प्रारंभिक परीक्षा
51वाँ G7 शिखर सम्मेलन
- 21 Jun 2025
- 6 min read
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
चर्चा में क्यों?
भारत के प्रधानमंत्री ने कनाडा के कननास्किस में 51वें G7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। हालाँकि भारत G7 समूह का सदस्य नहीं है, फिर भी उसे पिछले छह वर्षों से हर वर्ष इस वैश्विक शिखर सम्मेलन में एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है और अब तक कुल बारह बार आमंत्रित किया जा चुका है।
- यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष को पहली बार G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया गया।
G7 शिखर सम्मेलन के मुख्य परिणाम क्या हैं?
- कननास्किस वाइल्डफायर चार्टर: यह विज्ञान-आधारित, स्थानीय कार्यों और प्रकृति-आधारित समाधानों के माध्यम से वनाग्नि के खतरों को दूर करने के लिये प्रतिबद्ध है, जो ग्लासगो लीडर्स डिक्लेरेशन (2021) के तहत वर्ष 2030 तक वनों की कटाई तथा भूमि क्षरण को रोकने एवं उलटने के लक्ष्य के साथ संरेखित है ।
- G-7 महत्त्वपूर्ण खनिज कार्य योजना: यह महत्वपूर्ण खनिज उत्पादन में विविधता लाने, निवेश और स्थानीय मूल्य सृजन तथा नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जो महत्त्वपूर्ण खनिज सुरक्षा के लिये 2023 पाँच सूत्री योजना (भारत द्वारा भी समर्थित) पर आधारित है।
- G7 देशों ने वर्ल्ड बैंक के नेतृत्व में चल रही "सुदृढ़ एवं समावेशी आपूर्ति शृंखला का उन्नयन (RISE)" साझेदारी को सुदृढ़ करने के लिए भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
- अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार दमन (Transnational Repression - TNR) की निंदा: G7 देशों ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार दमन (TNR) की कड़ी निंदा की, जिसमें किसी देश या उसके प्रतिनिधियों द्वारा अपनी सीमाओं के बाहर व्यक्तियों या समुदायों को डराना, परेशान करना, नुकसान पहुँचाना या बलपूर्वक दबाव डालना शामिल होता है।
- प्रवासी तस्करी को रोकें: G-7 ने प्रवासियों की तस्करी को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिये G-7 गठबंधन तथा इस मुद्दे को लक्षित करते हुए वर्ष 2024 G-7 कार्य योजना के माध्यम से प्रवासी तस्करी को रोकने हेतु प्रतिबद्धता जताई है।
G7 क्या है?
- परिचय: G7 (ग्रुप ऑफ सेवन) विश्व की सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं फ्राँस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंगडम, जापान, अमेरिका और कनाडा का एक अनौपचारिक मंच है।
- यूरोपीय संघ (EU) एक गैर-सूचीकृत सदस्य के रूप में G7 की बैठकों में भाग लेता है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक तथा संयुक्त राष्ट्र (UN) के अभिकर्त्ताओं को भी प्रायः इन बैठकों में आमंत्रित किया जाता है।
- उद्भव और विकास: G7 का गठन वर्ष 1975 में G6 के रूप में (संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्राँस, पश्चिम जर्मनी, जापान और इटली) किया गया था। यह गठन वर्ष 1973 के तेल संकट और वित्तीय अस्थिरता की प्रतिक्रिया स्वरूप हुआ था। वर्ष 1976 में कनाडा के शामिल होने के बाद यह G7 बन गया। वर्ष 2025 ने G7 की 50वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया।
- वर्ष 1997 में रूस के शामिल होने से यह G8 बन गया, लेकिन वर्ष 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे के कारण उसे समूह से बाहर कर दिया गया और यह पुनः G7 बन गया।
- G7 की प्रकृति:
- अनौपचारिक समूह: कोई औपचारिक संधि नहीं, कोई स्थायी सचिवालय या नौकरशाही नहीं।
- रोटेटिंग प्रेसीडेंसी: प्रत्येक सदस्य देश बारी-बारी से बैठकों की मेज़बानी करता है और चर्चा का नेतृत्व करता है।
- सर्वसम्मति से निर्णय: इस समूह के पास कोई बाध्यकारी कानून या विधायी अधिकार नहीं होता, लेकिन इसके सदस्य देशों की आर्थिक और राजनीतिक शक्ति के कारण इसका वैश्विक स्तर पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव होता है।
- आर्थिक महत्त्व:
- G7 देशों में विश्व की 40% वैश्विक अर्थव्यवस्था और 10% जनसंख्या रहती है।
- ये देश वैश्विक विद्युत उत्पादन क्षमता का 36% हिस्सा रखते हैं।
- वैश्विक ऊर्जा मांग का 30% इन्हीं देशों से आता है।
- ऊर्जा संबंधी वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जन में इन देशों की हिस्सेदारी 25% है।
मुख्य उपलब्धियाँ:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. निम्नलिखित में से किस समूह के सभी चारों देश G20 के सदस्य हैं? (2020) (a) अर्जेंटीना, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका एवं तुर्की उत्तर: (a) |