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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

डब्ल्यूसीओ ने किया भारत की व्यापार सरलीकरण योजना का समर्थन

  • 22 Jul 2017
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ?
भारत की राष्ट्रीय व्यापार सरलीकरण कार्य योजना (National Trade Facilitation Action Plan–NTFAP) का उल्लेख विश्व सीमा शुल्क संगठन (World Customs Organization-WCO) द्वारा एक अच्छी कार्य योजना के रूप में किया गया है जिसे अन्य राष्ट्र भी अपना सकते हैं। विदित हो कि इस कार्ययोजना का उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देने के लिये आयात और निर्यात में लगने वाले समय में कमी लाना है।

प्रमुख बिंदु

  • विश्व सीमा शुल्क संगठन ने इस तथ्य पर ज़ोर दिया है कि राष्ट्रीय व्यापार सरलीकरण कार्य योजना में उल्लिखित 76 गतिविधियों में से 51 गतिविधियाँ विश्व व्यापार संगठन के व्यापार सरलीकरण समझौते (TFA) की क्रियान्वयन आवश्यकताओं से परे हैं।
  • एनटीएफएपी का क्रियान्वयन 2017 से 2020 के दौरान किया जाएगा। यह विश्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस श्रेणी में सुधार करने के लिये भारत द्वारा किया गया एक प्रयास है। इस रिपोर्ट में भारत को 130वाँ स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि इसे सीमापारीय व्यापार की श्रेणी में 190 देशों में से 144वाँ स्थान प्राप्त है।
  • इस व्यापार सरलीकरण समझौते का तात्पर्य वस्तुओं के सीमापारीय व्यापार के लिये सीमा शुल्क संबंधी मानदंडों को आसान बनाना है । यह फरवरी 2017 से प्रभावी होगा।
  • भारत द्वारा अप्रैल 2016 में व्यापार सरलीकरण समझौते की पुष्टि की गई थी। विश्व व्यापार संगठन के अनुसार, व्यापार सरलीकरण योजना के पूर्ण क्रियान्वयन से वैश्विक व्यापार में प्रति वर्ष 1 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि होगी। 
  • व्यापार सरलीकरण समझौते के क्रियान्वयन की आवश्यकता प्रत्यक्ष रूप से देश की व्यापार को बढ़ावा देने की क्षमता से जुड़ी हुई है।

राष्ट्रीय व्यापार सरलीकरण कार्य योजना क्या है ?

  • इस राष्ट्रीय कार्य योजना का उद्देश्य कुशल, पारदर्शी, जोखिम आधारित, समन्वित, डिजिटल, तकनीकी से संचालित होने वाली प्रक्रियाओं के माध्यम से सीमापारीय व्यापार का सरलीकरण करना है।
  • इस कार्य योजना में कुछ विशिष्ट गतिविधियों की भी सूची बनाई गई है, जिनका क्रियान्वयन सभी नियामकीय एजेंसियों द्वारा किया जाएगा।
  • इसकी निगरानी राजस्व व वाणिज्य सचिव की अध्यक्षता में गठित संचालन समिति  द्वारा की जाएगी। इस योजना की समीक्षा कैबिनेट सचिव द्वारा की जाएगी। 

क्या है विश्व सीमा शुल्क संगठन ?

  • विश्व सीमा शुल्क संगठन एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है। इसकी स्थापना वर्ष 1952 में सीमा शुल्क सहयोग परिषद के रूप में की गई थी। 
  • भारत सहित इसके 182 सदस्य देश हैं, जो विश्व व्यापार के 98% से अधिक भाग का प्रबंधन करते हैं। इसका मूल उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में सीमा शुल्क प्रशासनों की प्रभावशीलता एवं कार्यक्षमता में वृद्धि करना है।
  • इसके उल्लेखनीय कार्यों में वैश्विक मानकों का विकास, सीमा कर प्रक्रियाओं का सरलीकरण, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुसाध्य बनाना, सीमा कर प्रवर्तन आदि शामिल हैं। 
  • यह एकमात्र ऐसा संगठन है, जो सीमा शुल्क से संबंधित मुद्दों पर नज़र रखता है। 
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