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सामाजिक न्याय

महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण हेतु UNCDF की पहल

  • 08 Oct 2020
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

वूमेंस वर्ल्ड बैंकिंग, बीजिंग घोषणा, सतत् विकास लक्ष्य

मेन्स के लिये:  

महिला सशक्तीकरण में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका, वित्तीय समावेशन हेतु सरकार के प्रयास 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष (United Nations Capital Development Fund- UNCDF) और ‘वूमेंस वर्ल्ड बैंकिंग’ (Women’s World Banking) ने विश्व के उभरते हुए बाज़ारों एवं अल्प विकसित देशों में महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिये एक रणनीतिक साझेदारी  की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु:

  • UNCDF और वूमेंस वर्ल्ड बैंकिंग की इस साझेदारी के माध्यम से विश्व भर में नीति निर्माताओं और वित्तीय सेवा प्रदाताओं से वित्तीय संसाधनों तक महिलाओं की पहुँच को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की मांग की गई है।
  • वर्तमान में वैश्विक स्तर पर 1 बिलियन से अधिक महिलाएँ औपचारिक वित्तीय प्रणाली की पहुँच से बाहर हैं ।

आवश्यकता और महत्त्व :

  • एक अनुमान के अनुसार, वर्तमान वैश्विक अर्थव्यवस्था में महिलाओं के असंगठित क्षेत्र में काम करने की संभावनाएँ अधिक हैं। 
  •  COVID-19 महामारी के कारण लैंगिक समानता के क्षेत्र में हुई प्रगति के दशकों पीछे चले जाने का खतरा उत्पन्न हुआ है। 
  • महिलाओं के औपचारिक वित्तीय प्रणाली और संगठित क्षेत्र के रोज़गार से न जुड़े होने के कारण उनके लिये COVID-19 से उत्पन्न  चुनौतियों से निपटना बहुत ही कठिन होगा।
  • सतत् विकास और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में लचीलापन लाने के लिये महिलाओं का वित्तीय समावेशन एक महत्त्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

महिलाओं के वित्तीय समावेशन हेतु साझा प्रयास:     

  • डिजिटल वित्तीय समाधानों और नवोन्मेषी वित्त प्रणाली में अपनी सामूहिक शक्तियों के समायोजन के साथ-साथ वैश्विक पहुँच के माध्यम से UNCDF तथा  ‘वूमेंस वर्ल्ड बैंकिंग’ द्वारा महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण एवं विश्व के सबसे चुनौतीपूर्ण बाज़ारों में उनकी भागीदारी में आने वाली बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
  • इसके तहत महिला उद्यमियों के लिये वित्तपोषण को बढ़ाने हेतु निवेश के साधनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • साथ ही वित्तीय समावेशन का विस्तार करने हेतु डिजिटल वित्तीय समाधानों का उपयोग करना और उन्हें आगे बढ़ाने जैसे प्रयास भी शामिल किये जाएंगे। 
  • COVID-19 के कारण उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए UNCDF और वूमेंस वर्ल्ड बैंकिंग द्वारा वित्तीय सेवाओं तक महिलाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के लिये समाधान, अवसरों और साझेदारियों की पहचान करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • साथ ही इस क्षेत्र में कार्य करने के लिये प्रतिबद्ध अन्य संस्थाओं को सहभागिता के लिये आमंत्रित किया जाएगा, इसमें सरकार, विकास वित्त संस्थान, वित्तीय सेवा प्रदाता, फिनटेक (FinTech) और निवेशक आदि शामिल हैं।  

लाभ:     

  • इस पहल के माध्यम से अल्प विकसित देशों में महिलाओं और लड़कियों का वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) और उन तक डिजिटल वित्तीय सेवाओं की पहुँच को बढ़ाया जाएगा।
  • इस साझेदारी के माध्यम से COVID-19 के कारण उत्पन्न हुई आर्थिक चुनौती से निपटने के साथ सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals-SDGs) को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
    • गौरतलब है कि  SDG के तहत निर्धारित 17 लक्ष्यों में 5वाँ लक्ष्य लैंगिक समानता प्राप्त करने के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना है।

महिला सशक्तीकरण और भारत  :  

  • हाल ही में बीजिंग घोषणा (Beijing Declaration)  और प्लेटफॉर्म फॉर एक्शन (Platform for Action) की 25वीं वर्षगांँठ पर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने लैंगिक समानता के लिये भारत के प्रयासों और उपलब्धियों को रेखांकित किया।
  • भारत द्वारा महिला सशक्तीकरण हेतु स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिये आरक्षण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएँ तथा औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के तहत "200 मिलियन से अधिक महिलाओं" को जोड़ने जैसी कई महत्त्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की गई है।
  • इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को प्रत्यक्ष वित्तीय प्रणाली से जोड़ने में ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ (Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana- PMJDY) की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण रही है।
    • ध्यातव्य है कि PMJDY के तहत खोले गए लगभग 40.35 करोड़ बैंक खातों में से 63.6% ग्रामीण क्षेत्रों से हैं और इस योजना में महिलाओं की भागीदारी 55.2% रही है।  

वूमेंस वर्ल्ड बैंकिंग (Women’s World Banking): 

  • ‘वूमेंस वर्ल्ड बैंकिंग’ एक गैर-लाभकारी संस्था है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1979 में की गई थी।
  • यह संस्था महिलाओं, उनके परिवार और समुदाय की आर्थिक स्थिरता एवं समृद्धि सुनिश्चित करने के लिये उभरते बाज़ारों में वित्तीय समस्याओं का समाधान, संस्थानों और नीतिगत वातावरण की अभिकल्पना के साथ इनमें निवेश करने का कार्य करती है।
  • यह संस्था वर्तमान में 28 देशों में 51 संस्थानों के साथ काम करते हुए कम आय वाली महिलाओं को वित्तीय सेवाओं से जोड़ती है जिससे उनके वित्तीय समावेशन और आर्थिक सशक्तीकरण को प्रोत्साहित किया जा सके।
  • वूमेंस वर्ल्ड बैंकिंग का मुख्यालय न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका) में स्थित है।

संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष

(United Nations Capital Development Fund- UNCDF):

  • संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष (UNCDF) अल्पविकसित देशों में वित्तीय कार्य करने की विशेषज्ञता वाली संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1966 में संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन के रूप में की गई थी। 
  • UNCDF सार्वजनिक और निजी संसाधनों के माध्यम से गरीबी को कम करने और स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का कार्य करता है। 
  • UNCDF का मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है।

स्रोत:  डाउन टू अर्थ

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