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ब्रेन ईटिंग अमीबा

  • 03 Sep 2025
  • 10 min read

स्रोत: DTE 

केरल में प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) के कई मामले सामने आए हैं, जो “ब्रेन-ईटिंग अमीबा” के कारण होने वाला संक्रमण है। 

ब्रेन ईटिंग अमीबा

  • विषय: ब्रेन-ईटिंग अमीबा विशेष रूप से नेग्लेरिया फाउलेरी और एकैंथअमीबा प्रजातियों के कारण होता है, जो कुओं और तालाबों जैसे- दूषित गर्म, मीठे पानी के स्रोतों में पाया जाता है। 
  • संचरण: नेग्लेरिया फाउलेरी दूषित मीठे पानी में तैरने या नहाने के दौरान नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है, मस्तिष्क तक पहुँचता है, यह मस्तिष्क के ऊतक को नष्ट कर देता है, जिससे गंभीर रूप से मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। 
    • यह पीने के पानी या व्यक्ति-से-व्यक्ति के माध्यम से नहीं फैलता है। 
  • लक्षण: शुरुआती लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, मतली, उल्टी, गर्दन में अकड़न, भ्रम, दौरे, मतिभ्रम और कोमा शामिल हैं। 
    • मृत्यु दर बहुत अधिक (>95%) है, अधिकांश रोगी 1-18 दिनों के भीतर, अक्सर शुरुआत के 5 दिनों के भीतर मर जाते हैं। 
  • उपचार: वर्तमान में कोई प्रभावी उपचार उपलब्ध नहीं है। संक्रमण के प्रबंधन के लिये एम्फोटेरिसिन B, एज़िथ्रोमाइसिन, फ्लुकोनाज़ोल और अन्य दवाओं के संयोजन की सिफारिश की जाती है। 

Primary Amoebic Meningoencephalitis (PAM)

और पढ़ें: प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस 
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