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‘उत्तराखंड एक स्वर्ग’ वेबिनार

  • 19 May 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

‘उत्तराखंड एक स्वर्ग’ वेबिनार, देखो अपना देश वेबिनार, नंदा देवी, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, ऊपरी गंगा नदी तंत्र 

मेन्स के लिये:

देखो अपना देश वेबिनार

चर्चा में क्यों?

16 अप्रैल, 2020 को  ‘वेबिनार’ (Webinar) श्रृंखला 'देखो अपना देश' (Dekho Apna Desh) के तहत 20वें वेबिनार 'उत्तराखंड एक स्वर्ग' (Uttarakhand Simply Heaven) का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • इस वेबिनार में ‘उत्तराखंड’ के 2 क्षेत्रों केदारखंड (गढ़वाल क्षेत्र) और मनु खंड (कुमाऊँ क्षेत्र) में पर्यटन की संभावनाओं को उजागर किया गया।
  • इसके साथ ही वेबिनार में गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी जैसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों को भी विशेष तौर पर दर्शाया गया।
  • वेबिनार में देश के सबसे पुराने राष्ट्रीय पार्क जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी टाइगर रिज़र्व,  नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क आदि के महत्त्व को भी उजागर किया गया।

वेबिनार (WEBINAR): 

  • वेब कॉन्फ्रेंसिंग शब्द का उपयोग विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं के लिये किया जाता है। इसमें वेब कास्ट, वेबिनार (वेब ​​सेमिनार) एवं पीयर-लेवल वेब मीटिंग शामिल हैं। इसे इंटरनेट प्रौद्योगिकियों द्वारा संभव बनाया गया है और इसमें एक प्रेषक से कई रिसीवरों तक संचार एवं बहु स्तरीय संचार के लिये वास्तविक समय बिंदु की अनुमति प्रदान की गई है।

‘देखो अपना देश’ वेबिनार श्रृंखला:

  • भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने 14 अप्रैल, 2020 से ‘देखो अपना देश’ वेबिनार श्रृंखला (‘DEKHO APNA DESH’ WEBINAR SERIES) शुरू की है।
  • वेबिनार का उद्देश्य भारत के गंतव्य स्थलों की जानकारी देना है।
  • ‘देखो अपना देश’ श्रृंखला सत्रों का संचालन इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस विभाग की सक्रिय मदद से किया जाता है।
  • इस वेबिनार श्रृंखला के अगले सत्र का शीर्षक ‘फोटोवाल्किंग भोपाल’ (Photowalking Bhopal) है।

वेबिनार (WEBINAR) का आयोजन क्यों?

  • COVID-19 महामारी के कारण पर्यटन क्षेत्र बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है क्योंकि घरेलू स्तर पर या सीमा पार से कोई आवागमन नहीं हो पा रहा है।

 वेबिनार (WEBINAR) का महत्त्व:

  • प्रौद्योगिकी के कारण, स्थानों और गंतव्यों तक आभासी रूप से पहुँचना और बाद के दिनों के लिये अपनी यात्रा की योजना बनाना संभव है। 
  • वर्तमान COVID-19 महामारी के समय में मानव संपर्क को बनाए रखने में प्रौद्योगिकी काम आ रही है।

नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान:

  • नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान उच्च-तुगंता वाले पश्चिम हिमालयी क्षेत्र में अवस्थित है।
  • नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान भारत के दूसरे सबसे ऊंचे पर्वत नंदा देवी के 7,817 मीटर शिखर क्षेत्र में विस्तृत है।
  • फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में अल्पाइन फूलों तथा सुंदर घास के मैदान पाए जाते हैं।
  • दोनों पार्कों में वनस्पतियों एवं जीवों की उच्च विविधता और घनत्व पाया जाता है, जिनमें हिम तेंदुए, हिमालयी कस्तूरी मृग तथा पौधों की प्रजातियों सहित अनेक संकटापन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

ऊपरी गंगा नदी तंत्र में संगम:

  • अलकनंदा और भागीरथ:
    • गंगा नदी उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी ज़िले में गोमुख के निकट गंगोत्राी हिमनद से निकलती है। यहाँ यह भागीरथी के नाम से जानी जाती है। यह मध्य व लघु हिमालय श्रेणियों में महाखड्डों का निर्माण करते हुए गुजरती है। अलकनंदा नदी का स्रोत बद्रीनाथ के ऊपर सतोपथ हिमनद है। 
  • देवप्रयाग:
    • देवप्रयाग में भागीरथी, अलकनंदा से मिलती है और इसके बाद गंगा कहलाती है।  
  • विष्णुप्रयाग:
    • अलकनंदा नदी धौली और विष्णु गंगा धाराओं से मिलकर बनती है, जो जोशीमठ या विष्णुप्रयाग में मिलती है।
  • कर्णप्रयाग:
    • अलकनंदा की अन्य सहायक नदी पिंडार है, जो इससे कर्ण प्रयाग में मिलती है।
  • रूद्रप्रयाग: 
    • जबकि मंदाकिनी या काली गंगा अलकनंदा से रूद्रप्रयाग में मिलती है।
    • गंगा नदी हरिद्वार में मैदान में प्रवेश करती है।

Rivers

स्रोत: पीआईबी

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