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ऑपरेशन ओलिविया

  • 21 May 2025
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी

भारतीय तटरक्षक बल  के वार्षिक अभियान, 'ऑपरेशन ओलिविया' ने ओडिशा में रुशिकुल्या नदी के मुहाने पर घोंसला बनाने वाले 6.98 लाख से अधिक ओलिव रिडले कछुओं की रक्षा करके बड़ी सफलता हासिल की है।

ऑपरेशन ओलिविया:

  • इसे 1980 के दशक के प्रारंभ में ओडिशा तट पर ओलिव रिडले कछुओं को उनके प्रजनन और घोंसले बनाने के समय के दौरान संरक्षित करने हेतु शुरू किया गया था।
  • इसका उद्देश्य, विशेष रूप से गहिरमाथा बीच और ओडिशा के निकटवर्ती तटीय क्षेत्र में , अवैध रूप से मत्स्यं पर रोक लगाकर, इन कछुओं के लिये सुरक्षित घोंसले की जगह सुनिश्चित करना है।

ओलिव रिडले कछुए ( लेपिडोचेलिस ओलिवेस ):

  • यह चेलोनीडे  परिवार की सबसे छोटी समुद्री कछुआ प्रजाति है, जिसे इसके जैतून या भूरे-हरे रंग और दिल के आकार के कवच से पहचाना जाता है ।
  • घोंसला निर्माण: वे सर्वाहारी हैं अरिबाडा नामक मास नेस्टिंग (सामूहिक रूप से घोसला बनाने) के लिये जाने जाते हैं, जहाँ हजारों मादाएँ एक साथ नेस्टिंग करती हैं और : प्रशांत, हिंद तथा अटलांटिक महासागरों  में 9,000 किमी तक प्रवास करती हैं
    •  प्रमुख नेस्टिंग स्थलों में ओडिशा और अंडमान द्वीप समूह में गहिरमाथा , रुशिकुल्या एवं देवी नदी मुहाना शामिल हैं। 
  • जोखिम : इसमें अवैध शिकार, आवास स्थल की क्षति, प्लास्टिक प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन प्रभाव शामिल हैं। 
  • संरक्षण स्थिति: वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (अनुसूची 1), IUCN रेड लिस्ट: सुभेद्य और CITES (परिशिष्ट I) के तहत संरक्षित ।

Olive _Ridley _Turtles

और पढ़ें: ऑलिव रिडले कछुओं का सामूहिक रूप से घोंसला बनाना 

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