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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 मार्च, 2022

  • 29 Mar 2022
  • 5 min read

पी.वी. सिंधु 

बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने स्विट्ज़रलैंड के बेसल में आयोजित स्विस ओपन सुपर 300 बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में थाईलैंड की खिलाड़ी को हराकर स्विस ओपन 2022 का खिताब जीता है। सिंधु ने इस वर्ष जनवरी माह में लखनऊ में ‘सैयद मोदी इंटरनेशनल सुपर-300’ जीता था। सुपर-300 टूर्नामेंट विश्व बैडमिंटन महासंघ (BWF) टूर इवेंट्स का दूसरा सबसे निचला स्तर है। पी.वी. सिंधु प्रसिद्ध भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिनका जन्म 5 जुलाई, 1995 को हैदराबाद (भारत) में हुआ था। उल्लेखनीय है कि पी.वी. सिंधु ओलंपिक में रजत पदक और BWF विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने वर्ष 2014 में अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों (CWG) में महिला एकल में कांस्य पदक जीता था। विश्व बैडमिंटन महासंघ (Badminton World Federation- BWF) बैडमिंटन खेल का एक अंतर्राष्ट्रीय शासकीय निकाय है, जिसकी स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी।

‘प्रस्थान’ एक अपतटीय सुरक्षा अभ्यास 

पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय के तत्त्वावधान में 16 नवंबर, 2021 को मुंबई से दूर अपतटीय विकास क्षेत्र (ODA) में ‘प्रस्थान’ एक अपतटीय सुरक्षा अभ्यास का आयोजन किया गया। हर छह महीने में आयोजित होने वाला यह अभ्यास अपतटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये  महत्त्वपूर्ण है और इसका उद्देश्य अपतटीय विकास क्षेत्रों (ODA) में विभिन्न प्रकार की आकस्मिक घटनाओं पर एसओपी एवं बेहतर कार्रवाई करने हेतु भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, तटरक्षक बल, ओएनजीसी, पोर्ट ट्रस्ट, सीमा शुल्क, राज्य मत्स्यपालन विभाग तथा समुद्री पुलिस सहित सभी समुद्री हितधारकों के प्रयासों को एकीकृत करना है। यह अभ्यास मुंबई के पश्चिम में लगभग 94 एनएम पर स्थित ओएनजीसी के एमएचएन प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया। इस अभ्यास में सभी हितधारकों को वास्तविक परिदृश्य प्रदान किया गया ताकि पश्चिमी ओडीए में आकस्मिक घटनाओं पर सटीक प्रतिक्रिया और उनका मुकाबला करने में तत्परता तथा एक साथ आपसी तालमेल द्वारा कार्रवाई करने की उनकी क्षमता का आकलन किया जा सके। 

आईएनएस वलसुरा

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 25 मार्च, 2022 को आईएनएस वलसुरा को प्रतिष्ठित 'प्रेसिडेंटस कलर' यानी 'राष्ट्रपति निशान' प्रदान किया। ‘राष्ट्रपति निशान’ को शांति और युद्ध, दोनों स्थितियों में किसी सैन्य इकाई द्वारा राष्ट्र के लिये की गई असाधारण सेवा के सम्मान में प्रदान किया जाता है। भारतीय नौसेना पहली भारतीय सशस्त्र सेना है. जिसे 27 मई, 1951 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा राष्ट्रपति निशान से सम्मानित किया गया था। आईएनएस वलसुरा वर्ष 1942 से सेवा में है। यह नौसेना का प्रमुख प्रशिक्षण पोत है जहाँ नौसेना, तटरक्षक एवं अन्य मित्र राष्ट्रों के अधिकारियों व नाविकों को आईएनएस वलसुरा पर ही इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, हथियार प्रणाली एवं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाता है। यह यूनिट भारतीय नौसेना के अधिकारियों और नाविकों को आवश्यक कौशल से लैस करने में हमेशा आगे रही है ताकि सूचना प्रौद्योगिकी में उन्नति के साथ अपनी गति बनाए रखने के अलावा तेज़ी से जटिल हो रही हथियारों और इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों की युद्ध क्षमता को बरकरार रखा जा सके।

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