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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 05 मार्च, 2019

  • 05 Mar 2019
  • 7 min read

वन नेशन वन कार्ड

हाल ही में प्रधानमंत्री ने स्वदेश निर्मित नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (National Common Mobility Card-NCMC), वन नेशन वन कार्ड (One Nation One Card) लॉन्च किया है।

  • इसकी परिकल्पना राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति (National Urban Transport Policy-NUTP) के हिस्से के रूप में की गई थी।
  • गौरतलब है कि यह कार्ड देश भर में लोगों को मेट्रो सेवाओं और टोल टैक्स समेत कई तरह के परिवहन शुल्कों का भुगतान करने में सक्षम बनाएगा।
  • विभिन्न परिवहन सेवाओं में इस्तेमाल किये जा सकने वाले ‘एक राष्ट्र एक कार्ड’ से धारक पैसा भी निकाल सकेंगे।

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  • प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद मेट्रो ट्रेन सेवा के पहले चरण का उद्घाटन करते हुए इस कार्ड को लॉन्च किया है।
  • ध्यातव्य है कि ‘वन नेशन वन कार्ड’ तकनीकी रूप से रुपे कार्ड पर निर्भर है और इससे यात्रा के दौरान किराये से संबंधित सभी दिक्कतें खत्म हो जाएंगी।
  • स्वदेशी रूप से विकसित भारत के पहले परिवहन भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र, स्वीकार (एक स्वचालित किराया-संग्रह प्रणाली) के साथ-साथ एक गेट तथा कार्ड-रीडर प्रणाली, स्वागत भी लॉन्च की गई है।

BOLD-QIT परियोजना

गृह मंत्री द्वारा 4 मार्च, 2019 को असम के धुबरी ज़िले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (Comprehensive Integrated Border Management System- CIBMS) के तहत ‘BOLD-QIT’ परियोजना [Border Electronically Dominated QRT (Quick Response Team) Interception Technique Project] का उद्घाटन किया गया।

  • ज्ञातव्य है कि भारत बांग्लादेश के साथ 4096 किमी. लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता है जिसकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force- BSF) की है।
  • असम के धुबरी ज़िले में सीमा क्षेत्र का 61 किमी. का हिस्सा, जहाँ ब्रहमपुत्र नदी बांग्लादेश में प्रवेश करती है, अनगिनत नदी चैनलों से मिलकर बनता है। अत: यहाँ सीमा की रखवाली एक दुष्कर कार्य बन जाता है।
  • इस समस्या से निपटने के लिये जनवरी 2018 में BSF की सूचना एवं प्रौद्योगिकी शाखा ने BOLD-QIT परियोजना आरंभ की थी।
  • BOLD-QIT, CIBMS के तहत एक तकनीक आधारित परियोजना है जो ब्रहमपुत्र एवं इसकी सहायक नदियों के क्षेत्र में बिना बाड़ लगाए विभिन्न प्रकार के सेंसर की सहायता से सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
  • इसकी मदद से ब्रहमपुत्र नदी के समस्त क्षेत्र को माइक्रोवेव कम्युनिकेशन, ऑप्टिकल फाइबर केबल, डिजिटल मोबाइल रेडियो कम्युनिकेशन, दिन और रात निगरानी कैमरों तथा घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली द्वारा उत्पन्न डेटा नेटवर्क के साथ कवर किया गया है।
  • इस परियोजना के कार्यान्वयन से BSF को न केवल सभी प्रकार के सीमा पार अपराधों पर अंकुश लगाने में सहायता प्राप्त होगी बल्कि उन्हें 24 घंटे मानव निगरानी से भी राहत मिलेगी।

आईपीओ (Initial Public Offering-IPO)

भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने MSTC (मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड), इस्पात मंत्रालय के तहत एक मिनी-रत्न को आईपीओ (Initial Public Offering-IPO) के लिये मंज़ूरी दे दी है।

  • इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली मिनी-रत्न कंपनी तीन मुख्य क्षेत्रों ई-कॉमर्स, ट्रेडिंग और रीसाइक्लिंग में व्यवसाय करती है।

आईपीओ

  • आईपीओ (IPO) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा निजी स्वामित्व वाली कोई कंपनी (MSTC के मामले में सरकार के स्वामित्व में) आम जनता को अपने शेयरों की बिक्री कर सकती है।
  • यह नई या पुरानी कंपनी हो सकती है जो किसी एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने का फैसला करती है और इसलिये सार्वजनिक हो जाती है।
  • कंपनियाँ आईपीओ (IPO) के द्वारा सार्वजनिक रूप से नए शेयर जारी करके पूंंजी जुटा सकती हैं या मौज़ूदा शेयरधारक अपने शेयर जनता को बेच सकते हैं।
  • आईपीओ (IPO) के बाद कंपनी के शेयरों का खुले बाज़ार में कारोबार होता है।

त्रिसूर कोले वेटलैंड

हाल ही में वैज्ञानिकों ने त्रिसूर कोले वेटलैंड (Thrissur Kole Wetland) में विदेशी मछलियों की प्रजातियों की मौज़ूदगी को लेकर चिंता जताई है क्योंकि ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि मूल प्रजातियों की तुलना में उनकी संख्या बढ़ जाएगी।

  • कोले वेटलैंड केरल के त्रिसूर ज़िले में स्थित है।
  • पक्षियों की संख्या के मामले में त्रिसूर कोले वेटलैंड ओडिशा के चिल्का झील और गुजरात के अमीपुर टैंक (Amipur Tank) के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा वेटलैंड है।
  • कोले भूमि अनूठे वेम्बनाड-कोले वेटलैंड पारिस्थितिकी तंत्र (Vembanad-Kole wetland ecosystem) का हिस्सा है जिसे 2002 में रामसर साइट के रूप में शामिल किया गया था।
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