रैपिड फायर
लेजर सुरक्षा के लिये सागौन के पत्ते
- 02 Jul 2025
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स्रोत: पी. आई. बी.
भारतीय वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि सागौन के पत्तों के अर्क का उपयोग प्राकृतिक, पर्यावरण-अनुकूल ऑप्टिकल लिमिटर के रूप में किया जा सकता है, जो आँखों और संवेदनशील सेंसरों को उच्च-तीव्रता वाले लेज़र विकिरण से बचाता है।
- सागौन के पत्तों में एंथोसायनिन, गैर-रेखीय ऑप्टिकल (NLO) गुणों वाले प्राकृतिक रंगद्रव्य होते हैं, जो उन्हें लेज़र सुरक्षा चश्मे, ऑप्टिकल शील्ड और लेज़र प्रतिरोधी कोटिंग्स जैसे ऑप्टिकल पावर-सीमित अनुप्रयोगों के लिये उपयुक्त बनाते हैं ।
सागौन (टेक्टोना ग्रैंडिस)
- परिचय: सागौन (सागवान) एक नम पर्णपाती वृक्ष है, जिसे इसकी स्थायित्व, शक्ति और कीटों, पानी और क्षय के प्रतिरोध के लिये "किंग ऑफ टिंबर/इमारती लकड़ी का राजा" के रूप में जाना जाता है, जो इसे जहाज़ निर्माण, प्रीमियम फर्नीचर, फर्श, बाहरी निर्माण, नक्काशी, टर्निंग और संगीत वाद्ययंत्र के लिये आदर्श बनाता है।
- भारत में विश्व के 35% सागौन वन हैं, जबकि एशिया में वैश्विक सागौन संसाधनों का 95% हिस्सा है।
- भौगोलिक वितरण: इसका मूल स्थान दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया है, जिसमें भारत, म्याँमार, थाईलैंड, लाओस और इंडोनेशिया शामिल हैं।
- भारत में यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, असम और पूर्वोत्तर में अच्छी जल निकासी वाली मृदा और पूर्ण सूर्य के प्रकाश में पनपता है।
- वानस्पतिक विशेषताएँ: सागौन एक बड़ा पर्णपाती वृक्ष है, जिसमें सीधा बेलनाकार तना (1-1.5 मीटर व्यास), विपरीत जोड़ों में आयताकार गहरे हरे रंग की पत्तियाँ और गुच्छों में छोटे, सुगंधित सफेद/क्रीम फूल होते हैं।
- विनियामक स्थिति: वन संरक्षण अधिनियम, 1980 और राष्ट्रीय वन नीति, 1988 के तहत सरकारी वनों में हरे पेड़ों की कटाई प्रतिबंधित है, जिससे घरेलू और निर्यात मांगों को पूरा करने के लिये निजी सागौन बागान आवश्यक हो गए हैं।
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