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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 अगस्त, 2020

  • 12 Aug 2020
  • 8 min read

अंतर्राष्‍ट्रीय युवा दिवस

विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को अंतर्राष्‍ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) के रूप में मनाया जाता है,  इस दिवस को मनाने का प्रमुख उद्देश्य युवाओं के मुद्दों पर समाज और सरकारों का ध्यान आकर्षित करना है। यह दिवस न केवल भविष्य की पीढ़ी के रूप में युवाओं के महत्त्व को इंगित करता है, बल्कि यह हमारे वर्तमान को बदलने के एक महत्त्वपूर्ण साधन के रूप में भी युवाओं के महत्त्व को रेखांकित करता है। वर्ष 2020 के लिये इस दिवस की थीम ‘यूथ एंगेजमेंट फॉर ग्लोबल एक्शन’ (Youth Engagement for Global Action) है। यह दिवस देश के विकास में युवाओं की भूमिका पर केंद्रित है और युवाओं की आवाज़, उनके कार्य और पहलों को पहचान दिलाने का अवसर उपलब्ध कराता है। विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 दिसंबर, 1999 को युवा विश्व सम्मेलन के दौरान की गई सिफारिशों को मानते हुए पहली बार वर्ष 2000 में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया गया था। वर्ष 2015 में सुरक्षा परिषद द्वारा पारित संकल्प को अपनाने के बाद से इस मान्यता को बल मिला कि परिवर्तन के एजेंट के रूप में युवा संघर्षों को रोकने और शांति बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। ध्यातव्य है कि मानवता के समक्ष मौजूद वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिये आवश्यक है कि एक साथ मिलकर वैश्विक कार्रवाई पर ध्यान दिया जाए और इस कार्रवाई में युवाओं की अनिवार्य भूमिका सुनिश्चित की जाए। 

कमला हैरिस

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) ने भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस (Kamala Harris) को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नामित किया है। ध्यातव्य है कि अमेरिका के इतिहास में यह पहली बार होगा जब एक अश्वेत भारतीय अमेरिकी महिला उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में शामिल होगी। डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य, 55 वर्षीय कमला हैरिस एक अमेरिकी राजनेता और एक वकील हैं, जो कि वर्ष 2017 से अमेरिकी के कैलिफोर्निया से सीनेटर के रूप में सेवा कर रही हैं। कमला हैरिस का जन्म 20 अक्तूबर, 1964 को कैलिफोर्निया के ऑकलैंड (Oakland) शहर में हुआ था। कमला हैरिस की माँ भारतीय मूल की थीं, जबकि उनके पिता जमैका से थे।  कमला हैरिस ने वर्ष 2010 से वर्ष 2014 के बीच कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य किया था। कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में प्रसिद्ध प्राप्त करने के बाद नवंबर 2016 में कमला हैरिस ने अमेरिकी सीनेट के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके पश्चात् उन्होंने जनवरी, 2019 में राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने की घोषणा की थी, हालाँकि दिसंबर 2019 में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर अपना वापस ले लिया था।

राहत इंदौरी

11 अगस्त, 2020 को भारत के प्रसिद्ध उर्दू शायर और गीतकार राहत इंदौरी का 70 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। राहत इंदौरी का जन्म 01 जनवरी, 1950 को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था, उन्होंने अपनी प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा इंदौर से ही प्राप्त की थी। वर्ष 1973 में स्नातक और वर्ष 1975 में परास्नातक की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात् उन्होंने वर्ष 1985 में मध्यप्रदेश भोज विश्विद्यालय (Bhoj University) से ‘उर्दू में मुशायरा’ विषय पर पीएचडी (PhD) की डिग्री प्राप्त की। आर्थिक संकट के कारण उनका बचपन काफी कठिन परिस्थितियों में गुजरा, यही कारण था कि उन्होंने मात्र दस वर्ष की उम्र में साइन-पेंटर के तौर पर कार्य करना शुरू कर दिया था। अपनी शिक्षा समाप्त करने के बाद राहत इंदौरी ने इंदौर के के ही एक कॉलेज में उर्दू साहित्य के एक शिक्षक के तौर पर कार्य शुरू किया, और साथ ही वे मुशायरों में भी हिस्सा लेने लगे। उर्दू शायर-ओ-शायरी के लिये राहत इंदौरी को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उर्दू शायरी के अलावा उन्हें हिंदी फिल्म उद्योग में एक लोकप्रिय गीत लेखक के रूप में भी जाना जाता था। 

मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना

हाल ही में गुजरात सरकार ने सूखे, अत्यधिक वर्षा या बिन मौसम बरसात के कारण फसल नुकसान का सामना करने वाले किसानों के लिये एक नई योजना की शुरुआत की है। इसके तहत किसानों को उक्त स्थितियों में हुए नुकसान की भरपाई के लिये बिना कोई प्रीमियम दिये मुआवज़ा मिल सकेगा। इस संबंध में घोषणा करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नई योजना इस वर्ष के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana-PMFBY) का स्थान लेगी। आधिकारिक सूचना के अनुसार, केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना के विपरीत, किसानों को इस खरीफ सीजन में सूखे, अत्यधिक वर्षा या बिन मौसम बरसात जैसे प्राकृतिक जोखिमों से सुरक्षा पाने के लिये इस नई राज्य सरकार की योजना के तहत किसी भी प्रकार के प्रीमियम का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। हालाँकि यह योजना केवल एक वर्ष के लिये ही लागू होगी। इस योजना के तहत राज्य सरकार कुल 4,500 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इस वर्ष खरीफ (मानसून) के मौसम में फसल बोने वाले किसानों को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। क्षतिपूर्ति केवल तभी दी जाएगी जब फसल का नुकसान 33 प्रतिशत से अधिक होगा।

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