इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

स्वदेश दर्शन योजना

  • 27 Jul 2022
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

स्वदेश दर्शन योजना, PRASAD, आत्मनिर्भर भारत

मेन्स के लिये:

आत्मनिर्भर भारत, पर्यटन क्षेत्र।

हाल ही में पर्यटन मंत्रालय ने अपनी स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (SD2.0) के रूप में संशोधित किया है, जिसका उद्देश्य गंतव्यों पर स्थायी और ज़िम्मेदार बुनियादी ढाँचा विकसित करना है।

स्वदेश दर्शन योजना:

  • परिचय:
    • इसे वर्ष 2014-15 में देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के लिये शुरू किया गया था। इस योजना के तहत पंद्रह विषयगत सर्किटों की पहचान की गई है- बौद्ध सर्किट, तटीय सर्किट, डेज़र्ट सर्किट, इको सर्किट, हेरिटेज सर्किट, हिमालयन सर्किट, कृष्णा सर्किट, नॉर्थ ईस्ट सर्किट, रामायण सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी सर्किट, तीर्थंकर सर्किट, जनजातीय सर्किट, वन्यजीव सर्किट।
    • यह केंद्र द्वारा 100% वित्तपोषित है और केंद्र एवं राज्य सरकारों की अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण हेतु तथा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और कॉर्पोरेट क्षेत्र की कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (CSR) पहल के लिये उपलब्ध स्वैच्छिक वित्तपोषण का लाभ उठाने के प्रयास किये जाते हैं।
  • महत्त्व:
    • स्वदेश दर्शन और PRASAD (तीर्थयात्रा कायाकल्प एवं आध्यात्मिक, विरासत संवर्द्धन अभियान) योजनाओं के तहत पर्यटन मंत्रालय पर्यटन के बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
    • इस योजना के तहत परियोजनाओं निधियों की उपलब्धता, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने, योजना दिशा-निर्देशों का पालन करने और पूर्व में जारी धन के उपयोग के अधीन स्वीकृत किया जाता है।
  • उद्देश्य:
    • पर्यटन को आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन के प्रमुख इंजन के रूप में स्थापित करना।
    • नियोजित और प्राथमिकता के आधार पर पर्यटन क्षमता वाले सर्किट विकसित करना।
    • पहचान किये गए क्षेत्रों में आजीविका उत्पन्न करने के लिये देश के सांस्कृतिक और विरासत मूल्य को बढ़ावा देना।
    • सर्किट/गंतव्यों में विश्व स्तरीय स्थायी बुनियादी ढाँचे को विकसित करके पर्यटकों के आकर्षण को बढ़ाना।
    • समुदाय आधारित विकास और गरीब समर्थक पर्यटन दृष्टिकोण का पालन करना।
    • आय के बढ़ते स्रोतों, बेहतर जीवन स्तर और क्षेत्र के समग्र विकास के संदर्भ में स्थानीय समुदायों में पर्यटन के संदर्भ में जागरूकता बढ़ाना।
    • उपलब्ध बुनियादी ढाँचे, राष्ट्रीय संस्कृति और देश भर में प्रत्येक क्षेत्र के विशिष्ट स्थलों के संदर्भ में विषय-आधारित सर्किटों के विकास की संभावनाओं एवं लाभों का पूरा उपयोग करना।
    • आगंतुक अनुभव/संतुष्टि को बढ़ाने के लिये पर्यटक सुविधा सेवाओं का विकास करना।

स्वदेश दर्शन योजना 2.0:

  • 'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र के साथ स्वदेश दर्शन 2.0 नामक नई योजना का उद्देश्य पर्यटन गंतव्य के रूप में भारत की पूरी क्षमता को साकार कर "आत्मनिर्भर भारत" के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
  • स्वदेश दर्शन 2.0 एक वृद्धिशील परिवर्तन नहीं है, बल्कि स्थायी और ज़िम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिये स्वदेश दर्शन योजना को एक समग्र मिशन के रूप में विकसित करने हेतु पीढ़ीगत बदलाव है।
  • यह पर्यटन स्थलों के सामान्य और विषय-विशिष्ट विकास के लिये बेंचमार्क एवं मानकों के विकास को प्रोत्साहित करेगी ताकि राज्य परियोजनाओं की योजना तैयार करने एवं विकास करते समय बेंचमार्क तथा मानकों का पालन किया जा सके।
  • योजना के तहत पर्यटन क्षेत्र के लिये निम्नलिखित प्रमुख विषयों की पहचान की गई है।
    • संस्कृति और विरासत
    • साहसिक पर्यटन
    • पारिस्थितिकी पर्यटन
    • कल्याण पर्यटन
    • एमआईसीई पर्यटन
    • ग्रामीण पर्यटन
    • तटीय पर्यटन
    • परिभ्रमण- महासागर और अंतर्देशीय।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2