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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 25 मई, 2022

  • 25 May 2022
  • 6 min read

शिरुई लिली महोत्सव

हाल ही में मणिपुर में राज्य स्तरीय शिरुई लिली महोत्सव 2022 के चौथे संस्करण की शुरुआत हुई है। यह वार्षिक उत्सव मणिपुर सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा शिरुई लिली के फूल के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये आयोजित किया जाता है। चार दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन मणिपुर के राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा उखरुल ज़िले के शिरुई गाँव में किया गया। यह त्योहार अप्रैल और मई के आसपास आयोजित किया जाता है क्योंकि यह शिरुई लिली के खिलने का समय होता है। यह फूल केवल मणिपुर के उखरुल ज़िले में पाया जाता है और इसे विश्व में कहीं भी नहीं उगाया जा सकता है। इस पुष्प की खोज मणिपुर में वर्ष 1946 में अंग्रेज़ वैज्ञानिक फ्रैंक किंग्डन-वार्ड (Frank Kingdon-Ward) द्वारा की गई थी। अपनी विशेषताओं के कारण इस पुष्प ने वर्ष 1948 में रॉयल हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी (Royal Horticultural Society- RHS) लंदन के एक फ्लॉवर शो में श्रेष्ठता पुरस्कार जीता था। शिरुई लिली मणिपुर का राजकीय पुष्प है। यह तीन फीट लंबा और घंटी के आकार का नीला-गुलाबी रंग का पुष्प है। इसका वैज्ञानिक नाम लिलियम मैकलिनिया (Lilium Mackliniae) है। शिरुई लिली, ग्राउंड लिली (Ground Lily) की एक प्रजाति है जो केवल मणिपुर की शिरुई पहाड़ी (Shirui Hills) के आसपास पाई जाती है। इस क्षेत्र में तांगखुल नागा जनजाति निवास करती है। तांगखुल जनजाति द्वारा इसे स्थानीय भाषा में काशोंग तिम्रावोन (Kashsong Timrawon) कहा जाता है, जो तिम्रावोन के नाम पर रखा गया है।

रास बिहारी बोस

रास बिहारी बोस का जन्म 25 मई, 1886 को बंगाल प्रांत के सुबलदाहा गाँव में हुआ था। रास बिहारी बोस ने गदर आंदोलन का नेतृत्‍व करने से लेकर भारतीय राष्ट्रीय सेना की स्थापना तक स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रास बिहारी बोस वर्ष 1789 की फ्राँँसीसी क्रांति से खासा प्रभावित थे। वर्ष 1905 में बंगाल विभाजन और उसके बाद की घटनाओं ने रास बिहारी बोस को क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने प्रख्यात क्रांतिकारी नेता जतिन बनर्जी के मार्गदर्शन में अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन किया। गदर आंदोलन में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका तो निभाई किंतु यह अल्पकालिक थी, क्योंकि जल्द ही ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ विद्रोह की उनकी योजना का खुलासा हो गया था, जिसने अंततः उन्हें जापान जाने के लिये मजबूर कर दिया, जहाँ उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों का नया अध्याय उनकी प्रतीक्षा कर रहा था। वर्ष 1942 में जापान के टोक्यो में रास बिहारी बोस ने 'आज़ाद हिंद फौज' की स्थापना की। 'आज़ाद हिंद फौज' की स्थापना का उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेज़ोंं के खिलाफ लड़ना था। जापान ने 'आज़ाद हिंद फौज' के गठन में सहयोग दिया था। बाद में 'आज़ाद हिंद फौज' की कमान सुभाषचंद्र बोस के हाथों में सौंप दी गई। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए जापान की सरकार ने उन्हें 'सेकंड ऑर्डर ऑफ मेरिट ऑफ द राइज़िंग सन' से सम्मानित किया था।

आभा मोबाइल एप

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने स्वास्थ्य संबंधी रिकार्ड रखने के लिये आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता यानी आभा मोबाइल एप की शुरुआत की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि आभा एप राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत  हेल्थ रिकॉर्ड्स एप का ही नया रूप है। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस एप में उपलब्ध सुविधाओं के माध्यम से व्यक्ति कभी भी और कहीं भी अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड की जानकारी प्राप्‍त कर सकता है। आभा मोबाइल एप्लीकेशन में नई व्यावहारिक चीजें हैं, जैसे- एडिट प्रोफाइल, आभा नंबर (14 अंक वाला) को आभा एड्रेस के साथ लिंक और अन-लिंक करना। इसके अलावा फेस ऑथेंटिकेशन/फिंगरप्रिंट/बायोमेट्रिक द्वारा लॉग-इन तथा पंजीकरण संबंधी एबीडीएम आधारित सुविधा एवं काउंटर पर क्यूआर कोड की स्कैनिंग सुविधाओं को भी जल्द शुरू किया जाएगा।

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