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क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023

  • 10 Jun 2022
  • 6 min read

हाल ही में क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 जारी की गई है। 

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: 

  • क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) महत्त्वाकांक्षी पेशेवरों के लिये एक प्रमुख वैश्विक कॅॅरियर और शैक्षिक नेटवर्क है, जिसका लक्ष्य व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक विकास को आगे बढ़ाना है। 
  • क्यूएस, संस्थानों की गुणवत्ता की पहचान करने के लिये तुलनात्मक डेटा संग्रह और विश्लेषण के तरीकों को विकसित करके उन्हें सफलतापूर्वक लागू करता है। 
  • 'क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग' विश्वविद्यालय रैंकिंग का एक वार्षिक प्रकाशन है जिसमें वैश्विक समग्र और विषय रैंकिंग शामिल है। 
  • मूल्यांकन के लिये छह मापदंड और उनका भारांश: 
  • अकादमिक प्रतिष्ठा (40%) 
  • नियोक्ता प्रतिष्ठा (10%) 
  • संकाय/छात्र अनुपात (20%) 
  • उत्कृष्टता प्रति संकाय (20%) 
  • अंतर्राष्ट्रीय संकाय अनुपात (5%) 
  • अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपात (5%) 

प्रमुख बिंदु  

  • वैश्विक रैंकिंग: 
    • शीर्ष रैंक: 
      • अमेरिका का मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) लगातार 11वें साल टॉप यूनिवर्सिटी है। 
      • दूसरा स्थान कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय को मिला, इसके बाद स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय है 

India's_best

  • भारतीय संस्थान: 
    • भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) को सर्वोच्च स्थान दिया गया, इसके बाद क्रमशः IIT बॉम्बे और IIT दिल्ली का स्थान है। वैश्विक स्तर पर शीर्ष 1,000 में भारतीय संस्थानों की कुल संख्या 22 से बढ़कर 27 हो गई है। 
      • IISc बंगलूरू दुनिया का शीर्ष अनुसंधान विश्वविद्यालय है, जिसने इस मीट्रिक के लिये 100/100 स्कोर प्राप्त किया है। 
      • इसके अलावा IISc बंगलूरू QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग टॉप-200 में सबसे तेज़ी से बढ़ता दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय है। 
    • कुल मिलाकर भारतीय शिक्षा संस्थानों (जिनमें से 41 ने रैंकिंग में जगह बनाई) ने कई प्रमुख मानकों में खराब प्रदर्शन किया है। 
      • उदाहरण के लिये 41 में से 30 विश्वविद्यालयों को केवल चार रिकॉर्डिंग सुधारों के साथ संकाय छात्र अनुपात (FSR) संकेतक में गिरावट का सामना करना पड़ा है। 
    • रिपोर्ट से पता चलता है कि शीर्ष 500 श्रेणी में भारत की उपस्थिति यह सिद्ध करती है कि दुनिया भर के अन्य IIT की तरह ही भारत के IIT संचालित हैं। 
      • IISc के अलावा आठ IIT (दिल्ली, बॉम्बे, मद्रास, कानपुर, खड़गपुर, रुड़की, गुवाहाटी, इंदौर) को विश्व स्तर पर शीर्ष 500 में स्थान दिया गया है। 
      • इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस योजना की शुरुआत के बाद से किसी भी अन्य भारतीय विश्वविद्यालय, सार्वजनिक या निजी को विश्व स्तर पर शीर्ष 500 श्रेणी में जगह नहीं मिली है। 

संबंधित भारतीय पहल: 

  • 'इंस्टीट्यूशंस ऑफ एमिनेंस' योजना: 
    • सरकार ने 20 संस्थानों (10 सार्वजानिक क्षेत्र से और 10 निजी क्षेत्र से) की स्थापना या उन्नयन के लिये नियामक फ्रेमवर्क प्रदान करने की योजना बनाई है, जिसे विश्व स्तरीय शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थानों यानी 'इंस्टीट्यूशंस ऑफ एमिनेंस' के रूप में विकसित किया जाएगा। 
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020: 
    • इसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली में स्कूल से लेकर कॉलेज स्तर तक महत्त्वपूर्ण बदलाव लाना और भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। 
  • अनुसंधान नवाचार और प्रौद्योगिकी को प्रभावित करना (IMPRINT): 
    • यह एक नई शिक्षा नीति विकसित करने और ऐसी प्रमुख इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी चुनौतियों को हल करने के लिये अनुसंधान हेतु एक रोडमैप विकसित करने की अपनी तरह की पहली पहल है, जिन्हें भारत के लिये समावेशी विकास व आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने हेतु संबोधित करना महत्त्वपूर्ण है। 
  • उच्चतर आविष्कार योजना 
    • इस योजना को ऐसे उच्चतर नवाचार को बढ़ावा देने की दृष्टि से शुरू किया गया था, जो प्रत्यक्ष तौर पर उद्योग की आवश्यकताओं को प्रभावित करता हो और इस प्रकार भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्द्धात्मक क्षमता में सुधार करता हो। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

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