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भारतीय अर्थव्यवस्था

WTO ने वैश्विक व्यापार वृद्धि का पूर्वानुमान घटाया

  • 29 Sep 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों

हाल ही में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने वैश्विक व्यापार वृद्धि के पूर्वानुमान को घटा दिया है। डब्ल्यूटीओ के अनुसार, बाज़ार की तंग क्रेडिट स्थितियों के साथ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को लेकर बढ़ते तनाव की वज़ह से 2018 में वैश्विक व्यापार वृद्धि 3.9 प्रतिशत और 2019 में 3.7 प्रतिशत होने का अनुमान है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • 2018 के लिये नया पूर्वानुमान, डब्ल्यूटीओ द्वारा 12 अप्रैल को घोषित किये गए पूर्वानुमान 4.4 प्रतिशत से कम है।
  • लेकिन नया पूर्वानुमान उस समय के निर्दिष्ट अनुमान 3.1 प्रतिशत से 5.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के बीच ही है। हालाँकि 2018 में व्यापार वृद्धि अब 3.4 प्रतिशत से 4.4 प्रतिशत की सीमा के बीच रहेगी।
  • व्यापार वृद्धि मज़बूत होने के बावजूद यह गिरावट प्रमुख व्यापार भागीदारों के बीच बढ़ते तनाव को प्रतिबिंबित करती है।

विश्व व्यापार संगठन  (World trade organization) 

  • विश्व व्यापार संगठन विश्व में व्यापार संबंधी अवरोधों को दूर कर वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 1995 में मारकेश संधि के तहत की गई थी।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा में है। वर्तमान में विश्व के 164 देश इसके सदस्य हैं। 29 जुलाई 2016 को अफगानिस्तान इसका 164वाँ सदस्य बना था। सदस्य देशों का मंत्रिस्तरीय सम्मलेन इसके निर्णयों के लिये सर्वोच्च निकाय है, जिसकी बैठक प्रत्येक दो वर्षों में आयोजित की जाती है।
  • वर्तमान में इसके 11वें मंत्रिस्तरीय सम्मलेन का आयोजन अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में किया गया।
  • हालाँकि इस रिपोर्ट ने प्रत्यक्ष रूप से अमेरिका और चीन का उल्लेख नहीं किया है, जो टैरिफ युद्ध में लिप्त हैं।
  • संशोधित व्यापार पूर्वानुमान 2018 में 3.1 प्रतिशत और 2019 में 2.9 प्रतिशत के बाज़ार विनिमय दर से विश्व की वास्तविक जीडीपी की वृद्धि की उम्मीदों पर आधारित है।
  • डब्ल्यूटीओ ने चेतावनी दी है कि विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को पूंजीगत बहिर्वाह (outflows) और वित्तीय संक्रमण (contagion) झेलना पड़ सकता है। क्योंकि विकसित देशों ने ब्याज दरों में वृद्धि की है जिससे व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
  • भू-राजनैतिक तनाव कुछ क्षेत्रों में संसाधनों की आपूर्ति को खतरे में डाल सकता है तथा उत्पादन की श्रृंखला को प्रभावित कर सकता है।
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