएगा। 
  • एक एकल मंच: इस नीति के तहत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एक ही मंच से जुड़े होंगे और वे निर्धारित मानकों का पालन करने के बाद डेटा को संग्रहीत कर सकते हैं।
  • डेटा तक पहुँच: यह नीति एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में डेटा की पहुँच को आसान बनाने तथा सभी व्यक्तिगत डिजिटल स्वास्थ्य प्रणालियों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिये इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में एक पहल है। 
  • डेटा तक पहुँच हेतु सहमति: किसी भी अस्पताल के चिकित्सक द्वारा किसी मरीज़ के डेटा का उपयोग केवल मरीज़ की सहमति से ही किया जा सकता है। रोगी की सहमति से स्वास्थ्य सेवा प्रदाता देश के किसी भी हिस्से से रोगी को देखने की स्थिति में होंगे। रोगी एक निश्चित स्वास्थ्य रिकॉर्ड देखने के लिये डॉक्टर को सहमति प्रदान कर सकता है और उसे अन्य रिकॉर्ड देखने से रोक भी सकता है।
  • सहमति हेतु प्रबंधन: मरीज़ से सहमति लेने हेतु सहमति प्रबंधक नामक एक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली तैयार की जाएगी जिसका पालन सहमति प्रबंधक द्वारा डेटा के अनुरोध हेतु किया जाएगा। यह उन व्यक्तियों की पहचान करेगा जो डेटा की मांग कर रहे हैं एवं डेटा प्रदान कर रहे हैं। यह सुनिश्चित होने के पश्चात् ही डेटा तक पहुँच प्रदान की जाएगी। 
  • आंशिक सहमति: यदि किसी व्यक्ति को केवल किसी विशेष चिकित्सीय स्थिति के लिये डेटा प्रदान करना है और उसके पहले के अन्य चिकित्सा रिकॉर्ड का पहले से कोई लेना-देना नहीं है तो आंशिक सहमति की आवश्यकता होगी, साथ ही सहमति केवल एक विशेष अवधि के लिये प्रदान की जाएगी।

डिजी-डॉक्टर

  • यह चिकित्सा के आधुनिक/पारंपरिक प्रणालियों का अभ्यास करने वाले सभी डॉक्टरों का एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म है। डिजी-डॉक्टर पर उपलब्धता पूरी तरह से स्वैच्छिक है। यह तंत्र डॉक्टरों को भारत के डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़ने में सक्षम बनाता है। 
  • चिकित्सा की सभी प्रणालियों (आधुनिक चिकित्सा - चिकित्सक और दंत चिकित्सक, आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, सिद्ध और सोवा रिग्पा) से जुड़े डॉक्टर अपने संबंधित मेडिकल काउंसिल/रजिस्ट्रार/बोर्ड के साथ पंजीकृत डिजी-डॉक्टर पर नामांकन कर सकते हैं। 
  • नेशनल मेडिकल काउंसिल, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, सेंट्रल काउंसिल फॉर इंडियन मेडिसिन और सेंट्रल काउंसिल फॉर होम्योपैथी राष्ट्रीय काउंसिल ऐसी संस्थाएँ हैं जो संबंधित राज्य परिषदों/रजिस्ट्रार/बोर्डों के साथ नामांकन की देखरेख करती हैं।

चुनौतियाँ

  • पर्याप्त कानूनों का अभाव: असल में यह नीति डेटा सुरक्षा कानून के तहत होनी चाहिये थी लेकिन भारत में वर्तमान में कोई डेटा सुरक्षा कानून नहीं है। इस नीति को पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के साथ जोड़ा गया है। यह संसद में बहस का विषय है। हमारे पास अभी जो कानून हैं वे पर्याप्त नहीं हैं। 
  • सज़ा का प्रावधान नहीं: यदि कोई कानून का उल्लंघन करता है तो सज़ा के बारे में इस नीति में कोई उल्लेख नहीं है। 
  • इलेक्ट्रॉनिक सहमति प्रबंधक प्रणाली: यह सुनिश्चित करना कि इलेक्ट्रॉनिक सहमति प्रबंधक प्रणाली के भीतर कोई दोष नहीं है, एक चुनौती है। इसके अलावा किसी व्यक्ति द्वारा प्रदान की गई सहमति वास्तव में उसके द्वारा प्रदान की गई है या किसी दवाब के कारण यह जानना मुश्किल है। 

आगे की राह

  • ब्लॉकचेन तकनीक: एनडीएचएम ब्लॉकचेन में सुधार, संवेदनशील स्वास्थ्य डेटा गोपनीयता की सुरक्षा की दिशा में एक ठोस कदम होगा। 
  • डेटा सुरक्षा कानून की आवश्यकता: यह सुनिश्चित करने के लिये कि अलग-अलग संस्थाओं को दिया जाने वाला डेटा सुरक्षित है, कड़े कानून का निर्माण किया जाना चाहिये। 
  • गोपनीयता सुनिश्चित करना: मरीज़ों की डेटा सुरक्षा और गोपनीयता सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है।  डेटा तक पहुँचने वाले व्यक्ति या संस्था की जाँच कड़ाई से की जानी चाहिये। 

निष्कर्ष

सरकार चिकित्सा क्षेत्र को डिजिटल बनाने की कोशिश कर रही है। डिजिटल स्वास्थ्य प्रबंधन नीति चिकित्सा क्षेत्र में मील का पत्थर है जो व्यक्तियों के डेटा के बेहतर प्रबंधन से उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा टेलीमेडिसिन रोगियों के डिजिटल उपचार का एक अग्रणी क्षेत्र है और यह लागत प्रभावी भी है। हालाँकि रोगियों के डेटा की सुरक्षा और मज़बूत डेटा प्रोटेक्शन एक्ट की कमी से संबंधित चिंताएँ एक बड़ी चुनौती के रूप में हैं अतः इसमें सुधार किया जाना चाहिये।

अभ्यास प्रश्न : स्वास्थ्य डेटा प्रबंधन नीति की आलोचनात्मक चर्चा कीजिये।

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