इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 अगस्त, 2020

  • 14 Aug 2020
  • 6 min read

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (National Testing Agency-NTA) ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया है कि अंडरग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रम के लिये 'राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा' (National Eligibility Cum Entrance Test- NEET) विदेशी छात्रों के लिये ऑनलाइन आयोजित नहीं की जा सकती है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने न्यायालय के समक्ष स्पष्ट किया कि ‘मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के नियमों के अनुसार, 'राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा' (NEET) अनिवार्य रूप से सभी उम्मीदवारों के लिये पेपर-बुक प्रारूप में होना अनिवार्य है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने पश्चिम एशिया में 4,000 से अधिक NEET अभ्यर्थियों के माता-पिता द्वारा या तो इन देशों में परीक्षा केंद्र स्थापित करने या फिर परीक्षा स्थगित करने को लेकर निर्देश देने संबंधी याचिका को लेकर जवाब दिया है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के अनुसार, विदेश में परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकती, क्योंकि एकरूपता बनाए रखने के लिये 'राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा' (NEET) को एक ही दिन और एक ही पाली में आयोजित किया जाना अनिवार्य है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने कहा कि 'राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा' (NEET) की तुलना संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) के साथ-साथ नहीं की जा सकती है। ध्यातव्य है कि इंजीनियरिंग और तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिये आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) के केंद्र विदेश में भी स्थित हैं। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) एक स्वायत्त संस्था है जो देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश एवं छात्रवृत्ति हेतु प्रवेश परीक्षाएँ आयोजित कराती है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की स्थापना भारतीय संस्था पंजीकरण अधिनियम-1860 के तहत की गई थी। इस एजेंसी का उद्देश्य प्रवेश और भर्ती हेतु उम्मीदवारों की योग्यता का आकलन करने के लिये कुशल, पारदर्शी और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर परीक्षण करना है।

विश्व अंगदान दिवस

दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस (World Organ Donation Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को जीवन बचाने के लिये मृत्यु के पश्चात् अपने स्वस्थ और कीमती अंगों को दान करने के लिये प्रेरित करना है। अंगदान ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति (जीवित या मृत, दोनों) से स्वस्थ अंगों और ऊतकों को लेकर किसी अन्य ज़रूरतमंद व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। प्रत्यारोपित होने वाले अंगों में दोनों गुर्दे (किडनी), यकृत (लीवर), ह्रदय, फेफड़े, आंत और अग्न्याशय शामिल होते हैं। जबकि ऊतकों के रूप में कॉर्निया, त्वचा, ह्रदय वाल्व कार्टिलेज, हड्डियों और वेसल्स का प्रत्यारोपण होता है। जीवित व्यक्ति के लिये अंगदान के समय न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना अनिवार्य है, हालाँकि अधिकांश अंगों के प्रत्यारोपण का निर्णायक कारक व्यक्ति की शारीरिक स्थिति होती है, उसकी आयु नहीं। भारत में प्रति वर्ष लाखों लोग अंग प्रत्यारोपण का इंतजार करते-करते मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। इसका कारण मांग और दान किये गए अंगों की संख्या के बीच बड़ा अंतराल है। भारत में इस संबंध में जागरुकता पैदा करने के लिये प्रत्येक वर्ष 27 नवंबर को भारतीय अंगदान दिवस (Indian Organ Donation Day) मनाया जाता है।

अरुणोदय योजना

लगभग 17 लाख परिवारों को वित्तीय सहायता उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से असम सरकार राज्‍य में अरुणोदय योजना (Arunoday Scheme) लागू करने की योजना बना रही है है। इस संबंध में सूचना देते हुए राज्‍य के वित्त मंत्री हेमंता बिस्‍वा सरमा ने कहा कि इस योजना के तहत आवश्‍यक वस्तुएँ खरीदने के लिये पात्र परिवारों को 830 रुपए प्रति महीने प्रदान किये जाएंगे। हेमंता बिस्‍वा सरमा के अनुसार, यह योजना असम में सबसे बडी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) योजना होगी। आधिकारिक सूचना के अनुसार, इस योजना के माध्यम से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के 15 से 17 हजार परिवारों को लाभ पहुँचेगा। अरुणोदय योजना के लिये असम सरकार 210 करोड़ रुपए प्रति माह खर्च करेगी।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow