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साइफन-संचालित विलवणीकरण

  • 30 Sep 2025
  • 19 min read

स्रोत: PIB

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) द्वारा विकसित एक नई साइफन-आधारित तापीय विलवणीकरण प्रणाली समुद्री जल को स्वच्छ पेयजल में परिवर्तित कर सकती है। 

  • यह पारंपरिक सौर स्टिल की तुलना में तेज़, सस्ता और अधिक कुशल है तथा भारत की जल-तनाव की चुनौतियों का समाधान करता है। 
  • ऊष्मीय विलवणीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें खारे पानी से शुद्ध पानी को वाष्पित करने के लिये ऊष्मा का उपयोग किया जाता है, जो लवणों को पीछे छोड़कर और वाष्प को मीठे पानी में संघनित करके प्राकृतिक जल चक्र का अनुकरण करता है। 
  • प्रकृति के जल चक्र का अनुसरण करने वाले पारंपरिक सौर स्टिल को लंबे समय से साधारण जल शोधक के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है। हालाँकि, उन्हें दो चुनौतियों का सामना करना पड़ता है: 
    • नमक का जमाव, जहाँ वाष्पीकरण सतह पर पपड़ी बन जाती है, जिससे पानी का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। 
    • स्केलिंग सीमाएं, क्योंकि विकिंग सामग्री केवल 10-15 सेमी तक ही पानी उठा सकती है, जिससे सिस्टम का आकार और आउटपुट सीमित हो जाता है। 

साइफन-संचालित विलवणीकरण प्रणाली  

  • परिचय: यह साइफन (ट्यूब या बाती के माध्यम से गुरुत्वाकर्षण-संचालित प्रवाह) के सिद्धांत का उपयोग करता है।  
  • यह तकनीक जलाशय से खारे पानी को खींचने के लिए एक मिश्रित साइफन (कपड़े की बत्ती + नालीदार धातु की सतह) का उपयोग करती है, जहाँ गुरुत्वाकर्षण निरंतर और सुचारू प्रवाह सुनिश्चित करता है। साइफन, क्रिस्टलीकरण से पहले ही लवणों को बाहर निकाल देता है, जिससे नमक का जमाव रुक जाता है। 
  • इस प्रक्रिया में पानी एक पतली परत (thin film) के रूप में फैलकर वाष्पित होता है और फिर कुशलतापूर्वक संघनित होता है। इसके परिणामस्वरूप सूर्य के प्रकाश में प्रति वर्ग मीटर प्रति घंटे 6 लीटर से अधिक स्वच्छ पानी उत्पन्न होता है, जो पारंपरिक सौर आसवकों की तुलना में कई गुना अधिक है। 
  • महत्त्व: यह साइफन-संचालित विलवणीकरण इकाई कम लागत वाली, स्केलेबल और सतत् है, क्योंकि इसे एल्यूमीनियम और कपड़े जैसी साधारण सामग्रियों से तैयार किया जा सकता है। 
    • यह सौर ऊर्जा या अपशिष्ट ऊष्मा पर चलता है, ऑफ-ग्रिड और तटीय क्षेत्रों में काम करता है , और बिना रुकावट के उच्च लवणता वाले पानी (20% तक) का उपचार कर सकता है, जिससे यह खारे पानी के प्रबंधन में एक बड़ी उपलब्धि बन जाता है। 
    • अपशिष्ट ऊष्मा से विद्युत उत्पादन (WHP) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी मौजूदा तापीय प्रक्रिया द्वारा छोड़ी गई ऊष्मा को एकत्रित कर लिया जाता है तथा उस ऊष्मा का उपयोग विद्युत उत्पादन के लिये किया जाता है।
और पढ़ें: विलवणीकरण संयंत्र 
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