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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम का विस्तार

  • 16 Nov 2020
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये

संयुक्त अरब अमीरात की अवस्थिति, ‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम

मेन्स के लिये

कार्यक्रम के विस्तार के निहितार्थ और इसके लाभ

चर्चा में क्यों?

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अपने ‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम का विस्तार करते हुए इसके तहत कुछ पेशेवरों और विशिष्ट डिग्री धारकों को शामिल करने की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु

  • संयुक्त अरब अमीरात की सरकार द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, डॉक्टरेट (Doctorate) और मेडिकल डॉक्टर डिग्री धारक तथा कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रोग्रामिंग, इलेक्ट्रिकल, बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग डिग्री धारक इस प्रोग्राम का लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
  • इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बिग डेटा और एपिडेमियोलॉजी अथवा महामारी विज्ञान के क्षेत्र में विशिष्ट डिग्री धारक संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के ऐसे छात्र भी इस प्रोग्राम का लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे, जिन्होंने 3.8 या उससे अधिक GPA प्राप्त किया है।
    • ये परिवर्तन 1 दिसंबर, 2020 से लागू होंगे।

निहितार्थ

  • मुख्यतः एक तेल और गैस उत्पादक देश होने के कारण कोरोना वायरस महामारी और तेल की कम कीमत ने संयुक्त अरब अमीरात की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, इसके कारण कई प्रवासी अपने देश जाने को भी मजबूर हो गए हैं। ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात की सरकार के इस निर्णय को अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के एक प्रयास के रूप में भी देखा जा सकता है।

लाभ

  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की सरकार द्वारा लिये गए इस निर्णय का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों और वैज्ञानिक विषयों के विशेषज्ञों तथा प्रतिभाशाली पेशेवरों को आकर्षित करना एवं उन्हें संयुक्त अरब अमीरात के विकास से जोड़ना है।
  • ‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम के विस्तार से विश्व भर के प्रतिभाशाली लोग संयुक्त अरब अमीरात में अपना कॅरियर शुरू करने के प्रति आकर्षित होंगे, जिससे वहाँ नवाचार, रचनात्मकता और प्रायोगिक अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सकेगा, जो कि संयुक्त अरब अमीरात के विकास की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है।

भारत की दृष्टि से

  • संयुक्त अरब अमीरात का यह निर्णय भारत के युवाओं खासतौर पर तकनीकी क्षेत्र में कार्यरत युवाओं के लिये काफी महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है और इससे युवाओं को रोज़गार के नए अवसर तलाशने में भी मदद मिलेगी।
  • ऐतिहासिक रूप से भारत में इंजीनियरिंग डिग्री धारकों की संख्या सबसे अधिक रही है। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में प्रत्येक वर्ष कम-से-कम 15 लाख इंजीनियरिंग छात्र विभिन्न शाखाओं जैसे IT, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, सिविल आदि से स्नातक की डिग्री प्राप्त करते हैं।
    • इसे भारत का ‘इंजीनियरिंग संकट’ (Engineering Crisis) ही कहा जाएगा कि इतनी बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग स्नातक होने के बावजूद केवल 2.5 लाख स्नातकों को ही तकनीकी क्षेत्र में रोज़गार मिल पाता है।

‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम

  • ‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम की शुरुआत वर्ष 2019 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद द्वारा की गई थी, जो कि एक दीर्घकालिक निवास कार्यक्रम है।
  • इस कार्यक्रम का संपूर्ण उद्देश्य संयुक्त अरब अमीरात में एक आकर्षक निवेश वातावरण का निर्माण करना है, जो देश में व्यावसायिक विकास को प्रोत्साहित करेगा और नई प्रतिभाओं को आकर्षित करेगा।
  • आमतौर पर संयुक्त अरब अमीरात प्रवासियों को स्थायी निवास वीज़ा नहीं प्रदान करता है, किंतु गोल्डन वीज़ा एक नवीकरणीय 10-वर्षीय वीज़ा है, जिससे प्रवासियों को वहाँ दीर्घकाल के लिये रहने का अवसर मिलता है।
  • अभी तक वीज़ा केवल निवेशकों, उद्यमियों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और वैज्ञानिकों आदि को जारी किया जाता था, किंतु अब हालिया घोषणा के साथ ही तकनीक, मेडिकल और कला क्षेत्र के प्रतिभाशाली युवाओं को भी इसका लाभ मिल सकेगा।

स्रोत: द हिंदू

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