दृष्टि आईएएस अब इंदौर में भी! अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें |   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 जुलाई, 2021

  • 17 Jul 2021
  • 8 min read

अरूणा आसफ अली

16 जुलाई, 2021 को उपराष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने स्‍वतंत्रता सेनानी और वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली ‘अरूणा आसफ अली’ की जयंती पर उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका जन्म 16 जुलाई, 1909 को तत्कालीन संयुक्त प्रांत में अरूणा गांगुली के रूप में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कलकत्ता में बतौर शिक्षक अपने कॅॅरियर की शुरुआत की। वर्ष 1928 में उन्होंने प्रसिद्ध भारतीय वकील और भारतीय राष्ट्रीय काॅॅन्ग्रेस के प्रमुख सदस्य आसफ अली से विवाह किया। इसके पश्चात् उन्होंने सक्रिय रूप से राजनीति में प्रवेश किया और वर्ष 1932 में नमक सत्याग्रह के दौरान उन्हें पहली बार गिरफ्तार किया गया। हालाँकि जल्द ही विरोध प्रदर्शन के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। वर्ष 1932 में उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने के लिये एक बार फिर गिरफ्तार किया गया और कैदियों के साथ दुर्व्यवहार के विरोध में जेल में रहते हुए उन्होंने भूख हड़ताल कर दी। वर्ष 1942 में जब देश के सभी प्रमुख नेताओं को भारत छोड़ो आंदोलन के विरुद्ध एक पूर्व उपाय के रूप में अंग्रेज़ों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था, तो उन्होंने गोवालिया टैंक मैदान में भारतीय ध्वज फहराकर भारत छोड़ो आंदोलन को आवश्यक नेतृत्त्व और मज़बूती प्रदान की। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् उन्होंने महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करके महिलाओं की स्थिति के उत्थान की दिशा में महत्त्वपूर्ण कार्य किया। वर्ष 1958 में उन्होंने दिल्ली की पहली निर्वाचित मेयर के रूप में कार्य किया। उन्हें वर्ष 1992 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1997 में उन्हें मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था।

कृष्‍णा और गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड

हाल ही में केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों के तहत गठित कृष्णा और गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड (KRMB और GRMB) के अधिकार क्षेत्र को अधिसूचित किया है। यह अधिसूचना जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी की गई है। यह अधिसूचना कृष्णा बेसिन में 35 और गोदावरी बेसिन में 71 परियोजनाओं को इन बोर्डों के दायरे में लाती है, जो उन्हें बैराज, बाँधों, जलाशयों, विनियमन संरचनाओं, नहर नेटवर्क के हिस्से, ट्रांज़ीशन लाइनों एवं बिजली घरों को संचालित करने हेतु सशक्त बनाती है। इस कदम से दोनों राज्यों (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना) में जल संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित होने की उम्मीद है। यह अधिसूचना दोनों बोर्डों को दोनों राज्यों में संबंधित नदी घाटियों से पानी और बिजली की आपूर्ति को विनियमित करने का अधिकार देती है। दोनों बोर्डों, ‘गोदावरी जल विवाद न्यायाधिकरण’ और ‘कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण’ द्वारा दिये गए निर्णयों के आधार पर जल बँँटवारे को नियंत्रित करेंगे। गौरतलब है कि कृष्णा नदी जल विवाद के समाधान हेतु वर्ष 1969 में ‘कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण’ की स्थापना की गई थी, जबकि ‘गोदावरी जल विवाद न्यायाधिकरण’ का गठन अप्रैल 1969 में किया गया था। 

भारत का पहला ‘ग्रेन एटीएम’

अपनी तरह की पहली पहल में हरियाणा सरकार ने हाल ही में गुरुग्राम के फर्रुखनगर में खाद्यान्न वितरण के लिये पहली एटीएम मशीन यानी ‘ग्रेन एटीएम’ स्थापित किया है। ‘ग्रेन एटीएम’ बैंक एटीएम की तरह ही एक स्वचालित मशीन है, जिसमें अनाज की माप में त्रुटि नगण्य होती है। मशीन में टच-स्क्रीन के साथ एक बायोमेट्रिक सिस्टम भी है, जहाँ लाभार्थियों को अपना अनाज प्राप्त करने के लिये आधार या राशन कार्ड नंबर दर्ज करना होगा। इसका उद्देश्य विभिन्न सरकारी योजनाओं में मिलने वाले अनाज के वितरण को सुगम एवं पारदर्शी बनाना है। इसके तहत प्रत्येक मशीन एक बार में पाँच से सात मिनट के भीतर 70 किलो अनाज का वितरण कर सकती है। इस पायलट प्रोजेक्ट के एक हिस्से के रूप में हरियाणा सरकार राज्य भर में सरकार द्वारा संचालित राशन की दुकानों  में ‘ग्रेन एटीएम’ स्थापित करने की योजना बना रही है। यह मशीन संयुक्त राष्ट्र के ‘विश्व खाद्य कार्यक्रम’ के तहत स्थापित की जाएगी। यह मशीन तीन प्रकार के अनाज- चावल, बाजरा और गेहूँ का वितरण करेगी। इस मशीन के माध्यम से सरकारी डिपो में खाद्यान्न की कमी की शिकायतों का भी निराकरण किया जा सकेगा। 

‘कोविहोम’ कोविड-19 परीक्षण किट

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-हैदराबाद (IIT-H) के शोधकर्त्ताओं द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-संचालित ‘कोविहोम’ (COVIHOME) नामक एक कोविड-19 परीक्षण किट विकसित की गई है, जिसे घर पर आसानी से उपयोग किया जा सकता है। यह परीक्षण किट रोगसूचक और स्पर्शोन्मुख दोनों रोगियों के लिये 30 मिनट के भीतर परीक्षण परिणाम दे सकती है तथा इस परीक्षण किट का प्रमुख लाभ यह है कि इसमें आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन) एवं आरएनए के निष्कर्षण के लिये बीएसएल-2 प्रयोगशाला सुविधा की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिये कोई भी व्यक्ति बिना विशेषज्ञ पर्यवेक्षण के घर पर ही परीक्षण कर सकता है। वर्तमान में प्रत्येक परीक्षण की लागत लगभग 400 रुपए है, हालाँकि परीक्षण किट के व्यापक उत्पादन से लागत को कम कर लगभग 300 रुपए प्रति परीक्षण किया जा सकता है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow