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माल एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT)

  • 26 Sep 2025
  • 33 min read

स्रोत: PIB 

चर्चा में क्यों?  

केंद्रीय वित्त मंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया, जो भारत की GST यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि होगी। यह न्यायाधिकरण विवादों के समाधान को सुगम बनाने और भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में विश्वास को मज़बूत करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा। 

वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) क्या है? 

  • परिचय: जीएसटीएटी (GSTAT) एक वैधानिक निकाय है, जिसे केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य अपीलीय या पुनरीक्षण प्राधिकरणों द्वारा पारित आदेशों के विरुद्ध दायर अपीलों की सुनवाई करना है। 
    • यह करदाताओं को विशेषीकृत और स्वतंत्र मंच प्रदान करेगा, जिससे GST प्रणाली में व्यवस्था, पूर्वानुमेयता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। 
  • उद्देश्य: जीएसटीएटी का लक्ष्य पूरे भारत में जीएसटी विवादों के लिए एक एकीकृत अपीलीय मंच तैयार करना है (“वन नेशन, वन फोरम”)। यह जीएसटी कानूनों में कानूनी टकराव और अस्पष्टता को कम करता है। 
    • इसका उद्देश्य विवादों का समयबद्ध समाधान करना है, ताकि नकदी प्रवाह और व्यापारिक निश्चितता में सुधार हो। 
    • जीएसटीएटी साधारण भाषा में निर्णय, सरल प्रारूप, चेकलिस्ट और वर्चुअल सुनवाई पर ध्यान केंद्रित करता है। यह ‘नागरिक देवो भव’ और अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के सिद्धांतों के अनुरूप नागरिक-केंद्रित शासन को बढ़ावा देता है। 
  • कार्यप्रणालियाँ: 
    • जीएसटीएटी का संचालन नई दिल्ली में एक प्रधान पीठ (Principal Bench) और देशभर में 45 स्थानों पर 31 राज्य पीठों (State Benches) के माध्यम से किया जाता है, जिससे इसकी राष्ट्रीय स्तर पर पहुँच सुनिश्चित होती है। 
    • प्रत्येक पीठ में 2 न्यायिक सदस्य, 1 केंद्रीय तकनीकी सदस्य और 1 राज्य तकनीकी सदस्य होते हैं, ताकि न्यायिक और तकनीकी विशेषज्ञता के समन्वय से निष्पक्ष और सुसंगत निर्णय दिये जा सकें। 
    • इसे तीन ‘S’ के आधार पर तैयार किया गया है: 
      • Structure (संरचना): न्यायिक + तकनीकी विशेषज्ञता 
      • Scale (विस्तार): राज्य पीठें और सरल मामलों के लिये एकल सदस्यीय पीठें 
      • Synergy (समन्वय): प्रौद्योगिकी, प्रक्रियाएँ और मानवीय विशेषज्ञता 
    • जीएसटीएटी ई-कोर्ट पोर्टल करदाताओं और प्रैक्टिशनरों के लिये ऑनलाइन दाखिला, मामले की ट्रैकिंग और वर्चुअल सुनवाई की सुविधा प्रदान करता है। 
  • लाभ: 
    • बड़े और छोटे दोनों प्रकार के करदाताओं के अधिकारों की रक्षा करता है तथा न्याय में अनावश्यक देरी नहीं होने देता। 
    • अस्पष्टता को कम तथा पूरे भारत में व्याख्या में समानता और सुसंगतता सुनिश्चित करता है। 
    • निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है और एमएसएमई, निर्यातकों, स्टार्टअप्स तथा नागरिकों के लिये कर अनुपालन को सरल बनाता है। 
    • डिजिटल पोर्टल करदाताओं को ऑनलाइन अपील दाखिल करने, मामलों को ट्रैक करने और वर्चुअल सुनवाई में भाग लेने की सुविधा प्रदान करता है। 
और पढ़ें…: अगली पीढ़ी के सुधारों के साथ GST 2.0 

UPSC सिविल सेवा परीक्षा के पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)   

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित मदों पर विचार कीजिये: (2018) 

  1. छिलका उतरे हुए अनाज 
  2. मुर्गी के अंडे पकाए हुए 
  3. संसाधित और डिब्बाबंद मछली 
  4. विज्ञापन सामग्री युक्त समाचार पत्र 

उपर्युक्त मदों में से कौन-सी वस्तु/वस्तुएँ जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के अंतर्गत छूट प्राप्त है/हैं?  

(a) केवल 1  

(b) केवल 2 और 3  

(c) केवल 1, 2 और 4  

(d) 1, 2, 3 और 4 

उत्तर: (c)

प्रश्न. 'वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स/GST)' के क्रियान्वित किये जाने का/के सर्वाधिक संभावित लाभ क्या है/हैं? (2017)  

  1. यह भारत में बहु-प्राधिकरणों द्वारा वसूल किये जा रहे बहुल करों का स्थान लेगा और इस प्रकार एकल बाज़ार स्थापित  करेगा।   
  2. यह भारत के 'चालू खाता घाटे' को प्रबलता से कम कर विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने हेतु इसे सक्षम बनाएगा।   
  3. यह भारत की अर्थव्यवस्था की संवृद्धि और आकार को वृहद् रूप से बढ़ाएगा और उसे निकट भविष्य में चीन से आगे निकलने में सक्षम बनाएगा। 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1  

(b) केवल 2 और 3  

(c) केवल 1 और 3  

(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (a) 

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