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ऑरेंज इकोनॉमी

  • 03 May 2025
  • 3 min read

स्रोत: TH

प्रधानमंत्री ने WAVES 2025 (वर्ल्ड ऑडियो-विज़ुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट) में भारत की वैश्विक रचनात्मक अर्थव्यवस्था में बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया, जहाँ उन्होंने "ऑरेंज इकोनॉमी" की संकल्पना पर बल दिया—जो रचनात्मकता, संस्कृति तथा बौद्धिक संपदा पर आधारित होती है।

  • ऑरेंज इकोनॉमी: रचनात्मक अर्थव्यवस्था (जिसे ऑरेंज इकोनॉमी भी कहा जाता है) ऐसे ज्ञान-आधारित क्रियाकलापों को दर्शाती है, जो संस्कृति, रचनात्मकता, प्रौद्योगिकी एवं बौद्धिक संपदा को एकीकृत करते हुए आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास को गति प्रदान करते हैं।  सतत् विकास लक्ष्यों को को प्राप्त करने में इसकी भूमिका है।
    • अर्न्स्ट एंड यंग के अनुसार, भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था 18% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने का अनुमान है, जो वर्ष 2023 में 19 बिलियन रुपए से बढ़कर वर्ष 2026 तक 34 बिलियन रुपए हो जाएगी।
  • वेव्स 2025: यह पहली वर्ल्ड ऑडियो-विज़ुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट है, जो मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की गई और इसकी मेज़बानी भारत सरकार द्वारा की गई है। 
    • इसका उद्देश्य भारत को मीडिया एवं मनोरंजन, बौद्धिक संपदा तथा तकनीकी नवाचार के लिये एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
    • इस शिखर सम्मेलन में भारत की सामग्री निर्माण क्षमता तथा प्रौद्योगिकी नवाचार की शक्ति को उजागर किया गया, जो प्रसारण, फिल्म, एनीमेशन, गेमिंग, डिजिटल मीडिया, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आदि जैसे क्षेत्रों में परिलक्षित होती है।
    • वेव्स 2025 में वेव्स मार्केट की सुविधा दी गई है, जो एक वैश्विक डिजिटल बाज़ार है तथा क्रिएटर्स को खरीदारों और निवेशकों जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।

और पढ़ें: WAVES 2025 और क्रिएटिव इकोनॉमी

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