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सबसे चमकीला गामा-किरण विस्फोट

  • 01 Apr 2023
  • 7 min read

खगोलविदों ने अक्तूबर 2022 में अब तक के सबसे चमकीला गामा-रे विकिरण की खोज की, जिसे GRB 221009A के रूप में जाना जाता है, जिसमें GRB जेट के सिद्धांत को खारिज करने की क्षमता है।

गामा-किरण विस्फोट: 

  • परिचय: 
    • गामा-किरण विस्फोट ब्रह्मांड में विस्फोटों का सबसे शक्तिशाली वर्ग है और वे तब होते हैं जब बड़े सितारे नष्ट हो जाते हैं। 
    • जब एक विशाल तारा विखंडित  होता है, तो यह एक ब्लैक होल बनाता है और इस प्रक्रिया के दौरान निकलने वाली ऊर्जा उच्च-ऊर्जा कणों के जेट का निर्माण करती है जो लगभग प्रकाश की गति से यात्रा करते हैं।
      • ये जेट विखंडित होते तारे के माध्यम से भेदन करते हैं तथा एक्स-रे और गामा किरणों का उत्सर्जन करते हैं, जिनका पता पृथ्वी तथा अंतरिक्ष में वेधशालाओं द्वारा लगाया जा सकता है। 
  • GRBs के प्रकार:
    • दीर्घकालिक गामा-रे विस्फोट (LGRBs)
      • LGRBs दो सेकंड से अधिक समय तक रहते हैं और माना जाता है कि यह बड़े पैमाने पर तारों के विघटन के कारण होता है, जिसे सुपरनोवा के रूप में जाना जाता है।  
      • ये विस्फोट अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं और केंद्र में एक ब्लैक होल/कृष्ण विवर का निर्माण करते हैं।  
      • LGRBs, GRB का सबसे आम प्रकार है और दूर की आकाशगंगाओं से देखा जा सकता है।
    • अल्पकालिक गामा-रे विस्फोट (SGRBs): 
      • SGRB दो सेकंड से भी कम समय तक रहता है और माना जाता है कि यह दो सघन (ठोस) वस्तुओं, जैसे न्यूट्रॉन तारों और ब्लैक होल के टकराव के कारण होता है।  
      • LGRB की तुलना में SGRB बहुत दुर्लभ हैं, इनका निरीक्षण करना अधिक कठिन है और ये आमतौर पर हमारी आकाशगंगा के करीब स्थित हैं।

GRB 221009A: 

  • परिचय: 
    • GRB 221009A का पता अक्तूबर 2022 में NASA के फर्मी गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप, नील गेहरल्स स्विफ्ट ऑब्ज़र्वेटरी और विंड स्पेसक्राफ्ट द्वारा लगाया गया था।
    • यह संकेत धनु नक्षत्र (Constellation Sagitta) की दिशा से उत्पन्न हुआ था और इसे पृथ्वी तक आने में लगभग 1.9 बिलियन वर्ष का समय लगा।
    • 5 मिनट लंबा रेडिएशन पल्स अब तक का सबसे चमकीला GRB था और इस तरह के किसी भी अन्य विस्फोट की तुलना में लगभग 70 गुना चमकीला था।
  • GRB 221009A के अवलोकन से प्राप्त जानकारी:  
    • इस विकिरण का पल्स असामान्य रूप से उज्ज्वल और दीर्घकालिक था जो कि अन्य गामा-रे विस्फोटों से बिलकुल अलग था।
    • कई वेधशालाओं के डिटेक्टरों को सिग्नल और इसकी तीव्रता तथा अवधि का पता चला। 
  • 221009A के बारे में शोधकर्त्ता:
    • "लंबी अवधि" GRB तब होते हैं जब एक बड़े तारे का केंद्र अपने ही वज़न से निष्क्रिय होने लगता है जिससे एक ब्लैक होल का जन्म होता है।
    • यह संरचना शक्तिशाली प्लाज़्मा जेट बनाती है जो गामा किरणों को लगभग प्रकाश की गति से भेदती है। जब ये जेट मरने वाले तारे के आसपास की गैस से टकराते हैं, तो पूरे स्पेक्ट्रम में एक चमक उत्पन्न होती है।
  • महत्त्व:  
    • भारत में राष्ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी केंद्र के खगोलविदों ने निष्कर्ष निकाला कि संकेत एक ब्लैक होल का जन्म था।  
    • GRB 221009A खगोलविदों को ब्लैक होल के निर्माण एवं गामा-किरणों के विस्फोट वाले तंत्रों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
    • GRB 221009A की खोज खगोलविदों को ब्लैक होल के गठन एवं गामा-रे विस्फोट के उत्पादन के लिये आवश्यक स्थितियों के बारे में अपने ज्ञान में सुधार करने में सहायता करेगी। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. हाल ही में वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से अरबों प्रकाश वर्ष दूर विशालकाय ‘ब्लैक होलों’ के विलय का प्रेक्षण किया। इस प्रेक्षण का क्या महत्त्व है? (2019) 

(a) ‘हिग्स बोसॉन कणों’ का अभिज्ञान हुआ। 
(b) ‘गुरुत्वीय तरंगों’ का अभिज्ञान हुआ। 
(c) 'वार्महोल' से होते हुए अंतरा-मंदाकिनीय अंतरिक्ष यात्रा की संभावना की पुष्टि हुई।
(d) इसने वैज्ञानिकों के लिये 'विलक्षणता' को समझना सुगम बनाया। 

उत्तर: (b) 

स्रोत: डाउन टू अर्थ  

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