इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

जीवाणु संक्रमण और एंडोमेट्रियोसिस के बीच संबंध

  • 21 Jul 2023
  • 5 min read

एंडोमेट्रियोसिस की व्यापकता के बावजूद एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) के अंतर्निहित कारणों के बारे में पता लगाना वर्तमान में भी काफी कठिन है। हालाँकि हालिया अध्ययन में एक विशिष्ट बैक्टीरिया और एंडोमेट्रियोसिस के विकास और तीव्रता के बीच संभावित संबंध पर प्रकाश डाला गया है। 

एंडोमेट्रियोसिस:  

  • परिचय:  
    • यह विश्व भर में लगभग 10 में से एक महिला को प्रभावित करने वाली दीर्घकालिक बीमारी है। यह तब विकसित होती है जब गर्भाशय के बाहर बढ़ने वाले एंडोमेट्रियल ऊतक (जो आमतौर पर गर्भाशय को कवर करता है) के परिणामस्वरूप अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, मूत्राशय, बृहदान्त्र अथवा अन्य पैल्विक अंगों/श्रोणी क्षेत्रों पर घाव विकसित होने लगते हैं।
    • एंडोमेट्रियोसिस का सटीक कारण अभी भी अज्ञात है। 
  • प्रभाव:  
    • एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं में अक्सर बाँझपन, पीरियड्स के दौरान लंबे समय तक तकलीफ, पेल्विक क्षेत्र में दर्द, सूजन, मतली, थकान का अनुभव होता है, साथ ही उनमें अवसाद और चिंता का खतरा भी अधिक हो सकता है। 
  • मौजूदा उपलब्ध उपचार:  
    • हार्मोनल थेरेपी: जन्म नियंत्रण गोलियाँ या हार्मोन युक्त अंतर्गर्भाशयी उपकरण जैसे कुछ हार्मोन-आधारित उपचार एंडोमेट्रियल ऊतक के विकास को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
    • सर्जरी: एंडोमेट्रियल ऊतक को हटाने अथवा नष्ट करने के लिये लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का सहारा लिया जा सकता है।
    • प्रजनन उपचार (Fertility Treatment): प्रजनन संबंधी समस्याओं का सामना करने वाली महिलाओं के लिये इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) जैसी सहायक प्रजनन तकनीकों पर विचार किया जा सकता है। 

एंडोमेट्रियोसिस से संबंधित जीवाणु संक्रमण:

  • एंडोमेट्रियोसिस से संबंधित जीवाणु संक्रमण फ्युज़ोबैक्टीरियम (Fusobacterium) नामक बैक्टीरिया की एक प्रजाति के कारण होता है।
    • फ्युज़ोबैक्टीरियम आमतौर पर मुँह और आँत में पाया जाता है जहाँ यह दंत पट्टिका, मसूड़ों की बीमारी, एपेंडिसाइटिस (Appendicitis) एवं आंत्र में सूजन रोग का कारण बन सकता है।
    • हालाँकि यह रक्तप्रवाह या यौन संपर्क के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है जिससे फेफड़े, मस्तिष्क, यकृत या प्रजनन अंगों में संक्रमण हो सकता है।
  • फ्युज़ोबैक्टीरियम और एंडोमेट्रियोसिस के बीच संबंध की खोज जापान के शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने की थी। शोधकर्त्ताओं ने 155 महिलाओं पर अध्ययन किया था जिनमें से 79 को एंडोमेट्रियोसिस था और 76 को नहीं था।
    • शोधकर्त्ताओं ने महिलाओं के रक्त, लार और योनि द्रव में मौजूद बैक्टीरिया के DNA का विश्लेषण किया। शोधकर्त्ताओं ने पाया कि एंडोमेट्रियोसिस वाली 64% महिलाओं में फ्युज़ोबैक्टीरियम मौजूद था, जबकि बिना एंडोमेट्रियोसिस के केवल 7% महिलाओं में फ्युज़ोबैक्टीरियम पाया गया।
  • यह खोज एंडोमेट्रियोसिस के लिये उपचार विकल्पों की शृंखला का विस्तार करने में सहायता कर सकती है। उदाहरण के लिये प्रतिजैविक या प्रोबायोटिक्स का उपयोग फ्युज़ोबैक्टीरियम को लक्षित करने या शरीर में बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बहाल करने के लिये किया जा सकता है।
    • हालाँकि फ्युज़ोबैक्टीरियम और एंडोमेट्रियोसिस के बीच संबंध के कारण की पुष्टि करने तथा यह समझने के लिये गहन शोध की आवश्यकता है कि यह विभिन्न महिलाओं को भिन्न-भिन्न लक्षणों और स्थिति की गंभीरता के साथ किस प्रकार प्रभावित करता है। 

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2