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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 मई, 2023

  • 08 May 2023
  • 5 min read

उन्नत हल्का हेलीकाप्टर ध्रुव

8 मार्च, 2023 को नौसेना के ALH-MkIII के समुद्र में खो जाने के बाद एक तटरक्षक ALH के साथ घटना के बाद तीनों रक्षा सेवाओं एवं तटरक्षक बल ने अपने ALH बेड़े को रोक दिया। उन्नत हल्का हेलीकाप्टर (Advanced Light Helicopter- ALH) ध्रुव एक मल्टी-रोल, ट्विन-इंजन, यूटिलिटी और उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर है जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा डिज़ाइन एवं विकसित किया गया है। ALH ध्रुव के प्रमुख संस्करण हैं:

  • Mk-I  
  • MK-II & Mk-III  
  • MK-III समुद्री भूमिका (नौसेना/तट रक्षक)
  • MK-IV सशस्त्र संस्करण 

ध्रुव MkIII आधुनिक निगरानी रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल उपकरणों से युक्त है, जो उन्हें दिन एवं रात दोनों समय में लंबी दूरी की खोज तथा बचाव करने के अलावा समुद्री टोही की भूमिका निभाने में सक्षम बनाता है। विशेष अभियान क्षमताओं के अलावा ALH MK III में कांस्टेबुलरी मिशनों को पूरा करने हेतु भारी मशीन गन भी लगाया गया है।

और पढ़ें…ध्रुव MKIII: उन्नत हल्का हेलीकाप्टर 

परमाणु ऊर्जा में विदेशी निवेश

नीति आयोग द्वारा स्थापित एक सरकारी पैनल ने सिफारिश की है कि भारत को परमाणु ऊर्जा उद्योग में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध हटा देना चाहिये और घरेलू निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ानी चाहिये। भारत के परमाणु ऊर्जा अधिनियम 1962 के तहत सरकार परमाणु ऊर्जा स्टेशनों को विकसित करने और चलाने में एक केंद्रीय भूमिका निभाती है। घरेलू निजी कंपनियों को घटकों की आपूर्ति करके और उन्हें बनाने में मदद करके "जूनियर इक्विटी पार्टनर्स" के रूप में भाग लेने की अनुमति है। वर्तमान में भारत परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति नहीं देता है और राज्य द्वारा संचालित न्यूक्लियर पावर कॉर्प ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) तथा भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम भारत में केवल दो परमाणु ऊर्जा जनरेटर हैं। पैनल ने अधिनियम और भारत की विदेशी निवेश नीतियों में बदलाव की सिफारिश की है ताकि घरेलू तथा विदेशी दोनों निजी कंपनियाँ सार्वजनिक कंपनियों द्वारा परमाणु ऊर्जा उत्पादन का पूरक बन सकें। इसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना है एवं परमाणु ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करना है क्योंकि यह सौर ऊर्जा के विपरीत 24/7 ऊर्जा की आपूर्ति कर सकता है। परमाणु ऊर्जा उत्पादन कुल उत्पादन का 3 प्रतिशत है, जबकि कोयले का हिस्सा लगभग 75 प्रतिशत है। भारत परमाणु सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का हस्ताक्षरकर्त्ता है और उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि निजी कंपनियाँ मानकों का पालन करें।

और पढ़ें… परमाणु ऊर्जा की आवश्यकता पर पुनर्विचार

मालचा महल  

दिल्ली पर्यटन विभाग ने अपनी बहुप्रतीक्षित 'हॉन्टेड वॉक' शुरू किया है, जिसके लिये यात्रा हेतु पहले गंतव्य के रूप में मालचा महल को चुना गया। मालचा महल या विलाहट महल तुगलक युग का एक शिकार लॉज है, जिसे 14वीं शताब्दी में फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया था। यह दिल्ली के चाणक्यपुरी में एक जंगल के अंदर, मुख्य सड़क से 1.5 किमी. दूर स्थित है। इसका नाम मालचा मार्ग के नाम पर रखा गया है, जिसमें राजनयिकों, व्यापारियों और लेखकों सहित शहर के अभिजात वर्ग रहते हैं। फिरोज शाह तुगलक, जो कि तुगलक वंश का दिल्ली का एक सुल्तान था, ने 1351 से 1388 तक शासन किया था। वह वास्तुशिल्प आकार की इमारतों की शुरुआत करने हेतु अधिक प्रसिद्ध है, जिन्हें उसके युग के दौरान अपरंपरागत के रूप में देखा गया था। देश के एक बड़े हिस्से में नहरों के माध्यम से पानी उपलब्ध कराने के लिये नदियों को चैनलाइज़ करने हेतु उन्हें अंग्रेज़ों द्वारा भारत में सिंचाई प्रणाली का जनक भी माना जाता था।

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