प्रारंभिक परीक्षा
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2025
- 29 Jul 2025
- 44 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (जिसे वैश्विक बाघ दिवस के रूप में भी जाना जाता है) बाघ (पैंथेरा टाइग्रिस) संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और विश्व की सबसे बड़ी जंगली बिल्ली अमूर बाघ (पैंथेरा टाइग्रिस अल्टाइका) पर भी प्रकाश डालता है।
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का इतिहास
- वैश्विक बाघ दिवस की स्थापना वर्ष 2010 में रूस में सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित बाघ शिखर सम्मेलन में की गई थी, जहाँ भारत, भूटान, नेपाल, मलेशिया और बांग्लादेश सहित 13 बाघ-क्षेत्र वाले देश बाघों की की घटती संख्या प्रति जागरूकता और संरक्षण के लिये एकजुट हुए थे।
- शिखर सम्मेलन में Tx2 पहल की शुरुआत की गई, जिसका लक्ष्य वर्ष 2022 तक जंगली बाघों की आबादी को दोगुना करना है।
- बाघ संरक्षण के लिये वैश्विक प्रयास:
- ग्लोबल टाइगर रिकवरी प्रोग्राम (GTRP): यह कार्यक्रम 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा (St. Petersburg Declaration) के तहत शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य 2022 तक दुनिया भर में जंगली बाघों की आबादी को दोगुना करना था।
- ग्लोबल टाइगर फोरम (GTF): यह बाघ आवास वाले देशों (Tiger Range Countries) का एकमात्र सरकारी अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इसका उद्देश्य सहयोग और क्षमता निर्माण के माध्यम से बाघों के संरक्षण को बढ़ावा देना है।
- ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव (GTI): बाघों के विलुप्त होने को रोकने के लिये सरकारों और अन्य संगठनों
भारत ने बाघों के संरक्षण में किस प्रकार योगदान दिया है?
- संरक्षण की आवश्यकता: 1900 के दशक के आरंभ में भारत में लगभग 1 लाख बाघ थे। वर्ष 1972 तक यह संख्या तेज़ी से घटकर केवल 1,827 रह गई।
- इससे चिंतित होकर भारत ने वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य बंगाल टाइगर (Panthera tigris tigris) और उसके आवासों की रक्षा करना था।
प्रोजेक्ट टाइगर
- परिचय: यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जो अधिकांश राज्यों को गैर-आवर्ती व्यय के लिये 60% केंद्रीय सहायता तथा आवर्ती लागत हेतु 50% सहायता प्रदान करती है, तथा शेष राशि राज्यों द्वारा वहन की जाती है।
- प्राथमिक उद्देश्य: प्राकृतिक आवासों में बंगाल बाघों की व्यवहार्य आबादी सुनिश्चित करना।
- महत्त्वपूर्ण कदम: कोर-बफर रणनीति के तहत टाइगर रिज़र्व की स्थापना, जिसमें कोर जोन में बाघों के आवासों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई, जबकि बफर क्षेत्रों में सतत् मानव गतिविधियों की अनुमति दी गई।
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत स्थापित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) प्रोजेक्ट टाइगर की देखरेख करता है और प्रति चार वर्ष में राष्ट्रीय बाघ जनगणना आयोजित करता है (अंतिम जनगणना 2022 में की गई थी)।
- प्रगति: वर्ष 1973 में 9 टाइगर रिज़र्व के साथ शुरू हुआ प्रोजेक्ट टाइगर अब 18 राज्यों में 50 से अधिक टाइगर रिज़र्व को कवर करता है, जो भारत के भूभाग का लगभग 2.2% हिस्सा है।
- बाघों की संख्या वर्ष 1973 में 1,827 से बढ़कर वर्ष 2022 के आँकड़ों के अनुसार औसतन 3,682 हो गई है, जिसकी अधिकतम अनुमानित संख्या 3,925 है।
- मध्य प्रदेश में बाघों की सबसे बड़ी आबादी है, इसके बाद कर्नाटक, उत्तराखंड और महाराष्ट्र का स्थान आता है।
- सबसे अधिक बाघ संख्या वाले रिज़र्व कॉर्बेट (उत्तराखंड), बांदीपुर (कर्नाटक), नागरहोल (कर्नाटक) और बाँधवगढ़ (मध्य प्रदेश) हैं।
- नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व (आंध्र प्रदेश) भारत का सबसे बड़ा बाघ रिज़र्व है।
- कॉर्बेट (उत्तराखंड) में भारत का सबसे अधिक बाघ घनत्व पाई जाती है, इसके बाद बांदीपुर (कर्नाटक) और काजीरंगा (असम) का स्थान आता है।
- भारत अब विश्व की लगभग 75% बाघ आबादी का निवास स्थल है। पिछले दो दशकों में बाघों की संख्या दोगुने से भी अधिक हो गई है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 6.1% रही है।
- वित्त वर्ष 2023-24 से प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलीफेंट योजनाओं को एकीकृत कर दिया गया है, और अब इसे प्रोजेक्ट टाइगर एवं एलीफेंट के नाम से जाना जाता है।
- प्रसिद्ध व्यक्तित्व:
- मछली (T-16), रणथंभौर की एक प्रसिद्ध बाघिन थी, जिसे अक्सर 'क्वीन मदर ऑफ टाइगर्स' और 'रणथंभौर की टाइग्रेस क्वीन' कहा जाता है। वह प्रोजेक्ट टाइगर का चेहरा बन गई थीं और बाघ संरक्षण की प्रतीक मानी जाती हैं।
- कैलााश संखला, जिन्हें ‘टाइगर मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना जाता है, प्रोजेक्ट टाइगर के पहले निदेशक थे। उन्होंने भारत में बाघ संरक्षण की नींव रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- सांस्कृतिक महत्त्व: रॉयल बंगाल टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु है और भारतीय पौराणिक कथाओं और गौरव में इसकी गहरी जड़ें हैं।
अमूर बाघ
- अमूर टाइगर, जिसे साइबेरियन टाइगर भी कहा जाता है, बाघ की सबसे बड़ी उप-प्रजाति है और यह पृथ्वी की सबसे बड़ी जंगली बिल्ली मानी जाती है।
- यह रूस के सुदूर पूर्व में पाया जाता है और कठोर सर्दियों के अनुकूल इसकी मोटी फर और शरीर में चर्बी होती है। यह एकांतप्रिय और क्षेत्रीय स्वभाव का होता है, और जंगली सूअर, हिरण तथा कभी-कभी भालू का भी शिकार करता है। यह अवैध शिकार और निवास स्थान के विनाश जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
- रूसी सुदूर पूर्व में, उदेघे, नानाई और ओरोच जैसे आदिवासी समुदाय अमूर टाइगर को आध्यात्मिक रूप से पूजते हैं और उसे जंगल का रक्षक मानते हैं।
- यह दक्षिण एशिया में बाघों से जुड़ी मान्यताओं का प्रतिबिंब है, जैसे सुंदरबनों में बोनबिबी की लोककथाएँ।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रिलिम्सप्रश्न. निम्नलिखित बाघ आरक्षित क्षेत्रों में "क्रांतिक बाघ आवास (Critical Tiger Habitat)" के अंतर्गत सबसे बड़ा क्षेत्र किसके पास है? (2020) (a) कॉर्बेट उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित संरक्षित क्षेत्रों पर विचार कीजिये: (2012)
उपर्युक्त में से किसे टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया है? (A) केवल 1 और 2 उत्तर: (B) |