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विश्व खाद्य पुरस्कार 2025

  • 20 May 2025
  • 3 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ

ब्राज़ील की माइक्रोबायोलॉजिस्ट मारियांगेला हंगरिया को जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण (BNF) में उनके अग्रणी कार्य और रासायनिक उर्वरक के उपयोग को कम करने वाली सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकियों के विकास के लिये विश्व खाद्य पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है।

  • मारियांगेला ने फलियों (Legumes) में राइज़ोबिया-आधारित नाइट्रोजन स्थिरीकरण की शुरुआत की। इस नवाचार ने रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम कर दिया, जिससे ब्राज़ील के किसानों को प्रति वर्ष 40 अरब अमेरिकी डॉलर की बचत हुई और सोयाबीन उत्पादन वर्ष 1979 में 1.5 करोड़ टन से बढ़कर वर्ष 2025 तक अनुमानित 17.3 करोड़ टन तक पहुँच गया।
  • उनके कार्य ने सतत् और कम लागत वाली सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकियों के माध्यम से ब्राज़ील के "माइक्रो ग्रीन रिवोल्यूशन" को आगे बढ़ाया।

जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण (BNF): 

  • जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें कुछ सूक्ष्मजीव वायुमंडलीय नाइट्रोजन (N₂) को अमोनिया (NH₃) में परिवर्तित करते हैं, जिसे पौधे आसानी से उपयोग में ले सकते हैं।
    • इससे मृदा की उर्वरता बढ़ती है और रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है।
    • प्रमुख नाइट्रोजन-स्थिरीकरण बैक्टीरिया में राइज़ोबियम, एनाबेना, नोस्टॉक, एज़ोटोबैक्टर और क्लॉस्ट्रिडियम पेस्ट्यूरियनम शामिल हैं।

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विश्व खाद्य पुरस्कार:

  •  इसकी स्थापना वर्ष 1986 में नोबेल पुरस्कार विजेता नॉर्मन बोरलॉग द्वारा की गई थी, यह एक शीर्ष वैश्विक पुरस्कार है जो खाद्य मात्रा, गुणवत्ता, पहुँच तथा कृषि में सुधार के लिये  योगदान को मान्यता देता है।
  • यह कृषि, पोषण, खाद्य प्रौद्योगिकी और भुखमरी उन्मूलन के क्षेत्र में नवप्रवर्तनकर्त्ताओं को प्रतिवर्ष 500,000 अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार देता है।
  • इसके प्रथम प्राप्तकर्त्ता भारत के एम.एस. स्वामीनाथन (1987) थे, जो भारतीय हरित क्रांति के जनक थे।

और पढ़ें: विश्व खाद्य दिवस 2024 

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