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16वें वित्त आयोग के कार्यकाल में विस्तार

  • 16 Oct 2025
  • 12 min read

स्रोत: ईटी

सरकार ने 16 वें वित्त आयोग (FC) का कार्यकाल एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया है। 

  • अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता वाले 16वें वित्त आयोग को शुरू में 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली 5 वर्ष की अवधि के लिये 31 अक्तूबर, 2025 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी।

वित्त आयोग

  • वित्त आयोग: वित्त आयोग का गठन भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत प्रत्येक पाँच साल या उससे पहले किया जाता है।
    • यह अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जो इसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखता है। 
  • संरचना: एक अध्यक्ष और चार सदस्य, जो राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किये जाते है।
  • योग्यता: संविधान संसद को वित्त आयोग के सदस्यों के लिये योग्यता निर्धारित करने का अधिकार देता है
    • वित्त आयोग अधिनियम, 1951 के तहत, अध्यक्ष के पास सार्वजनिक मामलों का अनुभव होना आवश्यक है। अन्य चार सदस्यों का चयन उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सरकारी वित्त एवं लेखा, वित्तीय प्रशासन या अर्थशास्त्र में विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्तियों में से किया जाता है।
  • कार्यकाल: ये राष्ट्रपति द्वारा निर्दिष्ट अवधि तक पद पर बने रहते हैं और पुनर्नियुक्ति के पात्र होते हैं।
  • कार्य: वित्त आयोग राष्ट्रपति को निम्नलिखित विषयों पर सलाह देता है:
    • केंद्र और राज्यों के बीच तथा राज्यों के बीच कर आय का वितरण।
    • राज्यों को सहायता अनुदान के सिद्धांत (अनुच्छेद 275)
    • पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिये राज्य निधि बढ़ाने के उपाय
    • राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित अन्य वित्तीय मामले।

और पढ़ें: शहरी वित्त और 16वें वित्त आयोग का मुद्दा

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