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एक्वामोनिट्रिक्स: पोर्टेबल आयन क्रोमैटोग्राफी

  • 18 Sep 2025
  • 13 min read

स्रोत: द हिंदू  

नाइट्रेट और नाइट्राइट आयनों का ऑन-साइट विश्लेषण करने के लिये एक पोर्टेबल आयन क्रोमैटोग्राफ एक्वामोनिट्रिक्स विकसित किया गया है, जिससे पर्यावरण निगरानी तथा कक्षा शिक्षण दोनों में लाभ होगा। 

  • आयन क्रोमैटोग्राफी एक प्रयोगशाला तकनीक है, जिसका उपयोग सैंपल में आयनों (आवेशित कणों) को पृथक् करने और मापने के लिये किया जाता है। 
    • इस तकनीक में एक तरल सैंपल को एक लंबे कॉलम से गुजारा जाता है जो आयनों को उनके स्वयं के गुणों के आधार पर पृथक् करता है। 

एक्वामोनिट्रिक्स 

  • परिचय: यह ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक पोर्टेबल आयन क्रोमैटोग्राफ है। 
    • यह छोटा, बैटरी चालित तथा पारंपरिक प्रयोगशाला आधारित उपकरण से लगभग दस गुना किफायती है। 
  • कार्य प्रणाली: मृदा के जल को वैक्यूम पंप का उपयोग करके एकत्र और फिल्टर किया जाता है तथा एक्वामोनिट्रिक्स इकाई में इंजेक्ट किया जाता है, जहाँ सोडियम क्लोराइड द्वारा विलयन सैंपल को ले जाया जाता है।
    • इकाई का UV प्रकाश डिटेक्टर नाइट्रेट और नाइट्राइट आयनों के लिये अलग-अलग शिखर प्रदर्शित करता है, जिससे अन्य आयनों के हस्तक्षेप से बचा जा सकता है। 
  • अनुप्रयोग: 
    • शिक्षा: एक्वामोनिट्रिक्स एक प्रभावी शिक्षण उपकरण के रूप में कार्य करता है, जो कक्षा में होने वाले अध्ययन और रसायन विज्ञान के वास्तविक जीवन में उपयोग के बीच की खाई को पाटता है। 
    • पर्यावरण निगरानी: एक्वामोनिट्रिक्स का उपयोग मृदा और जल में नाइट्रेट और नाइट्राइट प्रदूषण की निगरानी के लिये किया जा सकता है। 
    • कृषि: यह उर्वरकों के उपयोग को अनुकूलित करने में मदद करता है और अत्यधिक उपयोग को रोकता है। 
    • जल सुरक्षा: इस उपकरण का उपयोग साइट पर पेयजल की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिये किया जा सकता है।
और पढ़ें: नाइट्रोजन प्रदूषण 
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